उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 7 फरवरी, 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2019-20 के लिए उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (मौजूदा मूल्यों पर) 15,79,807 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 7% अधिक है।
     
  • 2019-20 के लिए कुल व्यय 4,79,701 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 6.7% अधिक है। 2018-19 में बजटीय अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमानों में 21,189 करोड़ रुपए की वृद्धि (4.9%) का अनुमान है।
     
  • 2019-20 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 3,97,416 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 3.2% अधिक है। 2018-19 में कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 31,402 करोड़ रुपए अधिक थीं (8.9%)।
     
  • अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व अधिशेष 27,777 करोड़ रुपए या सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 1.76% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 46,911 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.97%) पर लक्षित है।
     
  • पुलिस (44%), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (19%), सामजिक कल्याण एवं पोषण (16%) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (15%) के आबंटनों में पिछले वर्ष की तुलना में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • शराब की बिक्री पर सेस: शराब की बिक्री पर सेस वसूला जाएगा, जिससे 165 करोड़ रुपए के राजस्व का अनुमान है। इसे आवारा मवेशियों के चारे पर खर्च किया जाएगा।
     
  • ग्रामीण विकास: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए 6,240 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण जीविकोपार्जन मिशन के लिए 3,488 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 2,954 करोड़ रुपए का आबंटन राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के लिए किया गया है।
     
  • महिला एवं बाल विकास: बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा में सुधार के लिए कन्या सुमंगला योजना नामक नई योजना की घोषणा की गई है। इसके लिए 1,200 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।
     
  • शिक्षा: प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए 500 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। संस्कृत माध्यम वाले स्कूलों के लिए 272 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। 4,433 करोड़ रुपए समाज के गरीब तबके के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने के लिए आबंटित किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था

·   अर्थव्यवस्था: 2011-16 की अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) में 10% की दर से वृद्धि हुई।

·   क्षेत्र: 2016-17 में सकल राज्य मूल्य संवर्धन (जीएसवीए) में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 27%, 26% और 47% का योगदान दिया। इस वर्षावधि में इन क्षेत्रों में क्रमशः 9%, 11%,और 9% की दर से वृद्धि हुई।

·   प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2016-17 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) 57,480 रुपए थी। 2015-16 की तुलना में प्रति व्यक्ति जीएसडीपी 8% अधिक थी, जब प्रति व्यक्ति जीएसडीपी 53,085 रुपए थी।

रेखाचित्र 1: जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों का विकास (वर्ष दर वर्ष)

Note: As per CSO, agriculture here includes mining and quarrying.

Sources: Central Statistics Office, MOSPI, data as of August 2018; PRS.

2019-20 के लिए बजट अनुमान

  • 2019-20 में 4,79,701 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 6.7% अधिक है। इस व्यय को 3,97,416 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 73,268 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 की कुल प्राप्तियों के (उधारियों के अतिरिक्त) 3.2% अधिक होने की उम्मीद है।
     
  • संशोधित अनुमान के अनुसार 2018-19 में व्यय बजटीय अनुमानों से 21,189 करोड़ रुपए अधिक होने (4.9%) का अनुमान है। प्राप्तियां (उधारियों के अतिरिक्त) भी बजटीय अनुमान से 31,402 करोड़ रुपए अधिक होने (8.9%).का अनुमान है।

तालिका 1: बजट 2019-20 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

3,21,823

4,28,385

4,49,573

4.9%

4,79,701

6.7%

. उधारियां

2,79,011

3,53,784

3,85,187

8.9%

3,97,416

3.2%

. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

47,417

67,115

54,338

-19.0%

73,268

34.8%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

3,26,428

4,20,899

4,39,525

4.4%

4,70,684

7.1%

राजस्व अधिशेष

12,552

27,099

47,248

74.4%

27,777

-41.2%

जीएसडीपी के % के रूप में

0.91%

1.82%

3.20%

 

1.76%

 

राजस्व घाटा

27,810

44,053

43,840

-0.5%

46,911

7.0%

जीएसडीपी के % के रूप में

2.02%

2.96%

2.97%

 

