उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने 18 फरवरी, 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2019-20 के लिए मौजूदा मूल्यों पर उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2,63,233 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 11% अधिक है।
  • 2019-20 के लिए कुल व्यय 48,664 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2018-19 में बजटीय अनुमान की तुलना में व्यय में 2,124 करोड़ रुपए की गिरावट (4.7%) का अनुमान है।
  • 2019-20 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 38,989 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 12.1% अधिक है। 2018-19 में कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 906 करोड़ रुपए कम थीं (2.5%)।
  • अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व अधिशेष 23 करोड़ रुपए या जीएसडीपी के 0.01% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 6,798 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 2.58%)।
  • सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण (65%) और जलापूर्ति, स्वच्छता, आवास और शहरी विकास (41%) जैसे क्षेत्रों में सर्वाधिक आबंटन दर्ज किए गए। परिवहन (1%), पुलिस (5%), ग्रामीण विकास (6%) और सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण (6%) के आबंटनो में मामूली बढ़ोतरी हुई।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • ब्याज मुक्त ऋण: गरीब और सीमांत किसानों को कृषि प्रसंस्करण और कृषि से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिए जाएंगे। यह योजना एक लाख रुपए तक की राशि के ऋणों पर ही लागू होगी। कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए पांच लाख रुपए तक के ऋण लेने वाले स्वयं सहायता समूह भी इस योजना के पात्र होंगे। 2019-20 में इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • बाल पोषण में सुधार: बजट में मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना की घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत तीन से छह वर्ष के बीच के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में हफ्ते में दो बार दूध दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के अंतर्गत अब केवल गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे ही नहीं, अन्य कुपोषित बच्चे भी शामिल होंगे।
  • कौशल विकास: कौशल विकास कार्यक्रमों को मजबूत करने और इन कार्यक्रमों में महिलाएं एवं कमजोर वर्गों की भागीदारिता बढ़ाने के लिए संकल्प योजना को शुरू किया जाएगा। 2019-20 में इस योजना के लिए 4 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। प्रशिक्षण संस्थानों को मजबूत करने के लिए स्ट्राइव योजना की शुरुआत की जाएगी।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था

·    जीएसडीपी: उत्तराखंड की जीएसडीपी 2013-14 से 2017-18 के दौरान 9.5% की दर से बढ़ी (मौजूदा मूल्यों पर)।

·    क्षेत्र: 2017-18 में राज्य सकल मूल्य संवर्धन (जीएसवीए) में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 11%, 49% और 40% का योगदान दिया। क्षेत्रवार जीएसवीए राज्य की अर्थव्यवस्था में किसी क्षेत्र के योगदान को प्रदर्शित करता है। इस वर्षावधि के दौरान इन क्षेत्रों में क्रमशः 7.1%, 9.4%,और 13% की दर से वृद्धि हुई।

·    प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2017-18 में उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) 1,94,293 रुपए थी। 2016-17 के आंकड़ों (1,76,544 रुपए) की तुलना में यह 10.1% अधिक थी।

रेखाचित्र 1: उत्तराखंड में जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों का विकास (वर्ष दर वर्ष)

Sources:  Central Statistics Office, MOSPI; PRS.

2019-20 के लिए बजट अनुमान

  • 2019-20 में 48,664 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है। इस व्यय को 38,989 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 9,690 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में प्राप्तियों में (उधारियों के अतिरिक्त) 12.1% की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
  • संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2018-19 में बजटीय अनुमानों की तुलना में राज्य के व्यय में 2,124 करोड़ रुपए की गिरावट (4.7%) का अनुमान है। प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 906 करोड़ रुपए कम होने का अनुमान है (2.5%)।

तालिका 1: बजट 2019-20 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

42,726

45,585

43,461

-4.7%

48,664

12.0%

क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

27,388

35,693

34,787

-2.5%

38,989

12.1%

ख. उधारियां (सकल)

