उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने 22 फरवरी2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

बजट के मुख्य अंश

  • 2021-22 के लिए उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 21,73,990 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 13% की वार्षिक वृद्धि है। यह 2020-21 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है (19,40,527 करोड़ रुपए)। 2020-21 में जीएसडीपी के बजट अनुमान से 8.3% अधिक होने का अनुमान है। इसकी तुलना में भारत की नॉमिनल जीडीपी के 2020-21 में 13% संकुचित होने और 2021-22 में 14.4% बढ़ने का अनुमान है।
     
  • 2021-22 के लिए कुल व्यय 5,50,271 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 20% की वार्षिक वृद्धि है।
     
  • 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 4,20,672 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 1,15,766 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (27% की गिरावट)।
     
  • 2021-22 के लिए राजस्व अधिशेष 23,210 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जोकि जीएसडीपी का 1.07% है। 2020-21 में संशोधित आंकड़ों के अनुसार 13,161 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 0.68%), हालांकि 2020-21 के बजट में 27,451 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया था (जीएसडीपी का 1.53%)।  
     
  • 2021-22 में राजकोषीय घाटा 90,730 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 4.17%)। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटे के जीएसडीपी के 4.17% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 2.97% के बजट अनुमान से काफी अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना: 2022 तक किसानों की आय को दुगुना करने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। यह प्रत्येक कृषि जलवायु जोन में अधिक उत्पादक फसलों को चिन्हित करने, उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई तकनीक और निवेश को बढ़ाने देने और वितरण के लिए बाजारों को विकसित करने पर केंद्रित होगी। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
     
  • मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना: महिलाओं और बच्चों में कुपोषण को खत्म करने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। पांच साल से कम उम्र के बच्चों और खून की कमी की शिकार 11 से 14 साल की बच्चियों को सूखा राशन देने के अलावा न्यूट्रीशनल सप्लिमेंट्स दिए जाएंगे।
     
  • कोविड-19 के कारण राज्य लौटे मजदूरों को रोजगार और स्वरोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना शुरू की जाएगी। 
     
  • महिला सामर्थ्य योजना: राज्य ग्रामीण जीविका मिशन के अंतर्गत डेयरी क्षेत्र के महिला स्वसहायता समूहों की आय बढ़ाने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2019-20 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी (स्थिर मूल्यों पर) की वृद्धि दर 3.8% थी, जोकि 2018-19 की वृद्धि दर से कम है (6.3%)।
     
  • क्षेत्र: 2019-20 में अर्थव्यवस्था में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 23%27% और 50% का योगदान दिया। पिछले वर्ष के मुकाबले 2019-20 में सभी क्षेत्रों की वृद्धि दर में गिरावट हुई।  
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2019-20 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (स्थिर मूल्यों पर) 74,141 रुपए थी जिसमें 2018-19 के मुकाबले 5% की वृद्धि है।
     
  • बेरोजगारी: पीरिऑडिक लेबर फोर्स सर्वे, 2018-19 के अनुसार राज्य की बेरोजगारी दर 5.7% थी जो देश की औसत बेरोजगारी दर (5.8%) के बराबर ही है।

रेखाचित्र 1: उत्तर प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

 image

नोट: आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) पर आधारित हैं जिसका यह अर्थ है कि वृद्धि दर को मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित किया गया है। कृषि में खनन शामिल है।

SourcesMOSPI; PRS.

2021-22 के लिए बजट अनुमान

  • 2021-22 में 5,50,271 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। इसमें 2019-20 की तुलना में 20% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 4,20,672 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 85,509  करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 7% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
     
  • 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 19% कम होने का अनुमान है। 2020-21 में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट से संशोधित चरण में 27% कम होने का अनुमान है। दूसरी तरफ 2020-21 में उधारियों के बजट से संशोधित चरण में 21% अधिक होने का अनुमान है।
     
  • 2021-22 के लिए राज्य ने 23,210 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 1.07%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 13,161 करोड़ रुपए अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में 27,451 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष अनुमानित था। 2021-22 में 90,730 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.17%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 4.17% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 2.97% अनुमानित था।  

तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20

वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22)

कुल व्यय

    3,83,352 

   5,12,861 

  4,14,751 

-19%

5,50,271 

20%

क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

    3,72,034 

      4,24,768 

  3,09,002 

-27%

4,20,672 

6%

ख. उधारियां

        73,809 

   75,791 

    91,502 

21%

85,509 

8%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

    4,45,842 

  5,00,559 

  4,00,504 

-20%

5,06,182 

7%

राजस्व संतुलन

      67,560 

    27,451 

13,161 

-148%

  23,210 

-41%

जीएसडीपी का %

4.00%

1.53%

-0.68%

 

