उत्तराखंड के वित्त मंत्री श्री प्रेम चंद अग्रवाल ने 15 मार्च, 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश किया।
बजट के मुख्य अंश
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2023-24 के लिए उत्तराखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 3.33 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें 2022-23 की तुलना में 10% की वृद्धि है।
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2023-24 में व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) 66,179 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 10% अधिक है। इसके अलावा 11,228 करोड़ रुपए का कर्ज राज्य द्वारा चुकाया जाएगा।
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2023-24 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 57,133 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 9.7% की वृद्धि है। 2022-23 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 568 करोड़ रुपए (1% की वृद्धि) अधिक होने का अनुमान है।
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2023-24 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 1.3% (4,310 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 0.8%) से अधिक है।
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2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.7% (9,047 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2022-23 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.7% रहने की उम्मीद है।
नीतिगत विशिष्टताएं
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सशक्त उत्तराखंड: 2025 तक एक सशक्त उत्तराखंड बनाने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा जिसके तहत सात क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इनमें मानव पूंजी में निवेश, स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच में सुधार और पारिस्थितिकी एवं अर्थव्यवस्था को संतुलित करना शामिल है।
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बागवानी: क्लस्टर आधारित बागवानी को बढ़ावा देने के लिए अगले तीन वर्षों में 50,000 पॉलीहाउस (ग्रीनहाउस का एक प्रकार) स्थापित किए जाएंगे। छह 'सुगंध घाटियों' को भी विकसित किया जाएगा, जैसे नैनीताल में दालचीनी घाटी और हरिद्वार में मिंट घाटी।
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जोशीमठ का पुनर्निर्माण: जोशीमठ जैसे धंसावग्रस्त शहरों के पुनर्निर्माण के लिए 1,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था
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रेखाचित्र 1 : उत्तराखंड में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये संख्या स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं, जिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। |
2023-24 के लिए बजट अनुमान
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2023-24 में 66,179 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है। इस व्यय को 57,133 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 8,232 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 के लिए कुल प्राप्तियों (उधार के अलावा) में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 9.7% की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
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2023-24 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 1.3% (4,310 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 0.8%) से अधिक है।
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2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी के 2.7% पर लक्षित किया गया है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों के समान है। हालांकि पूर्ण रूप से, 2023-24 में राजकोषीय घाटा (9,047 करोड़ रुपए) 2022-23 के संशोधित अनुमान (8,108 करोड़ रुपए) से 12% अधिक होने का अनुमान है।
तालिका 1: बजट 2023-24 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
50,640 |
65,571 |
67,754 |
3.3% |
77,407 |
14.2% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
3,830 |
5,568 |
7,578 |
36.1% |
11,228 |
48.2% |
शुद्ध व्यय (E) |
46,810 |
60,003 |
60,175 |
0.3% |
66,179 |
10.0% |
कुल प्राप्तियां |
50,992 |
63,775 |
67,287 |
5.5% |
76,593 |
13.8% |
(-) उधारियां |
7,918 |
12,275 |
15,219 |
24.0% |
19,460 |
27.9% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
43,074 |
51,500 |
52,068 |
1.1% |
57,133 |
9.7% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
3,736 |
8,504 |
8,108 |
-4.7% |
9,047 |
11.6% |
जीएसडीपी का % |
1.4% |
2.8% |
2.7% |
2.7% |
||
राजस्व संतुलन |
4,128 |
2,461 |
2,451 |
-0.4% |
4,310 |
75.9% |
जीएसडीपी का % |
1.5% |
0.8% |
0.8% |
1.3% |
||
प्राथमिक घाटा |
-1,203 |
2,486 |
2,090 |
-15.9% |
2,886 |
38.1% |
जीएसडीपी का % |
-0.4% |
0.8% |
0.7% |
0.9% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: बजट एक नज़र में, उत्तराखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 में व्यय
-
2023-24 के लिए राजस्व व्यय 52,748 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर खर्च शामिल है।
-
2023-24 के लिए पूंजी परिव्यय 13,134 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 25% अधिक है। पूंजी परिव्यय परिसंपत्ति निर्माण की दिशा में व्यय को दर्शाता है।