13,457

9,510

8,410

-11.6%

9,690

15.2%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

40,845

45,203

43,197

-4.4%

48,679

12.7%

राजस्व अधिशेष

-1,978

33

27

-16.6%

23

-16.4%

जीएसडीपी के % के रूप में

-0.92%

0.01%

0.01%

 

0.01%

 

राजकोषीय घाटा

7,686

6,710

5,492

-18.2%

6,798

23.8%

जीएसडीपी के % के रूप में

3.58%

2.75%

2.32%

 

2.58%

 

प्राथमिक घाटा

3,699

1,804

587

-67.4%

1,466

149.6%

जीएसडीपी के % के रूप में

1.72%

0.74%

0.25%

 

0.56%

 

Note: ‘-’ sign against revenue surplus indicates revenue deficit.  BE indicates Budget Estimate, RE indicates Revised Estimate.

Sources:  Uttarakhand Annual Financial Statement 2019-20; Uttarakhand Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; PRS.

2019-20 में व्यय

स्थानीय निकायों को अनुदान

राज्य सरकार स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों को क्षतिपूर्ति देती है और कार्य सौंपती है। 2019-20 में   इस मद में 2,183 करोड़ रुपए (व्यय का 4.5%) की राशि दिए जाने का अनुमान है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 18.8% की वृद्धि है। इसमें 1,157 करोड़ रुपए शहरी स्थानीय निकायों और 1,026 करोड़ रुपए पंचायती राज निकायो को आबंटित किए गए हैं।

  • 2019-20 में पूंजीगत व्यय 9,731 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान से 11.4% की वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
  • 2019-20 में उत्तराखंड में 6,572 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय अनुमानित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 23.2% की वृद्धि है। हालांकि 2018-19 के बजटीय अनुमान की तुलना में इस संशोधित आंकड़े के 18.9% कम होने का अनुमान है।
  • 2019-20 के लिए 38,933 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 1% की वृद्धि है। इस व्यय में वेतन का भुगतान, पेंशन और ब्याज इत्यादि शामिल है। 2019-20 के लिए प्रस्तावित कुल व्यय में राजस्व व्यय की हिस्सेदारी 80% है।

तालिका 2: बजट 2019-20 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

क. राजस्व व्यय

29,083

35,627

34,727

-2.5%

38,933

12.1%

ख. पूंजीगत व्यय

13,643

9,958

8,734

-12.3%

9,731

11.4%

जिसमें पूंजीगत परिव्यय

5,914

6,584

5,336

-18.9%

6,572

23.2%

कुल व्यय (क+ख)

42,726

45,585

43,461

-4.7%

48,664

12.0%

ग. ऋण पुनर्भुगतान

     7,652

      3,182

       3,182

0.0%

       2,876

-9.6%

घ. ब्याज भुगतान

      3,987

      4,906

       4,905

0.0%

      5,332

8.7%

ऋण चुकौती (ग+घ)

11,639

8,088

8,087

0.0%

8,209

1.5%

Note:  Capital outlay denotes expenditure which leads to creation of assets.

Sources:  Uttarakhand Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

2019-20 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2019-20 के दौरान उत्तराखंड के बजटीय व्यय का 57% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक में प्रस्तुत है।

तालिका 3 : उत्तराखंड बजट 2019-20 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2017-18

2018-19

2018-19

2019-20

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

2019-20 के बजटीय प्रावधान

वास्तविक

बजटीय

संशोधित

बजटीय

शिक्षा

6,669

8,057

7,487

8,758

17%

·   समग्र शिक्षा अभियान के लिए 1,073 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

कृषि

2,928

2,817

2,782

3,325

20%

·   गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए चीनी मिलों को सहायता हेतु 215 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

2,503

3,103

2,975

3,154

6%

·   प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 1,101 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·   राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 282 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण

