बजट की मुख्य झलकियां
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व्यय: सरकार ने 2023-24 में 45,03,097 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा है जो कि 2022-23 के संशोधित अनुमान से 7.5% अधिक है। 2022-23 में कुल व्यय बजट अनुमान से 6.1% अधिक रहने का अनुमान है।
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प्राप्तियां: 2023-24 में प्राप्तियां (उधारियों के अलावा) 27,16,281 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 11.7% अधिक है। 2022-23 में कुल प्राप्तियां (उधारियों के अलावा) बजट अनुमान से 6.5% अधिक रहने का अनुमान है।
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जीडीपी: सरकार ने 2023-24 में 10.5% की नॉमिनल जीडीपी (यानी, वास्तविक वृद्धि जमा मुद्रास्फीति) वृद्धि दर का अनुमान लगाया है।
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घाटा: 2023-24 में राजस्व घाटा जीडीपी के 2.9% पर लक्षित है जो 2022-23 में 4.1% के संशोधित अनुमान से कम है। 2023-24 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.9% पर लक्षित किया गया है जो 2022-23 में जीडीपी के 6.4% के संशोधित अनुमान से कम है। जबकि जीडीपी के प्रतिशत के रूप में संशोधित अनुमान बजट अनुमान के समान था, लेकिन नॉमिनल जीडीपी के हिसाब से, राजकोषीय घाटा 2022-23 में 94,123 करोड़ रुपए (5.7% की वृद्धि) से अधिक था। 10,79,971 करोड़ रुपए का ब्याज व्यय राजस्व प्राप्तियों का 41% होने का अनुमान है।
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मंत्रालयों का आबंटन: 2023-24 में उच्चतम आबंटन वाले शीर्ष 13 मंत्रालयों में सबसे अधिक वृद्धि रेल मंत्रालय (49%) में देखी गई, इसके बाद जल शक्ति मंत्रालय (31%), और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (25%) का स्थान आता है।
फाइनांस बिल में मुख्य कर प्रस्ताव
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नई आयकर व्यवस्था में बदलाव: टैक्स स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच कर दी गई है। तालिका 1 वर्तमान आय कर संरचना की तुलना प्रस्तावित संरचना से करती है। 5 करोड़ रुपए से अधिक की आय पर सरचार्ज 37% से घटाकर 25% किया जाएगा। वर्तमान में 5 लाख रुपए तक की आय वाले छूट का लाभ उठा सकते हैं और उन्हें कोई कर नहीं चुकाना होता; इस सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा, मानक कटौती नई कर व्यवस्था के तहत उपलब्ध होगी।
तालिका 1: मौजूदा और प्रस्तावित कर स्लैब |
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कर दर |
मौजूदा स्लैब |
प्रस्तावित स्लैब |
शून्य |
2.5 लाख रुपए तक |
3 लाख रुपए तक |
5% |
2.5 लाख रुपए से 5 लाख |
3 लाख रुपए से 6 लाख रुपए |
10% |
5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए |
6 लाख रुपए से 9 लाख रुपए |
15% |
7.5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए |
9 लाख रुपए से 12 लाख रुपए |
20% |
10 लाख रुपए से 12.5 लाख रुपए |
12 लाख रुपए से 15 लाख रुपए |
25% |
12.5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए |
- |
30% |
15 लाख रुपए से अधिक |
15 लाख रुपए से अधिक |
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कर छूट में परिवर्तन: केवल समाचारों के संग्रह और वितरण के लिए बनी न्यूज एजेंसियों के लिए कर छूट को समाप्त कर दिया जाएगा।
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आयकर छूट का लाभ उठाने के लिए धर्मार्थ ट्रस्ट्स को अपनी वार्षिक आय का 85% कल्याण कार्यों में लगाना होता है (एप्लिकेशन ऑफ इनकम)। अप्रैल 2023 से अगर धर्मार्थ ट्रस्ट्स दूसरे धर्मार्थ ट्रस्ट को दान देते हैं तो इस दान के सिर्फ 85% को एप्लिकेशन ऑफ इनकम माना जाएगा।
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आनुमानिक कराधान (प्रिजेंम्पटिव टैक्सेशन): आनुमानिक कराधान का पात्र होने के लिए एमएसएमई के लिए टर्नओवर की अधिकतम सीमा को 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया गया है। आनुमानिक कराधान के पात्र प्रोफेशनल्स के लिए सकल प्राप्तियों की अधिकतम सीमा 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 75 लाख रुपए कर दी गई है।
