उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री श्री सुरेश खन्ना ने 22 फरवरी, 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2023-24 के लिए उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 24,39,171 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जिसमें 2022-23 की तुलना में 19% की वृद्धि है।

  • 2023-24 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 6,59,061 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 17% अधिक है। इसके अलावा राज्य द्वारा 31,181 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा।

  • 2023-24 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 5,74,178 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 19% की वृद्धि है। 2022-23 में प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) के बजट अनुमान से 20,396 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (4% की कमी)।

  • 2023-24 में राजस्व संतुलन जीएसडीपी का 2.8% (68,512 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.6%) से थोड़ा अधिक है। 2022-23 में राजस्व संतुलन बजट अनुमान (जीएसडीपी का 2.1%) से अधिक रहने की उम्मीद है।

  • 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3.48% (84,883 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2022-23 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.97% रहने की उम्मीद है जो कि वर्ष के बजट अनुमानों के समान है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • बिजली सबसिडी : निजी नलकूप मालिकों की बिजली खपत पर सबसिडी 2023-24 में 50% से बढ़ाकर 100% की जाएगी। इसके लिए 1,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

  • बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई : विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिए 10,952 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इसमें से 3,400 करोड़ रुपए लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए आबंटित किए गए हैं।

  • विधवा पेंशन योजना : निराश्रित विधवा पेंशन योजना के तहत 2023-24 में 4,032 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। योजना के तहत 32.6 लाख निराश्रित विधवाओं को पेंशन प्रदान की जाती है।

  • ग्रामीण आवास : 2023-24 में 12,39,877 घरों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2021-22 में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) पिछले वर्ष के निम्न आधार पर 4.2% बढ़ने का अनुमान है। 2020-21 में जीएसडीपी में 5.5% की कमी आई थी। इसकी तुलना में 2020-21 में 6.6% के संकुचन के बाद 2021-22 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद के 8.7% बढ़ने का अनुमान है।

  • क्षेत्र: मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र 5.6% की दर से बढ़ा, जबकि सेवा क्षेत्र 2021-22 में निम्न आधारों पर 4.2% की दर से बढ़ा (रेखाचित्र 1 देखें)। कृषि ने 2020-21 में सकारात्मक वृद्धि देखी गई और 2021-22 में यह क्षेत्र 2.7% की दर से बढ़ा। 2021-22 में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में क्रमशः (मौजूदा कीमतों पर) 24%, 27% और 49% योगदान का अनुमान है।

  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी:  2021-22 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 79,396 रुपए अनुमानित है जिसमें 2018-19 की तुलना में 4% की वार्षिक वृद्धि है।

रेखाचित्र  1 उत्तर प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

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नोट: ये संख्या स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं, जिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है।
स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस। 

2023-24 के लिए बजट अनुमान

  • 2023-24 में 6,59,061 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 17% अधिक है। इस व्यय को 5,74,178 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 77,933 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 के लिए कुल प्राप्तियों (उधार के अलावा) में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 19.3% की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।

  • 2023-24 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 2.8% (68,512 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.6%) से थोड़ा अधिक है। 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3.5% (84,883 करोड़ रुपए) पर लक्षित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 3.97%) से कम है। उल्लेखनीय है कि राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से 3,558 करोड़ रुपए बढ़ गया है।

तालिका 1: बजट 2023-24 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

4,39,963

6,15,519

5,85,272

-4.9%

6,90,242

17.9%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

28,726

32,563

22,565

-30.7%

31,181

38.2%

शुद्ध व्यय (E)

4,11,237

5,82,956

5,62,707

-3.5%

6,59,061

17.1%

कुल प्राप्तियां

4,47,702

5,90,952

5,76,129

-2.5%

6,83,293

18.6%

(-) उधारियां

75,751

89,174

94,748

6.3%

1,09,115

15.2%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

3,71,951

5,01,778

4,81,382

-4.1%

5,74,178

19.3%

राजकोषीय घाटा (E-R)

39,286

81,178

81,326

0.2%

84,883

4.4%

जीएसडीपी का %

2.1%

4.0%

4.0%

 

3.5%

 

राजस्व संतुलन

33,430

43,124

53,907

25.0%

68,512

27.1%

जीएसडीपी का %

1.8%

2.1%

2.6%

 

2.8%

 

प्राथमिक घाटा

-3,589

35,191

35,560

1.1%

34,628

-2.6%

जीएसडीपी का %

-0.2%

1.7%

1.7%

 

1.4%

 

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस। 

2023-24 में व्यय

  • 2023-24 के लिए राजस्व व्यय 5,02,354 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 18% अधिक है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर खर्च शामिल है।

  • 2023-24 के लिए पूंजी परिव्यय 1,47,492 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 17% अधिक है। पूंजी परिव्यय परिसंपत्ति के निर्माण की दिशा में व्यय को दर्शाता है।