1,619

2,484

2,204

2,643

20%

·   राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए क्रमशः 440 करोड़ और 150 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सामाजिक सुरक्षा और कल्याण

1,864

2,583

2,457

2,599

6%

·   एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) कार्यक्रम के अंतर्गत व्यय के लिए 562 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

1,627

1,869

1,809

1,894

5%

·   विशेष पुलिस बलों पर व्यय के लिए 348 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति, स्वच्छता, आवास और शहरी विकास

1,374

1,767

1,337

1,879

41%

·   स्वच्छ भारत मिशन के लिए 202 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·   स्मार्ट सिटीज़ मिशन और अमृत कार्यक्रम के लिए क्रमशः 160 करोड़ रुपए और 105 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·   उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन का बकाया चुकाने हेतु 150 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

परिवहन

1,762

1,876

1,703

1,716

1%

·   मुजफ्फनगर रुड़की रेलवे लाइन के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण

722

951

628

1,034

65%

·   सोंग नदी पर बांध बनाने के लिए 170 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण

271

489

384

510

33%

·   अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने के लिए 287 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

कुल व्यय का प्रतिशत

50%

57%

55%

57%

 

 

Sources: Uttarakhand Budget Speech, Annual Financial Statement and Demand for Grants, 2019-20; PRS.

प्रतिबद्ध देनदारियां: प्रतिबद्ध देनदारियों में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध देनदारियों के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम व्यय कर पाता है।

2019-20 में उत्तराखंड द्वारा प्रतिबद्ध देनदारियों, यानी वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज पर 25,789 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है (कुल व्यय का 53%)। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान (23,238 करोड़ रुपए, जोकि संशोधित अनुमान का 53.5% है) से 11% अधिक है। इन प्रतिबद्ध देनदारियों में वेतन का हिस्सा सबसे अधिक (56%) है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में इस व्यय में 13.8% की वृद्धि का अनुमान है। बजटीय अनुमान की तुलना में 2018-19 के संशोधित अनुमान में 1,013 करोड़ रुपए की गिरावट (7.4%) हुई है।

तालिका 4: 2019-20 में राज्य में प्रतिबद्ध देनदारियों पर व्यय (2019-20) (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

वेतन

11,656

13,765

12,752

-7.4%

14,514

13.8%

पेंशन

5,033

5,353

5,581

4.3%

5,943

6.5%

ब्याज भुगतान

3,987

4,906

4,905

0.0%

5,332

8.7%

प्रतिबद्ध देनदारियां

20,677

24,024

23,238

-3.3%

25,789

11.0%

SourcesUttarakhand Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

2019-20 में प्राप्तियां

  • 2019-20 के लिए 38,955 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमानों से 12.1% अधिक है। इनमें से 18,992 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 49%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे। 19,964 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 51%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे। 2019-20 में स्वयं कर और केंद्रीय हस्तांतरण पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों से क्रमशः 2.6% और 22.9% अधिक होने का अनुमान है।
  • केंद्रीय हस्तांतरण: पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी से प्राप्त होने वाले राजस्व में 10.9% की वृद्धि का अनुमान है। इसी प्रकार 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में सहायतानुदान से प्राप्त होने वाले राजस्व में 34.6% (2,846 करोड़ रुपए) की वृद्धि का अनुमान है। इसके अतिरिक्त संशोधित अनुमान की तुलना में 2018-19 में सहायतानुदान में 702 करोड़ रुपए की गिरावट का अनुमान है (बजट अनुमान की तुलना में 7.9% की गिरावट)।
  • गैर कर राजस्व: उत्तराखंड द्वारा 2019-20 में गैर कर स्रोतों से 4,255 करोड़ रुपए उगाहे जाने का अनुमान है (राजस्व प्राप्तियों का 11%)। गैर कर स्रोतों में ब्याज प्राप्तियां, लाभांश और रॉयल्टी इत्यादि शामिल हैं। 2018-19 के संशोधित अनुमानों में इसमें 13.6% की वृद्धि है। 2018-19 में गैर राजस्व में संशोधित अनुमान की तुलना में 276 करोड़ रुपए की वृद्धि का अनुमान है (बजटीय अनुमान से 8% अधिक)।