1.07%

 

राजकोषीय संतुलन

      11,083 

53,195 

80,851 

52%

-90,730 

-

जीएसडीपी का %

0.66%

-2.97%

-4.17%

 

-4.17%

 

प्राथमिक संतुलन

      45,896 

15,104 

42,472 

181%

-47,200 

-

जीएसडीपी का %

2.72%

-0.84%

-2.19%

 

-2.17%

 

नोट्स: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। नेगेटिव राजस्व संतुलन घाटे और पॉजिटिव अधिशेष दर्शाता है।

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.

2021-22 में व्यय

पूंजीगत परिव्यय

2021-21 के लिए उत्तर प्रदेश का पूंजीगत परिव्यय 1,13,768 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 38% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय के संशोधित अनुमान 68,254 करोड़ रुपए हैं जोकि बजट अनुमान से 16% कम हैं। इसमें परिवहन और बिजली के लिए पूंजीगत परिव्यय में क्रमशः 3,008 करोड़ रुपए और 2,675 करोड़ रुपए की कटौती शामिल है। जलापूर्ति, सैनिटेशन, आवास और शहरी विकास के क्षेत्रों पर पूंजीगत व्यय में 2,264 करोड़ रुपए की कमी आई। यह सब मिलाकर पूंजीगत परिव्यय में 61% की कटौती हुई है। 

  • 2021-22 में पूंजीगत व्यय 1,55,140 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 35% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैंजोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना। 
     
  • 2021-22 के लिए 3,95,130 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 15की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में राजस्व व्यय के बजट अनुमान से 19% कम होने का अनुमान है।
     
  • 2021-22 में ऋण चुकाने पर 82,398 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 20% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में ऋण चुकौती के लिए संशोधित अनुमान, बजट अनुमान की तुलना में 13% कम हैं।
     

तालिका 2बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

पूंजीगत व्यय

84,519 

1,17,744

94,788

-19%

1,55,140

35%

जिसमें पूंजीगत परिव्यय

59,998

81,209

68,254

-16%

1,13,768

38%

राजस्व व्यय

2,98,833

3,95,117

3,19,962

-19%

3,95,130

15%

कुल व्यय

3,83,352

5,12,861

4,14,751

-19%

5,50,271

20%

क. ऋण पुनर्भुगतान

22,401

34,897

24,897

-29%

38,869

32%

ब्याज भुगतान

34,813

38,091

38,379

1%

43,530

12%

ऋण चुकौती (क+ख)

57,214

72,989

63,277

-13%

82,398

20%

नोट्स: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS

2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2021-22 के दौरान उत्तर प्रदेश के बजटीय व्यय का 62% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।  

तालिका 3: उत्तर प्रदेश बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2019-20 वास्तविक

2020-21 बअ

2020-21

संअ

2021-22 बअ

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22)

बजटीय प्रावधान 2021-22

शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति

55,778 

64,805 

53,043 

    67,683 

10%

  • समग्र शिक्षा अभियान के लिए 18,172 करोड़ रुपए और मिड डे मील कार्यक्रम के लिए 3,406 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

परिवहन

27,980 

33,152 

29,568 

    44,255 

26%

  • गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु 7,200 करोड़ रुपए और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए 1,492 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

19,957 

26,266 

20,582 

 32,009 

27%

  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्स्थ्य मिशन के लिए 5,395 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • आयुष्मान भारत योजना के लिए 1,300 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

20,289 

26,395 

20,725 

   29,172 

20%

  • जिला पुलिस के लिए 20,033 करोड़ रुपए और विशेष पुलिस के लिए 3,361 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ग्रामीण विकास

23,156 

31,402 

26,431 

    27,455 

9%

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 7,000 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • मनरेगा के लिए 5,548 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

बिजली

25,851 

23,425 

20,443 

  27,248 

3%

  • बिजली सबसिडी के लिए 10,150 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

समाज कल्याण एवं पोषण

15,136 

23,438 

21,048 

    24,420 

27%

  • वृद्धों और किसानों की पेंशन योजना के लिए 3,100 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के लिए क्रमशः 1,375 करोड़ रुपए और 829 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

शहरी विकास

9,836 

20,461 

15,180 

   23,980 

56%

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 10,029 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के लिए 1,400 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। 

