उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने 26 मई, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2022-23 के लिए (मौजूदा कीमतों पर) 20,48,234 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के जीएसडीपी के संशोधित अनुमान से 17.1% अधिक है (17,49,469 करोड़ रुपए)। 2021-22 में जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 9.8% संकुचित होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 5,82,956 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 28% अधिक है (4,55,809 करोड़ रुपए)। साथ ही 2022-23 में 32,563 करोड़ रुपए का कर्ज राज्य द्वारा चुकाया जाएगा। 2021-22 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 11% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 5,01,778 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 32% अधिक है (3,81,063 करोड़ रुपए)। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 39,609 करोड़ रुपए (9% की कमी) कम होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 81,178 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.96%) पर लक्षित है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.27% रहने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 4.17% के बजट अनुमान से कम है।
     
  • 2022-23 के लिए राजस्व अधिशेष 43,124 करोड़ रुपए होने का अनुमान है (जीएसडीपी का 2.11%)। 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी के 1.26% के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो जीएसडीपी के 1.07% के बजट अनुमान से अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • किसानों के लिए दुर्घटना बीमाकिसान दुर्घटना कल्याण योजना के तहत लाभार्थियों के दायरे का विस्तार किया गया है ताकि पंजीकृत किसान के परिवार के कमाऊ सदस्यों को इसमें शामिल किया जा सके। योजना के तहत लाभार्थी की दुर्घटना में मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में परिवार को पांच लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं।
     
  • रोजगार: उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति, 2019 के अंतर्गत सरकार अगले पांच वर्षों में 100 इंक्यूबेटर और 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना करेगी।
     
  • सोलर स्ट्रीट लाइटिंग: राज्य के सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाने के लिए नई योजना बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना को शुरू किया गया है।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपीउत्तर प्रदेश क जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) 2021-22 में 7.3% की दर से बढ़ने का अनुमान है जो 2020-21 के निचले आधार से अधिक है। 2020-21 में जीएसडीपी ने 4.2% का संकुचन दर्ज किया। इसकी तुलना में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 2020-21 में 6.6% और 2021-22 में 8.9% की वृद्धि देखी गई।
     
  • क्षेत्र2021-22 में मौजूदा कीमतों पर कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 26%, 25% और 49% अर्थव्यवस्था का योगदान दिया।
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपीउत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी 2021-22 में (मौजूदा कीमतों पर) 81,398 रुप होने का अनुमान है; 2020-21 में इसी आंकड़े से 10% अधिक (74,307 रुप)। इसकी तुलना मेंराष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 में 1,72,761 रुपए (मौजूदा कीमतों पर) होने का अनुमान है।

रेखाचित्र  1 उत्तर प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि  

 image

नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित की गई है।
स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस। 

 

2022-23 के लिए बजट अनुमान

  • 2022-23 में 5,82,9565 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान से 28% अधिक है (4,55,809 करोड़ रुपए)। इस व्यय को 5,01,778 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 81,178 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारियों के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2022-23 के लिए प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) में 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 32% की वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 9% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में राज्य को 43,124 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि इसकी जीएसडीपी का 2.11% है। इसकी तुलना में 2020-21 में राज्य को जीएसडीपी का 0.12% (2,367 करोड़ रुपए) का राजस्व घाटा होने की उम्मीद है और 2021-22 में जीएसडीपी का 1.26% (22,107 करोड़ रुपए) का राजस्व अधिशेष होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में 3.96% के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 4.27% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)। 

तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

कुल व्यय

3,78,711

5,50,271

4,84,542

-12%

6,15,519

27%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

26,777

38,869

28,733

-26%

32,563

13%

शुद्ध व्यय (E)

3,51,933

5,11,402

4,55,809

-11%

5,82,956

28%

कुल प्राप्तियां

3,84,170

5,06,182

4,70,018

-7%

5,90,952

26%

(-) उधारियां 

86,859

85,509

88,954

4%

89,174

0%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

2,97,311

4,20,672

3,81,063

-9%

5,01,778

32%

राजकोषीय घाटा (E-R)