तालिका 4 : 2019-20 में राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2017-18 वास्तविक

2018-19 बजटीय

2018-19 संशोधित

बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2019-20 बजटीय

संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का %

राज्य के अपने कर

10,165

14,964

14,764

-1.3%

14,737

-0.2%

राज्य के अपने गैर कर

1,770

3,471

3,747

8.0%

4,255

13.6%

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी

7,085

8,291

8,012

-3.4%

8,885

10.9%

केंद्र से सहायतानुदान

8,085

8,935

8,232

-7.9%

11,079

34.6%

कुल राजस्व प्राप्तियां

27,105

35,660

34,754

-2.5%

38,955

12.1%

उधारियां

13,457

9,510

8,410

-11.6%

9,690

15.2%

अन्य प्राप्तियां

284

33

33

0.6%

34

2.7%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

13,740

9,543

8,443

-11.5%

9,724

15.2%

कुल प्राप्तियां

40,845

45,203

43,197

-4.4%

48,679

12.7%

Sources:  Uttarakhand Annual Financial Statement 2019-20; Uttarakhand Detailed Revenue Estimates 2019-20; PRS.

जीएसटी राजस्व

2019-20 में उत्तराखंड का कुल जीएसटी राजस्व (केंद्रीय हस्तांतरण सहित) 9,273 करोड़ रुपए अनुमानित है (राजस्व प्राप्तियों का 24%)। 2018-19 में राजस्व प्राप्तियों में जीएसटी राजस्व का योगदान 28% अनुमानित है।

2019-20 में राज्य को जीएसटी के फलस्वरूप घाटे के लिए मुआवजे के तौर पर 3,017 करोड़ रुपए का मुआवजा प्राप्त होने का अनुमान है (राजस्व प्राप्तियों का 7.7%)2018-19 के अनुमानों के अनुसार, राज्य को किसी मुआवजे की जरूरत नहीं।

  • कर राजस्व: 2019-20 में उत्तराखंड को 14,737 करोड़ रुपए का कुल स्वयं कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है (राजस्व प्राप्तियों का 38%)। यह 2018-19 के संशोधित अनुमानों से 0.2% कम है। 2018-19 में कर राजस्व में संशोधित अनुमान की तुलना में 200 करोड़ रुपए की गिरावट का अनुमान है (1.3%)।
  • 2019-20 में स्वयं कर-जीएसडीपी अनुपात 5.6% पर लक्षित है जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 6.2% कम है। इसका अर्थ यह है कि करों के एकत्रण में होने वाली वृद्धि अर्थव्यवस्था की वृद्धि से कम है।

रेखाचित्र 2: 2019-20 में राज्य के कर राजस्व का संघटन (बअ)

·    राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) राज्य के कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा होता है। 2019-20 में इससे 6,256 करोड़ रुपए की प्राप्ति की उम्मीद है। 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में इसमें 13% की गिरावट हुई है।

·    2019-20 में उत्तराखंड को एक्साइज ड्यूटी से 3,048 करोड़ रुपए और सेल्स टैक्स से 2,353 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमानों से क्रमशः 15% और 10.5% अधिक है।

NoteThe chart excludes some other taxes which form the rest 5% of this revenueSources:  Uttarakhand Detailed Revenue Estimates 2019-20; PRS.