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सहकारी समितियां: मैन्यूफैक्चरिंग के काम में लगी नई सहकारी समितियों के लिए आयकर की दर 22% से घटाकर 15% (इसमें 10% अधिभार शामिल) कर दी गई है।
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पूंजीगत लाभ: किसी आवासीय संपत्ति की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ पर टैक्स नहीं देना होता, अगर उस लाभ को दूसरी आवासीय संपत्ति में निवेश किया जाए। कटौती की सीमा 10 करोड़ रुपए होगी।
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जीवन बीमा: अगर किसी वर्ष जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम 5 लाख रुपए दिया गया है, तो उसमें निवेश से होने वाली आय कर योग्य होगी। पॉलिसी धारक की मृत्यु पर भुगतान की गई राशि पर आयकर से छूट मिलती रहेगी।
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ऑनलाइन खेल: ऑनलाइन खेल से जीती गई रकम, 30% टीडीसी के अधीन होगी।
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स्टार्टअप: एक समयावधि के भीतर निगमित और अन्य शर्तों को पूरा करने वाले स्टार्टअप्स अपने लाभ पर 100% तक कर छूट का दावा कर सकते हैं; यह अवधि 31 मार्च, 2023 को खत्म हो रही थी, इसे बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त स्टार्टअप्स के घाटे को कैरी फॉरवर्ड करने की अवधि को सात से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया है।
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अप्रत्यक्ष कर: कई मदों पर सीमा शुल्क में बदलाव किया गया है। सोना, प्लेटिनम और हवाई जहाज जैसी कुछ वस्तुओं पर सेस की राशि बढ़ा दी गई है और सीमा शुल्क में उसके अनुरूप कमी कर दी गई है।
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सीजीएसटी: सीजीएसटी एक्ट में इस तरह संशोधन किया जाएगा कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी से संबंधित गतिविधियों में उपयोग के लिए खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होगा।
नीतियों की झलक
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विधायी प्रस्ताव: बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949, बैंकिंग कंपनी (उपक्रम का अधिग्रहण और हस्तांतरण) एक्ट, 1970 और भारतीय रिज़र्व बैंक एक्ट, 1934 में बैंक प्रशासन में सुधार और निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के लिए संशोधन किए जाएंगे। गुजरात इंटरनेशनल फाइनांस टेक-सिटी इंटरनेशनल फाइनांशियल सर्विसेज सेंटर (जीआईएफटी आईएफएससी) में व्यावसायिक गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए कई उपाय किए जाएंगे। उदाहरण के लिए, जीआईएफटी आईएफएससी में मध्यस्थता और सहायक सेवाएं प्रदान करने और विशेष आर्थिक क्षेत्र एक्ट, 2005 के तहत दोहरे रेगुलेशन से बचने के लिए आईएफएससी अथॉरिटी एक्ट, 2019 में संशोधन किया जाएगा।
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इंफ्रास्ट्रक्चर: राज्य सरकारों को 50 वर्ष के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने वाली योजना को 2023-24 में भी उपलब्ध कराया जाएगा और इसका परिव्यय 1.3 लाख करोड़ रुपए होगा। बंदरगाहों, कोयला, इस्पात जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लास्ट और फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 100 महत्वपूर्ण परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे। इसमें निजी स्रोतों से 15,000 करोड़ रुपए सहित 75,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