2.97%

 

प्राथमिक घाटा

-1,326

11,620

11,969

3.0%

11,537

-3.6%

जीएसडीपी के % के रूप में

-0.10%

0.78%

0.81%

 

0.73%

 

Notes:  ‘-’ sign against primary surplus indicates primary deficitBE is Budget Estimate; RE is Revised EstimateGSDP for 2019-20 is Rs 15,79,807 croreGSDP for 2018-19 BE and 2018-19 RE is taken to be Rs 14,88,934 crore, and Rs 14,76,455 crore respectively

Sources:  Uttar Pradesh Budget Documents 2019-20; PRS.

2019-20 में व्यय

  • 2019-20 में पूंजीगत व्यय 1,15,744 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान से 0.9% की गिरावट है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
  • 2019-20 में पूंजीगत परिव्यय 77,641 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 12.3% की गिरावट है। हालांकि 2018-19 के बजटीय अनुमानों के तुलना में संशोधित अनुमान में 19.2% की वृद्धि का अनुमान है।
  • 2019-20 के लिए 3,63,957 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 4% की वृद्धि है। इस व्यय में वेतन का भुगतान, पेंशन और ब्याज इत्यादि शामिल हैं। 2019-20 में प्रस्तावित कुल व्यय में राजस्व व्यय का हिस्सा 76% है।

तालिका 2: बजट 2019-20 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

पूंजीगत व्यय

55,599

1,06,864

1,16,799

9.3%

1,15,744

-0.9%

जिसमें पूंजीगत परिव्यय

39,088

74,244

88,528

19.2%

77,641

-12.3%

राजस्व व्यय

2,66,224

3,21,520

3,32,774

3.5%

3,63,957

9.4%

कुल व्यय

3,21,823

4,28,385

4,49,573

4.9%

4,79,701

6.7%

क. ऋण पुनर्भुगतान

15,002

30,547

20,547

-32.7%

35,374

72.2%

ख. ब्याज भुगतान

29,136

32,434

31,871

-1.7%

35,374

11.0%

ऋण चुकौती (क+ख)

44,138

62,980

52,417

-16.8%

70,748

35.0%

Note: Capital outlay denotes expenditure which leads to creation of assets.

Sources: Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

2019-20 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2019-20 के दौरान उत्तर प्रदेश के बजटीय व्यय का 60% हिस्सा निम्नलिखित विभागों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक में प्रस्तुत है।

तालिका 3 : उत्तर प्रदेश बजट 2019-20 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का%

2019-20 के बजटीय प्रावधान

शिक्षा

47,079

57,234

57,607

62,938

9%

·    मिड-डे मील योजना के लिए 2,275 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

·    राज्य के इंटर कॉलेजों की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति, स्वच्छता, आवास और शहरी विकास

14,080

27,845

28,061

33,374

7%

·    कानपुर औऱ आगरा मेट्रो रेल, प्रत्येक के लिए 175 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

·    प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी के लिए 5,156 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·   अमृत और स्मार्ट सिटीज मिशन्स के लिए क्रमशः 2,200 करोड़ और 2,000 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ग्रामीण विकास

19,399

23,487

35,222

30,277

6%

·    प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए 6,240 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·    मनरेगा के लिए 3,488 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

परिवहन

12,450

24,974

28,049

27,661

6%

·    जेवर हवाई अड्डे के लिए 800 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ऊर्जा

15,474

25,890

32,166

26,503

-18%

·    प्रस्तावित ब्याज भुगतान में 4,213 करोड़ रुपए का प्रस्तावित व्यय शामिल है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण

16,904

21,645

20,735

23,884

15%

·    आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण मिशन के लिए 1,298 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

·    कुछ जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 908 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

14,569

16,548

16,427

23,619

44%

·    पुलिस आवास के लिए 70 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·    पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 204 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

समाज कल्याण और पोषण

11,225

18,020

18,962

21,937

16%

·    समाज के गरीब तबके के विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप्स के लिए 4,433 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण