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

14,671 

19,137 

16,808 

    20,418 

18%

  • मध्य गंगा नहर परियोजना के लिए 1,137 करोड़ रुपए और राजघाट नहर परियोजना के लिए 976 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। 

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

3,119 

8,869 

7,246 

    17,439 

136%

  • जल जीवन मिशन (ग्रामीण) के लिए 15,000 करोड़ रुपए और जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए 2,000 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

60%

58%

60%

62%

 

 

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है। 2021-22 में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 2,56,592 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 61% है। इसमें 2019-20 की तुलना में 17% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 35%), पेंशन (राजस्व प्राप्तियों का 16%) और ब्याज भुगतान (राजस्व प्राप्तियों का 10%) पर व्यय शामिल हैं। 2019-20 में बजट से संशोधित चरण में वेतन और पेंशन में -20% और 15% की गिरावट हुई। 

तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

वेतन

  1,01,781 

1,36,988

1,09,914

-20%

1,44,345

19%

पेंशन

49,603

62,062

52,464

-15%

68,717

18%

ब्याज भुगतान

34,813

38,091

38,379

1%

43,530

12%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

1,86,197

2,37,141

2,00,758

-15%

2,56,592

17%

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.

2021-22 में प्राप्तियां

  • 2021-22 के लिए 4,18,340 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित हैजिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें 2,02,956 करोड़ रुपए (49%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 2,15,384 करोड़ रुपए (51%) केंद्रीय हस्तांतरण होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 29%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 23%) से मिलेगी।
     
  • हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 1% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि केंद्रीय बजट 2021-22 के अनुमानों के अनुसार, केंद्रीय करों में राज्य को बजटीय चरण की तुलना में 35% कम हिस्सा मिलने का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया। 
  • राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व: 2020-21 में राज्य को 1,77,535 करोड़ रुपए के कुल स्वयं गैर कर राजस्व का अनुमान है जिसमें 2019-20 के वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 20% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राज्य का स्वयं कर राजस्व बजट अनुमान से 25% कम होने की उम्मीद है।

तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

राज्य के स्वयं कर *

 1,22,826 

 1,58,413 

 1,18,813 

-25%

 1,77,535 

20%

राज्य के स्वयं गैर कर 

 81,705 

 31,179 

 10,812 

-65%

 25,422 

-44%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

 1,17,818 

 1,52,863 

 98,618 

-35%

 1,19,395 

1%

केंद्र से सहायतानुदान *

 44,044 

 80,112 

 78,558 

-2%

 95,989 

48%

कुल राजस्व प्राप्तियां

3,66,393

4,22,568

3,06,802

-27%

 4,18,340 

7%

उधारियां

 73,809 

 75,791 

 91,502 

21%

 85,509 

8%

अन्य प्राप्तियां

 5,641 

 2,200 

 2,200 

0%

 2,332 

-36%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

 79,449 

 77,991 

 93,702 

20%

 87,841 

5%

कुल प्राप्तियां

 4,45,842 

 5,00,559 

 4,00,504 

-20%

 5,06,182 

7%

नोट्स: *राज्य के स्वयं कर और केंद्र से अनुदान के आंकड़ केंद्रीय अनुदान के रूप में जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान में समायोजित हैं। 

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.

जीएसटी क्षतिपूर्ति

जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों की तुलना में उत्तर प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 6,054 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जोकि 2019-20 (5,180 करोड़ रुपए) की तुलना में 16.9% अधिक है। 2021-22 में 8,810 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की उम्मीद है जोकि 2019-20 में मिले अनुदानों से 30% अधिक हैं। इसका अर्थ यह है कि राज्य अपेक्षित राजस्व वृद्धि हासिल नहीं कर पाएगा।

  • 2021-22 में एसजीएसटी 64,475 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (36%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 17% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 20% कम होने का अनुमान है।
     
  • 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 41,500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में राज्य के एक्साइज कलेक्शन बजट अनुमान से 24% कम होने का अनुमान है।
     
  • 2021-22 में सेल्स टैक्स और वैट से 31,100 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है।

 

तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का %

राज्य का स्वयं कर राजस्व

1,22,826 

1,58,413 

1,18,813

-25%

1,77,535

20%

42%

राज्य जीएसटी (एसजीएसटी)

  47,232 

55,673

44,301

-20%

64,475

17%

15%

राज्य एक्साइज

27,325

37,500

28,593

-24%

41,500

23%

10%

सेल्स टैक्स/वैट

20,517

28,287

22,492

-20%

31,100

23%

7%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

16,070

23,197

13,856

-40%

25,500

26%

6%

वाहन टैक्स

7,715

8,650

4,916

-43%

9,350

10%

2%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

3,453

4,250

4,250

0%

4,750

17%

1%

भूराजस्व

504

856

405

-53%

860

31%

0%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

5,180

7,608

6,054

-20%

8,810

30%

-

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.

