छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 मार्च, 2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक 3 में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
बजट के मुख्य अंश
- 2021-22 के लिए छत्तीसगढ़ का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 3,83,098 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 5% की वार्षिक वृद्धि है, और यह 2020-21 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान से 9.4% अधिक है (3,50,270 करोड़ रुपए)। 2020-21 में जीएसडीपी के बजट अनुमान से 3.2% कम होने की उम्मीद है। इसकी तुलना में भारत की नॉमिनल जीडीपी के 2020-21 में 13% संकुचित होने और 2021-22 में 14.4% बढ़ने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए कुल व्यय 1,02,483 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है।
- 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 79,645 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 15,488 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (18% की गिरावट)।
- 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 3,702 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि जीएसडीपी का 0.97% है। 2020-21 में संशोधित आंकड़ों के अनुसार 12,304 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 3.51%), जबकि बजटीय चरण में 2,431 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.67%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया था।
- 2021-22 में राजकोषीय घाटा 17,461 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 4.56%)। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटे के जीएसडीपी के 6.52% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 3.18% के बजट अनुमान से अधिक है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- नवीन न्याय योजना: राजीव किसान न्याय योजना के लाभों को भूमिहीन मजदूरों तक पहुंचाने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी।
- कौशल्या मातृत्व योजना: महिलाओं में पोषण के स्तर को सुधारने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। दूसरी बार कन्या के जन्म पर माताओं को 5,000 रुपए दिए जाएंगे।
- किसानों के लिए पक्की सड़क बनाने हेतु मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना की शुरुआत की जाएगी।
- राज्य के स्थानीय कृषि उत्पादों, वन उत्पादों और खाद्य उत्पादों की मार्केटिंग के लिए सी-मार्ट स्टोर्स बनाए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1: छत्तीसगढ़ में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) पर आधारित हैं जिसका यह अर्थ है कि वृद्धि दर को मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित किया गया है। कृषि में खनन शामिल है। Sources: MOSPI; Chhattisgarh Economic Survey 2020-21 |
2021-22 के लिए बजट अनुमान
- 2021-22 में 1,02,483 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। इसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 79,645 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 18,776 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 11% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
- 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 4% कम होने का अनुमान है। 2020-21 में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट से संशोधित चरण में 18% कम होने का अनुमान है। दूसरी तरफ 2020-21 में उधारियों के बजट से संशोधित चरण में 41% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए राज्य ने 3,702 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 0.97%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 12,304 करोड़ रुपए अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में 2,431 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष अनुमानित था। 2021-22 में 17,461 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.56%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 6.52% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 3.18% अनुमानित था।
तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
कुल व्यय |
90,795 |
1,00,491 |
96,323 |
-4% |
1,02,483 |
6% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
64,130 |
84,131 |
68,644 |
-18% |
79,645 |
11% |
ख. उधारियां |
19,588 |
15,701 |
22,069 |
41% |
18,776 |
-2% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
83,718 |
99,833 |
90,713 |
-9% |
98,422 |
8% |
राजस्व संतुलन |
- 9,609 |
2,431 |
-12,304 |
-606% |
-3,702 |
-38% |
जीएसडीपी का % |
-2.79% |
0.67% |
-3.51% |
-0.97% |
||
राजकोषीय संतुलन |
-17,970 |
-11,518 |
-22,838 |
98% |
-17,461 |
-1% |
जीएसडीपी का % |
-5.21% |
-3.18% |
-6.52% |
-4.56% |
||
प्राथमिक संतुलन |
-12,999 |
-5,678 |
-16,597 |
192% |
-10,990 |
-8% |
जीएसडीपी का % |
-3.77% |
-1.57% |
-4.74% |
-2.87% |
6% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। राजस्व संतुलन, राजकोषीय संतुलन और प्राथमिक संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में व्यय
पूंजीगत परिव्यय 2021-21 के लिए छत्तीसगढ़ का पूंजीगत परिव्यय 13,839 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 27% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय के संशोधित अनुमान 10,681 करोड़ रुपए हैं जोकि बजट अनुमान से 23% कम हैं। इसमें परिवहन और सिंचाई के लिए पूंजीगत परिव्यय में क्रमशः 1,279 करोड़ रुपए और 816 करोड़ रुपए की कटौती शामिल है। इन सबको मिलाकर पूंजीगत परिव्यय में 67% की कटौती हुई है। |
