उत्तराखंड के वित्तमंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 27 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
-
2024-25 के लिए उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 3,94,675 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें 2023-24 की तुलना में 14% की वृद्धि है।
-
2024-25 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 70,094 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 13% की वृद्धि है। इसके अलावा राज्य को 19,137 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाना होगा।
-
2024-25 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 60,677 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 11% की वृद्धि है।
-
2024-25 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 1.2% (4,737 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 0.9%) से अधिक है। 2023-24 में राजस्व अधिशेष बजट अनुमान से 29% कम रहने की उम्मीद है।
-
2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.4% (9,416 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2023-24 में, संशोधित अनुमान के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.2% होने की उम्मीद है, जो 2023-24 के बजट अनुमान से कम है।
नीतिगत विशिष्टताएं
-
सुरक्षा: परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी असुरक्षित पुलों और नदी ट्रॉलियों को हटा दिया जाएगा। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चिन्हित हिस्सों पर क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे।
-
इंफ्रास्ट्रक्चर: राज्य के सभी जिलों में हवाई कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। सभी सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू की जाएगी। उत्तराखंड में साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए एक नई योजना प्रस्तावित की जा रही है।
-
हरित ऊर्जा: सभी सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा प्रणालियां स्थापित की जाएंगी। सोलर रूफटॉप पैनल लगाने के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
-
सामाजिक कल्याण: महिलाओं की समानता को बढ़ावा देने और जेंडर संवेदनशील योजना सुनिश्चित करने के लिए, जेंडर बजट के रूप में 14,538 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
-
शिक्षा और खेल: सभी सरकारी स्कूलों को आवश्यक फर्नीचर उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए 250 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1 : उत्तराखंड में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि )
नोट: कृषि में खनन और उत्खनन शामिल है; मैन्यूफैक्चरिंग में निर्माण और बिजली शामिल है। ये आंकड़े स्थिर कीमतों (2011-12) के अनुसार हैं, जिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। स्रोत: उत्तराखंड एफआरबीएम वक्तव्य 2024-25; पीआरएस। |
2024-25 के लिए बजट अनुमान
-
2024-25 में कुल व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) 70,094 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 12.8% की वृद्धि है। इस व्यय को 60,677 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 8,783 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2024-25 के लिए कुल प्राप्तियों (उधारियों के अलावा) में 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 10.9% की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
-
2024-25 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 1.2% (4,737 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 0.9%) से अधिक है। 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीएसडीपी का 2.4% (9,416 करोड़ रुपए) है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.2%) से अधिक है।
तालिका 1: बजट 2024-25 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
60,536 |
77,407 |
77,888 |
0.6% |
89,230 |
14.6% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
8,475 |
11,228 |
15,728 |
40.1% |
19,137 |
21.7% |
शुद्ध व्यय (E) |
52,061 |
66,179 |
62,160 |
-6.1% |
70,094 |
12.8% |
कुल प्राप्तियां |
58,543 |
76,593 |
77,411 |
1.1% |
88,597 |
14.5% |
(-) उधारियां |
9,431 |
19,460 |
22,710 |
16.7% |
27,920 |
22.9% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
49,112 |
57,133 |
54,701 |
-4.3% |
60,677 |
10.9% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
2,949 |
9,047 |
7,459 |
-17.5% |
9,416 |
26.2% |
जीएसडीपी का % |
1.0% |
2.7% |
2.2% |
|
2.4% |
|
राजस्व अधिशेष |
5,310 |
4,310 |
3,041 |
-29.4% |
4,737 |
55.8% |
जीएसडीपी का % |
1.7% |
1.3% |
0.9% |
|
1.2% |
|
प्राथमिक घाटा |
-2,155 |
2,886 |
1,400 |
-51.5% |
2,780 |
98.6% |
जीएसडीपी का % |
-0.7% |
0.9% |
0.4% |
|
0.7% |
|
जीएसडीपी |
3,03,781 |
3,32,883 |
3,46,206 |
4.0% |
3,94,675 |
14.0% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
2024-25 में व्यय
|
