उत्तराखंड के वित्त मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 14 जून2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2022-23 के लिए उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 2,76,677 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (2,53,832 करोड़ रुपए) से 9% की वृद्धि है। 2021-22 में जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 8.2% बढ़ने का अनुमान है।
  • 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 60,003 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (48,628 करोड़ रुपए) से 23% अधिक है। साथ ही राज्य द्वारा 2022-23 में 5,568 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2021-22 में खर्च (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 9% कम रहने का अनुमान है।
  • 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 51,500 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (43,724 करोड़ रुपए) से 18% अधिक है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 450 करोड़ रुपए कम (1% की कमी) होने का अनुमान है।
  • 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 8,504 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.07%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 1.93% होने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 3.06% के बजट अनुमान से कम है।
  • 2022-23 के लिए राजस्व अधिशेष 2,461 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 0.89% है। 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी के 0.88% के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो बजट स्तर पर अनुमानित जीएसडीपी के 0.04% के राजस्व अधिशेष से अधिक है।
 

नीतिगत विशिष्टताएं

  • अक्षय ऊर्जा2022-23 में सूर्योदय रोजगार योजना फेज-II के तहत 6,000 परिवारों को तीन किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना की लागत केंद्र सरकार (40%), राज्य सरकार (40%) और लाभार्थी (20%) के बीच साझा की जाएगी। 2022-23 में सरकार का लक्ष्य 467 मेगावाट की कुल क्षमता वाले सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना है। इससे करीब 900 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। बिजली के नुकसान को कम करने के लिए पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना के तहत 2025 तक स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
  • साइबर सुरक्षानागरिकों को प्रदान की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने साइबर संकट प्रबंधन योजना और महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना दिशानिर्देश को मंजूरी दी है।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: उत्तराखंड की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) में  2019-20 में 1.2% की वृद्धि की तुलना में 2020-21 में 6.5% के संकुचन का अनुमान है। 2020-21 में भारत की जीडीपी (स्थिर कीमतों पर) में 6.6% (2019-20 में 3.7% की वृद्धि के मुकाबले) के संकुचन का अनुमान है।
     
  • क्षेत्र2020-21 में (स्थिर कीमतों पर) कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में क्रमशः 0.6%, 7.5% और 4.8% के संकुचन का अनुमान है। अनुमान है कि 2020-21 में मौजूदा कीमतों पर कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र अर्थव्यवस्था में क्रमशः 13%, 44% और 43% का योगदान देंगे।
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी2020-21 में उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 2,00,442 रुपए थी; 2019-20 में इसी आंकड़े से 5% कम। 2020-21 में उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीडीपी (मौजूदा कीमतों पर 1,46,087 रुपए) से अधिक थी।

रेखाचित्र  1 उत्तराखंड में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि  

 image

नोटये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित की गई है।
स्रोत: 
उत्तराखंड बजट दस्तावेजपीआरएस।

2022-23 के लिए बजट अनुमान

  • 2022-23 में 60,003 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (48,628 करोड़ रुपए) से 23% अधिक है। इस व्यय को 51,500 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 8,504 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) 2021-22 के संशोधित अनुमान से 18% अधिक होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से मामूली कम रहने का अनुमान है।
  • 2022-23 में राज्य को 2,461 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि इसकी जीएसडीपी का 0.89% है। संशोधित अनुमानों के अनुसार यह 2021-22 में जीएसडीपी के 0.88% के राजस्व अधिशेष से मामूली अधिक है।
  • 2022-23 में 3.07के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 1.93के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।

तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

कुल व्यय

51,936

57,400

53,131

-7%

65,571

23%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

8,270

4,242

4,502

6%

5,568

24%

शुद्ध व्यय (E)

43,667

53,159

48,628

-9%

60,003

23%

कुल प्राप्तियां

53,362

57,024

52,340

-8%

63,775

22%

(-) उधारियां 

15,135

12,850

8,616

-33%

12,275

42%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

38,228

44,174

43,724

-1%

51,500

18%

राजकोषीय घाटा (E-R)