10,088

15,974

15,685

18,690

19%

·    मध्य गंगा नहर परियोजना के दूसरे चरण के लिए 1,727 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

कृषि और संबद्ध गतिविधियां

28,880

13,868

15,278

12,333

-19%

·    राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 892 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

·    राष्ट्रीय फसल बीमा कार्यक्रम के लिए 450 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।  

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कल्याण

4,962

5,855

6,056

6,552

8%

·    अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों के लिए 942 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

कुल व्यय का %

60.6%

58.7%

61.0%

60.0%

   

SourcesUttar Pradesh Budget Speech 2019-20; Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; Uttar Pradesh Demand for Grants 2019-20; PRS.

2019-20 में प्राप्तियां

  • 2019-20 के लिए 3,91,734 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमानों से 3.1% अधिक है। इनमें से 1,70,809 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 44%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाया जाएगा। 2,20,925 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 56%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में स्वयं कर राजस्व और केंद्रीय हस्तांतरणों के क्रमशः 5% और 2% अधिक होने का अनुमान है।
  • केंद्रीय हस्तांतरण: 2019-20 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी से प्राप्त राजस्व में पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 8% की वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में सहायतानुदान के रूप में राजस्व में 9.7% की गिरावट का अनुमान है जोकि 68,062 करोड़ रुपए है।
  • गैर कर राजस्व: उत्तर प्रदेश द्वारा 2019-20 में गैर कर राजस्व से 30,633 करोड़ रुपए उगाहने का अनुमान है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 6.3% अधिक है। 2019-20 में कुल अनुमानित राजस्व में गैर कर राजस्व का हिस्सा 7% है। गैर कर स्रोतों में ब्याज प्राप्तियां, लाभांश, शुल्क और रॉयल्टीज़ इत्यादि शामिल हैं।

तालिका 4 : 2019-20 में राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

राज्य के अपने कर

97,393

1,22,700

1,34,300

9.5%

1,40,176

4.4%

राज्य के अपने गैर कर

19,795

28,822

28,822

0.0%

30,633

6.3%

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी

1,20,939

1,33,548

1,41,540

6.0%

1,52,863

8.0%

केंद्र से सहायतानुदान

40,648

63,549

75,360

18.6%

68,062

-9.7%

कुल राजस्व प्राप्तियां

2,78,775

3,48,619

3,80,022

9.0%

3,91,734

3.1%

उधारियां

47,417

67,115

54,338

-19.0%

73,268

34.8%

अन्य प्राप्तियां

236

5,165

5,165

0.0%

5,682

10.0%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

47,652

72,280

59,504

-17.7%

78,950

32.7%

कुल प्राप्तियां

3,26,428

4,20,899

4,39,525

4.4%

4,70,684

7.1%

Sources: Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; Uttar Pradesh Detailed Receipts Estimates 2019-20; PRS.

जीएसटी राजस्व

2019-20 में उत्तर प्रदेश का कुल जीएसटी राजस्व (केंद्रीय हस्तांतरण सहित) 1,10,072 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 3% अधिक है। राज्य की राजस्व प्राप्तियों में इसकी हिस्सेदारी 28% है। जीएसटी राजस्व में एकीकृत जीएसटी शामिल है जिसके 2019-20 में 4,703 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। 

  • कर राजस्व: 2019-20 में उत्तर प्रदेश को 1,40,176 करोड़ रुपए का कुल स्वयं कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है (अपने राजस्व प्राप्तियां का 36%)। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 4.4% अधिक है।
  • 2019-20 में स्वयं कर-जीएसडीपी अनुपात 9% पर लक्षित है जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान के बराबर है। इसका अर्थ यह है कि करों के एकत्रण में होने वाली वृद्धि अर्थव्यवस्था की वृद्धि (जीएसडीपी की वृद्धि 7% अनुमानित है) से अधिक है।

रेखाचित्र 2: 2019-20 में राज्य के कर राजस्व का संघटन (बअ)

Sources: Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; Uttar Pradesh Detailed Receipts Estimates 2019-20; PRS.