- 2021-22 में पूंजीगत व्यय 19,455 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2021-22 के लिए 83,028 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में राजस्व व्यय के बजट अनुमान से 1% कम होने का अनुमान है।
- 2021-22 में ऋण चुकाने पर 11,847 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में ऋण चुकौती के लिए संशोधित अनुमान, बजट अनुमान की तुलना में 3.7% कम हैं।
तालिका 2: बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
पूंजीगत व्यय |
17,318 |
19,091 |
15,676 |
-18% |
19,455 |
6% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
8,566 |
13,814 |
10,681 |
-23% |
13,839 |
27% |
राजस्व व्यय |
73,477 |
81,400 |
80,647 |
-1% |
83,028 |
6% |
कुल व्यय |
90,795 |
1,00,491 |
96,323 |
-4% |
1,02,483 |
6% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
8,695 |
4,841 |
4,841 |
0% |
5,376 |
-21% |
ख. ब्याज भुगतान |
4,970 |
5,841 |
6,241 |
7% |
6,471 |
14% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
13,665 |
10,682 |
11,082 |
3.7% |
11,847 |
-7% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2021-22 के दौरान छत्तीसगढ़ के बजटीय व्यय का 73% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 3: छत्तीसगढ़ बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बअ |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
वार्षिक परिवर्तन |
बजटीय प्रावधान 2021-22 |
शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति |
16,298 |
18,719 |
17,699 |
18,394 |
6% |
|
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
15,293 |
15,804 |
15,378 |
16,640 |
4% |
|
परिवहन |
4,962 |
6,583 |
4,882 |
6,818 |
17% |
|
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
4,671 |
5,712 |
6,521 |
5,902 |
12% |
|
पुलिस |
4,170 |
4,841 |
4,470 |
4,958 |
9% |
|
ग्रामीण विकास |
4,867 |
4,887 |
5,056 |
4,727 |
-1% |
|
बिजली |
5,265 |
5,130 |
5,185 |
4,666 |
-6% |
|
समाज कल्याण एवं पोषण |
3,058 |
3,790 |
3,926 |
3,801 |
11% |
|
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,709 |
2,846 |
1,984 |
2,642 |
24% |
|
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,851 |
2,651 |
2,476 |
2,618 |
19% |
|
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
76% |
75% |
74% |
73% |
|
|
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है। 2021-22 में छत्तीसगढ़ द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 39,192 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 49% है। इसमें 2019-20 की तुलना में 9% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 33%), पेंशन (8%) और ब्याज भुगतान (8%) पर व्यय शामिल हैं। 2020-21 में वेतन भुगतान में 6% की गिरावट और पेंशन भुगतान में 6% की वृद्धि हुई। राज्य ने अपनी लगभग 50% राजस्व प्राप्तियों को प्रतिबद्ध देनदारियों पर खर्च किया।
तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
वेतन |
21,624 |
25,897 |
24,439 |
-6% |
26,140 |
10% |
पेंशन |
6,611 |
6,300 |
6,678 |
6% |
6,581 |
0% |
ब्याज भुगतान |
4,970 |
5,841 |
6,241 |
7% |
6,471 |
14% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
33,205 |
38,038 |
37,358 |
-2% |
39,192 |
9% |
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS
2021-22 में प्राप्तियां
- 2021-22 के लिए 79,325 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें 35,000 करोड़ रुपए (44%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 44,325 करोड़ रुपए (56%) केंद्रीय हस्तांतरण होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 29%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 27%) से मिलेगी।
- हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि केंद्रीय बजट 2021-22 के अनुमानों के अनुसार, केंद्रीय करों में राज्य को बजटीय चरण की तुलना में 30% कम हिस्सा मिलने का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया।
- राज्य का स्वयं कर राजस्व: 2021-22 में राज्य का कुल स्वयं कर राजस्व 25,750 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 में वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, राज्य का स्वयं कर राजस्व बजटीय अनुमान से 14% कम होने का अनुमान है। 2020-21 में राज्य का स्वयं कर जीडीपी अनुपात 6.7% पर लक्षित है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से 6.4% अधिक है। इसका अर्थ यह है कि राज्य की स्वयं कर वृद्धि आर्थिक वृद्धि से अधिक है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
राज्य के स्वयं कर |
22,118 |
26,155 |
22,550 |
-14% |
25,750 |
8% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
7,934 |
9,215 |
8,495 |
-8% |
9,250 |
8% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
20,206 |
26,803 |
18,799 |
-30% |
22,675 |
6% |
केंद्र से सहायतानुदान |
13,611 |
21,658 |
18,500 |
-15% |
21,650 |
26% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
63,869 |
83,831 |
68,344 |
-18% |
79,325 |
11% |
उधारियां |
19,588 |
15,701 |
22,069 |
41% |
18,776 |
-2% |
अन्य प्राप्तियां |
261 |
300 |
300 |
0% |
320 |
11% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
19,849 |
16,001 |
22,369 |
40% |
19,096 |
-2% |
कुल प्राप्तियां |
83,718 |
99,833 |
90,713 |
-9% |
98,422 |
8% |
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS
जीएसटी क्षतिपूर्ति जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, छत्तीसगढ़ को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 1,500 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 51% की गिरावट है। 2021-22 में राज्य को 6,500 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की उम्मीद है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से 334% अधिक हैं। इसका अर्थ यह है कि राज्य अपेक्षित राजस्व वृद्धि हासिल नहीं कर पाएगा। |