2021-22 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम2004 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं

15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए  निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i) 2021-22 में 4% (ii2022-23 में 3.5%और (iii2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से उत्तर प्रदेश अपनी कुल देनदारियों को 2020-21 में जीएसडीपी के 40.9% से कम करके 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 39.1% कर देगा।

अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी।  

राजस्व अधिशेषसरकार की राजस्व व्यय से राजस्व प्राप्तियों से अधिक होने को राजस्व अधिशेष कहते हैं। राजस्व अधिशेष का अर्थ यह है कि सरकार को राजस्व व्यय को पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत नहीं है (यानी उससे न तो एसेट्स बढ़ते हैं और न ही देनदारियां कम होती हैं)। राज्य ने 2021-22 में 23,210 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 1.07%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है। 

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2021-22 में 90,730 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.17%)। यह अनुमान एफआरबीएम एक्ट की 3% की निर्धारित सीमा से अधिक है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.17% होने की उम्मीद है जोकि 2.97% के बजट अनुमान से अधिक है।

2019-20 में उत्तर प्रदेश में 11,083 करोड़ रुपए का राजकोषीय अधिशेष था (जीएसडीपी का 4%), जबकि बजट अनुमान 46,911 करोड़ रुपए का था (जीएसडीपी का 2.97%)। अधिशेष का एक कारण था कि गैर कर राजस्व में काफी बढ़ोतरी हुई थी। 2019-20 में वास्तविक गैर कर राजस्व 81,705 करोड़ रुपए था जिसमें बजटीय अनुमान (30,633 करोड़ रुपए) की तुलना में 51,072 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई थी (167%)। यह वृद्धि बजटीय अनुमानों की तुलना में सिंकिंग फंड्स से अधिक प्राप्तियां (57,303 करोड़ रुपए) होने के कारण हुई। 

सिंकिंग फंड्स को राज्य बफर के रूप में रखते हैं ताकि अपनी देनदारियों का पुनर्भुगतान कर सकें। उत्तर प्रदेश में एकाउंटिंग में इसका अक्सर इस्तेमाल किया जाता है जिसमें राजस्व खाते से धनराशि को सिंकिंग फंड में ट्रांसफर कर दिया जाता है। हालांकि धनराशि का वास्तव में निवेश नहीं किया जाता। बाजार ऋण को चुकाने के लिए जरूरी धनराशि को बाद में राजस्व प्राप्ति के रूप में जमा कर दिया जाता है। कैग (2020) ने इस पद्धति को एकाउंटिंग की प्रक्रिया के प्रतिकूल बताया था और कहा था कि इससे राजस्व अधिशेष का ओवरएस्टिमेशन होता है। कैग ने इस संबंध में निम्नलिखित सुझाव दिए थे: (i) सिंकिंग फंड के बैलेंस का निवेश करना, और (ii) 12वें वित्त आयोग के सुझाव के अनुसार, कंसॉलिडेटेड सिंकिंग फंड बनाना, जिसका प्रबंधन आरबीआई द्वारा किया जाए। 

2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण। 17 फरवरी, 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से उत्तर प्रदेश पहले दो सुधारों को लागू करने के लिए 9,702 करोड़ रुपए तक का उधार लेने के योग्य है। 

बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 28.1% के बराबर होने का अनुमान है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से कम है (जीएसडीपी का 29.2%)। बकाया देनदारियों के 2018-19 में 30.2% से घटकर 2021-22 में जीएसडीपी का 29.2% होने का अनुमान है।

तालिका 7: उत्तर प्रदेश के लिए घाटे के लिए बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में) 

वर्ष

राजस्व संतुलन

राजकोषीय संतुलन

बकाया ऋण

2018-19 (वास्तविक)

-1.9%

-2.4%

30.2%

2019-20 (वास्तविक)

4.0%

0.7%

29.6%

2020-21 (संशोधित)

-0.7%

-4.2%

29.2%

2021-22 (बजटीय)

1.1%

-4.2%

28.1%

2022-23

1.6%

-3.5%

28.6%

2023-24

2.0%

-3.0%

28.5%

2024-25

2.3%

-2.7%

28.2%

नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)

image

नोट: नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष को दर्शाते हैं। RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान।

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.  

