हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने 8 मार्च, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2022-23 के लिए राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 9,94,195 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (8,95,671 करोड़ रुपए) से 11% अधिक है। 2021-22 में जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 18% बढ़ने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 1,42,204 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 (1,25,223 करोड़ रुपए) के संशोधित अनुमानों से 14% अधिक है। साथ ही राज्य द्वारा 2022-23 में 35,052 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2021-22 में खर्च (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 2% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 1,07,192 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (93,488 करोड़ रुपए) से 15% अधिक है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान (88,480 करोड़ रुपए) से 6% अधिक होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 35,012 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.52%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.54% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 4.40% के बजट अनुमान से कम है।
     
  • 2022-23 के लिए राजस्व घाटा 9,774 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो जीएसडीपी का 0.98% है। बजट स्तर पर अनुमानित जीएसडीपी के 3.29% के राजस्व घाटे की तुलना में 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी के 1.40% के राजस्व घाटे का अनुमान है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबीज़) को सहयोगयूएलबीज़ में इंफ्रास्ट्रक्चरल परियोजनाओं (जैसे सार्वजनिक लाइब्रेरी, और स्पोर्ट्स फेसिलिटीज़) के विकास के लिए दिव्य नगर योजना को शुरू किया जाएगा।
     
  • स्वास्थ्य सेवा: 1.8 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को हर दो वर्षों में एक बार मुफ्त बुनियादी स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी। 
     
  • एमएसएमई क्षेत्र के लिए वैट की प्रतिपूर्तिएमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों को प्राकृतिक गैस (पाइप्ड या कंप्रेस्ड) पर जमा हुए वैट की 50% प्रतिपूर्ति की जाएगी। 

हरियाणा की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: हरियाणा क जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) में 2020-21 में 5.7% की नकारात्मक वृद्धि देखी गई। इसकी तुलना में राष्ट्रीय जीडीपी में 2020-21 में 6.6% की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। 2020-21 में हरियाणा के मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में क्रमशः 9.7% और 5.7% का संकुचन देखा गया।
     
  • क्षेत्र2020-21 में मौजूदा कीमतों पर कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने अर्थव्यवस्था में क्रमशः 21%, 28% और 51% का योगदान दिया।
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी2020-21 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 2,63,649 रुपए थी; 2019-20 में इसी आंकड़े से 3.4% कम (2,72,884 रुपए)। 2020-21 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति जीडीपी (मौजूदा कीमतों पर) राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीडीपी (मौजूदा कीमतों पर 1,46,087 रुपए) से काफी अधिक थी।

रेखाचित्र  1 हरियाणा में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि  

 image

 

नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के लिए समायोजित की गई है।

स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालयपीआरएस। 

2022-23 के लिए बजट अनुमान

  • 2022-23 में 1,42,204 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (1,25,223 करोड़ रुपए) से 14% अधिक है। इस व्यय को 1,07,192 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 20,011 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2022-23 के लिए प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) में 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 15% की वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 6% अधिक रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में राज्य को 9,774 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि उसकी जीएसडीपी का 0.98% है। 2021-22 में राज्य को 12,523 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.40%) का राजस्व घाटा होने की उम्मीद है।
     
  • 2022-23 में जीएसडीपी के 3.52% राजकोषीय घाटे का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 3.54% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।

तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

कुल व्यय

1,26,240

1,55,645

1,53,384

-1%

1,77,256

16%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

29,498

28,161

28,162

0%

35,052

24%

शुद्ध व्यय (E)

96,742

1,27,484

1,25,223

-2%

1,42,204

14%

कुल प्राप्तियां

1,21,810

1,46,794

1,39,988

-5%

1,62,255

16%

(-) उधारियां 

53,817

58,314

46,500

-20%

55,063

18%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

67,993

88,480

93,488

6%

1,07,192

15%

राजकोषीय घाटा (E-R)

