हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने 8 मार्च, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- 2022-23 के लिए राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 9,94,195 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (8,95,671 करोड़ रुपए) से 11% अधिक है। 2021-22 में जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 18% बढ़ने का अनुमान है।
- 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 1,42,204 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 (1,25,223 करोड़ रुपए) के संशोधित अनुमानों से 14% अधिक है। साथ ही राज्य द्वारा 2022-23 में 35,052 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2021-22 में खर्च (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 2% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 1,07,192 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (93,488 करोड़ रुपए) से 15% अधिक है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान (88,480 करोड़ रुपए) से 6% अधिक होने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 35,012 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.52%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.54% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 4.40% के बजट अनुमान से कम है।
- 2022-23 के लिए राजस्व घाटा 9,774 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो जीएसडीपी का 0.98% है। बजट स्तर पर अनुमानित जीएसडीपी के 3.29% के राजस्व घाटे की तुलना में 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी के 1.40% के राजस्व घाटे का अनुमान है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबीज़) को सहयोग: यूएलबीज़ में इंफ्रास्ट्रक्चरल परियोजनाओं (जैसे सार्वजनिक लाइब्रेरी, और स्पोर्ट्स फेसिलिटीज़) के विकास के लिए दिव्य नगर योजना को शुरू किया जाएगा।
- स्वास्थ्य सेवा: 1.8 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को हर दो वर्षों में एक बार मुफ्त बुनियादी स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- एमएसएमई क्षेत्र के लिए वैट की प्रतिपूर्ति: एमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों को प्राकृतिक गैस (पाइप्ड या कंप्रेस्ड) पर जमा हुए वैट की 50% प्रतिपूर्ति की जाएगी।
हरियाणा की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1 : हरियाणा में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के लिए समायोजित की गई है। स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस। |
2022-23 के लिए बजट अनुमान
- 2022-23 में 1,42,204 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (1,25,223 करोड़ रुपए) से 14% अधिक है। इस व्यय को 1,07,192 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 20,011 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2022-23 के लिए प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) में 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 15% की वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 6% अधिक रहने का अनुमान है।
- 2022-23 में राज्य को 9,774 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि उसकी जीएसडीपी का 0.98% है। 2021-22 में राज्य को 12,523 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.40%) का राजस्व घाटा होने की उम्मीद है।
- 2022-23 में जीएसडीपी के 3.52% राजकोषीय घाटे का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 3.54% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।
तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
1,26,240 |
1,55,645 |
1,53,384 |
-1% |
1,77,256 |
16% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
29,498 |
28,161 |
28,162 |
0% |
35,052 |
24% |
शुद्ध व्यय (E) |
96,742 |
1,27,484 |
1,25,223 |
-2% |
1,42,204 |
14% |
कुल प्राप्तियां |
1,21,810 |
1,46,794 |
1,39,988 |
-5% |
1,62,255 |
16% |
(-) उधारियां |
53,817 |
58,314 |
46,500 |
-20% |
55,063 |
18% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
67,993 |
88,480 |
93,488 |
6% |
1,07,192 |
15% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
28,749 |
39,004 |
31,734 |
-19% |
35,012 |
10% |
जीएसडीपी का % |
3.79% |
4.40% |
3.54% |
3.52% |
||
राजस्व घाटा |
22,386 |
29,194 |
12,523 |
-57% |
9,774 |
-22% |
जीएसडीपी का % |
2.95% |
3.29% |
1.40% |
0.98% |
||
प्राथमिक घाटा |
11,634 |
19,227 |
12,344 |
-36% |
14,018 |
14% |
जीएसडीपी का % |
1.53% |
2.17% |
1.38% |
1.41% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
2022-23 में व्यय
|
प्रतिबद्ध व्यय 2020-21 (वास्तविक) में हरियाणा का प्रतिबद्ध व्यय 48,750 करोड़ रुपए था जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 72% था। राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान शामिल होते हैं। 2021-22 बअ में राज्यों ने प्रतिबद्ध व्यय पर अपनी राजस्व प्राप्तियों का कुल 55% हिस्सा खर्च करना तय किया था। हालांकि हरियाणा ने अपनी राजस्व प्राप्तियों का 63% हिस्सा प्रतिबद्ध व्यय पर खर्च करने का अनुमान लगाया है। उल्लेखनीय है कि 2021-22 के संशोधित अनुमानों में हरियाणा ने अपनी राजस्व प्राप्तियों का 58% हिस्सा प्रतिबद्ध व्यय पर खर्च करने का अनुमान लगाया है और 2022-23 में 57% हिस्सा। अगर प्रतिबद्ध व्यय पर ज्यादा खर्चा किया जाता है तो पूंजीगत परिव्यय पर खर्च करने की कम गुंजाइश बनती है। 2020-21 में राज्य का पूंजीगत परिव्यय 5,870 करोड़ रुपए था जोकि बजट अनुमान (13,201 करोड़ रुपए) से 56% कम था। |
तालिका 2: बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
89,947 |
1,16,927 |
1,05,119 |
-10% |
1,16,199 |
11% |
पूंजीगत परिव्यय |
5,870 |
9,318 |
14,772 |
59% |
22,344 |
51% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
926 |
1,239 |
5,331 |
330% |
3,662 |
-31% |
शुद्ध व्यय |
96,742 |
1,27,484 |
1,25,223 |
-2% |
1,42,204 |
14% |