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शहरी विकास: टियर-2 और टियर-3 शहरों में सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कोष स्थापित किया जाएगा। इस फंड का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और इसके लिए 10,000 करोड़ रुपए के वार्षिक आबंटन की उम्मीद है। राज्यों और शहरों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे कुशल भूमि उपयोग और ट्रांसिट-ओरिएंटेड विकास जैसे शहरी योजनागत सुधार करें। संपत्ति कर व्यवस्था में सुधार करके और शहरी अवसंरचना पर यूजर चार्ज लगाकर शहरों को म्यूनिसिपल बांड के लिए अपनी क्रेडिट योग्यता में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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कृषि: ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि-स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एक कृषि एसेलरेटर फंड स्थापित किया जाएगा। मछुआरों, मछली विक्रेताओं और एमएसएमई को सहयोग देने के लिए 6,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ पीएम मत्स्य संपदा योजना नाम की एक उप-योजना शुरू की जाएगी। किसानों की उपज के भंडारण के लिए विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी। रासायनिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रोत्साहन हेतु पीएम प्रोग्राम फॉर रेस्टोरेशन, अवेयरनेस, नरिशमेंट एंड अमील्यरैशन ऑफ मदर अर्थ (पीएम प्रणाम) शुरू किया जाएगा।
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ऊर्जा और पर्यावरण: कंपनियों, व्यक्तियों और स्थानीय निकायों द्वारा पर्यावरण के अनुकूल कार्यों को प्रोत्साहित करने और ऐसे कार्यों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने में मदद करने के लिए पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट, 1986 के तहत एक ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम अधिसूचित किया जाएगा। 4,000 MWh क्षमता वाले बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को वायबिलिटी गैप फंडिंग से समर्थन दिया जाएगा।
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अनुसंधान और विकास (आर एंड डी): चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान और विकास के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी सेवाओं का उपयोग कर एप्लिकेशन विकसित करने के लिए 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। एनॉनमाइज्ड डेटा के एक्सेस को सरल बनाने हेतु एक राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस नीति जारी की जाएगी। फार्मास्यूटिकल्स में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
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स्वास्थ्य: सभी मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ नर्सिंग कॉलेज शुरू किए जाएंगे। 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएग। इसमें प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों के 0-40 आयु वर्ग के सात करोड़ लोगों को कवर किया जाएगा।
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वित्त: सभी वित्तीय और सहायक सूचनाओं के एक्सेस के लिए एक राष्ट्रीय वित्त सूचना रजिस्ट्री स्थापित की जाएगी। महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र जैसी लघु बचत योजना दो वर्ष के लिए शुरू की जाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में जमा राशि की सीमा 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए की जाएगी।
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गवर्नेंस: केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और वित्तीय क्षेत्र के रेगुलेटर्स को केवाईसी सिस्टम के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। विभिन्न सरकारी एजेंसियों को सूचना सौंपने के लिए एक एकीकृत फाइलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार और उसके उपक्रमों के कॉन्ट्रैक्ट संबंधी विवादों को निपटाने के लिए एक स्वैच्छिक समाधान योजना शुरू की जाएगी। पायलट आधार पर कुछ योजनाओं की वित्तपोषण प्रणाली को इनपुट-आधारित से परिणाम-आधारित में बदला जाएगा।
2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2023-24 के बजट अनुमान
|
तालिका 2: बजट 2023-24 एक नजर में (करोड़ रुपए में)
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वास्तविक |
बजटीय |
संशोधित |
बजटीय |
परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
32,00,926 |
31,94,663 |
34,58,959 |
35,02,136 |
