छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 10 फरवरी, 2018 को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2018-19 के लिए छत्तीसगढ़ का सकल राज्य घरेलू उत्पाद मौजूदा मूल्यों पर 3,25,644 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 11.7% अधिक है।
  • 2018-19 के लिए कुल व्यय 83,179 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 5.8% अधिक है। 2017-18 में बजटीय अनुमान की तुलना में व्यय में 2,591 करोड़ रुपए की गिरावट (3.4%) का अनुमान है।
  • 2018-19 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 73,782 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 6.2% अधिक है। 2017-18 में बजटीय अनुमान की तुलना में कुल प्राप्तियां 3.8% (2,575 करोड़ रुपए) अधिक थीं।
  • अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व अधिशेष 4,445 करोड़ रुपए या जीएसडीपी के 1.37% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 9,997 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.07%) पर लक्षित है।
  • सड़क एवं पुल (16%) और ऊर्जा (15%) विभागों को सर्वाधिक आबंटन किया गया है। पंचायत और ग्रामीण विकास जैसे विभागों के आबंटन में 16% की गिरावट हुई है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • स्वास्थ्य सेवा: राज्य सभी जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त पेथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त 283 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसीज़) को चौबीसों घंटे सेवाएं प्रदान करने के लिए उन्नत बनाया जाएगा। मितानिनों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि (उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जो प्राप्त होता है, उसके अतिरिक्त) को 50% से बढ़ाकर 75% किया जाएगा।
  • महिलाओं और बच्चों की देखभाल: आंगनवाड़ी अनुपूरक पोषण दरों में संशोधन किया जाएगा: (i) बच्चों के लिए 6 रुपए प्रति दिन से बढ़ाकर 8 रुपए प्रति दिन, (ii) गर्भवती महिलाओं के लिए 7 रुपए से बढ़ाकर 9.5 रुपए प्रति दिन, और (iii) किशोरियों के लिए 5 रुपए प्रति दिन से बढ़ाकर 9.5 रुपए प्रति दिन।
  • शिक्षा: राज्य में उच्च शिक्षा के लिए 30 नए कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, 40 प्राथमिक स्कूलों, 25 मिडिल स्कूलों, 100 हाई स्कूलों और 50 हायर सेकेंडरी स्कूलों की नई बिल्डिंगों के लिए 34 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • युवा: उद्यमियों के लिए एक नई योजना मुख्यमंत्री कौशल रोजगार योजना प्रारंभ की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत उन्हें अपना कारोबार शुरू करने के लिए लोन दिया जाएगा। राज्य में 60 मिनी स्टेडियम बनाए जाएंगे।

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था

·   आर्थिक विकास: पिछले वर्ष की तुलना में 2017-18 में छत्तीसगढ़ का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 6.7% की दर पर बढ़ा।    

·   क्षेत्रगत विकास: जीएसडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग का योगदान सबसे अधिक रहा (48%) और 2017-18 में इसमें 5.8% की वृद्धि का अनुमान है। सेवा क्षेत्र का योगदान 35% है और 2017-18 में इसमें 9.5% की बढ़ोतरी का अनुमान है। कृषि का योगदान 17% है जिसमें 2.9% की वृद्धि की उम्मीद है।

रेखाचित्र 1: जीएसडीपी और क्षेत्रों का विकास (2011-12 के मूल्य)

Sources: Chhattisgarh Economic Review 2017-18; PRS.

2018-19 के लिए बजट अनुमान

2016-17 में कुल व्यय, बजटीय अनुमान से 17% कम था, जो राज्य द्वारा कम व्यय किए जाने का संकेत हो सकता है। बजटीय अनुमान की तुलना में प्राप्तियां (उधारियों के अतिरिक्त) 12.7% कम थीं।

  • 2018-19 में 83,179 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। इस व्यय को 73,782 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 9,314 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है।
  • 2017-18 में व्यय का संशोधित अनुमान बजटीय अनुमान से 3.4% अधिक (2,591 करोड़ रुपए) है। 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2018-19 की कुल प्राप्तियों के (उधारियों के अतिरिक्त) 6.2% अधिक होने की उम्मीद है।

तालिका 1 : बजट 2018-19 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

वास्तविक

2016-17

बजटीय

2017-18

संशोधित

2017-18

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

बजटीय

2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

57,968

76,032

78,623

3.4%

83,179

5.8%

. उधारियां

4,327

9,067

9,067

0.0%

9,314

2.7%

. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

54,498

66,885

69,460

3.8%

73,782

6.2%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

58,825

75,952

78,527

3.4%

83,096

5.8%

राजस्व घाटा

5,521

4,781

3,188

 