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में हरियाणा द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 60,633 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 57% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 27%), पेंशन (20%) और ब्याज भुगतान (11%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक होने का अनुमान है। पेंशन पर खर्च में 19% की वृद्धि और वेतन और ब्याज पर खर्च में क्रमशः 8% और 4% की वृद्धि का अनुमान है।
तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
प्रतिबद्ध व्यय |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
वेतन |
21,923 |
26,478 |
23,894 |
-10% |
28,438 |
19% |
पेंशन |
9,713 |
9,200 |
10,801 |
17% |
11,201 |
4% |
ब्याज |
17,115 |
19,776 |
19,390 |
-2% |
20,994 |
8% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
48,750 |
55,454 |
54,084 |
-2% |
60,633 |
12% |
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान हरियाणा के बजटीय व्यय का 63% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में हरियाणा और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 4: हरियाणा बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
14,439 |
18,891 |
16,570 |
19,711 |
19% |
सर्व शिक्षा अभियान के लिए 500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। मिड-डे मील योजना के लिए 321 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
9,751 |
9,970 |
10,840 |
12,098 |
12% |
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत पेंशन के लिए 6,826 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
5,847 |
7,317 |
7,284 |
8,595 |
18% |
शहरी अस्पतालों और दवाखानों को बढ़ाने के लिए 883 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 52 करोड़ रुपए राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के लिए आबंटित किए गए हैं। |
शहरी विकास |
4,181 |
5,155 |
7,345 |
7,990 |
9% |
शहरी विकास पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 4,555 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ऊर्जा |
6,315 |
7,162 |
7,821 |
7,190 |
-8% |
बिजली परियोजनाओं पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 768 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को सबसिडीयुक्त टैरिफ के लिए 483 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
4,596 |
6,017 |
3,752 |
6,867 |
83% |
श्रमजीवी ग्राम स्वरोजगार योजना के लिए 105 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
3,956 |
5,161 |
6,494 |
6,533 |
1% |
सड़क एवं पुलों पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 2,040 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
4,779 |
5,768 |
5,955 |
6,377 |
7% |
जिला पुलिस के लिए 4,641 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ नियंत्रण |
2,940 |
5,162 |
4,118 |
6,204 |
51% |
मुख्य सिंचाई पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 1,879 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबंधित गतिविधियां |
3,034 |
4,386 |
6,734 |
6,026 |
-11% |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 600 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
62% |
59% |
64% |
63% |
|
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
2022-23 में प्राप्तियां
- 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 1,06,425 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 15% अधिक है। इसमें से 85,993 करोड़ रुपए (81%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों (कर और गैर-कर राजस्व) के माध्यम से जुटाए जाएंगे और 20,492 करोड़ रुपए (19%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 8%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 11%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
- हस्तांतरण: 2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 8,926 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 3% अधिक है।
- राज्य का स्वयं कर राजस्व: 2022-23 में राज्य का कुल स्वयं कर राजस्व 73,728 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राज्य का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 5.5% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 7.4% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। 2021-22 में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर को जीएसडीपी के 6.0% के बजट अनुमान की तुलना में जीएसडीपी के 7.3% पर संशोधित किया गया है।
- राज्य का गैर कर राजस्व: 2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 12,205 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 32% अधिक है। 2021-22 में राज्य के गैर कर राजस्व में बजट अनुमानों से 15% की गिरावट दर्ज होने का अनुमान है।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
41,914 |
52,888 |
64,992 |
23% |
73,728 |
13% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
6,961 |
10,851 |
9,227 |
-15% |
12,205 |
32% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
6,438 |
7,275 |
8,683 |
19% |
8,926 |
3% |
केंद्र से सहायतानुदान |
12,248 |
16,720 |
9,695 |
-42% |
11,566 |
19% |
राजस्व प्राप्तियां |
67,561 |
87,733 |
92,596 |
6% |
1,06,425 |
15% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
432 |
747 |
893 |
19% |
767 |
-14% |
शुद्ध प्राप्तियां |
67,993 |
88,480 |
93,488 |
6% |
1,07,192 |
15% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
|
जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान हरियाणा ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में हरियाणा को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 9,715 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो उसके अपने कर राजस्व का लगभग 15% है। इसलिए जून 2022 के बाद हरियाणा को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
18,236 |
24,300 |
32,359 |
33% |
32,825 |
1% |
सेल्स टैक्स/वैट |
8,660 |
11,000 |
12,140 |
10% |
14,100 |
16% |
राज्य एक्साइज |
6,864 |
9,200 |
8,710 |
-5% |
12,030 |
38% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,157 |
5,000 |
8,100 |
62% |
9,720 |
20% |
वाहन टैक्स |
2,495 |
3,003 |
3,303 |
10% |
4,450 |
35% |
भूराजस्व |
17 |
25 |
25 |
0% |
48 |
92% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
476 |
345 |
345 |
0% |
545 |
58% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
5,066 |
9,200 |
2,321 |
-75% |
2,400 |
3% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
4,352 |
NA |
NA |
- |
NA |
- |
कुल जीएसटी क्षतिपूर्ति |
9,418 |
9,200 |
2,321 |
-75% |
2,400 |
3% |
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य
हरियाणा के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में हरियाणा को 9,774 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 0.98% है। 2020-21 में राज्य में 22,386 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.95%) का राजस्व घाटा दर्ज किया गया। 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, हरियाणा को 12,523 करोड़ रुपए (जीएसडीपी) का राजस्व घाटा होने का अनुमान है।
15वें वित्त आयोग ने 2021-26 की अवधि के दौरान 17 राज्यों को राजस्व घाटे को समाप्त करने के लिए अनुदान देने का सुझाव दिया है। हरियाणा को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 2021-22 में 132 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। हालांकि 2021-22 के संशोधित अनुमानों में हरियाणा को 165 करोड़ रुपए (बजट अनुमान से 25% की वृद्धि) मिलने का अनुमान है। 2022-23 में राजस्व घाटा अनुदान 658 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि 15वें वित्त आयोग ने सिर्फ 2021-22 में हरियाणा के लिए राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव दिया था। लेकिन हरियाणा ने 2022-23 में राजस्व घाटा अनुदान का बजट रखा है।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा 35,012 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.52%) होने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार पर उपलब्ध कराई जाएगी)। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.54% रहने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी के 4.40% के बजट अनुमान से अधिक है। यह 2021-22 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। बकाया देनदारियां 2019-20 में जीएसडीपी के 24.34% से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 24.52% होने की संभावना है।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हरियाणा के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (हरियाणा सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
- शिक्षा: 2022-23 में हरियाणा ने शिक्षा के लिए बजट का 14.2% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में हरियाणा का आबंटन कम है (2021-22 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: हरियाणा ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.2% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
- कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 4.3% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से कम है।
- ग्रामीण विकास: हरियाणा ने ग्रामीण विकास के लिए 5.0% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से कम है।
- पुलिस: हरियाणा ने पुलिस के लिए कुल 4.6% का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
- सड़क और पुल: हरियाणा ने सड़कों और पुलों के लिए 2.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से कम है।
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नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ), और 2022-23 (बअ) के आंकड़े हरियाणा के हैं।
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
67,970 |
67,993 |
0.0% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
67,614 |
67,561 |
-0.1% |
क. स्वयं कर राजस्व |
29,746 |
41,914 |
41% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
15,428 |
6,961 |
-55% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
8,485 |
6,438 |
-24% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
13,955 |
12,248 |
-12% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
7,000 |
5,066 |
-28% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
356 |
432 |
21% |
3. उधारियां |
44,439 |
53,817 |
21% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
- |
4,352 |
- |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
1,19,752 |
96,742 |
-19% |
4. राजस्व व्यय |
1,05,338 |
89,947 |
-15% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
13,201 |
5,870 |
-56% |
6. ऋण और अग्रिम |
1,213 |
926 |
-24% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
22,592 |
29,498 |
31% |
राजस्व घाटा |
15,374 |
22,386 |
46% |
राजस्व घाटा (जीएसडीपी का %) |
1.64% |
2.95% |
- |
राजकोषीय घाटा |
25,682 |
28,749 |
12% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
2.73% |
3.79% |
- |
नोट: नेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है। बअ: बजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
भूराजस्व |
28 |
17 |
-41% |
सेल्स टैक्स/वैट |
10,702 |
6,864 |
-36% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
7,500 |
5,157 |
-31% |
वाहन टैक्स |
3,616 |
2,495 |
-31% |
एसजीएसटी |
22,350 |
18,236 |
-18% |
राज्य एक्साइज ड्यूटी |
7,500 |
8,660 |
15% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
360 |
476 |
32% |
नोट: बअ: बजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
5,950 |
3,034 |
-49% |
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण |
5,020 |
2,940 |
-41% |
शहरी विकास |
6,549 |
4,181 |
-36% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
20,169 |
14,439 |
-28% |
एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण |
521 |
376 |
-28% |
परिवहन |
5,473 |
3,956 |
-28% |
ग्रामीण विकास |
6,327 |
4,596 |
-27% |
सड़क एवं पुल |
3,008 |
2,187 |
-27% |
आवासन |
197 |
154 |
-22% |
ऊर्जा |
7,437 |
6,315 |
-15% |
पुलिस |
5,580 |
4,779 |
-14% |
जलापूर्ति और सैनिटेशन |
3,576 |
3,174 |
-11% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
6,512 |
5,847 |
-10% |
समाज कल्याण और पोषण |
10,168 |
9,751 |
-4% |
नोट: बअ: बजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।