राज्य की तरफ से दिए गए ऋण 2023-24 में राज्य सरकार द्वारा कृषि, आवास, शहरी विकास और परिवहन जैसे क्षेत्रों में संस्थानों को ऋण के रूप में 298 करोड़ रुपए देने का अनुमान है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान (110 करोड़ रुपए) से 172% अधिक है। 2016-17 से 2020-21 के बीच राज्य सरकार ने हर साल औसतन 168 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। हालांकि सालाना 27 करोड़ रुपए ही वसूले जा सके हैं। कैग (2022) ने पाया कि चार क्षेत्रों ने 2016-17 और 2020-21 के बीच कोई राशि नहीं चुकाई है। इसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र शामिल हैं, जिन पर 1,117 करोड़ रुपए का बकाया ऋण था, और विशेष क्षेत्र कार्यक्रम, जिन पर 503 करोड़ रुपए का बकाया ऋण था। |
तालिका 2: बजट 2023-24 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
38,929 |
49,013 |
49,594 |
1% |
52,748 |
6% |
पूंजीगत परिव्यय |
7,533 |
10,840 |
10,471 |
-3% |
13,134 |
25% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
347 |
150 |
110 |
-27% |
298 |
172% |
शुद्ध व्यय |
46,810 |
60,003 |
60,175 |
0% |
66,179 |
10% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तराखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2023-24 में उत्तराखंड द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 32,583 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 57% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 33%), पेंशन (13%), और ब्याज भुगतान (11%) पर खर्च शामिल है।
2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 8% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2022-23 में पेंशन पर व्यय बजट अनुमान से 3% अधिक होने का अनुमान है, जबकि वेतन और ब्याज भुगतान समान रहने का अनुमान है। 2021-22 में वास्तविक प्रतिबद्ध व्यय राजस्व प्राप्तियों का 60% था। राज्य का प्रतिबद्ध व्यय 2023-24 में 32,583 करोड़ रुपए से बढ़कर 2026-27 में 42,258 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 9% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। ब्याज पर व्यय 10% की वार्षिक दर, वेतन 9% और पेंशन 7% की वार्षिक दर से बढ़ने का अनुमान है।
तालिका 3: 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
प्रतिबद्ध व्यय |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
वेतन |
14,511 |
17,350 |
17,346 |
0% |
18,820 |
8% |
पेंशन |
6,364 |
6,703 |
6,933 |
3% |
7,602 |
10% |
ब्याज भुगतान |
4,939 |
6,018 |
6,018 |
0% |
6,161 |
2% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
25,815 |
30,071 |
30,297 |
1% |
32,583 |
8% |
स्रोत: बजट एक नज़र में और वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तराखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान उत्तराखंड के बजटीय व्यय का 59% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में उत्तराखंड के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।
तालिका 4: उत्तराखंड बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
8,694 |
10,896 |
10,541 |
10,907 |
3% |
सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के लिए 3,300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
3,612 |
4,059 |
3,820 |
5,037 |
32% |
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए 296 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
3,378 |
4,922 |
4,883 |
4,845 |
-1% |
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
3,188 |
4,572 |
4,667 |
4,558 |
-2% |
महिलाओं के कल्याण के लिए 608 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
3,020 |
4,416 |
4,793 |
4,435 |
-7% |
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 1,418 करोड़ रुपए और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 1,101 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
1,988 |
2,184 |
2,475 |
2,708 |
9% |
सड़कों और पुलों पर पूंजी परिव्यय के लिए 1,408 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
2,001 |
2,333 |
2,312 |
2,447 |
6% |
जिला पुलिस के लिए 1,386 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
721 |
1,365 |
1,020 |
1,507 |
48% |
सोंग डैम के निर्माण के लिए 110 करोड़ रुपए सहित प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं के लिए 947 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
1,530 |
1,279 |
1,366 |
1,283 |
-6% |
ग्रामीण जलापूर्ति के लिए 627 करोड़ रुपए और शहरी जलापूर्ति के लिए 431 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
शहरी विकास |
487 |
886 |
936 |
1,258 |
34% |
छोटे और मध्यम शहरों के एकीकृत विकास के लिए 1,125 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
62% |
62% |
61% |
59% |
-3% |
|
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तराखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 में प्राप्तियां
-
2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 57,057 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है। इसमें से 24,744 करोड़ रुपए (43%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों के माध्यम से जुटाए जाएंगे, और 32,313 करोड़ रुपए (57%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 20%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 37%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