28,749

39,004

31,734

-19%

35,012

10%

जीएसडीपी का %

3.79%

4.40%

3.54%

3.52%

राजस्व घाटा

22,386

29,194

12,523

-57%

9,774

-22%

जीएसडीपी का %

2.95%

3.29%

1.40%

0.98%

प्राथमिक घाटा

11,634

19,227

12,344

-36%

14,018

14%

जीएसडीपी का %

1.53%

2.17%

1.38%

1.41%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 

2022-23 में व्यय

  • 2022-23 में राजस्व व्यय 1,16,199 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (1,05,119 करोड़ रुपए) से 11% अधिक है। इस खर्च में वेतनपेंशनब्याज और सब्सिडी का भुगतान शामिल है। वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राजस्व व्यय बजट अनुमान से 10% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में पूंजीगत परिव्यय 22,344 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 51% अधिक है। पूंजीगत परिव्यय में परिसंपत्तियों के सृजन का व्यय शामिल है। इसमें स्कूलअस्पतालों और सड़कों एवं पुलों के निर्माण पर होने वाला खर्च शामिल है। 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय बजट अनुमान से 59% अधिक होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि राज्य केंद्र सरकार से पूंजीगत परिसंपत्ति निर्माण के लिए ऋण के रूप में 1,100 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान लगा रहा है। 2022-23 के केंद्रीय बजट में यह घोषणा की गई थी कि 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रुपए आबंटित किए जाएंगे।

प्रतिबद्ध व्यय

2020-21 (वास्तविक) में हरियाणा का प्रतिबद्ध व्यय 48,750 करोड़ रुपए था जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 72% था। राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान शामिल होते हैं। 

2021-22 बअ में राज्यों ने प्रतिबद्ध व्यय पर अपनी राजस्व प्राप्तियों का कुल 55% हिस्सा खर्च करना तय किया था। हालांकि हरियाणा ने अपनी राजस्व प्राप्तियों का 63% हिस्सा प्रतिबद्ध व्यय पर खर्च करने का अनुमान लगाया है। उल्लेखनीय है कि 2021-22 के संशोधित अनुमानों में हरियाणा ने अपनी राजस्व प्राप्तियों का 58% हिस्सा प्रतिबद्ध व्यय पर खर्च करने का अनुमान लगाया है और 2022-23 में 57% हिस्सा। अगर प्रतिबद्ध व्यय पर ज्यादा खर्चा किया जाता है तो पूंजीगत परिव्यय पर खर्च करने की कम गुंजाइश बनती है। 2020-21 में राज्य का पूंजीगत परिव्यय 5,870 करोड़ रुपए था जोकि बजट अनुमान (13,201 करोड़ रुपए) से 56% कम था।       

तालिका 2: बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राजस्व व्यय

89,947

1,16,927

1,05,119

-10%

1,16,199

11%

पूंजीगत परिव्यय

5,870

9,318

14,772

59%

22,344

51%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

926

1,239

5,331

330%

3,662

-31%

शुद्ध व्यय

96,742

1,27,484

1,25,223

-2%

1,42,204

14%

स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में हरियाणा द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 60,633 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 57% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 27%), पेंशन (20%) और ब्याज भुगतान (11%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक होने का अनुमान है। पेंशन पर खर्च में 19% की वृद्धि और वेतन और ब्याज पर खर्च में क्रमशः 8% और 4% की वृद्धि का अनुमान है।

तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

वेतन

21,923

26,478

23,894

-10%

28,438

19%

पेंशन

9,713

9,200

10,801

17%

11,201

4%

ब्याज 

17,115

19,776

19,390

-2%

20,994

8%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

48,750

55,454

54,084

-2%

60,633

12%

स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान हरियाणा के बजटीय व्यय का 63% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में हरियाणा और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता हैइसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।

तालिका 4हरियाणा बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 वास्तविक

2021-22 बअ

2021-22 संअ

2022-23 बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

14,439

18,891

16,570

19,711

19%

सर्व शिक्षा अभियान के लिए 500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

मिड-डे मील योजना के लिए 321 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

9,751

9,970

10,840

12,098

12%

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत पेंशन के लिए 6,826 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

5,847

7,317

7,284

8,595

18%

शहरी अस्पतालों और दवाखानों को बढ़ाने के लिए 883 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

52 करोड़ रुपए राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के लिए आबंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

4,181

5,155

7,345

7,990

9%

शहरी विकास पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 4,555 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ऊर्जा

6,315

7,162

7,821

7,190

-8%

बिजली परियोजनाओं पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 768 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