54,622

90,730

74,746

-18%

81,178

9%

जीएसडीपी का %

2.81%

4.17%

4.27%

3.96%

राजस्व संतुलन

-2,367

23,210

22,107

-5%

43,124

95%

जीएसडीपी का %

-0.12%

1.07%

1.26%

2.11%

प्राथमिक घाटा

17,194

47,200

32,241

-32%

35,191

9%

जीएसडीपी का %

0.89%

2.17%

1.84%

1.72%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 

2022-23 में व्यय

  • 2022-23 में राजस्व व्यय 4,56,089 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (3,56,624 करोड़ रुपए) से 28% अधिक है। इस खर्च में वेतनपेंशनब्याज और सब्सिडी का भुगतान शामिल है। वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राजस्व व्यय बजट अनुमान से 10% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में पूंजीगत परिव्यय 1,23,920 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 28% अधिक है। पूंजीगत परिव्यय में परिसंपत्तियों के सृजन का व्यय शामिल है। इसमें स्कूलअस्पतालों और सड़कों एवं पुलों के निर्माण पर होने वाला खर्च शामिल है। 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय बजट अनुमान से 15% कम रहने का अनुमान है।

2020-21 में वास्तविक व्यय

2020-21 में राज्य द्वारा वास्तविक व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 3,51,933 करोड़ रुपए था जो उस वर्ष के बजट अनुमान से 26% कम था। जबकि प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 1,27,457 करोड़ रुपए कम थींउधारियां बजट से 11,068 करोड़ रुपए अधिक थीं। जलापूर्ति और सैनिटेशन पर वास्तविक व्यय बजट अनुमान से 60%, कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर 53%, और सामाजिक कल्याण और पोषण पर 37% कम था। विवरण के लिए अनुलग्नक 2 देखें।

 

तालिका 2: बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राजस्व व्यय

2,98,543

3,95,130

3,56,624

-10%

4,56,089

28%

पूंजीगत परिव्यय

52,237

1,13,768

96,481

-15%

1,23,920

28%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

1,153

2,504

2,704

8%

2,947

9%

शुद्ध व्यय

3,51,933

5,11,402

4,55,809

-11%

5,82,956

28%

स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 2,76,635 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 55% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 31%), ब्याज भुगतान (9%), और पेंशन (15%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 28% अधिक होने का अनुमान है। पेंशन में 43% की वृद्धि का अनुमान है जबकि वेतन और ब्याज भुगतान में क्रमशः 28% और 8% की वृद्धि का अनुमान है।

तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

वेतन

97,432

1,44,345

1,19,664

-17%

1,53,570

28%

पेंशन

48,219

68,697

53,715

-22%

77,078

43%

ब्याज 

37,428

43,530

42,504

-2%

45,987

8%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

1,83,080

2,56,572

2,15,883

-16%

2,76,635

28%

स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान राज्य के बजटीय व्यय का 61% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।

तालिका 4उत्तर प्रदेश बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

 

क्षेत्र

2020-21 वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान 2022-23 (बअ)

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

54,844

67,683

57,577

75,165

31%

  • समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक शिक्षा के लिए 15,169 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

21,549

32,009

26,328

40,991

56%

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में पूंजीगत व्यय हेतु 987 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

परिवहन

28,238

44,255

36,002

39,864

11%

  • सड़कों एवं पुलों में पूंजीगत परिव्यय हेतु 32,150 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ऊर्जा

19,647

27,248

31,980

37,566

17%

  • बिजली आपूर्ति हेतु सबसिडी देने के लिए 12,100 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

19,791

29,172

24,140

31,443

30%

  • जिला पुलिस के लिए 21,463 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • विशेष पुलिस हेतु 3,684 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

14,753

24,420

23,466

31,239

33%

  • बाल कल्याण हेतु 9,035 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • महिला कल्याण हेतु 3,136 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

23,247

27,455

24,883

29,541

19%

  • मनरेगा के अंतर्गत पूंजीगत परिव्यय हेतु 4,823 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