1.2% |
पूंजीगत व्यय |
5,92,874 |
7,50,246 |
7,28,274 |
10,00,961 |
37.4% |
इसमें से: |
|
|
|
|
|
पूंजीगत परिव्यय |
5,34,499 |
6,10,189 |
6,20,204 |
8,37,127 |
35.0% |
ऋण और एडवांस |
58,376 |
1,40,057 |
1,08,070 |
1,63,834 |
51.6% |
कुल व्यय |
37,93,801 |
39,44,909 |
41,87,232 |
45,03,097 |
7.5% |
राजस्व प्राप्तियां |
2,169,905 |
22,04,422 |
23,48,413 |
26,32,281 |
12.1% |
पूंजीगत प्राप्तियां |
39,375 |
79,291 |
83,500 |
84,000 |
0.6% |
इसमें से: |
|
|
|
|
|
ऋणों की रिकवरी |
24,737 |
14,291 |
23,500 |
23,000 |
-2.1% |
अन्य प्राप्तियां (विनिवेश सहित) |
14,638 |
65,000 |
60,000 |
61,000 |
|
कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
22,09,280 |
22,83,713 |
24,31,913 |
27,16,281 |
11.7% |
राजस्व घाटा |
10,31,021 |
9,90,241 |
11,10,546 |
8,69,855 |
-21.7% |
जीडीपी का % |
4.4% |
3.8% |
4.1% |
2.9% |
-29.3% |
राजकोषीय घाटा |
15,84,521 |
16,61,196 |
17,55,319 |
17,86,816 |
1.8% |
जीडीपी का % |
6.7% |
6.4% |
6.4% |
5.9% |
-7.8% |
प्राथमिक घाटा |
7,79,022 |
7,20,545 |
8,14,668 |
7,06,845 |
-13.2% |
जीडीपी का % |
3.3% |
2.8% |
3.0% |
2.3% |
-23.3% |
स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
व्यय जो सरकार की संपत्ति या देनदारियों में परिवर्तन करते हैं (जैसे सड़कों का निर्माण या ऋण की वसूली) पूंजीगत व्यय होते हैं, और अन्य सभी व्यय राजस्व व्यय होते हैं (जैसे वेतन या ब्याज का भुगतान)। 2023-24 में पूंजीगत व्यय 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 37.4% बढ़कर 10,00,961 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। राजस्व व्यय 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 1.2% बढ़कर 35,02,136 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। विनिवेश सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में अपनी हिस्सेदारी बेचना है। 2022-23 में सरकार को अपने विनिवेश लक्ष्य का 77% (65,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले 50,000 करोड़ रुपए) पूरा करने का अनुमान है। 2023-24 के लिए विनिवेश लक्ष्य 51,000 करोड़ रुपए है। |
नोट: 2022-23 के वास्तविक आंकड़े संशोधित अनुमान हैं। |
2023-24 में प्राप्तियों की झलक
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तालिका 3: 2023-24 में केंद्र सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
वास्तविक |
बजटीय |
संशोधित |
बजटीय |
परिवर्तन का % |
|
सकल कर राजस्व |
27,09,135 |
27,57,820 |
30,43,067 |
33,60,858 |
10.4% |
इसमें से: |
|||||
कॉरपोरेशन टैक्स |
7,12,037 |
7,20,000 |
8,35,000 |
9,22,675 |
10.5% |
आय पर कर |
6,96,243 |
7,00,000 |
8,15,000 |
9,00,575 |
10.5% |
वस्तु एवं सेवा कर |
6,98,114 |
7,80,000 |
8,54,000 |
9,56,600 |
12.0% |
कस्टम्स |
1,99,728 |
2,13,000 |
2,10,000 |
2,33,100 |
11.0% |
केंद्रीय उत्पादन शुल्क |
3,94,644 |
3,35,000 |
3,20,000 |
3,39,000 |
5.9% |
सेवा कर |
1,012 |
2,000 |
1,000 |
500 |
-50.0% |
क. केंद्र का शुद्ध कर राजस्व |
18,04,794 |
19,34,771 |
20,86,662 |
23,30,631 |
11.7% |
राज्यों को हस्तांतरण |
8,98,392 |
8,16,649 |
9,48,405 |
10,21,448 |
7.7% |
ख. गैर कर राजस्व |
3,65,112 |
2,69,651 |
2,61,751 |
3,01,650 |
15.2% |
इसमें से: |
|||||
ब्याज प्राप्तियां |
21,874 |
18,000 |
24,640 |
24,820 |
0.7% |
लाभांश और लाभ |
1,60,647 |
1,13,948 |
83,953 |
91,000 |
8.4% |
अन्य गैर कर राजस्व |
1,79,540 |
1,34,276 |
1,48,342 |
1,81,382 |
22.3% |
ग. पूंजीगत प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
39,375 |
79,291 |
83,500 |
84,000 |
0.6% |
इसमें से: |
|||||
विनिवेश |
13,627 |
65,000 |
50,000 |
51,000 |
2.0% |
प्राप्तियां (उधारियों के बिना) (क+ख+ग) |
22,09,281 |
22,83,713 |
24,31,913 |
27,16,281 |
11.7% |
उधारियां |
15,84,521 |
16,61,196 |
17,55,319 |
17,86,816 |
1.8% |
कुल प्राप्तियां (उधारियों के साथ) |
37,93,802 |