4,445

 

(-)/अधिशेष (+)

राज्य जीडीपी के % के रूप में

2.11%

1.73%

1.09%

 

1.37%

 

राजकोषीय घाटा

-4,107

-9,647

-9,738

 

-9,997

 

(-)/अधिशेष (+)

राज्य जीडीपी के % के रूप में

-1.57%

3.49%

-3.34%

 

-3.07%

 

प्राथमिक घाटा

-1,420

-6,624

-6,480

 

6,250

 

(-)/अधिशेष (+)

राज्य जीडीपी के % के रूप में

-0.54%

2.39%

-2.22%

 

1.92%

 

Notes: BE is Budget Estimate; RE is Revised Estimate.  ‘-’ sign indicates deficit; ‘+’ indicates surplusGSDP calculated using absolute figures for fiscal deficit (budget at a glance) and its share as a percentage of GSDP (FRBM statement).

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2018-19; PRS.

2018-19 में व्यय

  • छत्तीसगढ का कुल पूंजीगत व्यय 14,454 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 15% अधिक है। इसमें परिसंपत्तियों के सृजन से संबंधित व्यय (जैसे पुल और अस्पताल), ऋण की वापसी इत्यादि शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2017-18 में पूंजीगत व्यय बजटीय अनुमान से 11.9% कम होने का अनुमान है।

2018-19 में राज्य ने वेतन पर 15,644 करोड़ रुपए और पेंशन देने पर 5,335 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा है। यह राशि राजस्व व्यय का 31% है।

  • 2018-19 के लिए 68,423 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 4.6% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, रखरखाव इत्यादि शामिल हैं।
  • 2018-19 में छत्तीसगढ़ द्वारा ऋण चुकाने के लिए 13,062 करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है (लोन चुकाने हेतु 9,314 करोड़ रुपए और ब्याज भुगतान हेतु 3,747 करोड़ रुपए)। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है।

तालिका 2 : बजट 2018-19 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

वास्तविक

2016-17

बजटीय

2017-18

संशोधित

2017-18

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

बजटीय

2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

पूंजीगत व्यय

9,471

14,454

12,735

-11.9%

14,454

13.5%

राजस्व व्यय

48,165

61,313

65,392

6.7%

68,423

4.6%

ऋण और अग्रिम राशि

333

265

495

87.0%

303

-38.9%

कुल व्यय

57,968

76,032

78,623

3.4%

83,179

17.7%

क. ऋण पुनर्भुगतान

4,327

9,067

9,067

0.0%

9,314

2.7%

ख. ब्याज भुगतान

2,687

3,023

3,258

7.8%

3,747

15.0%

ऋण चुकौती (क+ख)

7,014

12,090

12,325

1.9%

13,062

6.0%

NoteCapital expenditure includes: (i) spending that creates assets, (ii) repayments on the loans taken by the government, and (iii) loans provided by the government

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2018-19; PRS

2018-19 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2018-19 के दौरान छत्तीसगढ़ के कुल बजटीय व्यय का 57% हिस्सा निम्नलिखित विभागों के लिए खर्च किया जाएगा। छत्तीसगढ़ और अन्य 18 राज्यों में व्यय संबंधी तुलना परिशिष्ट (Annexure.) में देखी जा सकती है।

तालिका 3 : छत्तीसगढ़ बजट 2018-19 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)

विभाग

2016-17

2017-18

2017-18

2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

2018-19 के लिए बजटीय प्रावधान

वास्तविक

बजटीय

संशोधित

बजटीय

जनजाति उपयोजना

9,570

14,359

15,663

15,322

-2%

·    विभिन्न योजनाओं (नाबार्ड सहित) द्वारा वित्त पोषण के जरिए बिना बिल्डिंग वाले 663 हॉस्टलों की बिल्डिंग बनाई जाएंगी।

अनुसूचित जाति योजना

3,544

4,872

5,460

5,623

3%

·    ओबीसी विद्यार्थियों के लिए वार्षिक पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप्स की राशि 100 रुपए से बढ़ाकर 2,500 रुपए की जाएगी। इससे 2.5 लाख ओबीसी विद्यार्थियों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।

पुलिस

2,763

3,706

4,079

4,310

6%

·    छह जिलों में स्पेशल विमेन क्राइम सेल्स बनाए जाएंगे।

·    232 पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

पंचायतों को हस्तांरण

3,705

4,002

4,142

4,000

-3%

·    सेवा की अवधि के आधार पर पंचायत सचिवों के पारिश्रमिक में परिवर्तन प्रस्तावित है। बजट कोतवालों और पटेलों के मानदेय को भी बढ़ाता है।