16,386

23,980

18,349

27,111

48%

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन हेतु अनुदान देने के लिए 4,200 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

3,569

17,439

13,775

21,733

58%

  • स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए 816 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • शहरी जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 206 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ नियंत्रण

13,617

20,418

17,751

21,431

21%

  • मुख्य सिंचाई हेतु पूंजीगत परिव्यय के लिए 4,255 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

61%

62%

61%

61%

 

 

स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

 2022-23 में प्राप्तियां

  • 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 4,99,213 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 32% अधिक है। इसमें से 2,33,450 करोड़ (47%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगाऔर 2,65,763 करोड़ (53%) केंद्र से प्राप्त होंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 29%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 24%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
     
  • हस्तांतरण2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 1,46,499 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 28% अधिक है। बजट अनुमानों की तुलना में 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार केंद्र से 4% कम हस्तांतरण की उम्मीद है।
     
  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: उत्तर प्रदेश का कुल स्वयं कर राजस्व 2022-23 में 2,10,044 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 38% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राज्य का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 6.2% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 10.3% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि 2021-22 (संशोधित अनुमानों के अनुसार) में स्वयं कर जीएसडीपी अनुपात 8.7% होने की उम्मीद है।
     
  • राज्य का गैर कर राजस्व2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 23,406 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 51अधिक है। 2021-22 में राज्य के गैर कर राजस्व में बजट अनुमानों से 39% की गिरावट दर्ज होने का अनुमान है।

तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

स्रोत

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य के स्वयं कर*

1,19,897

1,77,535

1,52,562

-14%

2,10,044

38%

राज्य के स्वयं गैर कर

11,846

25,422

15,524

-39%

23,406

51%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

1,06,687

1,19,395

1,14,894

-4%

1,46,499

28%

केंद्रीय से सहायतानुदान*

57,746

95,989

95,751

0%

1,19,264

25%

राजस्व प्राप्तियां

2,96,176

4,18,340

3,78,731

-9%

4,99,213

32%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

1,135

2,332

2,332

0%

2,565

10%

शुद्ध प्राप्तियां

2,97,311

4,20,672

3,81,063

-9%

5,01,778

32%

नोट: *राज्य के स्वयं कर और केंद्र से अनुदान के आंकड़ों को केंद्रीय अनुदान के तौर पर जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के खाते में समायोजित किया गया है।
बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।  
स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

  • 2022-23 में अनुमान है कि एसजीएसटी स्वयं कर राजस्व (37%) का सबसे बड़ा स्रोत होगा। 2022-23 में एसजीएसटी राजस्व 77,653 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 36% अधिक है। 2021-22 में एसजीएसटी राजस्व बजट अनुमान से 12% कम रहने का अनुमान है। 2022-23 में राज्य को 10,611 करोड़ रुप का जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान मिलने का अनुमान है। 2021-22 में राज्य को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 7,787 करोड़ रुपए (संशोधित अनुमानों के अनुसार) और जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण के रूप में 9,623 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।
     
  • 2022-23 में राज्य एक्साइज और बिक्री कर/वैट से राजस्व में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में क्रमशः 36% और 26% की वृद्धि होने का अनुमान है (तालिका 6)।

जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति

जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान उत्तर प्रदेश ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में उत्तर प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 17,410 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो उसके स्वयं कर राजस्व का लगभग 11% है। इसलिए जून 2022 के बाद उत्तर प्रदेश को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है।

तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य जीएसटी

42,860

64,475

56,988

-12%

77,653

36%

राज्य एक्साइज

30,061

41,500

36,212

-13%

49,152

36%

सेल्स टैक्स/वैट

22,127

31,100

28,655

-8%

36,213

26%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

16,475

25,500

19,745

-23%

29,692

50%

वाहन टैक्स

6,483

9,350

5,950

-36%

10,887

83%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

1,587

4,750

4,750

0%

5,531

16%

भूराजस्व

297

860

263

-69%

915

247%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

9,381

8,810

7,787

-12%

10,611

36%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

6,007

-

9,623

-

-

-

स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2004 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है। 