2019-20 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

उत्तराखंड के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व घाटे से राजस्व अधिशेष

2018-19 में उत्तराखंड में 27 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है। 2017-18 में 1,978 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे के साथ यह राज्य के राजस्व में परिवर्तन की प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है।

इसका कारण यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में 2018-19 में राज्य की राजस्व प्राप्तियों में 28% की अनुमानित वृद्धि हुई। दूसरी ओर इसी अवधि के दौरान राज्य के राजस्व व्यय में 19% की वृद्धि अनुमानित है।

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा।

2019-20 के बजट अनुमानों में 23 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 0.01% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ यह है कि राजस्व प्राप्तियां, राजस्व व्यय से अधिक होने की उम्मीद है जिसके परिणामस्वरूप अधिशेष होगा। अनुमान संकेत देते हैं कि राज्य 14वें वित्त आयोग के निर्देशों के अनुसार राजस्व घाटे को समाप्त करने का लक्ष्य पूरा कर सकता है। राज्य ने 2018-19 से 2021-22 की अवधि के दौरान राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है।

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2019-20 में 6,798 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 2.58% के बराबर है। यह अनुमान 14वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा के भीतर है। 2017-18 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.58% था, जोकि 3% की सीमा से अधिक था। 

बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की राज्य की उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2019-20 में उत्तराखंड की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 24.4% के बराबर होने का अनुमान है। यह 2017 में एफआरबीएम रिव्यू कमिटी द्वारा राज्यों के कुल ऋण के लिए निर्धारित 20% की सीमा से अधिक है।

तालिका 6 : 2019-20 में उत्तराखंड के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)

वर्ष

राजस्व

राजकोषीय

बकाया देनदारियां

घाटा (-)/अधिशेष (+)

घाटा (-)/अधिशेष (+)  

2017-18

-0.9%

-3.6%

24.1%

2018-19 (संअ

0.0%

-2.3%

24.3%

2019-20 (बअ)

0.0%

-2.6%

24.4%

2020-21

0.0%

-2.6%

24.6%

2021-22

0.5%

-2.3%

24.5%

Sources:  Uttarakhand Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; Uttarakhand Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

रेखाचित्र 3 और 4 में 2017-18 से 2021-22 के दौरान घाटे और बकाया देनदारियों के रुझान प्रदर्शित हैं:

रेखाचित्र 3: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)  

Note: Negative revenue surplusindicates revenue deficit.
Sources: Uttarakhand Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; Uttarakhand Annual Financial Statement 2019-20; PRS.

रेखाचित्र  4:  बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

Sources: Uttarakhand Medium Term Fiscal Policy Statement 2019-20; PRS.

अनुलग्नक

निम्नलिखित तालिकाओं में कुछ मुख्य क्षेत्रों में उत्तराखंड के कुल व्यय की तुलना अन्य राज्यों के औसत व्यय से की गई है (2018-19 के बजटीय अनुमानों का प्रयोग करते हुए)।[*]

  • शिक्षा: 2019-20 में उत्तराखंड ने शिक्षा के लिए बजट का 12% हिस्सा आबंटित किया है। 2018-19 में अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.9%), उसकी तुलना में उत्तराखंड का आबंटन अधिक है।
  • स्वास्थ्य: उत्तराखंड ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 8% का आबंटन किया है। 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.2%) से यह अधिक है।
  • कृषि और संबद्ध गतिविधियां: राज्य ने 2019-20 में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 7.3% हिस्सा आबंटित किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के आबंटनों (6.4%) से अधिक है।
  • ग्रामीण विकास: 2019-20 में उत्तराखंड ने ग्रामीण विकास के लिए 6.9% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से अधिक है।
  • सड़क और पुल: 2019-20 में उत्तराखंड ने सड़क और पुलों के लिए 3.2% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (4.3%) से कम है।
  • पुलिस: 2019-20 में उत्तराखंड ने पुलिस के लिए 4.2% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में अन्य राज्यों के औसत (3.9%) से अधिक है।

Sources: Uttarakhand Annual Financial Statement 2019-20; Annual Financial Statement 2018-19 of respective states; PRS.

 

[*] The 26 other states include all states except Arunachal Pradesh, Manipur, and Meghalaya.  It also includes the Union Territory of Delhi.

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