घरेलू उपभोक्ताओं को सबसिडीयुक्त टैरिफ के लिए 483 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ग्रामीण विकास

4,596

6,017

3,752

6,867

83%

श्रमजीवी ग्राम स्वरोजगार योजना के लिए 105 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

परिवहन

3,956

5,161

6,494

6,533

1%

सड़क एवं पुलों पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 2,040 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

4,779

5,768

5,955

6,377

7%

जिला पुलिस के लिए 4,641 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सिंचाई एवं बाढ नियंत्रण

2,940

5,162

4,118

6,204

51%

मुख्य सिंचाई पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 1,879 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

3,034

4,386

6,734

6,026

-11%

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 600 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

62%

59%

64%

63%

 

स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 में प्राप्तियां

  • 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 1,06,425 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 15अधिक है। इसमें से 85,993 करोड़ रुपए (81%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों (कर और गैर-कर राजस्व) के माध्यम से जुटाए जाएंगे और 20,492 करोड़ रुपए (19%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 8%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 11%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
     
  • हस्तांतरण2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 8,926 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 3% अधिक है।
     
  • राज्य का स्वयं कर राजस्व2022-23 में राज्य का कुल स्वयं कर राजस्व 73,728 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राज्य का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 5.5% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 7.4% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। 2021-22 में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर को जीएसडीपी के 6.0के बजट अनुमान की तुलना में जीएसडीपी के 7.3पर संशोधित किया गया है।
     
  • राज्य का गैर कर राजस्व2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 12,205 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 32% अधिक है। 2021-22 में राज्य के गैर कर राजस्व में बजट अनुमानों से 15की गिरावट दर्ज होने का अनुमान है।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य के स्वयं कर

41,914

52,888

64,992

23%

73,728

13%

राज्य के स्वयं गैर कर

6,961

10,851

9,227

-15%

12,205

32%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

6,438

7,275

8,683

19%

8,926

3%

केंद्र से सहायतानुदान

12,248

16,720

9,695

-42%

11,566

19%

राजस्व प्राप्तियां

67,561

87,733

92,596

6%

1,06,425

15%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

432

747

893

19%

767

-14%

शुद्ध प्राप्तियां

67,993

88,480

93,488

6%

1,07,192

15%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।  
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

  • 2022-23 में अनुमान है कि एसजीएसटी स्वयं कर राजस्व (45%) का सबसे बड़ा स्रोत होगा। 2022-23 में एसजीएसटी राजस्व 32,825 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 1% अधिक है। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में एसजीएसटी राजस्व बजट अनुमान से 33% अधिक रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में राज्य एक्साइज से राजस्व में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 38% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2022-23 में एसजीएसटी और सेल्स टैक्स/वैट के बाद राज्य एक्साइज स्वयं कर राजस्व का तीसरा सबसे बड़ा (16%) स्रोत है। 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2022-23 में सेल्स टैक्स/वैट में 16% की वृद्धि होने का अनुमान है।  

जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति

जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान हरियाणा ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में हरियाणा को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 9,715 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो उसके अपने कर राजस्व का लगभग 15% है। इसलिए जून 2022 के बाद हरियाणा को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है।

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य जीएसटी

18,236

24,300

32,359

33%

32,825

1%

सेल्स टैक्स/वैट

8,660

11,000

12,140

10%

14,100

16%

राज्य एक्साइज

6,864

9,200

8,710

-5%

12,030

38%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

5,157

5,000

8,100

62%

9,720

20%

वाहन टैक्स

2,495

3,003

3,303

10%

4,450

35%

भूराजस्व

17

25

25

0%

48

92%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

476

345

345

0%

545

58%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

5,066

9,200

2,321

-75%

2,400

3%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

4,352

NA

NA

-

NA

-

कुल जीएसटी क्षतिपूर्ति 

9,418

9,200

2,321

-75%

2,400

3%

स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य

हरियाणा के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है। 

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में हरियाणा को 9,774 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 0.98% है। 2020-21 में राज्य में 22,386 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.95%) का राजस्व घाटा दर्ज किया गया। 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसारहरियाणा को 12,523 करोड़ रुपए (जीएसडीपी) का राजस्व घाटा होने का अनुमान है।

