गृह मंत्रालय की प्राथमिक जिम्मेदारियां आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना, केंद्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों का प्रशासन, सीमा प्रबंधन, केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन, आपदा प्रबंधन और राज्यों के साथ समन्वय करना है।[i] संविधान का अनुच्छेद 355 केंद्र सरकार को प्रत्येक राज्य को आंतरिक गड़बड़ी और बाहरी आक्रमण से बचाने के लिए बाध्य करता है।[ii] मंत्रालय शांति और सुरक्षा बरकरार रखने में सहायता के लिए राज्य सरकारों को श्रमशक्ति, वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और विशेषज्ञता प्रदान करता है।1
मंत्रालय केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि हस्तांतरित भी करता है (क्योंकि उन्हें केंद्रीय करों में हिस्सा नहीं मिलता है) और उन केंद्र शासित प्रदेशों का सीधे प्रशासन करता है जिनकी अपनी विधानसभा नहीं है।
इस नोट में 2025-26 के लिए गृह मंत्रालय के व्यय की प्रवृत्तियों और बजट प्रस्तावों का विश्लेषण किया गया है, तथा मंत्रालय के प्रशासन के अंतर्गत कुछ प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई है।
वित्तीय स्थिति
2025-26 में गृह मंत्रालय (एमएचए) को 2,33,211 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं (रेखाचित्र 1)। यह 2024-25 के संशोधित अनुमानों (2,20,371 करोड़ रुपए) से 6% अधिक है। मंत्रालय का बजट 2025-26 में केंद्र सरकार के कुल व्यय बजट का 5% है, और यह मंत्रालयों में चौथा सबसे बड़ा आवंटन है। 2019 से मंत्रालय के व्यय में जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान भी शामिल है।