  • 2022-23 में राज्य द्वारा ऋण और अग्रिम 11,179 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जो कि बजट से 8,250 करोड़ रुपए अधिक है (280% की वृद्धि)। ऐसा 8,000 करोड़ रुपए के सार्वजनिक क्षेत्र के ऋण के कारण हो सकता है जो मुख्यमंत्री विस्तार एवं औद्योगिक क्षेत्र निर्माण योजना के तहत प्रदान किया गया है।

बजट अनुमानों से संबंधित मुद्दे 

राज्य बजट में तीन तरह से आंकड़े होते हैं: (i) बजट अनुमान: आगामी वित्तीय वर्ष के लिए एक अनुमान, (ii) संशोधित अनुमान: चालू वित्तीय वर्ष के बजट अनुमानों में संशोधन, और (iii) वास्तविक: पिछले वर्ष की अंतिम लेखापरीक्षित राशि। वास्तविक, बजट अनुमानों से कम या अधिक हो सकते हैं। वास्तविक और बजट अनुमानों के बीच तुलना करने से यह समझने में मदद मिलती है कि प्रस्तावित बजट पर कितना विश्वास किया जा सकता है।

अगर उत्तर प्रदेश के लिए यह तुलना की जाए तो 2021-22 में कम खर्च और कम राजस्व प्राप्ति की जानकारी मिलती है। उदाहरण के लिए 2021-22 में एकत्र की गई शुद्ध प्राप्तियों में 12% की कमी और वास्तविक शुद्ध व्यय में 20% की कमी (बजट अनुमानों की तुलना में) हुई थी। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 2016-17 और 2020-21 के बीच उत्तर प्रदेश में कम खर्च का पैटर्न देखा। 2019-20 में कुल बजट प्रावधान का 20% खर्च नहीं हुआ।

जीएसडीपी में स्वयं कर राजस्व का अनुपात राज्य की राजस्व बढ़ाने की क्षमता को दर्शाता है। 2023-24 में यह अनुपात 10.2% रहने का अनुमान है। हालांकि 2021-22 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, यह केवल 7.9% था।

तालिका 2: बजट 2023-24 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

3,37,581

4,56,089

4,24,909

-7%

5,02,354

18%

पूंजीगत परिव्यय

71,443

1,23,920

1,26,601

2%

1,47,492

17%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

2,213

2,947

11,197

280%

9,215

-18%

शुद्ध व्यय

4,11,237

5,82,956

5,62,707

-3%

6,59,061

17%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2023-24 में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 2,98,839 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 52% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 29%), पेंशन (14%), और ब्याज भुगतान (9%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में प्रतिबद्ध व्यय में 27% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2022-23 में पेंशन पर खर्च बजट अनुमान से 23% कम रहने का अनुमान है। 2021-22 में, वास्तविक के अनुसार, राजस्व प्राप्तियों का 54% प्रतिबद्ध व्यय के लिए खर्च किया गया था।

तालिका 3: 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

वेतन

1,06,637

1,53,570

1,29,921

-15%

1,66,161

28%

पेंशन

50,475

77,078

59,577

-23%

82,422

38%

ब्याज भुगतान

42,876

45,987

45,765

0%

50,256

10%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

1,99,987

2,76,635

2,35,264

-15%

2,98,839

27%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान उत्तर प्रदेश के बजटीय व्यय का 60% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।

तालिका 4: उत्तर प्रदेश बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का %

बजट प्रावधान 2023-24

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

59,775

75,165

65,464

85,003

30%

समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक शिक्षा के लिए 17,003 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्राम पंचायतों और वार्डों में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए 300 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

23,360

40,991

39,379

47,404

20%

15वें वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए परिवार कल्याण के लिए 2,521 करोड़ रुपए और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 409 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ऊर्जा

31,642

37,566

43,473

43,330

0%

बिजली सब्सिडी के लिए 13,100 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सड़क एवं पुल

27,595

37,086

37,326

38,338

3%

सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में पूंजी निवेश के लिए 500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

24,239

31,443

28,023

35,579

27%

विशेष पुलिस के लिए 4,212 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

20,217

31,239

31,658

33,378

5%

जिला पुलिस के लिए 23,475 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

21,054

29,541

28,095

32,771

17%

मनरेगा के लिए 5,041 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वर्ण जयंती ग्राम रोजगार योजना के लिए 1,164 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 3,005 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।)

शहरी विकास

14,605

27,111

31,593

28,465

-10%

पीएमएवाई (शहरी) के तहत पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए 2,490 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

5,100

21,733

19,759

24,504

24%

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत 1,632 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

3,752

8,364

8,319

9,617

16%

लघु सिंचाई के तहत नलकूपों के रखरखाव के लिए 1,912 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