राज्य द्वारा संवितरित ऋण राज्य सरकारें विभिन्न संस्थानों और संगठनों को ऋण प्रदान करती हैं। 2024-25 में उत्तराखंड ने 498 करोड़ रुपए के ऋण प्रदान करने का बजट रखा है। मार्च 2023 तक उत्तराखंड ने 2,455 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए हैं, जिसका पुनर्भुगतान बाकी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) (2022) ने कहा था कि ऋणों की वसूली कम रही है। 2017-18 से 2021-22 के बीच सिर्फ 119 करोड़ रुपए चुकाए गए हैं। मार्च 2022 तक विशेष क्षेत्र कार्यक्रम, जलापूर्ति, स्वच्छता, आवास एवं शहरी विकास और परिवहन जैसे चार क्षेत्रों के संगठनों ने अपने ऋण नहीं चुकाए थे। कैग ने सुझाव दिया कि राज्य इन ऋणों को अनुदान के तौर पर माने और उन्हें राजस्व व्यय के रूप में वर्गीकृत करे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि खातों में राज्य की अधिक सटीक वित्तीय स्थिति प्रदर्शित हो। स्रोत: राज्य वित्त की ऑडिट रिपोर्ट (2021-22); वित्तीय खाते (2022-23), कैग। |
तालिका 2: बजट 2024-25 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
43,773 |
52,748 |
51,585 |
-2% |
55,816 |
8% |
पूंजीगत परिव्यय |
8,195 |
13,134 |
10,403 |
-21% |
13,780 |
32% |
राज्य द्वारा दिए गए ऋण |
94 |
298 |
172 |
-42% |
498 |
190% |
शुद्ध व्यय |
52,061 |
66,179 |
62,160 |
-6% |
70,094 |
13% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आवंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2024-25 में उत्तराखंड द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 34,364 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 57% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 32%), पेंशन (13%), और ब्याज भुगतान (11%) पर खर्च शामिल है।
तालिका 3: 2024-25 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
प्रतिबद्ध व्यय |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
वेतन |
15,883 |
18,820 |
17,830 |
-5% |
19,582 |
10% |
पेंशन |
7,181 |
7,602 |
7,421 |
-2% |
8,146 |
10% |
ब्याज भुगतान |
5,104 |
6,161 |
6,059 |
-2% |
6,636 |
10% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
28,167 |
32,583 |
31,310 |
-4% |
34,364 |
10% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2024-25 के दौरान उत्तराखंड के बजटीय व्यय का 55% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में उत्तराखंड के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।
तालिका 4: उत्तराखंड बजट 2024-25 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान 2024-25 |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
9,831 |
10,907 |
10,435 |
11,700 |
12% |
सरकारी प्राथमिक स्कूलों को 3,455 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के लिए 3,864 करोड़ रुपए के राजस्व व्यय का बजट है। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
3,993 |
4,435 |
5,052 |
4,574 |
-9% |
बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए 619 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों जैसी एलोपैथिक ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर 1,359 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
3,709 |
4,558 |
4,714 |
4,572 |
-3% |
बाल कल्याण के लिए 821 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। महिला कल्याण के लिए 574 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन कार्यक्रम के लिए 350 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
4,102 |
4,845 |
4,132 |
4,552 |
10% |
सामुदायिक विकास के लिए 2,217 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, पीएमएवाई और पीएमजीएसवाई जैसी योजनाएं शामिल हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
3,296 |
5,037 |
4,486 |
4,450 |
-1% |
फसल पालन के लिए 644 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जिसमें राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन और पीएमकेएसवाई जैसी योजनाएं शामिल हैं। कृषि संस्थानों को अनुसंधान सहायता के लिए 157 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
2,150 |
2,447 |
2,334 |
2,667 |
14% |
जिला पुलिस पर 1,466 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। |
सड़कें एवं पुल |
1,717 |
2,257 |
2,555 |
2,389 |
-7% |
जिला और अन्य सड़कों के लिए 1,955 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
875 |
1,507 |
1,082 |
2,191 |
103% |
प्रमुख सिंचाई के लिए 1,587 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पीएम-कृषि सिंचाई योजना के तहत जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए 700 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
ऊर्जा |
168 |
1,172 |
518 |
1,263 |
144% |
बिजली परियोजनाओं के लिए ट्रांसमिशन और वितरण पर पूंजीगत परिव्यय के रूप में 823 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव है। |
जलापूर्ति एवं स्वच्छता |
1,159 |
1,283 |
1,748 |
1,186 |
-32% |
शहरी जलापूर्ति कार्यक्रमों के लिए 525 करोड़ रुपए और ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रमों के लिए 427 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों पर कुल व्यय का % |
57% |
56% |
57% |
55% |
- |
|
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
2024-25 में प्राप्तियां
-
2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 60,553 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 11% अधिक है। इसमें से 27,383 करोड़ रुपए (45%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगा और 33,170 करोड़ रुपए (55%) केंद्र से प्राप्त होंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 23%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 32%) के रूप में होंगे।