5,439

8,985

4,904

-45%

8,504

73%

जीएसडीपी का %

2.32%

3.06%

1.93%

3.07%

राजस्व अधिशेष

1,113

115

2,235

1844%

2,461

10%

जीएसडीपी का %

0.47%

0.04%

0.88%

0.89%

प्राथमिक संतुलन

666

2,932

-1,050

-136%

2,486

-337%

जीएसडीपी का %

0.28%

1.00%

-0.41%

0.90%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। स्रोतउत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 में व्यय

 

  • 2022-23 में राजस्व व्यय 49,013 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (41,466 करोड़ रुपए) से 18% अधिक है। इस खर्च में वेतन, पेंशन, ब्याज और सब्सिडी का भुगतान शामिल है। वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राजस्व व्यय बजट अनुमान से 6% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में पूंजीगत परिव्यय 10,840 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 52% अधिक है। पूंजीगत परिव्यय में परिसंपत्तियों के सृजन का व्यय शामिल है। इसमें स्कूल, अस्पतालों और सड़कों एवं पुलों के निर्माण पर होने वाला खर्च शामिल है। 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय बजट अनुमान से 21% कम रहने का अनुमान है।

2021-22 में पूंजीगत परिव्यय

2021-22 में उत्तराखंड का पूंजीगत परिव्यय 7,112 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो बजटीय राशि से 21% कम है। समाज कल्याण एवं पोषण, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, और कृषि एवं संबंधित गतिविधियों जैसे क्षेत्रों में पूंजी परिव्यय बजट अनुमान से क्रमशः 90%, 64% और 51% कम होने का अनुमान है।

2020-21 में राज्य का वास्तविक पूंजी परिव्यय बजट अनुमान से 11% कम था। राज्य द्वारा 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय में अनुमानित कम खर्च इसके पांच साल के औसत से अधिक है। 2015-20 के बीच पूंजीगत परिव्यय पर उत्तराखंड का खर्च बजट की राशि से 6% कम था; जोकि सभी राज्यों के औसत से बेहतर (17%) था।

 

तालिका 2: बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राजस्व व्यय

37,091

44,036

41,466

-6%

49,013

18%

पूंजीगत परिव्यय

6,538

8,973

7,112

-21%

10,840

52%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

38

150

50

-67%

150

200%

शुद्ध व्यय

43,667

53,159

48,628

-9%

60,003

23%

स्रोतउत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में उत्तराखंड द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 30,071 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 58% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 34%), ब्याज भुगतान (13%), और पेंशन (12%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक होने का अनुमान है। वेतन में 16की वृद्धि का अनुमान है जबकि पेंशन और ब्याज भुगतान में क्रमशः 6और 1की वृद्धि का अनुमान है।

तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

वेतन

13,704

16,423

15,003

-9%

17,350

16%

पेंशन

6,168

6,400

6,345

-1%

6,703

6%

ब्याज भुगतान

4,773

6,053

5,953

-2%

6,018

1%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

24,645

28,875

27,301

-5%

30,071

10%

स्रोतउत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान राज्य के बजटीय व्यय का 62% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता हैइसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।

तालिका 4उत्तराखंड बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 वास्तविक

2021-22

बजटीय

2021-22

संशोधित

2022-23

बजटीय

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान 2022-23 बअ 

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

8,411

9,744

9,087

10,896

20%

सरकारी सेकेंडरी स्कूलों के लिए 3,515 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

समग्र शिक्षा अभियान के लिए 1,247 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ग्रामीण विकास

3,581

3,439

3,398

4,922

45%

सामुदायिक विकास के लिए 3,274 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 297 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

समाज कल्याण एवं पोषण

2,850

3,406

3,820

4,572

20%

महिलाओं के कल्याण के लिए 878 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत पेंशन के लिए 513 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

2,489

3,439

3,003

4,416

47%

शहरी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 769 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा-एलोपैथी के लिए 1,660 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

2,845

3,545

3,082

4,059

32%

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए 267 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

राष्ट्रीय बैंबू मिशन के लिए 289 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