15वें वित्त आयोग ने 2021-26 की अवधि के दौरान 17 राज्यों को राजस्व घाटे को समाप्त करने के लिए अनुदान देने का सुझाव दिया है। हरियाणा को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 2021-22 में 132 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। हालांकि 2021-22 के संशोधित अनुमानों में हरियाणा को 165 करोड़ रुपए (बजट अनुमान से 25% की वृद्धि) मिलने का अनुमान है। 2022-23 में राजस्व घाटा अनुदान 658 करोड़ रुप होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि 15वें वित्त आयोग ने सिर्फ 2021-22 में हरियाणा के लिए राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव दिया था। लेकिन हरियाणा ने 2022-23 में राजस्व घाटा अनुदान का बजट रखा है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा 35,012 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.52%) होने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार पर उपलब्ध कराई जाएगी)। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.54% रहने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी के 4.40% के बजट अनुमान से अधिक है। यह 2021-22 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)।

बकाया देनदारियांवित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। बकाया देनदारियां 2019-20 में जीएसडीपी के 24.34% से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 24.52% होने की संभावना है।   

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %) 

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है।  
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। 
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

 

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हरियाणा के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 30 राज्यों (हरियाणा सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: 2022-23 में हरियाणा ने शिक्षा के लिए बजट का 14.2% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में हरियाणा का आबंटन कम है (2021-22 बजट अनुमान)।
  • स्वास्थ्य: हरियाणा ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.2% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
  • कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 4.3% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से कम है। 
  • ग्रामीण विकास: हरियाणा ने ग्रामीण विकास के लिए 5.0% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से कम है।
  • पुलिस: हरियाणा ने पुलिस के लिए कुल 4.6का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
  • सड़क और पुल: हरियाणा ने सड़कों और पुलों के लिए 2.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से कम है। 

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ)और 2022-23 (बअ) के आंकड़े हरियाणा के हैं। 
स्रोत: हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स
 2022-23; विभिन्न राज्य बजटपीआरएस। 

अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का 

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

67,970

67,993

0.0%

1.     राजस्व प्राप्तियां (+++)

67,614

67,561

-0.1%

.  स्वयं कर राजस्व

29,746

41,914

41%

.  स्वयं गैर कर राजस्व

15,428

6,961

-55%

.  केंद्रीय करों में हिस्सा

8,485

6,438

-24%

.  केंद्र से सहायतानुदान

13,955

12,248

-12%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

7,000

5,066

-28%

2.     गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

356

432

21%

3.  उधारियां

44,439

53,817

21%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

4,352

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

1,19,752

96,742

-19%

4.     राजस्व व्यय

1,05,338

89,947

-15%

5.  पूंजीगत परिव्यय

13,201

5,870

-56%

6.     ऋण और अग्रिम

1,213

926

-24%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

22,592

29,498

31%

राजस्व घाटा

15,374

22,386

46%

राजस्व घाटा (जीएसडीपी का %)

1.64%

2.95%

-

राजकोषीय घाटा

25,682

28,749

12%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

2.73%

3.79%

-

नोटनेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है। बअबजट अनुमान
स्रोतविभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

भूराजस्व

28

17

-41%

सेल्स टैक्स/वैट

10,702

6,864

-36%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

7,500

5,157

-31%

वाहन टैक्स

3,616

2,495

-31%

एसजीएसटी

22,350

18,236

-18%

राज्य एक्साइज ड्यूटी

7,500

8,660

15%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

360

476

32%

नोट: बअबजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

कृषि और संबंधित गतिविधियां

5,950

3,034

-49%

सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण

5,020

2,940

-41%

शहरी विकास

6,549

4,181

-36%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

20,169

14,439

-28%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

521

376

-28%

परिवहन

5,473

3,956

-28%

ग्रामीण विकास

6,327

4,596

-27%

सड़क एवं पुल

3,008

2,187

-27%

आवासन

197

154

-22%

ऊर्जा

7,437

6,315

-15%

पुलिस

5,580

4,779

-14%

जलापूर्ति और सैनिटेशन

3,576

3,174

-11%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

6,512

5,847

-10%

समाज कल्याण और पोषण

10,168

9,751

-4%

नोट: बअबजट अनुमान
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स
; पीआरएस।

[1]  30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

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