पंचायत और ग्रामीण विकास

3,293

4,030

4,625

3,903

-16%

·    राष्ट्रीय ग्रामीण जीविकोपार्जन मिशन के अंतर्गत 28 नए ब्लॉकों को शामिल किया जाएगा। इस समय इसके अंतर्गत 85 ब्लॉक आते हैं। इसके लिए 300 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। जियो रिफ्रेसिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए राजस्व मानचित्र बनाए जाएंगे।

स्कूली शिक्षा

3,698

3,083

3,084

3,180

3%

·    129 मिडिल स्कूलों को हाई स्कूलों और 130 हाई स्कूलों को हायर सेकेंडरी स्कूलों में बदला जाएगा।

सड़क और पुल

1,508

3,453

2,713

3,150

16%

·    इसमें से 51% राशि राजस्व व्यय (जैसे पुलों का रखरखाव) और शेष 49% पूंजीगत व्यय (जैसे निर्माण) होंगे।

ऊर्जा

1,214

1,982

2,352

2,697

15%

·    इसमें से 1,998 करोड़ रुपए का राशि (राशि का 74%) बिजली बोर्डों को दी जाने वाली सहायता है।

म्यूनिसिपैलिटीज को हस्तांतरण

2,064

2,164

2,571

2,471

-4%

·    76% आबंटन राजस्व व्यय और शेष 24% पूंजीगत व्यय हैं।

कृषि

1,075

1,270

2,275

2,366

4%

·    184 करोड़ रुपए अल्पावधि के ब्याज मुक्त कृषि ऋण प्रदान करने के लिए आबंटित किए गए हैं।

·    छह नए कृषि कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।

कुल

32,434

42,923

46,965

47,023

 

 

कुल बजट व्यय का %

56%

56%

60%

57%

 

 

Source: Summary of Grants; Schedule of Appropriation; Budget Speech 2018-19; Chhattisgarh Budget 2018-19; PRS.

2018-19 में प्राप्तियां

2017-18 में सरकार की राजस्व प्राप्तियां, उसके बजट अनुमानों से 3.8% अधिक है (4,288 करोड़ रुपए)। इसका कारण केंद्र सरकार के अनुदानों में वृद्धि (7.4%) है। 

  • 2018-19 के लिए 72,868 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों से 6.3% अधिक है। इनमें से 34,200 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 47%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाया जाएगा, जबकि 38,668 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 53%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे।
  • गैर कर राजस्व: छत्तीसगढ़ द्वारा 2018-19 में गैर कर राजस्व से 8,170 करोड़ रुपए उगाहने का अनुमान है। इसमें से 6,000 करोड़ रुपए की राशि खनन से प्राप्त होगी।

तालिका 4 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

वास्तविक

2016-17

बजटीय

2017-18

संशोधित

2017-18

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

बजटीय

2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

राज्य के अपने कर

18,945

23,421

24,438

4.3%

26,030

6.5%

राज्य के अपने गैर कर

5,669

7,704

7,715

0.1%

8,170

5.9%

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी

18,809

20,868

21,280

2.0%

22,955

7.9%

केंद्र से सहायतानुदान

10,262

14,101

15,147

7.4%

15,713

3.7%

कुल राजस्व प्राप्तियां

53,685

66,094

68,580

3.8%

72,868

6.3%

उधारियां

4,967

9,567

9,642

0.8%

9,914

2.8%

अन्य प्राप्तियां

173

291

305

4.7%

314

3.0%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

5,140

9,858

9,947

0.9%

10,228

2.8%

कुल प्राप्तियां

58,825

75,952

78,527

3.4%

83,096

5.8%

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2018-19; PRS.

  • कर राजस्व: 2018-19 में छत्तीसगढ़ को 26,030 करोड़ रुपए का कुल कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। राज्य के कर राजस्व का संघटन रेखाचित्र 2 में प्रदर्शित है। 2018-19 में कर-जीएसडीपी अनुपात 8% पर लक्षित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 8.4% कम है।

रेखाचित्र 2: 2018-19 के कर राजस्व का संघटन (बअ)

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2018-19; PRS.