3,336

8,486

7,712

9,186

19%

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 754 करोड़ रुपए की सबसिडी दी गई है।

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

57%

60%

62%

60%

-3%

 

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस।

2023-24 में प्राप्तियां

  • 2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 5,70,866 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 19% अधिक है। इसमें से 2,73,416 करोड़ रुपए (48%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 2,97,450 करोड़ रुपए (52%) केंद्र से प्राप्त होंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 32%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 20%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।

  • हस्तांतरण: 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 1,83,238 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है।

  • 2023-24 में केंद्र से अनुदान 1,14,213 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 5% कम है।

  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: उत्तर प्रदेश का कुल कर राजस्व 2023-24 में 2,49,625 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 42% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2023-24 में 10.2% अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों (8.6%) से अधिक है। 2021-22 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 7.9% था।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर*

1,47,356

2,10,044

1,76,016

-16%

2,49,625

42%

राज्य के स्वयं गैर कर

11,436

23,406

12,295

-47%

23,791

94%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

1,60,369

1,46,499

1,69,745

16%

1,83,238

8%

केंद्र से सहायतानुदान*

51,850

1,19,264

1,20,761

1%

1,14,213

-5%

राजस्व प्राप्तियां

3,71,011

4,99,213

4,78,817

-4%

5,70,866

19%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

939

2,565

2,565

0%

3,312

29%

शुद्ध प्राप्तियां

3,71,951

5,01,778

4,81,382

-4%

5,74,178

19%

नोट: *राज्य के स्वयं कर और केंद्र से प्राप्त अनुदान के आंकड़ों को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की मद में समायोजित किया गया है। BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं। स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2023-24, पीआरएस।

  • 2023-24 में अनुमान है कि राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होगा (38%)। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राज्य जीएसटी राजस्व में 41% की वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2022-23 में इस मद में प्राप्तियां बजट से 13% कम रहने की उम्मीद है।

  • 2023-24 में बिजली पर करों और शुल्कों से प्राप्त राजस्व में 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि (173%) होने की उम्मीद है। 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान बजटीय आंकड़ों (5,531 करोड़ रुपए) से 57% कम है।

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

जीएसटी (राज्यों को क्षतिपूर्ति) एक्ट, 2017 के तहत राज्यों को जीएसटी को लागू करने की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति की गारंटी दी जाती है। यह क्षतिपूर्ति जून 2022 तक अनुदान और ऋण के रूप में प्रदान की गई थी। 18 फरवरी, 2023 तक उत्तर प्रदेश का लंबित जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान 1,215 करोड़ रुपए है।

केंद्र ने 2020-21 में 6,007 करोड़ रुपए और 2021-22 में 8,140 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति ऋण के रूप में जारी किए। जून 2022 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अवधि समाप्त होने के बावजूद उत्तर प्रदेश को 2023-24 में 17,939 करोड़ रुपए और 2022-23 में 15,574 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है। यह अनुमान पूंजीगत प्राप्तियों के उसके अनुमानों को बढ़ा सकता है।

तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

54,594

77,653

67,488

-13%

95,203

41%

राज्य एक्साइज

36,320

49,152

41,349

-16%

58,000

40%

सेल्स टैक्स/वैट

27,058

36,213

31,542

-13%

41,788

32%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

20,048

29,692

24,267

-18%

34,560

42%

वाहन कर

7,776

10,887

8,771

-19%

12,672

44%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

1,366

5,531

2,357

-57%

6,440

173%

भू राजस्व

193

915

243

-73%

962

296%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

8,299

10,611

9,222

-13%

13,009

41%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

8,140

-

15,574

-

17,939

15%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्व बजट और उत्तर प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस। 

2023-24 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2004 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है। 

राजस्व अधिशेष: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2023-24 में 68,512 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 2.8%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है।

राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.48% रहने का अनुमान है। 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में कुछ सुधारों को पूरा करने पर ही उपलब्ध होगा। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2022-23 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4% रहने की उम्मीद है जो बजट अनुमानों के समान है। 2025-26 तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% तक कम होने का अनुमान है।

ऋणग्रस्तता और ऋण चुकौती

जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में उत्तर प्रदेश की ऋणग्रस्तता, 2022-23 में 32.5% से बढ़कर संशोधित चरण में 34.2% हो गई। 2023-24 में इसके 32.1% रहने की उम्मीद है। 2022 में कैग ने कहा था कि उत्तर प्रदेश अपने उधार के एक महत्वपूर्ण हिस्से का उपयोग पिछले ऋणों को चुकाने के लिए करता है। 2016-17 और 2020-21 के बीच राज्य ने अपने कर्ज का 69% पिछले ऋणों को चुकाने के लिए इस्तेमाल किया।

