वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को 2024-25 का बजट पेश किया। इस नोट में 2023-24 के वास्तविक (एक्चुअल्स), अलेखापरीक्षित (अनऑडिटेड) अनंतिम वास्तविक हैं।
बजट की मुख्य झलकियां
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व्यय: 2024-25 में सरकार द्वारा 48,20,512 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो 2023-24 में वास्तविक व्यय से 8.5% अधिक है। ब्याज भुगतान कुल व्यय का 24% और राजस्व प्राप्तियों का 37% है।
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प्राप्तियां: 2024-25 में प्राप्तियां (उधारियों के अलावा) 32,07,200 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2023-24 में वास्तविक व्यय से 15% अधिक है। कर राजस्व, जो प्राप्तियों का प्रमुख हिस्सा है, 2023-24 में वास्तविक व्यय की तुलना में 11% बढ़ने की उम्मीद है।
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जीडीपी: सरकार ने 2024-25 में 10.5% की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया है (यानी, वास्तविक विकास जमा मुद्रास्फीति)।
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घाटा: 2024-25 में राजस्व घाटा जीडीपी के 1.8% पर लक्षित है। यह 2023-24 में जीडीपी के 2.6% के वास्तविक राजस्व घाटे से कम है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.9% पर लक्षित है, जो 2023-24 में जीडीपी के 5.6% के वास्तविक राजकोषीय घाटे से कम है।
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नई योजनाएं: नई योजनाओं के लिए आर्थिक मामलों के विभाग को 62,593 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं (विवरण उपलब्ध नहीं है)। आवंटन पूंजीगत व्यय के लिए है, और कुल पूंजीगत परिव्यय का 6.8% है।
फाइनांस बिल में मुख्य कर प्रस्ताव
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तालिका 1: मौजूदा और प्रस्तावित टैक्स स्लैब
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पूंजीगत लाभ कर (कैपिटल गेन्स टैक्स): सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी म्यूचुअल फंड के यूनिट्स और आरईआईटीएस/इनविट्स (REITs/INVITs) पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर को 15% से बढ़ाकर 20% करने का प्रस्ताव है। सभी परिसंपत्ति श्रेणियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 12.5% लगाया जाएगा। यह पहले सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी म्यूचुअल फंड यूनिट्स और आरईआईटी/आईएनवीआईटी पर 10% और अन्य परिसंपत्तियों के लिए इंडेक्सेशन के साथ 20% लगाया जाता था। संपत्ति, सोना और अन्य गैर सूचीबद्ध परिसंपत्तियों के लिए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की गणना के लिए इंडेक्सेशन हटा दिया जाएगा। एक वर्ष से अधिक समय तक रखी गई सूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों को दीर्घकालिक के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, जबकि गैर सूचीबद्ध वित्तीय परिसंपत्तियों और सभी गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों को दीर्घकालिक के रूप में वर्गीकृत करने के लिए कम से कम दो वर्षों तक रखा जाना चाहिए। सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी म्यूचुअल फंड और व्यावसायिक ट्रस्टों से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए छूट सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए की जाएगी। शेयरों की पुनर्खरीद (बायबैक) को लाभांश के बराबर माना जाएगा।
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प्रतिभूति लेनदेन कर (सिक्योरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स): प्रतिभूति बाजार में विकल्पों की बिक्री पर लगने वाले प्रतिभूति लेनदेन कर को विकल्प प्रीमियम (ऑप्शन प्रीमियम) के 0.0625% से बढ़ाकर 0.1% कर दिया जाएगा और वायदा (फ्यूचर्स) की बिक्री पर ट्रेडिंग मूल्य के 0.0125% से बढ़ाकर 0.02% कर दिया जाएगा।
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स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस): बीमा कमीशन का भुगतान, जीवन बीमा पॉलिसी का भुगतान, किराया भुगतान और कमीशन या ब्रोकरेज के भुगतान जैसी कई मदों के लिए स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की दर को 5% से घटाकर 2% करने का प्रस्ताव है। किसी ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा किसी ई-कॉमर्स भागीदार को बिक्री से प्राप्त आय के भुगतान पर टीडीएस 1% से घटाकर 0.1% कर दिया जाएगा।
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प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना, 2024: कर संबंधी विवादों के निपटारे के लिए यह योजना शुरू की जाएगी। यह कर राशि पर विवादित ब्याज या जुर्माने के भुगतान में उदारता प्रदान करती है।
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समानीकरण (इक्वेलाइजेशन) लेवी: किसी अनिवासी ई-कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति से प्राप्त आय पर 2% की इक्वेलाइजेशन लेवी 1 अगस्त, 2024 से लागू नहीं होगी।