39,44,909 |
41,87,232 |
45,03,097 |
7.5% |
स्रोत: रेसीट्स बजट, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
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अप्रत्यक्ष कर: 2023-24 में कुल अप्रत्यक्ष कर संग्रह 15,29,200 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इसमें से सरकार ने जीएसटी से 9,56,600 करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान लगाया है। जीएसटी के तहत कुल कर संग्रह में से 85% केंद्रीय जीएसटी (8,11,600 करोड़ रुपए) और 15% जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस (1,45,000 करोड़ रुपए) से आने की उम्मीद है।
-
कॉरपोरेशन टैक्स: 2023-24 में कॉरपोरेशन टैक्स में 10.5% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2022-23 में कॉरपोरेट टैक्स संग्रह बजट अनुमान (7,20,000 करोड़ रुपए) से 16% अधिक होने की उम्मीद है।
-
आयकर: आयकर से संग्रह भी 2023-24 में 10.5% बढ़कर 9,00,575 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। 2022-23 में आयकर संग्रह बजट अनुमान से 16.4% अधिक रहने की उम्मीद है।
-
गैर-कर प्राप्तियां: गैर-कर राजस्व में मुख्य रूप से केंद्र द्वारा दिए गए ऋणों पर ब्याज प्राप्तियां, लाभांश, लाइसेंस शुल्क, टोल और सरकारी सेवाओं के शुल्क शामिल होते हैं। 2022-23 में लाभांश प्राप्तियां मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक से कम लाभांश के कारण बजटीय अनुमान की तुलना में कम थीं। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2023-24 में गैर-कर राजस्व में 15% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
-
विनिवेश लक्ष्य: 2023-24 के लिए विनिवेश लक्ष्य 51,000 करोड़ रुपए है। इसमें 2022-23 के संशोधित अनुमान (50,000 करोड़ रुपए) की तुलना में 2% की मामूली वृद्धि है। 2022-23 में विनिवेश से प्राप्तियां बजट अनुमान से 23% कम रहने की उम्मीद है।
2023-24 में व्यय की झलक
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तालिका 4: 2023-24 में केंद्र सरकार के व्यय का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
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वास्तविक |
बजटीय |
संशोधित |
बजटीय |
परिवर्तन का % |
केंद्रीय व्यय |
29,13,970 |
30,06,111 |
32,82,936 |
35,13,761 |
7.0% |
केंद्र का इस्टैबलिशमेंट व्यय |
6,93,272 |
6,92,214 |
7,34,619 |
7,44,339 |
1.3% |
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं |
12,09,950 |
11,81,084 |
14,11,729 |
14,67,880 |
4.0% |
अन्य व्यय |
10,10,748 |
11,32,813 |
11,36,588 |
13,01,542 |
14.5% |
सीएसएस के लिए अनुदान और अन्य हस्तांतरण |
8,79,832 |
9,38,797 |
9,04,296 |
9,89,337 |
9.4% |
केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाएं (सीएसएस) |
4,54,366 |
4,42,781 |
4,51,901 |
4,76,105 |
5.4% |
वित्त आयोग के अनुदान |
2,07,435 |
1,92,108 |
1,73,257 |
1,65,480 |
-4.5% |
इसमें से: |
|
|
|
|
|
ग्रामीण स्थानीय निकाय |
40,312 |
46,513 |
41,000 |
47,018 |
14.7% |
शहरी स्थानीय निकाय |
16,147 |
22,908 |
15,026 |
24,222 |
61.2% |
सहायतानुदान |
20,272 |
23,294 |
22,135 |
24,466 |
10.5% |
वितरण के बाद राजस्व घाटा अनुदान |
1,18,452 |
86,201 |
86,201 |
51,673 |
-40.1% |
अन्य अनुदान |
2,18,031 |
3,03,908 |
2,79,138 |
3,47,752 |
24.6% |
कुल व्यय |
37,93,801 |
39,44,909 |
41,87,232 |
45,03,097 |
7.5% |
स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
मंत्रालयों के व्यय
2023-24 में अनुमानित कुल व्यय में सबसे अधिक आबंटन वाले मंत्रालयों का हिस्सा 55% है। इनमें से रक्षा मंत्रालय को 2023-24 में सबसे ज्यादा आबंटन किया गया है जोकि 5,93,538 करोड़ रुपए है। यह केंद्र सरकार के कुल बजटीय व्यय का 13.2% है। उच्च आबंटन वाले अन्य मंत्रालयों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग (कुल व्यय का 6%), (ii) रेलवे (5.4%), और (iii) उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (4.6%)। तालिका 5 में 2023-24 के लिए 13 उच्चतम आबंटन वाले मंत्रालयों पर व्यय और 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में आबंटन में परिवर्तन को दर्शाया गया है।