2023-24 में उत्तर प्रदेश द्वारा 31,181 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने और 50,256 करोड़ रुपये का ब्याज चुकाने का अनुमान है। इसकी बकाया देनदारियों का अनुमान जीएसडीपी का 32% है जो 2026-27 में घटकर 30% होने का अनुमान है। 2017 में एफआरबीएम समीक्षा समिति (अध्यक्ष: श्री एन.के. सिंह) ने राज्यों के लिए बकाया देनदारियों पर जीडीपी के 20% की सीमा का सुझाव दिया था।

बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2023-24 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 32.1% होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 34.2%) से कम है। 2019-20 के स्तर (जीएसडीपी का 29.6%) की तुलना में बकाया देनदारियों में काफी वृद्धि हुई है।

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)  

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नोट: *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमानित हैं; 2020-21 और 2021-22 के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋणों को अनुदान के रूप में आंके बिना घाटा दर्ज किया गया है। BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, उत्तर प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमानित हैं; 2020-21 और 2021-22 के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋणों को अनुदान के रूप में आंके बिना घाटा दर्ज किया गया है। BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (उत्तर प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2022-23 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।  [1]

  • शिक्षा: उत्तर प्रदेश ने 2023-24 में शिक्षा पर अपने व्यय का 13% आबंटित किया है। यह 2022-23 में राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आबंटन (14.8%) से कम है।

  • स्वास्थ्य: राज्य ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 7.3% आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आबंटन (6.3%) से अधिक है।

  • ग्रामीण विकास: उत्तर प्रदेश ने अपने व्यय का 5% ग्रामीण विकास पर आबंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आबंटन (5.7%) से कम है।

  • शहरी विकास: राज्य ने अपने व्यय का 4.4% शहरी विकास के लिए आबंटित किया है। यह राज्यों द्वारा शहरी विकास के लिए औसत आबंटन (3.5%) से अधिक है।

  • कृषि: उत्तर प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 2.9% कृषि के लिए आबंटित किया है जो दूसरे राज्यों द्वारा कृषि पर किए जाने वाले औसत व्यय (5.8%) का आधा है।

  • ऊर्जा: राज्य ने ऊर्जा के लिए अपने कुल व्यय का 6.7% आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा औसत आबंटन (4.8%) से अधिक है।

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नोट: 2021-22, 2022-23 (बअ), 2022-23 (संअ), और 2023-24 (बअ) के आंकड़े उत्तर प्रदेश के हैं। 
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तर प्रदेश बजट 2023-24; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

  [1]  31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अनुलग्नक 2: 2021-22 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना 

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में

मद

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

4,20,672

3,71,951

-12%

1.  राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ)

4,18,340

3,71,011

-11%

क.     स्वयं कर राजस्व

1,77,535

1,47,356

-17%

ख.     स्वयं गैर कर राजस्व

25,422

11,436

-55%

ग.     केंद्रीय करों में हिस्सा

1,19,395

1,60,369

34%

घ.     केंद्र से सहायतानुदान

95,989

51,850

-46%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

8,810

8,299

-6%

2.  गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

2,332

939

-60%

3.  उधारियां

85,509

75,751

-11%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

8,140

#VALUE!

शुद्ध व्यय (4+5+6)

5,11,402

4,11,237

-20%

4.  राजस्व व्यय

3,95,130

3,37,581

-15%

5.  पूंजीगत परिव्यय

1,13,768

71,443

-37%

6.  ऋण और अग्रिम

2,504

2,213

-12%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

38,869

28,726

-26%

राजस्व संतुलन

23,210

33,430

44%

राजस्व घाटा (जीएसडीपी का %)

1.1%

1.8%

68%

राजकोषीय घाटा

90,730

39,286

-57%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

4.2%

2.1%

-49%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

64,475

54,594

-15%

सेल्स टैक्स/वैट

31,100

27,058

-13%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

25,500

20,048

-21%

वाहन कर

9,350

7,776

-17%

राज्य एक्साइज

41,500

36,320

-12%

भू राजस्व

860

193

-78%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

4,750

1,366

-71%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

पुलिस

29,172

24,239

-17%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

67,683

59,775

-12%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

32,009

23,360

-27%

जलापूर्ति और सैनिटेशन

17,439

5,100

-71%

आवासन

8,646

7,918

-8%

शहरी विकास

23,980

14,605

-39%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

5,469

3,583

-34%

समाज कल्याण एवं पोषण

24,420

20,217

-17%

कृषि और संबंधित गतिविधियां

13,557

17,612

30%

ग्रामीण विकास

27,455

21,054

-23%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

20,418

12,501

-39%

ऊर्जा

27,238

31,642

16%

परिवहन

44,255

28,037

-37%

इनमें सड़क एवं पुल

41,638

27,595

-34%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तर प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।