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

image

नोटRE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान।

SourcesUttar Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.  

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (उत्तर प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]

  • शिक्षा: 2021-22 में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 13.3% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में उत्तर प्रदेश का आबंटन कम है (2020-21 बजट अनुमान)।
     
  • स्वास्थ्य: उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.3% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) से यह ज्यादा है।
  • कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 2.7% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से कम है।
     
  • ग्रामीण विकास: 2021-22 में उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 5.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
     
  • पुलिस: 2021-22 में उत्तर प्रदेश ने पुलिस के लिए 5.7% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) से ज्यादा है।
     
  • सड़क और पुल: 2021-22 में उत्तर प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 8.2% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से लगभग दोगुना है।

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नोट2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ), and 2021-22 (बअ) के आंकड़े उत्तर प्रदेश के हैं। 

SourcesUttar Pradesh Budget in Brief 2021-22; various state budgets; PRS.

अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव

15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42% का सुझाव दिया था और इसमें से 1% की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर उत्तर प्रदेश को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 7.36% हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर उत्तर प्रदेश को 7.36 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 7.54 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे कम है।

तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग की अवधियों के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी 

राज्य

14वां विआ

15वां विआ

15वां विआ

% परिवर्तन

2015-20

2020-21

2021-26

2015-20 से
 2021-26

2015-20 से
 2021-26

आंध्र प्रदेश

1.81

1.69

1.66

-8.2%

-1.6%

अरुणाचल प्रदेश

0.58

0.72

0.72

25.2%

-0.2%

असम

1.39

1.28

1.28

-7.8%

-0.1%

बिहार

4.06

4.13

4.12

1.6%

0.0%

छत्तीसगढ़

1.29

1.40

1.40

8.0%

-0.3%

गोवा

0.16

0.16

0.16

-0.3%

0.0%

गुजरात

1.30

1.39

1.43

10.1%

2.4%

हरियाणा

0.46

0.44

0.45

-1.6%

1.0%

हिमाचल प्रदेश

0.30

0.33

0.34

13.6%

3.9%

जम्मू एवं कश्मीर

0.78

-

-

-

-

झारखंड

1.32

1.36

1.36

2.8%

-0.2%

कर्नाटक

1.98

1.50

1.50

-24.5%

0.0%

केरल

1.05

0.80

0.79

-24.8%

-0.9%

मध्य प्रदेश

3.17

3.23

3.22

1.5%

-0.5%

महाराष्ट्र

2.32

2.52

2.59

11.7%

3.0%

मणिपुर

0.26

0.29

0.29

13.3%

-0.3%

मेघालय

0.27

0.31

0.31

16.6%

0.3%

मिजोरम

0.19

0.21

0.21

6.1%

-1.2%

नागालैंड

0.21

0.24

0.23

11.5%

-0.7%

ओड़िशा

1.95

1.90

1.86

-4.8%

-2.2%

पंजाब

0.66

0.73

0.74

11.9%

1.1%

राजस्थान

2.31

2.45

2.47

7.1%

0.8%

सिक्किम

0.15

0.16

0.16

3.2%

0.0%

तमिलनाडु

1.69

1.72

1.67

-1.0%

-2.6%

तेलंगाना

1.02

0.88

0.86

-15.8%

-1.5%

त्रिपुरा

0.27

0.29

0.29

7.7%

-0.1%

उत्तर प्रदेश

7.54

7.35

7.36

-2.5%

0.0%

उत्तराखंड

0.44

0.45

0.46

3.7%

1.3%

पश्चिम बंगाल

3.08

3.08

3.08

0.3%

0.1%

कुल

42.00

41.00

41.00

   

नोट: हालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है। SourcesReports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.

15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे(i) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.लाख करोड़ रुपए, (ii) शहरी स्थानीय निकायों को 1.लाख करोड़ रुपए, और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,000 करोड़ रुपए।

 

तालिका 9: 2021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)

अनुदान

कुल

उत्तर प्रदेश

राजस्व घाटा अनुदान

 2,94,514

0

स्थानीय सरकारों को अनुदान

 4,36,361

67,160*

क्षेत्र विशिष्ट अनुदान

 1,29,987

15,781#

आपदा प्रबंधन अनुदान

 1,22,601

10,685

राज्य विशिष्ट अनुदान

49,599

3,495

कुल

10,33,062

97,121

नोट: इसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं।
 SourceReport of 15th FC; PRS.