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में उत्तर प्रदेश में 43,124 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 2.11% है। 2021-22 में राज्य में संशोधित अनुमानों के अनुसार 1.26% राजस्व अधिशेष दर्ज होने की उम्मीद है जो कि बजट अनुमान 1.07% से अधिक है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.96% रहने का अनुमान है। यह 2022-23 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)।

बकाया देनदारियांवित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। मार्च 2023 के अंत तक राज्य की बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 32.5% होने का अनुमान है। बकाया देनदारियां 2019-20 में जीएसडीपी के 29.6% से बढ़कर 2025-26 में 31.7% होने का अनुमान है।

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है। *2023-24, 2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं। 2019-20 में राज्य को राजकोषीय अधिशेष हुआ था। स्रोतउत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।   

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।  *2023-24, 2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं।स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।   

 

बकाया सरकारी गारंटी: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (एसपीएसई) वित्तीय संस्थानों से जो उधारी लेते हैं, उनकी गारंटी राज्य सरकारें देती हैं। 31 मार्च2021 तक राज्य की बकाया गारंटी 1,53,836 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2020-21 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी का 8% है।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (उत्तर प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: 2022-23 में उत्तर प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 13% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में उत्तर प्रदेश का आबंटन कम है (2021-22 बजट अनुमान)।
  • स्वास्थ्य: राज्य ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 7.1% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
  • कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 2.8% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से काफी कम है।
  • ग्रामीण विकास: उत्तर प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 5.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से कम है।
  • पुलिस: राज्य ने पुलिस के लिए कुल 5.4% का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
  • सड़क और पुल: उत्तर प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 6.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से ज्यादा है।

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नोट: 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ)और 2022-23 (बअ) के आंकड़े उत्तर प्रदेश के हैं। 
स्रोत: उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना 

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है। 

तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % 

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

4,24,767

2,97,311

-30%

1.     राजस्व प्राप्तियां (+++घ)

4,22,567

2,96,176

-30%

क.  स्वयं कर राजस्व

1,58,413

1,19,897

-24%

ख.  स्वयं गैर कर राजस्व

31,179

11,846

-62%

ग.  केंद्रीय करों में हिस्सा

1,52,863

1,06,687

-30%

घ.  केंद्र से सहायतानुदान

80,112

57,746

-28%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

7,608

9,381

23%

2.     गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

2,200

1,135

-48%

3.  उधारियां

75,791

86,859

15%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

6,007

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

4,77,963

3,51,933

-26%

4.     राजस्व व्यय

3,95,117

2,98,543

-24%

5.  पूंजीगत परिव्यय

81,209

52,237

-36%

6.     ऋण और अग्रिम

1,637

1,153

-30%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

34,897

26,777

-23%

राजस्व संतुलन

27,451

-2,367

-109%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %)

1.53%

-0.12%

राजकोषीय घाटा

53,195

54,622

3%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

2.97%

2.81%

नोटनेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है। 
स्रोतविभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्सपीआरएस। 

तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

भूराजस्व

856

297

-65%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

4,250

1,587

-63%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

23,197

16,475

-29%

वाहन टैक्स

8,650

6,483

-25%

एसजीएसटी

55,673

42,860

-23%

सेल्स टैक्स/वैट

28,287

22,127

-22%

राज्य की एक्साइज ड्यूटी

37,500

30,061

-20%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

8,869

3,569

-60%

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

12,682

6,020

-53%

समाज कल्याण एवं पोषण

23,438

14,753

-37%

आवासन

7,888

4,986

-37%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

6,490

4,241

-35%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

19,137

13,617

-29%

ग्रामीण विकास

31,402

23,247

-26%

पुलिस

26,395

19,791

-25%

शहरी विकास

20,461

16,386

-20%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

26,266

21,549

-18%

बिजली

23,425

19,647

-16%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

64,805

54,844

-15%

परिवहन

33,152

28,238

-15%

  इनमें सड़क एवं पुल

30,135

27,351

-9%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

 

[1]  30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।