-
हस्तांतरण: 2024-25 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 13,637 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है।
-
2024-25 में केंद्र से अनुदान 19,533 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है।
-
राज्य का स्वयं कर राजस्व: उत्तराखंड का स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 22,509 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 15% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 5.7% अनुमानित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान के समान है। 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 5.6% था।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
17,103 |
19,983 |
19,620 |
-2% |
22,509 |
15% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
4,367 |
4,762 |
4,175 |
-12% |
4,873 |
17% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
10,617 |
11,420 |
12,348 |
8% |
13,637 |
10% |
केंद्र से सहायतानुदान |
16,997 |
20,893 |
18,483 |
-12% |
19,533 |
6% |
राजस्व प्राप्तियां |
49,083 |
57,057 |
54,627 |
-4% |
60,553 |
11% |
गैर ऋण पूंजी प्राप्तियां |
29 |
75 |
74 |
-1% |
124 |
67% |
शुद्ध प्राप्तियां |
49,112 |
57,133 |
54,701 |
-4% |
60,677 |
11% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
|
स्वयं कर राजस्व का बढ़ाना 2024-25 में उत्तराखंड का स्वयं कर राजस्व उसकी कुल राजस्व प्राप्तियों का 37% होने का अनुमान है। स्वयं कर राजस्व को बढ़ाने हेतु नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) (2022) ने निम्नलिखित सुझाव दिए: (i) लंबित कर दावों को समय पर निपटाना, (ii) करों के मूल्यांकन में बकाये का निपटान करना, और (iii) राजस्व के बकाये की वसूली करना। राजस्व बकाया, देरी से राजस्व की वसूली का संकेत देता है और मूल्यांकन का बकाया, संभावित राजस्व का संकेत देता है जो लंबित मूल्यांकन के कारण अवरुद्ध है। इससे राज्य संभावित राजस्व प्राप्तियों से वंचित हो जाता है, जिससे राजस्व घाटा प्रभावित होता है। मार्च 2022 तक वाणिज्यिक कर/वैट और राज्य उत्पाद शुल्क के तहत राजस्व का बकाया 11,618 करोड़ रुपए था, जिसमें से 40% पांच वर्षों से अधिक समय से बकाया था। स्रोत: राज्य वित्त की ऑडिट रिपोर्ट (2021-22), कैग। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
7,341 |
8,788 |
8,788 |
0% |
10,201 |
16% |
राज्य उत्पाद शुल्क |
3,526 |
3,950 |
3,900 |
-1% |
4,439 |
14% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,987 |
2,063 |
2,256 |
9% |
2,665 |
18% |
सेल्स टैक्स/वैट |
2,555 |
2,603 |
2,603 |
0% |
2,504 |
-4% |
वाहन कर |
1,212 |
1,475 |
1,375 |
-7% |
1,550 |
13% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
294 |
550 |
360 |
-35% |
550 |
53% |
भूराजस्व |
65 |
54 |
38 |
-30% |
50 |
32% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
2,136 |
0 |
0 |
- |
0 |
- |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
0 |
0 |
- |
0 |
- |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजस्व बजट और उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
2024-25 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
उत्तराखंड राजकोषीय दायित्व (एफआरबी) एक्ट, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व अधिशेष: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व अधिशेष का अर्थ यह है कि सरकारी उधारियों को परिसंपत्ति निर्माण के लिए खर्च किया जा रहा है। बजट में 2024-25 में 4,737 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 1.2%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान है।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.4% रहने का अनुमान है। 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र के कुछ सुधारों को पूरा करने पर ही उपलब्ध होगा।
2022-23 में राजकोषीय घाटा 1% था और यह 2023-24 के संशोधित चरण में बढ़कर 2.2% होने का अनुमान है। 2027-28 तक इसके जीएसडीपी के 2.95% होने का अनुमान है।
बकाया देनदारियां: बकाया देनदारियां एक वित्तीय वर्ष के अंत में कुल उधार का संचय है। इसमें सार्वजनिक खाते पर कोई देनदारियां भी शामिल हैं। 2024-25 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 25.2% होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 24.9%) से कम है। 2020-21 में बकाया देनदारियां काफी बढ़ गईं (जीएसडीपी का 32.7%), और उसके बाद कम हो गईं।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)
नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं; नेगेटिव आंकड़े घाटे और पॉजिटिव आंकड़े अधिशेष हैं।RE संशोधित अनुमान है; BE बजट अनुमान है। स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस। |
रेखाचित्र 3: बकाया सार्वजनिक ऋण (जीएसडीपी का %)
नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं; 2020-21 और 2021-22 के लिए, जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को अनुदान के रूप में माने बिना घाटा दर्ज किया गया है; BE बजट अनुमान है। स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, उत्तराखंड बजट 2024-25; पीआरएस। |
बकाया सरकारी गारंटी: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो प्रकृति में आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 31 मार्च 2024 तक राज्य की बकाया गारंटी 119.4 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, यानी 2023-24 में उत्तराखंड की जीएसडीपी का 0.03%।