- 2021-22 में एसजीएसटी 9,338 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (36%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 9% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 28% कम होने का अनुमान है।
- 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 5,500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 के मुकाबले 5% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में राज्य का एक्साइज कलेक्शन उसके बजट अनुमान से 4% कम होने का अनुमान है।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का % |
राज्य का स्वयं कर राजस्व |
22,118 |
26,155 |
22,550 |
-14% |
25,750 |
7.9% |
44% |
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) |
7,895 |
10,701 |
7,754 |
-28% |
9,338 |
9% |
12% |
राज्य एक्साइज |
4,952 |
5,200 |
5,000 |
-4% |
5,500 |
5% |
7% |
सेल्स टैक्स/वैट |
3,931 |
4,145 |
3,741 |
-10% |
4,357 |
5% |
5% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
1,837 |
2,200 |
2,350 |
7% |
2,450 |
15% |
3% |
वाहन टैक्स |
1,275 |
1,600 |
1,400 |
-13% |
1,600 |
12% |
2% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,635 |
1,705 |
1,500 |
-12% |
1,650 |
0% |
2% |
भूराजस्व |
552 |
600 |
800 |
33% |
850 |
24% |
1% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
3,081 |
2,938 |
1,500 |
-49% |
6,500 |
45% |
8% |
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
छत्तीसगढ़ के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं 15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i) 2021-22 में 4% (ii) 2022-23 में 3.5%, और (iii) 2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से छत्तीसगढ़ की कुल देनदारियां 2020-21 में जीएसडीपी के 28.1% से बढ़कर 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 31.6% हो जाएंगी। अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी। |
राजस्व घाटा: राजस्व घाटा तब होता है जब राजस्व व्यय, प्राप्तियों से अधिक होता है। राजस्व घाटे का अर्थ यह है कि सरकार को व्यय को पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत पड़ेगी जिससे न तो उसके एसेट्स बढ़ेंगे और न ही देनदारियां कम होंगी। राजस्व घाटे का यह अर्थ भी है कि राज्य की राजस्व प्राप्तियां, व्यय की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। 2021-22 में बजट में 3,702 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है (या जीएसडीपी का 0.97%)। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में छत्तीगढ़ के लिए राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव नहीं दिया है।
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2021-22 में 17,461 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.56%)। यह अनुमान एफआरबीएम एक्ट की 3% की निर्धारित सीमा से अधिक है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.52% होने की उम्मीद है जोकि 3.18% के बजट अनुमान से अधिक है।
2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 28.3% के बराबर होने का अनुमान है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से अधिक है (जीएसडीपी का 27.7%)। बकाया देनदारियों के 2019-20 में 22.8% से बढ़कर 2021-22 में जीएसडीपी का 28.3% होने का अनुमान है।
तालिका 7: छत्तीसगढ़ के लिए घाटे के बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व संतुलन |
राजकोषीय संतुलन |
बकाया ऋण |
2019-20 (वास्तविक) |
-2.8% |
-5.2% |
22.8% |
2020-21 (संशोधित) |
-3.5% |
-6.5% |
27.7% |
2021-22 (बजटीय) |
-1.0% |
-4.6% |
28.3% |
2022-23 |
- |
-4.0% |
23.0% |
2023-24 |
- |
-3.0% |
24.0% |
नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। राजस्व संतुलन, राजकोषीय संतुलन और प्राथमिक संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष को दर्शाते हैं। RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS. |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS. |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में छत्तीसगढ़ के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (छत्तीसगढ़ सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]
- शिक्षा: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के लिए बजट का 19% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में छत्तीसगढ़ का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.1% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) से यह ज्यादा है।
- कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 17.2% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से करीब तीन गुना ज्यादा है।
- ग्रामीण विकास: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने ग्रामीण विकास के लिए 4.9% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
- पुलिस: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने पुलिस के लिए 5.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) से ज्यादा है।
- सड़क और पुल: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने सड़कों और पुलों के लिए 7% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से काफी ज्यादा है।
नोट: 2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ), and 2021-22 (बअ) के आंकड़े छत्तीसगढ़ के हैं।
Sources: Chhattisgarh Budget in Brief 2021-22; various state budgets; PRS.
अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव
15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41% हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42% का सुझाव दिया था और इसमें से 1% की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 1.40% हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर छत्तीसगढ़ को 1.40 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 1.29 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे ज्यादा है।
तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग की अवधियों के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी
राज्य |
14वां विआ |
15वां विआ |
15वां विआ |
% परिवर्तन |
|
2015-20 |
2020-21 |
2021-26 |
2015-20 से |
2015-20 से |
|
आंध्र प्रदेश |
1.81 |
1.69 |
1.66 |
-8.2% |
-1.6% |
अरुणाचल प्रदेश |
0.58 |
0.72 |
0.72 |
25.2% |
-0.2% |
असम |
1.39 |
1.28 |
1.28 |
-7.8% |
-0.1% |
बिहार |
4.06 |
4.13 |
4.12 |
1.6% |
0.0% |
छत्तीसगढ़ |
1.29 |
1.40 |
1.40 |
8.0% |
-0.3% |
गोवा |
0.16 |
0.16 |
0.16 |
-0.3% |
0.0% |
गुजरात |
1.30 |
1.39 |
1.43 |
10.1% |
2.4% |
हरियाणा |
0.46 |
0.44 |
0.45 |
-1.6% |
1.0% |
हिमाचल प्रदेश |
0.30 |
0.33 |
0.34 |
13.6% |
3.9% |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.78 |
- |
- |
- |
- |
झारखंड |
1.32 |
1.36 |
1.36 |
2.8% |
-0.2% |
कर्नाटक |
1.98 |
1.50 |
1.50 |
-24.5% |
0.0% |
केरल |
1.05 |
0.80 |
0.79 |
-24.8% |
-0.9% |
मध्य प्रदेश |
3.17 |
3.23 |
3.22 |
1.5% |
-0.5% |
महाराष्ट्र |
2.32 |
2.52 |
2.59 |
11.7% |
3.0% |
मणिपुर |
0.26 |
0.29 |
0.29 |
13.3% |
-0.3% |
मेघालय |
0.27 |
0.31 |
0.31 |
16.6% |
0.3% |
मिजोरम |
0.19 |
0.21 |
0.21 |
6.1% |
-1.2% |
नागालैंड |
0.21 |
0.24 |
0.23 |
11.5% |
-0.7% |
ओड़िशा |
1.95 |
1.90 |
1.86 |
-4.8% |
-2.2% |
पंजाब |
0.66 |
0.73 |
0.74 |
11.9% |
1.1% |
राजस्थान |
2.31 |
2.45 |
2.47 |
7.1% |
0.8% |
सिक्किम |
0.15 |
0.16 |
0.16 |
3.2% |
0.0% |
तमिलनाडु |
1.69 |
1.72 |
1.67 |
-1.0% |
-2.6% |
तेलंगाना |
1.02 |
0.88 |
0.86 |
-15.8% |
-1.5% |
त्रिपुरा |
0.27 |
0.29 |
0.29 |
7.7% |
-0.1% |
उत्तर प्रदेश |
7.54 |
7.35 |
7.36 |
-2.5% |
0.0% |
उत्तराखंड |
0.44 |
0.45 |
0.46 |
3.7% |
1.3% |
पश्चिम बंगाल |
3.08 |
3.08 |
3.08 |
0.3% |
0.1% |
कुल |
42.00 |
41.00 |
41.00 |
नोट: हालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है।
Sources: Reports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.