पुलिस

1,832

2,220

2,035

2,333

15%

जिसा पुलिस के लिए 1,363 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

परिवहन

1,662

2,390

1,883

2,184

16%

सड़कों और पुलों पर पूंजीगत परिव्यय हेतु 1,439 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

699

1,354

754

1,365

81%

मुख्य सिंचाई पर पूंजीगत परिव्यय हेतु 535 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

1,048

1,893

1,651

1,279

-23%

ग्रामीण जलापूर्ति पर पूंजीगत परिव्यय हेतु 538 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

शहरी विकास

1,205

1,000

680

886

30%

लघु एवं मझोले शहरों के एकीकृत विकास हेतु 902 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का 

61%

61%

61%

62%

 

 

स्रोतउत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 में प्राप्तियां

  • 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 51,474 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 18अधिक है। इसमें से 20,891 करोड़ (59%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगाऔर 30,583 करोड़ (59%) केंद्र से प्राप्त होंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 18%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 42%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे। उल्लेखनीय है कि केंद्र से मिलने वाले अनुदान में बजट चरण की तुलना में 2021-22 में 17% की कमी होने का अनुमान है।
  • हस्तांतरण2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 9,130 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 8% की गिरावट है (9,897 करोड़ रुपए)। बजट अनुमानों की तुलना में 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार केंद्र से 33% अधिक हस्तांतरण की उम्मीद है।
  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: उत्तराखंड का कुल स्वयं कर राजस्व 2022-23 में 15,371 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 9% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राज्य का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 5.1% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 5.6% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। 
  • राज्य का गैर कर राजस्व2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 5,521 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 110अधिक है। 2021-22 में राज्य के गैर कर राजस्व में बजट अनुमानों से 20की गिरावट दर्ज होने का अनुमान है।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

स्रोत

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य के स्वयं कर

11,938

12,754

14,122

11%

15,371

9%

राज्य के स्वयं गैर कर

4,171

3,294

2,631

-20%

5,521

110%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

6,569

7,441

9,897

33%

9,130

-8%

केंद्रीय से सहायतानुदान

15,527

20,662

17,051

-17%

21,453

26%

राजस्व प्राप्तियां

38,204

44,151

43,701

-1%

51,474

18%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

23

23

23

0%

25

10%

शुद्ध प्राप्तियां

38,228

44,174

43,724

-1%

51,500

18%

बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पूर्णांक करने की वजह से कुछ योगों का मिलान नहीं हो सकता। 
स्रोत: 
उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

  • 2022-23 में अनुमान है कि एसजीएसटी स्वयं कर राजस्व (40%) का सबसे बड़ा स्रोत होगा। 2022-23 में यह 6,201 करोड़ रुपये होने का अनुमान हैजो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 5% अधिक है। 2021-22 में एसजीएसटी राजस्व बजट अनुमान से 26अधिक रहने का अनुमान है। 2021-22 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान बजट स्तर पर 2,300 करोड़ रुपए से घटकर संशोधित चरण में 1,475 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। उल्लेखनीय कि बजट दस्तावेजों के अनुसार उत्तराखंड ने 2021-22 में जीएसटी क्षतिपूर्ति के बदले बैक-टू-बैक ऋण से 3,333 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान लगाया है।
     
  • 2022-23 में राज्य एक्साइज और बिक्री कर/वैट से राजस्व में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में क्रमशः 8और 1की वृद्धि होने का अनुमान है (तालिका 6)।

जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति समाप्त

जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान उत्तराखंड ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में उत्तराखंड को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 1,475 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो उसके स्वयं कर राजस्व का लगभग 17% है। इसलिए जून 2022 के बाद उत्तराखंड को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है।

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य जीएसटी

5,053

4,671

5,900

26%

6,201

5%

राज्य एक्साइज

2,966

3,202

3,254

2%

3,522

8%

सेल्स टैक्स/वैट

1,858

2,004

2,184

9%

2,204

1%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

1,107

1,200

1,487

24%

1,590

7%

वाहन टैक्स

741

1,050

850

-19%

1,155

36%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

17

17

37

122%

38

3%

भूराजस्व

189

500

300

-40%

550

83%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

2,496

2,300

1,475

-36%

2,590

76%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

2,316

-

3,333

 