तालिका 5: 2023-24 में मंत्रालय पर व्यय (करोड़ रुपए में)
|
वास्तविक |
बजटीय |
संशोधित |
बजटीय |
परिवर्तन का % |
रक्षा |
5,00,681 |
5,25,166 |
5,84,791 |
5,93,538 |
1.5% |
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग |
1,23,551 |
1,99,108 |
2,17,027 |
2,70,435 |
24.6% |
रेलवे |
1,35,242 |
1,40,367 |
1,62,312 |
2,41,268 |
48.6% |
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण |
3,06,571 |
2,17,684 |
2,96,523 |
2,05,765 |
-30.6% |
गृह मामले |
1,68,791 |
1,85,777 |
1,93,912 |
1,96,035 |
1.1% |
रसायन एवं उर्वरक |
1,54,789 |
1,07,715 |
2,27,681 |
1,78,482 |
-21.6% |
ग्रामीण विकास |
1,61,643 |
1,38,204 |
1,82,382 |
1,59,964 |
-12.3% |
कृषि एवं किसान कल्याण |
1,22,836 |
1,32,514 |
1,18,913 |
1,25,036 |
5.1% |
संचार |
51,545 |
1,05,407 |
1,05,478 |
1,23,393 |
17.0% |
शिक्षा |
80,352 |
1,04,278 |
99,881 |
1,12,899 |
13.0% |
जल शक्ति |
83,467 |
86,189 |
74,029 |
97,278 |
31.4% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
84,470 |
86,201 |
79,145 |
89,155 |
12.6% |
आवासन एवं शहरी मामले |
1,06,840 |
76,549 |
74,546 |
76,432 |
2.5% |
अन्य मंत्रालय |
17,13,022 |
18,39,751 |
17,70,613 |
20,33,419 |
14.8% |
कुल व्यय |
37,93,801 |
39,44,909 |
41,87,232 |
45,03,097 |
7.5% |
स्रोत: एक्सपेंडिचर बजट, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
-
रेलवे: 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2023-24 में आबंटन में 78,956 करोड़ रुपए (48.6%) की वृद्धि का अनुमान है। यह मुख्य रूप से कमर्शियल लाइन्स पर बढ़े हुए पूंजी परिव्यय के कारण है।
-
जल शक्ति: जल शक्ति मंत्रालय के आबंटन में 2023-24 में 23,249 करोड़ रुपए (31.4%) की वृद्धि का अनुमान है, जो जल जीवन मिशन के लिए आबंटन में वृद्धि के कारण है।
-
सड़क परिवहन और राजमार्ग: सड़कों और पुलों पर पूंजी परिव्यय में वृद्धि (24.5%) के कारण 2023-24 में आबंटन में 53,408 करोड़ रुपए (24.6%) की वृद्धि का अनुमान है।
-
मुख्य रूप से खाद्य सबसिडी और उर्वरक सबसिडी में कमी के कारण उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालयों के लिए आबंटन में कमी आई है। हम नीचे सबसिडी पर खर्च की चर्चा करते हैं।
सबसिडी पर व्यय
2023-24 में सबसिडी पर व्यय 4,03,084 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 28.3% की गिरावट है (तालिका 6)।
-
खाद्य सबसिडी: 2023-24 में खाद्य सबसिडी के लिए आबंटन 1,97,350 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 31.3% कम है। 2021-22 और 2022-23 में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के कारण खाद्य सबसिडी का बजट उच्च स्तर पर रखा गया था। कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिए इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को मुफ्त अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदान किया गया था। दिसंबर 2022 में अतिरिक्त खाद्यान्न का प्रावधान बंद कर दिया गया।
-
उर्वरक सबसिडी: उर्वरक सबसिडी पर 2023-24 में 1,75,100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 50,120 करोड़ रुपए (22.3%) कम है। उर्वरकों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज वृद्धि के मद्देनजर 2022-23 में उर्वरक सबसिडी को काफी बढ़ा दिया गया था।
-
अन्य सबसिडी: अन्य सबसिडी में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए ब्याज सबसिडी, कृषि उपज की मूल्य समर्थन योजना के लिए सबसिडी, और जहाज निर्माण अनुसंधान और विकास में सहायता जैसे व्यय शामिल हैं। 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2023-24 में इन पर व्यय 30% कम होने का अनुमान है।
तालिका 6: 2023-24 में सबसिडी (करोड़ रुपए में)
|
वास्तविक |
बजटीय |
संशोधित |
बजटीय |
परिवर्तन का % |
खाद्य सबसिडी |
2,88,969 |
2,06,831 |
2,87,194 |