15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) शहरी स्थानीय निकायों को 1.2 लाख करोड़ रुपए, (ii) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.4 लाख करोड़ रुपए और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,000 करोड़ रुपए। |
तालिका 9: 2021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)
नोट: इसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं। |
|||||||||||||||||||||
छत्तीसगढ़ के लिए निम्न अनुदानों का सुझाव दिया गया है: (i) स्थानीय निकायों के लिए 10,386 करोड़ रुपए का अनुदान, और (ii) परंपरागत शिल्प के संवर्धन, एविएशन, दंडकारण्य सर्किट और नवीन राजधानी विकास परियोजना इत्यादि के लिए 1,660 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान। |
तालिका 10: केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण
राज्य |
2019-20 |
2020-21 |
2021-22 |
आंध्र प्रदेश |
29,421 |
22,611 |
26,935 |
अरुणाचल प्रदेश |
9,363 |
9,681 |
11,694 |
असम |
22,627 |
17,220 |
20,819 |
बिहार |
66,049 |
55,334 |
66,942 |
छत्तीसगढ़ |
21,049 |
18,799 |
22,676 |
गोवा |
2,583 |
2,123 |
2,569 |
गुजरात |
21,077 |
18,689 |
23,148 |
हरियाणा |
7,408 |
5,951 |
7,275 |
हिमाचल प्रदेश |
4,873 |
4,394 |
5,524 |
जम्मू एवं कश्मीर |
12,623 |
-38 |
- |
झारखंड |
21,452 |
18,221 |
22,010 |
कर्नाटक |
32,209 |
20,053 |
24,273 |
केरल |
17,084 |
10,686 |
12,812 |
मध्य प्रदेश |
51,584 |
43,373 |
52,247 |
महाराष्ट्र |
37,732 |
33,743 |
42,044 |
मणिपुर |
4,216 |
3,949 |
4,765 |
मेघालय |
4,387 |
4,207 |
5,105 |
मिजोरम |
3,144 |
2,783 |
3,328 |
नागालैंड |
3,403 |
3,151 |
3,787 |
ओड़िशा |
31,724 |
25,460 |
30,137 |
पंजाब |
10,777 |
9,834 |
12,027 |
राजस्थान |
37,554 |
32,885 |
40,107 |
सिक्किम |
2,508 |
2,134 |
2,582 |
तमिलनाडु |
27,493 |
23,039 |
27,148 |
तेलंगाना |
16,655 |
11,732 |
13,990 |
त्रिपुरा |
4,387 |
3,899 |
4,712 |
उत्तर प्रदेश |
1,22,729 |
98,618 |
1,19,395 |
उत्तराखंड |
7,189 |
6,072 |
7,441 |
पश्चिम बंगाल |
50,051 |
41,353 |
50,070 |
कुल |
6,83,353 |
5,49,959 |
6,65,563 |
नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के लिए समायोजित करने के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।
तालिका 11: राज्य के बजट के मुख्य घटक (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
प्राप्तियां (1+2) |
90,713 |
98,422 |
8% |
प्राप्तियां, उधारियों के बिना |
68,644 |
79,645 |
16% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
68,344 |
79,325 |
16% |
क. स्वयं कर राजस्व |
22,550 |
25,750 |
14% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
8,495 |
9,250 |
9% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
18,799 |
22,675 |
21% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
18,500 |
21,650 |
17% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
1,500 |
6,500 |
334% |
2. पूंजीगत प्राप्तियां |
22,369 |
19,096 |
-15% |
क. उधारियां |
22,069 |
18,776 |
-15% |
इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
- |
- |
व्यय (3+4) |
96,323 |
1,02,483 |
6% |
3. राजस्व व्यय |
80,647 |
83,028 |
3% |
4. पूंजीगत व्यय |
15,676 |
19,455 |
24% |
i. पूंजीगत परिव्यय |
10,681 |
13,839 |
30% |
ii. ऋण पुनर्भुगतान |
4,841 |
5,376 |
11% |
राजस्व संतुलन |
12,304 |
3,702 |
-70% |
राजकोषीय संतुलन |
22,838 |
17,461 |
-24% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
-3.51% |
-0.97% |
- |
राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
-6.52% |
-4.56% |
- |
राजस्व संतुलन और राजकोषीय संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 12: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
टैक्स |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
एसजीएसटी |
7,754 |
9,338 |
20% |
सेल्स टैक्स/वैट |
3,741 |
4,357 |
16% |
राज्य की एक्साइज ड्यूटी |
5,000 |
5,500 |
10% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क s |
1,500 |
1,650 |
10% |
वाहन टैक्स |
1,400 |
1,600 |
14% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,350 |
2,450 |
4% |
भूराजस्व |
800 |
850 |
6% |
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 13: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
17,699 |
18,394 |
4% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
15,378 |
16,640 |
8% |
परिवहन |
4,882 |
6,818 |
40% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
6,521 |
5,902 |
-9% |
पुलिस |
4,470 |
4,958 |
11% |
ग्रामीण विकास |
5,056 |
4,727 |
-7% |
बिजली |
5,185 |
4,666 |
-10% |
सामाजिक कल्याण एवं पोषण |
3,926 |
3,801 |
-3% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,984 |
2,642 |
33% |
शहरी विकास |
2,476 |
2,618 |
6% |
Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
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