छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 मार्च2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक 3 में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

बजट के मुख्य अंश

  • 2021-22 के लिए छत्तीसगढ़ का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 3,83,098 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 5% की वार्षिक वृद्धि है, और यह 2020-21 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान से 9.4% अधिक है (3,50,270 करोड़ रुपए)। 2020-21 में जीएसडीपी के बजट अनुमान से 3.2% कम होने की उम्मीद है। इसकी तुलना में भारत की नॉमिनल जीडीपी के 2020-21 में 13% संकुचित होने और 2021-22 में 14.4% बढ़ने का अनुमान है।
  • 2021-22 के लिए कुल व्यय 1,02,483 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है।
  • 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 79,645 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 15,488 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (18% की गिरावट)।
     
  • 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 3,702 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि जीएसडीपी का 0.97% है। 2020-21 में संशोधित आंकड़ों के अनुसार 12,304 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 3.51%), जबकि बजटीय चरण में 2,431 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.67%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया था।
     
  • 2021-22 में राजकोषीय घाटा 17,461 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 4.56%)। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटे के जीएसडीपी के 6.52% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 3.18% के बजट अनुमान से अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • नवीन न्याय योजनाराजीव किसान न्याय योजना के लाभों को भूमिहीन मजदूरों तक पहुंचाने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। 
     
  • कौशल्या मातृत्व योजना: महिलाओं में पोषण के स्तर को सुधारने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। दूसरी बार कन्या के जन्म पर माताओं को 5,000 रुपए दिए जाएंगे।   
     
  • किसानों के लिए पक्की सड़क बनाने हेतु मुख्यमंत्री धरसा विकास योजना की शुरुआत की जाएगी। 
     
  • राज्य के स्थानीय कृषि उत्पादों, वन उत्पादों और खाद्य उत्पादों की मार्केटिंग के लिए सी-मार्ट स्टोर्स बनाए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2020-21 में छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी (स्थिर मूल्यों पर) की वृद्धि दर -1.8% थी, जोकि 2019-20 की वृद्धि दर से कम है (5.1%)।
     
  • क्षेत्र: 2019-20 में अर्थव्यवस्था में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 26%38% और 36% का योगदान दिया। 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में तीनों क्षेत्रों की वृद्धि दर में गिरावट हुई।
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2019-20 में छत्तीसगढ़ की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (स्थिर मूल्यों पर) 1,12,318 रुपए थी जिसमें 2018-19 के मुकाबले 6.5% की वृद्धि है।
     
  • बेरोजगारी: पीरिऑडिक लेबर फोर्स सर्वे, 2018-19 के अनुसार राज्य की बेरोजगारी दर 2.4% थी जो देश की औसत बेरोजगारी दर (5.8%) से कम है।

रेखाचित्र 1: छत्तीसगढ़ में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

 image

 नोटआंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) पर आधारित हैं जिसका यह अर्थ है कि वृद्धि दर को मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित किया गया है। कृषि में खनन शामिल है। 

SourcesMOSPI; Chhattisgarh Economic Survey 2020-21

2021-22 के लिए बजट अनुमान

  • 2021-22 में 1,02,483 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। इसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 79,645 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 18,776   करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 11% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
     
  • 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 4% कम होने का अनुमान है। 2020-21 में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट से संशोधित चरण में 18% कम होने का अनुमान है। दूसरी तरफ 2020-21 में उधारियों के बजट से संशोधित चरण में 41% अधिक होने का अनुमान है। 
     
  • 2021-22 के लिए राज्य ने 3,702 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 0.97%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 12,304 करोड़ रुपए अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में 2,431 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष अनुमानित था। 2021-22 में 17,461 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.56%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 6.52% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 3.18% अनुमानित था।   

तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20

वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

कुल व्यय

 90,795 

 1,00,491 

 96,323 

-4%

 1,02,483 

6%

क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

 64,130 

 84,131 

 68,644 

-18%

 79,645 

11%

ख. उधारियां

 19,588 

 15,701 

 22,069 

41%

 18,776 

-2%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

 83,718 

 99,833 

 90,713 

-9%

 98,422 

8%

राजस्व संतुलन

- 9,609 

 2,431 

 -12,304 

-606%

 -3,702 

-38%

जीएसडीपी का %

-2.79%

0.67%

-3.51%

 