·   छत्तीसगढ़ में कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा एकीकृत जीएसटी के होने का अनुमान है। इसके द्वारा 7,144 करोड़ के योगदान की उम्मीद है। साथ ही, राज्य जीएसटी से होने वाली प्राप्तियां 5,007 करोड़ रुपए अनुमानित हैं।

·   छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य एक्साइज ड्यूटी से 4,355 करोड़ रुपए एकत्र होने का अनुमान है। यह ड्यूटी अल्कोहल के उत्पादन से वसूली जाती है। 2017-18 की तुलना में इसमें 18% की बढ़ोतरी है।

·   2018-19 में मानव उपभोग के लिए अल्कोहल और पेट्रोलियम जैसी वस्तुओं पर सेल्स टैक्स से 3,718 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है। 

·   राज्य को बिजली प्रशुल्क से 1,850 करोड़ रुपए, स्टाम्प ड्यूटी से 1,790 करोड़ रुपए और वाहन कर से 1,500  करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है।

2018-19 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

छत्तीसगढ़ के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में बकाया देनदारियां पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रही हैं। 2016-17 में इसके 16.6% से बढ़कर 2020-21 में 21% होने का अनुमान है।

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा। 2018-19 में 4,445 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 1.37% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ यह कि राजस्व व्यय की तुलना में राज्य प्राप्तियां अधिक होने का अनुमान है जिसके कारण अधिशेष होगा। छत्तीसगढ़ बजट 2018-19 के अनुमान संकेत देते हैं कि राज्य द्वारा राजस्व घाटे को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है। 3,188 करोड़ रुपए के अनुमानित राजस्व अधिशेष (जीएसडीपी का 1.09%) के साथ राज्य द्वारा 2017-18 में इस लक्ष्य को पूरा करने का अनुमान है।

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2018-19 में 9,997 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 3.07% के बराबर है। 14 वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा से यह अनुमान अधिक है। इस सीमा को निर्धारित करते हुए वित्त आयोग ने सुझाव दिया था कि इसमें दशमलव पांच प्रतिशत की छूट दी जा सकती है, अगर राज्य एक विशिष्ट स्तर तक अपने ऋण और ब्याज भुगतान को बरकरार रख पाते हैं।  

बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की देनदारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2018-19 में बकाया देनदारियों के राज्य जीडीपी के 18.06% के बराबर होने का अनुमान है।

तालिका 5 : 2018-19 में छत्तीसगढ़ राज्य के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)

वर्ष

राजस्व
घाटा(-)/अधिशेष (+)

राजकोषीय

घाटा (-)/अधिशेष (+)  

बकाया देनदारियां

2016-17

2.11%

-1.57%

16.56%

2017-18 (संअ)

1.09%

-3.34%

18.20%

2018-19 (बअ)

1.37%

-3.07%

18.06%

2019-20

-

-3.50%

20.00%

2020-21

-

-3.50%

21.00%

Sources: Chhattisgarh Budget Documents 2018-19; PRS.

रेखाचित्र 3: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

NoteFigures for 2019-20 and 2020-21 are projections.

Sources: Chhattisgarh Budget Documents; PRS. 

रेखाचित्र  4:  बकाया देनदारियां (जीएसडीपी का %)

 

NoteFigures for 2019-20 and 2020-21 are projections.

Sources: Chhattisgarh Budget Documents; PRS

 रेखाचित्र 3 और 4 में 2016-17 से 2020-21 के दौरान घाटे और बकाया देनदारियों के रुझान प्रदर्शित हैं:

परिशिष्ट

निम्नलिखित तालिकाओं में चार मुख्य क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ के कुल व्यय की तुलना 18 राज्यों से की गई है।[1] 

  • शिक्षा: 2018-19 में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा पर 18.5% का आबंटन किया है। अन्य 18 राज्यों ने शिक्षा पर जितना व्यय किया है (2017-18 के बजटीय अनुमान को देखते हुए), उसकी तुलना में छत्तीसगढ़ के औसत व्यय में मामूली बढ़ोतरी है।
  • स्वास्थ्य: छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर कुल 5.5% का आबंटन किया है। यह अन्य 18 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय से अधिक है।
  • कृषि और संबंधित गतिविधियां: राज्य ने कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए 14% का आबंटन किया है। यह अन्य 18 राज्यों के आबंटनों (6.4%) से अधिक है।
  • ग्रामीण विकास: छत्तीसगढ़ ने ग्रामीण विकास के लिए 5.4% का आबंटन किया है। यह 18 अन्य राज्यों के औसत व्यय (5.6%) की तुलना में कम है।

Note2017-18 (BE), 2017-18 (RE), and 2018-19 (BE) figures are for Chhattisgarh.

Source: Annual Financial Statement (2017-18 and 2018-19), various state budgets; PRS.

 

[1] The 18 states apart from Chhattisgarh are: Andhra Pradesh, Assam, Bihar, Delhi, Gujarat, Haryana, Jammu and Kashmir, Karnataka, Kerala, Madhya Pradesh, Maharashtra, Odisha, Punjab, Rajasthan, Tamil Nadu, Telangana, Uttar Pradesh, and West Bengal.

 

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