1,97,350 |
-31.3% |
उर्वरक सबसिडी |
1,53,758 |
1,05,222 |
2,25,220 |
1,75,100 |
-22.3% |
पेट्रोलियम सबसिडी |
3,423 |
5,813 |
9,171 |
2,257 |
-75.4% |
अन्य सबसिडी |
57,758 |
37,773 |
40,495 |
28,377 |
-29.9% |
कुल |
5,03,907 |
3,55,639 |
5,62,080 |
4,03,084 |
-28.3% |
स्रोत: एक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
मुख्य योजनाओं पर व्यय
तालिका 7: 2023-24 में विभिन्न योजनाओं के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
|
वास्तविक |
बजटीय |
संशोधित |
बजटीय |
परिवर्तन का % |
प्रधानमंत्री आवास योजना |
90,020 |
48,000 |
77,130 |
79,590 |
3.2% |
जल जीवन मिशन/राष्ट्रीय ग्रामीण पेय जल मिशन |
63,126 |
60,000 |
55,000 |
70,000 |
27.3% |
पीएम-किसान |
66,825 |
68,000 |
60,000 |
60,000 |
0.0% |
मनरेगा |
98,468 |
73,000 |
89,400 |
60,000 |
-32.9% |
राष्ट्रीय शिक्षा मिशन |
25,305 |
39,553 |
32,612 |
38,953 |
19.4% |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन |
32,958 |
37,160 |
33,708 |
36,785 |
9.1% |
संशोधित ब्याज सहायता योजना * |
- |
19,500 |
22,000 |
23,000 |
4.5% |
सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 |
18,382 |
20,263 |
20,263 |
20,554 |
1.4% |
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना |
13,992 |
19,000 |
19,000 |
19,000 |
0.0% |
अमृत और स्मार्ट सिटीज़ मिशन |
13,868 |
14,100 |
15,300 |
16,000 |
4.6% |
राष्ट्रीय जीविका मिशन- आजीविका |
10,177 |
14,236 |
13,886 |
14,129 |
1.7% |
एमएसएमई उधारकर्ताओं को गारंटीशुदा इमरजेंसी क्रेडिट लाइन |
7,445 |
15,000 |
10,500 |
14,100 |
34.3% |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना |
13,549 |
15,500 |
12,376 |
13,625 |
10.1% |
स्वच्छ भारत मिशन |
5,050 |
9,492 |
7,000 |
12,192 |
74.2% |
सुधार आधारित वितरण योजना |
814 |
7,566 |
6,000 |
12,072 |
101.2% |
नोट: किसानों को अल्पावधि ऋण के लिए ब्याज सबसिडी की योजना की जगह संशोधित ब्याज सहायता योजना लाई गई है (2021-22 में इस योजना के लिए वास्तविक व्यय 21,477 करोड़ रुपए है)।
स्रोत: एक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
-
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी घटकों को मिलाकर) का आबंटन 2023-24 में सबसे अधिक 79,590 करोड़ रुपए है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 3.2% अधिक है। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में, 2023-24 में योजना के ग्रामीण घटक के लिए आबंटन में 13% की वृद्धि हुई है और शहरी घटक में 13% की गिरावट आई है। बजट अनुमानों की तुलना में 2022-23 के लिए योजना के आबंटन में 60.7% की वृद्धि की गई है।
-
2023-24 में जल जीवन मिशन का आबंटन दूसरा सबसे अधिक आबंटन है जोकि 70,000 करोड़ रुपए है। यह 2022-23 में 55,000 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान से 27.3% अधिक है।
-
पीएम-किसान के लिए आबंटन 60,000 करोड़ रुपए पर स्थिर रखा गया है, और मनरेगा के लिए 33% घटाकर 60,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
-
2023-24 में जिन अन्य योजनाओं का आबंटन तुलनात्मक रूप से अधिक है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) सुधार आधारित वितरण योजना (101.2%), (ii) स्वच्छ भारत मिशन (74.2%), और (iii) एमएसएमई उधारकर्ताओं को गारंटीशुदा इमरजेंसी क्रेडिट लाइन (34.3%)।
पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को ऋण
-
केंद्र ने पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.3 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा है। 2022-23 के लिए 76,000 करोड़ रुपए का संशोधित अनुमान, एक लाख करोड़ रुपए के बजटीय अनुमान से कम था।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उप योजनाओं और महिलाओं, बच्चों और पूर्वोत्तर क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय
तालिका 8: महिलाओं, बच्चों, एससीज़, एसटीज़ और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