-0.97%

 

राजकोषीय संतुलन

 -17,970 

 -11,518 

 -22,838 

98%

 -17,461 

-1%

जीएसडीपी का %

-5.21%

-3.18%

-6.52%

 

-4.56%

 

प्राथमिक संतुलन

 -12,999 

 -5,678 

 -16,597 

192%

 -10,990 

-8%

जीएसडीपी का %

-3.77%

-1.57%

-4.74%

 

-2.87%

6%

नोट्स: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। राजस्व संतुलन, राजकोषीय संतुलन और प्राथमिक संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.

2021-22 में व्यय

पूंजीगत परिव्यय

2021-21 के लिए छत्तीसगढ़ का पूंजीगत परिव्यय 13,839 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 27% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय के संशोधित अनुमान 10,681 करोड़ रुपए हैं जोकि बजट अनुमान से 23% कम हैं। इसमें परिवहन और सिंचाई के लिए पूंजीगत परिव्यय में क्रमशः 1,279 करोड़ रुपए और 816 करोड़ रुपए की कटौती शामिल है। इन सबको मिलाकर पूंजीगत परिव्यय में 67% की कटौती हुई है।

  • 2021-22 में पूंजीगत व्यय 19,455 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैंजोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैंजैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
     
  • 2021-22 के लिए 83,028 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतानब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में राजस्व व्यय के बजट अनुमान से 1% कम होने का अनुमान है।
     
  • 2021-22 में ऋण चुकाने पर 11,847 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में ऋण चुकौती के लिए संशोधित अनुमान, बजट अनुमान की तुलना में 3.7% कम हैं।

तालिका 2बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

पूंजीगत व्यय

 17,318 

 19,091 

 15,676 

-18%

 19,455 

6%

जिसमें पूंजीगत परिव्यय

 8,566 

 13,814 

 10,681 

-23%

 13,839 

27%

राजस्व व्यय

 73,477 

 81,400 

 80,647 

-1%

 83,028 

6%

कुल व्यय

 90,795 

 1,00,491 

 96,323 

-4%

 1,02,483 

6%

क. ऋण पुनर्भुगतान

 8,695 

 4,841 

 4,841 

0%

 5,376 

-21%

ब्याज भुगतान

 4,970 

 5,841 

 6,241 

7%

 6,471 

14%

ऋण चुकौती (क+ख)

13,665

10,682

11,082

3.7%

11,847

-7%

नोट्स: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS

2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2021-22 के दौरान छत्तीसगढ़ के बजटीय व्यय का 73% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता हैइसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।  

तालिका 3: छत्तीसगढ़ बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2019-20 वास्तविक

2020-21 बअ

2020-21

संअ

2021-22 बअ

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22)

बजटीय प्रावधान 2021-22

शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति

16,298 

 18,719 

 17,699 

 18,394 

6%

  • § समग्र शिक्षा अभियान के लिए 1,480 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • § मिड डे मील कार्यक्रम के लिए 643 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

15,293 

 15,804 

 15,378 

 16,640 

4%

  • § राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए 5,703 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • § फसल बीमा योजना के लिए 606 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। 

परिवहन

 4,962 

 6,583 

 4,882 

 6,818 

17%

  • § सड़क और पुलों के निर्माण के लिए 5,097 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

 4,671 

 5,712 

 6,521 

 5,902 

12%

  • § राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 1,200 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।
  • § डॉ. खूबचंद बघेल स्वस्थ सहायता योजना के लिए 550 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

 4,170 

 4,841 

 4,470 

 4,958 

9%

  • § जिला पुलिस के लिए 2,638 करोड़ रुपए और विशेष पुलिस बल के लिए 1,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ग्रामीण विकास

 4,867 

 4,887 

 5,056 

 4,727 

-1%

  • § मनरेगा योजना के लिए 1,603 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • § प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 1,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