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सीमा शुल्क (कस्टम्स ड्यूटी) में बदलाव: कई वस्तुओं के लिए सीमा शुल्क दरों में बदलाव किया गया है। इसे निम्नलिखित वस्तुओं के लिए कम किया गया है: (i) सोना और चांदी और (ii) मोबाइल फोन और उनके चार्जर/एडेप्टर। कपड़ा, इस्पात और पूंजीगत माल जैसे क्षेत्रों में उपयोग की जाने वाली कुछ वस्तुओं को सीमा शुल्क से छूट दी गई है। सोलर ग्लास (सोलर सेल या मॉड्यूल के निर्माण में प्रयुक्त) और कुछ रसायनों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया है।
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एंजेल टैक्स: इनकम टैक्स एक्ट में यह प्रावधान है कि गैर सूचीबद्ध कंपनियों पर उनके शेयरों के अंकित मूल्य से अधिक धन प्राप्त करने पर कर लगाया जाएगा। यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
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विदेशी संपत्ति का खुलासा: ब्लैक मनी एक्ट, 2015 में विदेश में रखी गई संपत्ति की घोषणा न करने पर दंड का प्रावधान है। 20 लाख रुपए तक की चल संपत्ति पर यह लागू नहीं होगा।
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बेनामी लेनदेन से छूट: बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध एक्ट, 1988 बेनामीदार और लाभकारी मालिक को समान रूप से दोषी बनाता है। बेनामीदार को सरकारी गवाह बनने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु उन्हें बचाव (इम्नयुटी) देने का प्रावधान किया जा रहा है।
नीतियों की झलक
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रोजगार: रोजगार को बढ़ावा देने और श्रमबल की भागीदारी बढ़ाने के लिए तीन योजनाओं की घोषणा की गई। ये योजनाएं निम्नलिखित प्रदान करेंगी: (i) ईपीएफओ के साथ पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को 15,000 रुपए तक का वेतन सहयोग, (ii) मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में कर्मचारियों और नियोक्ताओं को उनके ईपीएफओ अंशदान के लिए प्रोत्साहन, और (iii) नियोक्ता के ईपीएफओ अंशदान के लिए प्रति नए कर्मचारी को दो साल तक प्रति माह 3,000 रुपए तक की प्रतिपूर्ति।
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कौशल विकास: पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने की योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत उद्योग जगत की कौशल संबंधी मांग को पूरा करने के लिए 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत किया जाएगा। 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की एक और योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत लाभार्थियों को 5,000 रुपए का मासिक भत्ता और 6,000 रुपए की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी। कंपनियां प्रशिक्षण लागत और इंटर्नशिप लागत का 10% अपने सीएसआर फंड से वहन कर सकती हैं।
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राज्यों को मदद: बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और आंध्र प्रदेश में मानव संसाधन, इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के लिए योजना बनाई जाएगी। इस वर्ष आंध्र प्रदेश को नई राजधानी के लिए 15,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
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एमएसएमई: मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी योजना की घोषणा की गई है। यह कोलेट्रल या गारंटी के बिना, मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए सावधि ऋण की सुविधा प्रदान करेगा। 100 करोड़ रुपए तक का गारंटी कवर प्रदान करने के लिए एक स्व-वित्तपोषण गारंटी कोष का गठन किया जाएगा। जिन उद्यमियों ने पहले ऋण लिया है और भुगतान किया है, उनके लिए मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की जाएगी।
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ऊर्जा: उच्च कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन वाले उद्योगों के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा और उनके लिए उत्सर्जन लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। परमाणु ऊर्जा में उभरती तकनीक की दिशा में निवेश निजी क्षेत्र के सहयोग से किया जाएगा।
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कृषि: उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल फसलें विकसित करने पर ध्यान देने के साथ मौजूदा कृषि अनुसंधान सेटअप की समीक्षा की जाएगी। प्रमुख उपभोग केंद्रों के निकट सब्जी उत्पादन क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए एक राष्ट्रीय नीति का मसौदा तैयार किया जाएगा।
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शहरी और ग्रामीण विकास: 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों के लिए ट्रांजिट-ओरिएंटेड विकास योजना बनाई जाएगी। उच्च स्टांप शुल्क वसूलने वाले राज्यों को इसे कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, और संपत्ति खरीदने वाली महिलाओं के लिए इसे और भी कम किया जाएगा। पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे।
2023-24 के वास्तविक की तुलना में 2024-25 के बजट अनुमान
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