·   राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) राज्य के कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा होता है। 2019-20 में इससे 52,980 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। 2018-19 के संशोधित अनुमान से इसमें 2% की गिरावट है।

·   2019-20 में उत्तर प्रदेश को राज्य को एक्साइज टैक्स की वसूली से 31,517 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 26% अधिक है।

·   राज्य को सेल्स टैक्स से 24,660 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों से इसमें 2% की वृद्धि है। स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क से 19,179 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है। कर राजस्व के इस घटक में 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2% की गिरावट हुई है।

2019-20 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2004 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

बजट अनुमानों में 2019-20 में 27,777 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 1.76% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। राज्य ने 14वें वित्त आयोग के निर्देशानुसार राजस्व घाटे को समाप्त कर दिया है। 2020-21 और 2021-22 में राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। राजस्व अधिशेष का अर्थ यह है कि राज्य: (i) पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन कर सकता है, या (ii) अपनी बकाया देनदारियां चुका सकता है।  

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा।

2019-20 में 27,777 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 1.76% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। राजस्व अधिशेष का अर्थ यह है कि राज्य के राजस्व किसी एक वर्ष में उसकी व्यय संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। अनुमान संकेत देते हैं कि राज्य ने राजस्व घाटे को समाप्त कर दिया है, जैसा कि 14 वें वित्त आयोग में विनिर्दिष्ट किया गया है। राज्य ने 2020-21 और 2021-22 में राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है।

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2019-20 में 46,911 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 2.97% के बराबर है। 14 वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा से यह अनुमान कम है। 2017-18 का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.02% है जोकि 3% की सीमा के भीतर है

बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की राज्य की उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2019-20 में बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 30% के बराबर होने का अनुमान है।

तालिका 5 : 2019-20 में उत्तर प्रदेश के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)

 

राजस्व

राजकोषीय

बकाया देनदारियां

घाटा (-)/अधिशेष (+)

घाटा (-)/अधिशेष (+)

2017-18

0.9%

-2.0%

29.6%

2018-19 (संअ)

3.2%

-3.0%

30.0%

2019-20 (बअ)

1.8%

-3.0%

30.0%

2020-21

2.3%

-3.0%

30.0%

2021-22

2.7%

-2.7%

29.5%

Sources: Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

रेखाचित्र 3 और 4 में 2017-18 से 2021-22 के दौरान घाटे और बकाया देनदारियों के रुझान प्रदर्शित हैं:

रेखाचित्र 3: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)  

Sources: Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

रेखाचित्र  4:  बकाया देनदारियां (जीएसडीपी का %)

Sources: Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

अनुलग्नक

निम्नलिखित तालिकाओं में कुछ मुख्य क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना अन्य राज्यों के व्यय से की गई है (2018-19 के बजटीय अनुमानों का प्रयोग करते हुए)।[1]

  • शिक्षा: 2019-20 में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के लिए 14.3% का आबंटन किया है। 2018-19 में अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी राशि का आबंटन किया गया (15.9%), उसकी तुलना में उत्तर प्रदेश का आबंटन कम है।
  • स्वास्थ्य: उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 5.4% का आबंटन किया है। 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत आबंटन (2%) से यह अधिक है।
  • कृषि और संबद्ध गतिविधियां: राज्य ने 2019-20 में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए 2.8% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के आबंटनों (6.4%) से कम है।
  • ग्रामीण विकास: 2019-20 में उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 6.9% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कुछ अधिक है।
  • सड़क और पुल: 2019-20 में उत्तर प्रदेश ने सड़क और पुलों के लिए 5.7% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (4.3%) से अधिक है।
  • पुलिस: 2019-20 में उत्तर प्रदेश ने पुलिस के लिए 5.3% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (3.9%) से अधिक है।

Sources: Uttar Pradesh Annual Financial Statement 2019-20; Annual Financial Statement 2018-19 of respective states; PRS.

 

[1] The 26 other states include all states except Arunachal Pradesh, Manipur, and Meghalaya.  It also includes the Union Territory of Delhi.

 

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