बिजली

 5,265 

 5,130 

 5,185 

 4,666 

-6%

  • § कृषि पंप के लिए मुफ्त बिजली देने हेतु 2,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

समाज कल्याण एवं पोषण

 3,058 

 3,790 

 3,926 

 3,801 

11%

  • § विशेष पोषाहार योजना के लिए 732 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • § विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 883 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

 1,709 

 2,846 

 1,984 

 2,642 

24%

  • § बड़े पैमाने की सिंचाई योजनाओं, जैसे अरपा भैंसाझार योजना, केलो जलाशय के लिए 203 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

 1,851 

 2,651 

 2,476 

 2,618 

19%

  • § सबके लिए आवास योजना हेतु 457 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

76%

75%

74%

73%

 

 

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है। 2021-22 में छत्तीसगढ़ द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 39,192 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 49% है। इसमें 2019-20 की तुलना में 9% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 33%), पेंशन (8%) और ब्याज भुगतान (8%) पर व्यय शामिल हैं। 2020-21 में वेतन भुगतान में 6% की गिरावट और पेंशन भुगतान में 6की वृद्धि हुई। राज्य ने अपनी लगभग 50राजस्व प्राप्तियों को प्रतिबद्ध देनदारियों पर खर्च किया। 

तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

वेतन

 21,624 

 25,897 

 24,439 

-6%

 26,140 

10%

पेंशन

 6,611 

 6,300 

 6,678 

6%

 6,581 

0%

ब्याज भुगतान

 4,970 

 5,841 

 6,241 

7%

 6,471 

14%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

 33,205 

 38,038 

 37,358 

-2%

 39,192 

9%

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS

2021-22 में प्राप्तियां

  • 2021-22 के लिए 79,325 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित हैजिसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें 35,000 करोड़ रुपए (44%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 44,325 करोड़ रुपए (56%) केंद्रीय हस्तांतरण होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 29%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 27%) से मिलेगी।
     
  • हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि केंद्रीय बजट 2021-22 के अनुमानों के अनुसार, केंद्रीय करों में राज्य को बजटीय चरण की तुलना में 30% कम हिस्सा मिलने का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया।
     
  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: 2021-22 में राज्य का कुल स्वयं कर राजस्व 25,750 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 में वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 8की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, राज्य का स्वयं कर राजस्व बजटीय अनुमान से 14कम होने का अनुमान है। 2020-21 में राज्य का स्वयं कर जीडीपी अनुपात 6.7पर लक्षित है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से 6.4अधिक है। इसका अर्थ यह है कि राज्य की स्वयं कर वृद्धि आर्थिक वृद्धि से अधिक है।

तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

राज्य के स्वयं कर 

 22,118 

 26,155 

 22,550 

-14%

 25,750 

8%

राज्य के स्वयं गैर कर 

 7,934 

 9,215 

 8,495 

-8%

 9,250 

8%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

 20,206 

 26,803 

 18,799 

-30%

 22,675 

6%

केंद्र से सहायतानुदान 

 13,611 

 21,658 

 18,500 

-15%

 21,650 

26%

कुल राजस्व प्राप्तियां

63,869

83,831

68,344

-18%

 79,325 

11%

उधारियां

 19,588 

 15,701 

 22,069 

41%

 18,776 

-2%

अन्य प्राप्तियां

 261 

 300 

 300 

0%

 320 

11%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

 19,849 

 16,001 

 22,369 

40%

 19,096 

-2%

कुल प्राप्तियां

 83,718 

 99,833 

 90,713 

-9%

 98,422 

8%

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS 

जीएसटी क्षतिपूर्ति

जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, छत्तीसगढ़ को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 1,500 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 51% की गिरावट है। 2021-22 में राज्य को 6,500 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की उम्मीद है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से 334% अधिक हैं। इसका अर्थ यह है कि राज्य अपेक्षित राजस्व वृद्धि हासिल नहीं कर पाएगा।

  • 2021-22 में एसजीएसटी 9,338 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (36%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 9% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 28% कम होने का अनुमान है।
  • 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 5,500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 के मुकाबले 5% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में राज्य का एक्साइज कलेक्शन उसके बजट अनुमान से 4% कम होने का अनुमान है।

तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का %

राज्य का स्वयं कर राजस्व

22,118 

26,155

22,550

-14%

25,750

7.9%

44%

राज्य जीएसटी (एसजीएसटी)

 7,895 

 10,701 

 7,754 

-28%

 9,338 

9%

12%

राज्य एक्साइज

 4,952 

 5,200 

 5,000 

-4%

 5,500 

5%

7%

सेल्स टैक्स/वैट

 3,931 

 4,145 

 3,741 

-10%

 4,357 

5%

5%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

 1,837 

 2,200 

 2,350 

7%

 2,450 

15%

3%

वाहन टैक्स

 1,275 

 1,600 

 1,400 

-13%

 1,600 

12%

2%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

 1,635 

 1,705 

 1,500 

-12%

 1,650 

0%

2%

भूराजस्व

 552 

 600 

 800 

33%

 850 

24%

1%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

 3,081 

 2,938 

 1,500 

-49%

 6,500 

45%

8%

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.

2021-22 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

छत्तीसगढ़ के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।  

2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं

15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए     निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i2021-22 में 4% (ii2022-23 में 3.5%और (iii2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से छत्तीसगढ़ की कुल देनदारियां 2020-21 में जीएसडीपी के 28.1से बढ़कर 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 31.6हो जाएंगी।

अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी।  

राजस्व घाटा: राजस्व घाटा तब होता है जब राजस्व व्यय, प्राप्तियों से अधिक होता है। राजस्व घाटे का अर्थ यह है कि सरकार को व्यय को पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत पड़ेगी जिससे न तो उसके एसेट्स बढ़ेंगे और न ही देनदारियां कम होंगी। राजस्व घाटे का यह अर्थ भी है कि राज्य की राजस्व प्राप्तियां, व्यय की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। 2021-22 में बजट में 3,702 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है (या जीएसडीपी का 0.97%)। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में छत्तीगढ़ के लिए राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव नहीं दिया है।

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2021-22 में 17,461 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.56%)। यह अनुमान एफआरबीएम एक्ट की 3% की निर्धारित सीमा से अधिक है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.52% होने की उम्मीद है जोकि 3.18% के बजट अनुमान से अधिक है।

2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण। 

बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 28.3% के बराबर होने का अनुमान है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से अधिक है (जीएसडीपी का 27.7%)। बकाया देनदारियों के 2019-20 में 22.8% से बढ़कर 2021-22 में जीएसडीपी का 28.3% होने का अनुमान है।

तालिका 7: छत्तीसगढ़ के लिए घाटे के बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के के रूप में)

वर्ष

राजस्व संतुलन

राजकोषीय संतुलन

बकाया ऋण

2019-20 (वास्तविक)

-2.8%

-5.2%

22.8%

2020-21 (संशोधित)

-3.5%

-6.5%

27.7%

2021-22 (बजटीय)

-1.0%

-4.6%

28.3%

2022-23

-

-4.0%

23.0%

2023-24

-

-3.0%

24.0%

नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। राजस्व संतुलन, राजकोषीय संतुलन और प्राथमिक संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)

image

नोटनेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष को दर्शाते हैं। RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान।

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.  

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

image

नोटRE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान।

SourcesChhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.  

 

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में छत्तीसगढ़ के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 30 राज्यों (छत्तीसगढ़ सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]

  • शिक्षा: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के लिए बजट का 19% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में छत्तीसगढ़ का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
     
  • स्वास्थ्य: छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.1% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) से यह ज्यादा है।
     
  • कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 17.2% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से करीब तीन गुना ज्यादा है।
  • ग्रामीण विकास: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने ग्रामीण विकास के लिए 4.9% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
     
  • पुलिस: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने पुलिस के लिए 5.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) से ज्यादा है।
     
  • सड़क और पुल: 2021-22 में छत्तीसगढ़ ने सड़कों और पुलों के लिए 7% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से काफी ज्यादा है।
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नोट2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ), and 2021-22 (बअ) के आंकड़े छत्तीसगढ़ के हैं।

SourcesChhattisgarh Budget in Brief 2021-22; various state budgets; PRS.

अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव

15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42का सुझाव दिया था और इसमें से 1की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 1.40हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर छत्तीसगढ़ को 1.40 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 1.29 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे ज्यादा है।

तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग की अवधियों के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी 

राज्य

14वां विआ

15वां विआ

15वां विआ

% परिवर्तन

2015-20

2020-21

2021-26

2015-20 से
 2021-26

2015-20 से
 2021-26

आंध्र प्रदेश

1.81

1.69

1.66

-8.2%

-1.6%

अरुणाचल प्रदेश

0.58

0.72

0.72

25.2%

-0.2%

असम

1.39

1.28

1.28

-7.8%

-0.1%

बिहार

4.06

4.13

4.12

1.6%

0.0%

छत्तीसगढ़

1.29

1.40

1.40

8.0%

-0.3%

गोवा

0.16

0.16

0.16

-0.3%

0.0%

गुजरात

1.30

1.39

1.43

10.1%

2.4%

हरियाणा

0.46

0.44

0.45

-1.6%

1.0%

हिमाचल प्रदेश

0.30

0.33

0.34

13.6%

3.9%

जम्मू एवं कश्मीर

0.78

-

-

-

-

झारखंड

1.32

1.36

1.36

2.8%

-0.2%

कर्नाटक

1.98

1.50

1.50

-24.5%

0.0%

केरल

1.05

0.80

0.79

-24.8%

-0.9%

मध्य प्रदेश

3.17

3.23

3.22

1.5%

-0.5%

महाराष्ट्र

2.32

2.52

2.59

11.7%

3.0%

मणिपुर

0.26

0.29

0.29

13.3%

-0.3%

मेघालय

0.27

0.31

0.31

16.6%

0.3%

मिजोरम

0.19

0.21

0.21

6.1%

-1.2%

नागालैंड

0.21

0.24

0.23

11.5%

-0.7%

ओड़िशा

1.95

1.90

1.86

-4.8%

-2.2%

पंजाब

0.66

0.73

0.74

11.9%

1.1%

राजस्थान

2.31

2.45

2.47

7.1%

0.8%

सिक्किम

0.15

0.16

0.16

3.2%

0.0%

तमिलनाडु

1.69

1.72

1.67

-1.0%

-2.6%

तेलंगाना

1.02

0.88

0.86

-15.8%

-1.5%

त्रिपुरा

0.27

0.29

0.29

7.7%

-0.1%

उत्तर प्रदेश

7.54

7.35

7.36

-2.5%

0.0%

उत्तराखंड

0.44

0.45

0.46

3.7%

1.3%

पश्चिम बंगाल

3.08

3.08

3.08

0.3%

0.1%

कुल

42.00

41.00

41.00

   

नोटहालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है।
SourcesReports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.

15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे(i) शहरी स्थानीय निकायों को 1.लाख करोड़ रुपए, (ii) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.लाख करोड़ रुपए और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,000 करोड़ रुपए।

तालिका 92021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)

अनुदान

कुल

छत्तीसगढ़

राजस्व घाटा अनुदान

 2,94,514

0

स्थानीय सरकारों को अनुदान

 4,36,361

10,386*

क्षेत्र विशिष्ट अनुदान

 1,29,987

2,816#

आपदा प्रबंधन अनुदान

 1,22,601

2,387

राज्य विशिष्ट अनुदान

49,599

1,660

कुल

10,33,062

17,249

नोटइसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं।
 SourceReport of 15th FC; PRS.