-
केंद्रीय हस्तांतरण: 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 11,420 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है। 2023-24 में केंद्र से 20,893 करोड़ रुपए का अनुदान अनुमानित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 7% अधिक है।
-
राज्य का स्वयं कर राजस्व: उत्तराखंड का स्वयं कर राजस्व 2023-24 में 19,983 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 18% अधिक है। 2023-24 में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं का कर राजस्व 6% अनुमानित है। 2022-23 के लिए, राज्य ने इस अनुपात को 5.1% पर अनुमानित किया था, हालांकि, संशोधित अनुमानों के अनुसार, यह अधिक (5.6%) होने की उम्मीद है। 2022-23 में, राज्यों ने औसतन अपना कर-जीएसडीपी अनुपात 6.7% होने का अनुमान लगाया।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
14,176 |
15,371 |
16,952 |
10% |
19,983 |
18% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
2,756 |
5,521 |
4,977 |
-10% |
4,762 |
-4% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
9,906 |
9,130 |
10,568 |
16% |
11,420 |
8% |
केंद्र से सहायतानुदान |
16,219 |
21,453 |
19,548 |
-9% |
20,893 |
7% |
राजस्व प्राप्तियां |
43,057 |
51,474 |
52,045 |
1% |
57,057 |
10% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
17 |
25 |
23 |
-9% |
75 |
228% |
शुद्ध प्राप्तियां |
43,074 |
51,500 |
52,068 |
1% |
57,133 |
10% |
नोट: BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं। स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तराखंड बजट 2023-24, पीआरएस।
-
2023-24 में स्वयं कर राजस्व में राज्य जीएसटी के सबसे बड़े स्रोत होने का अनुमान है (44% हिस्सा)। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राज्य जीएसटी राजस्व में 19% की वृद्धि का अनुमान है। 2022-23 में, इस मद की प्राप्तियां बजट से 19% अधिक होने की उम्मीद है।
-
2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2023-24 में बिजली पर कर और ड्यूटी से राजस्व में 42% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2023-24 में जल उपकर (सेस) से राजस्व 2022-23 के संशोधित अनुमान (110 करोड़ रुपए से 500 करोड़ रुपए) से 355% अधिक होने की उम्मीद है। 2021-22 में इस उपकर से वास्तविक राजस्व सिर्फ 2 करोड़ रुपए था, जबकि बजट में 110 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया था।
-
2022-23 के लिए बजट और संशोधित अनुमानों के बीच, राज्य जीएसटी में 19% की वृद्धि का अनुमान है जबकि भूमि राजस्व में 45% की कमी का अनुमान है। अनुचित अनुमान नियोजित व्यय को प्रभावित कर सकता है। 2021-22 के बजट अनुमानों और वास्तविक के बीच लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों पर व्यय में गिरावट आई है। कैग (2022) ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार को अपने बजटीय अनुमानों में अधिक यथार्थवादी होना चाहिए, और अतिरिक्त/अपर्याप्त व्यय को रोकने के लिए पर्याप्त नियंत्रण तंत्र सुनिश्चित करना चाहिए।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
5,973 |
6,201 |
7,396 |
19% |
8,788 |
19% |
राज्य एक्साइज |
3,258 |
3,522 |
3,605 |
2% |
3,950 |
10% |
सेल्स टैक्स/वैट |
2,302 |
2,204 |
2,353 |
7% |
2,603 |
11% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,488 |
1,590 |
1,849 |
16% |
2,063 |
12% |
वाहन कर |
889 |
1,155 |
1,300 |
13% |
1,475 |
13% |
भू राजस्व |
224 |
550 |
300 |
-45% |
550 |
83% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
40 |
38 |
38 |
0% |
54 |
42% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
1,475 |
2,590 |
2,590 |
0% |
0 |
- |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
3,333 |
0 |
0 |
0 |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्व बजट और उत्तराखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
उत्तराखंड के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व अधिशेष: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2023-24 में 4,310 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 1.3%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह 2022-23 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजस्व अधिशेष 2,451 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.8%) रहने की उम्मीद है। 2026-27 तक राजस्व अधिशेष जीएसडीपी के 0.91% तक घटने का अनुमान है।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.7% रहने का अनुमान है। 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में कुछ सुधारों को पूरा करने पर ही उपलब्ध होगा। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2022-23 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.7% रहने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 2.8% के बजट अनुमान से थोड़ा ही कम है। राजकोषीय घाटा अगले वर्षों में बढ़ने का अनुमान है जो 2026-27 में जीएसडीपी के 2.99% तक पहुंच जाएगा।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2023-24 के अंत में बकाया देनदारियों का अनुमान जीएसडीपी का 28.2% है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 28.1%) से थोड़ा अधिक है। भविष्य में बकाया देनदारियों के बढ़ने का अनुमान है, और 2026-27 में जीएसडीपी के 29% तक पहुंचने का अनुमान है।