-

 

स्रोतउत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य

उत्तराखंड के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में उत्तराखंड में 2,461 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 0.89% है। यह संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में जीएसडीपी के 0.88% के राजस्व अधिशेष से मामूली अधिक है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 8,504 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.07%) पर अनुमानित है। यह 2022-23 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)।

बकाया देनदारियांवित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2022-23 में राज्य की बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 31.51% होने का अनुमान है। बकाया देनदारियां 2019-20 में जीएसडीपी के 26.01% से बढ़कर 2025-26 में 32.50% होने का अनुमान है।

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %) 

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है। *2023-24, 2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं।स्रोत: उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।  *2023-24, 2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं। 
स्रोत: उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बकाया सरकारी गारंटी: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (एसपीएसई) वित्तीय संस्थानों से जो उधारी लेते हैं, उनकी गारंटी राज्य सरकारें देती हैं। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 717 करोड़ रुपये की तुलना में 2021-22 के अंत में राज्य द्वारा दी गई बकाया गारंटी 374 करोड़ रुपये थी।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तराखंड के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 30 राज्यों (उत्तराखंड सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: 2022-23 में उत्तराखंड ने शिक्षा के लिए बजट का 18.2% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में उत्तराखंड का आबंटन अधिक है (2021-22 बजट अनुमान)।
  • स्वास्थ्य: राज्य ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 7.4% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
  • कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 6.8% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से अधिक है।
  • सड़क और पुल: उत्तराखंड ने सड़कों और पुलों के लिए 3.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से कम है।
  • बिजली: राज्य ने बिजली के लिए कुल 0.8का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (4.4%) से काफी कम है।
  • शहरी विकास: उत्तराखंड ने शहरी विकास के लिए 1.5% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा शहरी विकास के औसत आबंटन (3.6%) से कम है।

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नोट: 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ)और 2022-23 (बअ) के आंकड़े उत्तराखंड के हैं। 
स्रोत: 
उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजटपीआरएस। 

अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का 

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

42,474

38,228

-10%

1.     राजस्व प्राप्तियां (+++)

42,439

38,204

-10%

.  स्वयं कर राजस्व

13,761

11,938

-13%

.  स्वयं गैर कर राजस्व

3,539

4,171

18%

.  केंद्रीय करों में हिस्सा

8,657

6,569

-24%

.  केंद्र से सहायतानुदान

16,482

15,527

-6%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

3,571

2,496

-30%

2.     गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

35

23

-33%

3.  उधारियां

9,950

15,135

52%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

2,316

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

50,024

43,667

-13%

4.     राजस्व व्यय

42,390

37,091

-12%

5.  पूंजीगत परिव्यय

7,383

6,538

-11%

6.     ऋण और अग्रिम

251

38

-85%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

3,503

8,270

136%

राजस्व अधिशेष

50

1,113

2142%

राजस्व अधिशेष (जीएसडीपी का %)

0.02%

0.47%

राजकोषीय घाटा

7,550

5,439

-28%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

2.57%

2.32%

नोट: बअ- बजट अनुमान।
स्रोतविभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्सपीआरएस।

तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

एसजीएसटी

5,386

5,053

-6%

सेल्स टैक्स/वैट

1,970

1,858

-6%

राज्य एक्साइज ड्यूटी

3,400

2,966

-13%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

1,249

1,107

-11%

वाहन टैक्स

980

741

-24%

भूराजस्व

26

17

-34%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

500

189

-62%

स्रोतविभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्सपीआरएस।

तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

1,311

699

-47%

आवासन

91

49

-46%

बिजली

281

168

-40%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

550

332

-40%

शहरी विकास

1,945

1,205

-38%

परिवहन

2,123

1,662

-22%

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

3,401

2,845

-16%

पुलिस

2,094

1,832

-12%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

9,385

8,411

-10%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

2,680

2,489

-7%

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

1,085

1,048

-3%

समाज कल्याण एवं पोषण

2,750

2,850

4%

ग्रामीण विकास

3,217

3,581

11%

स्रोतविभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्सपीआरएस।

[1]  30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्रअलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।