छत्तीसगढ़ के लिए निम्न अनुदानों का सुझाव दिया गया है: (i) स्थानीय निकायों के लिए 10,386 करोड़ रुपए का अनुदान, और (ii) परंपरागत शिल्प के संवर्धन, एविएशन, दंडकारण्य सर्किट और नवीन राजधानी विकास परियोजना इत्यादि के लिए 1,660 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान।

 

तालिका 10केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण

राज्य

2019-20

2020-21
 
संशोधित

2021-22
 
बजटीय

आंध्र प्रदेश

29,421

22,611

26,935

अरुणाचल प्रदेश

9,363

9,681

11,694

असम

22,627

17,220

20,819

बिहार

66,049

55,334

66,942

छत्तीसगढ़

21,049

18,799

22,676

गोवा

2,583

2,123

2,569

गुजरात

21,077

18,689

23,148

हरियाणा

7,408

5,951

7,275

हिमाचल प्रदेश

4,873

4,394

5,524

जम्मू एवं कश्मीर

12,623

-38

-

झारखंड

21,452

18,221

22,010

कर्नाटक

32,209

20,053

24,273

केरल

17,084

10,686

12,812

मध्य प्रदेश

51,584

43,373

52,247

महाराष्ट्र

37,732

33,743

42,044

मणिपुर

4,216

3,949

4,765

मेघालय

4,387

4,207

5,105

मिजोरम

3,144

2,783

3,328

नागालैंड

3,403

3,151

3,787

ओड़िशा

31,724

25,460

30,137

पंजाब

10,777

9,834

12,027

राजस्थान

37,554

32,885

40,107

सिक्किम

2,508

2,134

2,582

तमिलनाडु

27,493

23,039

27,148

तेलंगाना

16,655

11,732

13,990

त्रिपुरा

4,387

3,899

4,712

उत्तर प्रदेश

1,22,729

98,618

1,19,395

उत्तराखंड

7,189

6,072

7,441

पश्चिम बंगाल

50,051

41,353

50,070

कुल

6,83,353

5,49,959

6,65,563

नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के लिए समायोजित करने के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।  
 Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.

 

अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।

तालिका 11: राज्य के बजट के मुख्य घटक (करोड़ रुपए में) 

मद

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से  2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

प्राप्तियां (1+2)

90,713

98,422

8%

प्राप्तियां, उधारियों के बिना

68,644

79,645

16%

1.  राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ)

68,344

79,325

16%

क. स्वयं कर राजस्व

22,550

25,750

14%

ख. स्वयं गैर कर राजस्व

8,495

9,250

9%

ग. केंद्रीय करों में हिस्सा

18,799

22,675

21%

घ. केंद्र से सहायतानुदान

18,500

21,650

17%

इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

1,500

6,500

334%

2.  पूंजीगत प्राप्तियां

22,369

19,096

-15%

क. उधारियां

22,069

18,776

-15%

इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

-

-

व्यय (3+4)

96,323

1,02,483

6%

3.  राजस्व व्यय

80,647

83,028

3%

4.  पूंजीगत व्यय

15,676

19,455

24%

i.  पूंजीगत परिव्यय

10,681

13,839

30%

ii. ऋण पुनर्भुगतान

4,841

5,376

11%

राजस्व संतुलन

12,304

3,702

-70%

राजकोषीय संतुलन 

22,838

17,461

-24%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में)

-3.51%

-0.97%

-

राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में)

-6.52%

-4.56%

-

राजस्व संतुलन और राजकोषीय संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.

 

तालिका 12राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

टैक्स

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

एसजीएसटी

 7,754 

 9,338 

20%

सेल्स टैक्स/वैट

 3,741 

 4,357 

16%

राज्य की एक्साइज ड्यूटी

 5,000 

 5,500 

10%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क s

 1,500 

 1,650 

10%

वाहन टैक्स

 1,400 

 1,600 

14%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

 2,350 

 2,450 

4%

भूराजस्व

 800 

 850 

6%

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.

 

तालिका 13मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

 17,699 

 18,394 

4%

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

 15,378 

 16,640 

8%

परिवहन

 4,882 

 6,818 

40%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

 6,521 

 5,902 

-9%

पुलिस

 4,470 

 4,958 

11%

ग्रामीण विकास

 5,056 

 4,727 

-7%

बिजली

 5,185 

 4,666 

-10%

सामाजिक कल्याण एवं पोषण

 3,926 

 3,801 

-3%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

 1,984 

 2,642 

33%

शहरी विकास

 2,476 

 2,618 

6%

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2021-22; PRS.

[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

 

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