स्रोत: एक्सपेंडिचर प्रोफाइल, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस। |
-
महिलाओं और बच्चों के कल्याण कार्यक्रमों हेतु 2023-24 में 3,27,010 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 6.3% अधिक है। इन आबंटनों में सभी मंत्रालयों में लागू किए जा रहे कार्यक्रम शामिल हैं।
-
2023-24 में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के आबंटन में क्रमशः 4.3% और 26.7% की वृद्धि का अनुमान है। अनुसूचित जनजातियों के कल्याण हेतु आबंटित सड़क कार्यों के बजट में वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में वर्ष 2023-24 में 265% की वृद्धि की गई है। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2023-24 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए आबंटन में 30.5% की वृद्धि का अनुमान है।
राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन के लक्ष्य
राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2003 के अंतर्गत यह अपेक्षा की जाती है कि केंद्र सरकार बकाया ऋण, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को धीरे-धीरे कम करेगी। एक्ट सरकार को तीन वर्ष का आवर्ती लक्ष्य देता है। उल्लेखनीय है कि मध्यावधि के राजकोषीय नीति वक्तव्य में 2021-22 से बजट घाटे के लिए आवर्ती लक्ष्य नहीं दिए गए हैं। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने दोहराया है कि सरकार का लक्ष्य 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5% से कम करना है।
राजकोषीय घाटा उन उधारियों का संकेत देता है जिनसे सरकार अपने व्यय को वित्त पोषित करती है। 2023-24 के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9% है। राजस्व घाटा सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जिनसे भविष्य में प्राप्तियां नहीं हो सकतीं। 2023-24 के लिए अनुमानित राजस्व घाटा जीडीपी का 2.9% है। |
तालिका 9: घाटों के लिए एफआरबीएम के लक्ष्य (जीडीपी का %)
स्रोत: मीडियम टर्म फिस्कल पॉलिसी स्टेटमेंट, बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस। |
प्राथमिक घाटा राजकोषीय घाटे और ब्याज भुगतानों के बीच का अंतर होता है। 2023-24 में यह जीडीपी का 2.3% अनुमानित है।
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नोट: 2022-23 के आंकड़े संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: बजट एट ग्लांस, यूनियन बजट (विभिन्न वर्ष); पीआरएस।
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2022-23 के बजट में सरकार ने अनुमान लगाया कि राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4% और राजस्व घाटा जीडीपी का 3.8% होगा। 2022-23 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीडीपी अनुपात, बजट अनुमान के समान होने का अनुमान है, जबकि राजकोषीय घाटा नॉमिनल के लिहाज से, 94,123 करोड़ रुपए (5.7% ओवरशूटिंग) अधिक है। ऐसा जीडीपी में अनुमान से अधिक वृद्धि होने के कारण हुआ है।
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बकाया देनदारियां: केंद्र सरकार की बकाया देनदारियां 2012-13 में 51% से घटकर 2018-19 में 48% हो गईं। 2019-20 के बाद से, बकाया देनदारियां बढ़ रही हैं, और 2020-21 में 61% के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। वे 2021-22 में घटकर 57% रह गईं, और 2023-24 में भी इसी स्तर पर बने रहने की उम्मीद है।
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बकाया ऋण कई वर्षों की उधारियों का संग्रह होता है। अधिक ऋण का अर्थ यह होता है कि सरकार पर आने वाले वर्षों में ऋण चुकाने का अधिक बड़ा दायित्व है।
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राजस्व प्राप्तियों के प्रतिशत के रूप में ब्याज भुगतान 2011-12 में 36% से बढ़कर 2020-21 में 42% हो गया। बजट अनुमानों के अनुसार, यह आंकड़ा 2023-24 में मामूली रूप से घटकर 41% रहने की उम्मीद है।
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नोट: RE संशोधित अनुमान और BE बजट अनुमान हैं।
स्रोत: इकोनॉमिक सर्वे 2022-23, यूनियन बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।