उत्तर प्रदेश के लिए निम्न अनुदानों का सुझाव दिया गया है: (i) स्थानीय निकायों के लिए 67,160 करोड़ रुपए का अनुदान, और (ii) सैनिटेशन, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वास्थ्य के लिए 3,495 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान।

तालिका 10: केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण

राज्य

2019-20

2020-21
 
संशोधित

2021-22
 
बजटीय

आंध्र प्रदेश

29,421

22,611

26,935

अरुणाचल प्रदेश

9,363

9,681

11,694

असम

22,627

17,220

20,819

बिहार

66,049

55,334

66,942

छत्तीसगढ़

21,049

18,799

22,676

गोवा

2,583

2,123

2,569

गुजरात

21,077

18,689

23,148

हरियाणा

7,408

5,951

7,275

हिमाचल प्रदेश

4,873

4,394

5,524

जम्मू एवं कश्मीर

12,623

-38

-

झारखंड

21,452

18,221

22,010

कर्नाटक

32,209

20,053

24,273

केरल

17,084

10,686

12,812

मध्य प्रदेश

51,584

43,373

52,247

महाराष्ट्र

37,732

33,743

42,044

मणिपुर

4,216

3,949

4,765

मेघालय

4,387

4,207

5,105

मिजोरम

3,144

2,783

3,328

नागालैंड

3,403

3,151

3,787

ओड़िशा

31,724

25,460

30,137

पंजाब

10,777

9,834

12,027

राजस्थान

37,554

32,885

40,107

सिक्किम

2,508

2,134

2,582

तमिलनाडु

27,493

23,039

27,148

तेलंगाना

16,655

11,732

13,990

त्रिपुरा

4,387

3,899

4,712

उत्तर प्रदेश

1,22,729

98,618

1,19,395

उत्तराखंड

7,189

6,072

7,441

पश्चिम बंगाल

50,051

41,353

50,070

कुल

6,83,353

5,49,959

6,65,563

नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के लिए समायोजित करने के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।  
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.

अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।

मद

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से  2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

प्राप्तियां (1+2)

4,00,504

5,06,182

26%

प्राप्तियां, उधारियों के बिना

3,09,002

4,20,672

36%

1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ)

3,06,802

4,18,340

36%

क. स्वयं कर राजस्व

1,18,813

1,77,535

49%

ख. स्वयं गैर कर राजस्व

10,812

25,422

135%

ग. केंद्रीय करों में हिस्सा

98,618

1,19,395

21%

घ. केंद्र से सहायतानुदान

78,558

95,989

22%

इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

6,054

8,810

112%

2.     पूंजीगत प्राप्तियां

93,702

87,841

-6%

क. उधारियां

91,502

85,509

-7%

इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

-

-

व्यय (3+4)

4,14,751

5,50,271

33%

3.     राजस्व व्यय

3,19,962

3,95,130

23%

4.     पूंजीगत व्यय

94,788

1,55,140

64%

i.     पूंजीगत परिव्यय

68,254

1,13,768

67%

ii. ऋण पुनर्भुगतान

24,897

38,869

56%

राजस्व संतुलन

-13,161

23,210

-276%

राजकोषीय संतुलन

-80,851

-90,730

12%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में)

-0.68

1.07%

-

राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में)

-4.17%

-4.17%

-

नोटनेगेटिव राजस्व वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष दर्शाती है। 

SourcesUP Budget Documents 2021-22; PRS.

राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक

टैक्स

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

एसजीएसटी

44,301

64,475

46%

सेल्स टैक्स/वैट

22,492

31,100

38%

राज्य की एक्साइज ड्यूटी

28,593

41,500

45%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

13,856

25,500

84%

वाहन टैक्स

4,916

9,350

90%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

4,250

4,750

12%

भूराजस्व

405

860

112%

Sources: UP Budget Documents 2021-22; PRS.

मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन

क्षेत्र

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

 53,043 

 67,683 

28%

परिवहन

 29,568 

 44,255 

50%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

 20,582 

 32,009 

56%

पुलिस

 20,725 

 29,172 

41%

ग्रामीण विकास

 26,431 

 27,455 

4%

बिजली

 20,443 

 27,248 

33%

सामाजिक कल्याण एवं पोषण

 21,048 

 24,420 

16%

शहरी विकास

 15,180 

 23,980 

58%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

 16,808 

 20,418 

21%

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

 7,246 

 17,439 

141%

SourcesUP Budget Documents 2021-22; PRS.

[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

 

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