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में 2024-25 में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तराखंड के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (उत्तराखंड सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2023-24 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
-
शिक्षा: उत्तराखंड ने 2024-25 में शिक्षा के लिए अपने व्यय का 16.8% आवंटित किया है। यह 2023-24 में राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.7%) से अधिक है।
-
स्वास्थ्य: उत्तराखंड ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 6.6% आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.2%) से थोड़ा अधिक है।
-
ग्रामीण विकास: उत्तराखंड ने अपने व्यय का 6.5% ग्रामीण विकास पर आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आवंटन (5%) से अधिक है।
-
शहरी विकास: उत्तराखंड ने शहरी विकास के लिए अपने व्यय का 1.6% आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा शहरी विकास के लिए औसत आवंटन (3.4%) से कम है।
-
कृषि: उत्तराखंड ने अपने कुल व्यय का 6.4% कृषि के लिए आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा कृषि पर औसत व्यय (5.9%) से अधिक है।
-
एससी, एसटी और ओबीसी का कल्याण: उत्तराखंड ने एससी, एसटी और ओबीसी के कल्याण के लिए अपने कुल व्यय का 0.8% आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा औसत आवंटन (3.5%) से कम है।
|
|
|
|
|
नोट: 2022-23, 2023-24 (BE), 2023-24 (RE), और 2024-25 (BE) के आंकड़े उत्तराखंड के लिए हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, उत्तराखंड बजट 2024-25; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
[1] 31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अनुलग्नक 2: 2022-23 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2022-23 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 बअ |
2022-23 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में % परिवर्तन |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
51,500 |
49,112 |
-5% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
51,474 |
49,083 |
-5% |
क. स्वयं कर राजस्व |
15,371 |
17,103 |
11% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
5,521 |
4,367 |
-21% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
9,130 |
10,617 |
16% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
21,453 |
16,997 |
-21% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
2,590 |
2,136 |
-18% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
25 |
29 |
15% |
3. उधारियां |
12,275 |
9,431 |
-23% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
0 |
- |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
60,003 |
52,061 |
-13% |
4. राजस्व व्यय |
49,013 |
43,773 |
-11% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
10,840 |
8,195 |
-24% |
6. ऋण और अग्रिम |
150 |
94 |
-37% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
5,568 |
8,475 |
52% |
राजस्व अधिशेष |
2,461 |
5,310 |
116% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %) |
0.8% |
1.7% |
- |
राजकोषीय घाटा |
8,504 |
2,949 |
-65% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
2.8% |
1.0% |
- |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट दस्तावेज़; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
कर स्रोत/मद |
2022-23 बअ |
2022-23 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में % परिवर्तन |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
550 |
294 |
-47% |
राज्य उत्पाद शुल्क |
3,522 |
3,526 |
0% |
वाहन कर |
1,155 |
1,212 |
5% |
सेल्स टैक्स/वैट |
2,204 |
2,555 |
16% |
राज्य जीएसटी |
6,201 |
7,341 |
18% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,590 |
1,987 |
25% |
भूराजस्व |
38 |
65 |
71% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट दस्तावेज़; पीआरएस।
तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)
कर स्रोत/मद |
2022-23 बअ |
2022-23 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में % परिवर्तन |
ऊर्जा |
473 |
168 |
-64% |
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण |
419 |
233 |
-44% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,365 |
875 |
-36% |
आवास |
116 |
76 |
-35% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
4,572 |
3,709 |
-19% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
4,059 |
3,296 |
-19% |
ग्रामीण विकास |
4,922 |
4,102 |
-17% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
10,896 |
9,831 |
-10% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
4,416 |
3,993 |
-10% |
जलापूर्ति एवं स्वच्छता |
1,279 |
1,159 |
-9% |
परिवहन |
2,184 |
1,993 |
-9% |
जिनमें से सड़कें और पुल |
1,870 |
1,717 |
-8% |
शहरी विकास |
886 |
815 |
-8% |
पुलिस |
2,333 |
2,150 |
-8% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट दस्तावेज़; पीआरएस।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।