बकाया सरकारी गारंटियां: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं होती हैं जो प्रकृति में आकस्मिक होती हैं और जिन्हें राज्यों को कुछ मामलों में पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। उत्तराखंड राज्य सरकार की बकाया गारंटी 2022-23 की शुरुआत में 374 करोड़ रुपए से घटकर वर्ष के अंत में 117 करोड़ रुपए हो गई।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: *2024-25 से 2026-27 तक के आंकड़े अनुमान हैं। BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: *2024-25 से 2026-27 तक के आंकड़े अनुमान हैं। BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं। |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तराखंड के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (उत्तराखंड सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2022-23 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
-
शिक्षा: उत्तराखंड ने 2023-24 में शिक्षा पर अपने व्यय का 16.6% आवंटित किया है। यह 2022-23 में अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.8%) से अधिक है।
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स्वास्थ्य: उत्तराखंड ने अपने कुल व्यय का 6.7% स्वास्थ्य के लिए आवंटित किया है, जो अन्य राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.3%) से अधिक है।
-
कृषि: उत्तराखंड ने अपने व्यय का 7.6% कृषि पर आवंटित किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा कृषि के लिए औसत आवंटन (5.8%) से अधिक है।
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जलापूर्ति और सैनिटेशन: उत्तराखंड ने अपने व्यय का 1.9% जलापूर्ति और सैनिटेशन के लिए आवंटित किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा इस क्षेत्र के लिए औसत आवंटन (3%) से कम है।
-
ऊर्जा: उत्तराखंड ने ऊर्जा के लिए अपने कुल व्यय का 1.8% आवंटित किया है, जो अन्य राज्यों द्वारा ऊर्जा पर औसत व्यय (4.8%) से कम है।
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आवास: उत्तराखंड ने आवास के लिए अपने कुल व्यय का 0.5% से भी कम आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा औसत आवंटन (1.8%) से काफी कम है।
नोट: 2021-22, 2022-23 (बअ), 2022-23 (संअ), और 2023-24 (बअ) के आंकड़े उत्तराखंड के हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, उत्तराखंड बजट 2023-24; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
[1] 31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अनुलग्नक 2: 2021-22 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में
मद |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
44,174 |
43,074 |
-2% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
44,151 |
43,057 |
-2% |
क. स्वयं कर राजस्व |
12,754 |
14,176 |
11% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
3,294 |
2,756 |
-16% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
7,441 |
9,906 |
33% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
20,662 |
16,219 |
-22% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
2,300 |
1,475 |
-36% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
23 |
17 |
-26% |
3. उधारियां |
12,850 |
7,918 |
-38% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
3,333 |
- |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
53,159 |
46,810 |
-12% |
4. राजस्व व्यय |
44,036 |
38,929 |
-12% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
8,973 |
7,533 |
-16% |
6. ऋण और अग्रिम |
150 |
347 |
132% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
4,242 |
3,830 |
-10% |
राजस्व संतुलन |
115 |
4,128 |
3492% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %) |
0.04% |
1.5% |
- |
राजकोषीय घाटा |
8,985 |
3,736 |
-58% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
3.1% |
1.4% |
- |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
भू राजस्व |
500 |
224 |
-55% |
वाहन कर |
1,050 |
889 |
-15% |
राज्य एक्साइज |
3,202 |
3,258 |
2% |
सेल्स टैक्स/वैट |
2,004 |
2,302 |
15% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,200 |
1,488 |
24% |
राज्य जीएसटी |
4,671 |
5,973 |
28% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
17 |
40 |
139% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
ऊर्जा |
260 |
115 |
-56% |
एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण |
537 |
240 |
-55% |
शहरी विकास |
1,000 |
487 |
-51% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,354 |
721 |
-47% |
आवास |
119 |
81 |
-31% |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
1,893 |
1,530 |
-19% |
परिवहन |
2,390 |
1,988 |
-17% |
इसमें सड़कें और पुल |
1,917 |
1,782 |
-7% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
3,439 |
3,020 |
-12% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
9,744 |
8,694 |
-11% |
पुलिस |
2,220 |
2,001 |
-10% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
3,406 |
3,188 |
-6% |
ग्रामीण विकास |
3,439 |
3,378 |
-2% |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
3,545 |
3,612 |
2% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के उत्तराखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
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