छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 9 मार्च, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • छत्तीसगढ़ का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2022-23 के लिए (मौजूदा कीमतों पर) 4,38,478 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इसमें 2021-22 (4,00,061 करोड़ रुपए) में जीएसडीपी के संशोधित अनुमान की तुलना में 9.6% की वृद्धि है। 2021-22 में जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 13.6% बढ़ने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 1,04,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (99,559 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। साथ ही 2022-23 में राज्य द्वारा 6,012 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2021-22 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 3% अधिक रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 89,400 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2021-22 के संशोधित अनुमानों (84,301 करोड़ रुपए) की तुलना में 6% की वृद्धि है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान (79,645 रुपए) से 6% अधिक होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 14,600 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.33%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.81% रहने की उम्मीद है जो कि जीएसडीपी के 4.56% के बजट अनुमान से कम है।
     
  • 2022-23 के लिए राजस्व अधिशेष 702 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 0.16% है। बजट स्तर पर अनुमानित जीएसडीपी के 0.97% के राजस्व घाटे की तुलना में 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी के 0.26% के राजस्व घाटे का अनुमान है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • सामाजिक सुरक्षा : राष्ट्रीय पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाएगा।
     
  • विधायक निधि: विधायक निधि की राशि दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर चार करोड़ रुपए की जाएगी।
     
  • मुख्यमंत्री रेशम मिशन: बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली कोकून के संग्रह और बाद में यार्न उत्पादन और प्रसंस्करण के लिए मुख्यमंत्री रेशम मिशन को शुरू किया जाएगा।
     
  • शिक्षा: छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सभी व्यावसायिक परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के निवासी आवेदकों का परीक्षा शुल्क माफ किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) में 2020-21 में 1.8% की गिरावट आई जोकि 2019-20 में 5.1% की वृद्धि दर से कम है। 2020-21 में कृषि क्षेत्र में 6.9% का संकुचन हुआ। उल्लेखनीय है कि इसकी तुलना में 2020-21 में राष्ट्रीय जीडीपी में 7.2% की गिरावट हुई।
     
  • क्षेत्र2020-21 में मौजूदा कीमतों पर कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने अर्थव्यवस्था में क्रमशः 28%, 34% और 38% का योगदान दिया।
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी2020-21 में छत्तीसगढ़ की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 1,17,615 रुपए थी; 2019-20 में इसी आंकड़े से 0.07% कम। 2020-21 में छत्तीसगढ़ की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीडीपी (मौजूदा कीमतों पर 1,46,087 रुपए) से कम थी।

रेखाचित्र  1 छत्तीसगढ़ में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

 image

नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित की गई है।
स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।

2022-23 के लिए बजट अनुमान

  • 2022-23 में 1,04,000 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (99,559 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। इस व्यय को 89,400 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 10,500 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2022-23 में प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) में 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% की वृद्धि की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 6% अधिक रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में राज्य को 702 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 0.16% है। इसकी तुलना में 2020-21 और 2021-22 में राज्य को क्रमशः जीएसडीपी के 1.95% (6,857 करोड़ रुपए) और जीएसडीपी के 0.26% (1,035 करोड़ रुपए) के राजस्व घाटे का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.33% होने का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 3.81% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार पर मिलती है)।

तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राजकोषीय घाटा (E-R)

87,128

1,02,483

1,04,209

2%

1,10,012

6%

जीएसडीपी का %

8,020

5,376

4,650

-14%

6,012

29%

राजस्व संतुलन *

79,108

97,107

99,559

3%

1,04,000

4%

जीएसडीपी का %

84,867

98,422

1,00,152

2%

1,05,912

6%

प्राथमिक घाटा

21,582

18,776

15,850

-16%

16,512

4%

जीएसडीपी का %

63,285

79,645

84,301

6%

89,400

6%

राजकोषीय घाटा (E-R)

15,823

17,461

15,257

-13%

14,600

-4%

जीएसडीपी का %

4.49%

4.56%

3.81%

3.33%

राजस्व संतुलन *

-6,857

-3,702

-1,035

-72%

702

-168%

जीएसडीपी का %

-1.95%

-0.97%

-0.26%

0.16%

प्राथमिक घाटा

10,189

10,960

8,525

-22%

7,378

-13%

जीएसडीपी का %

2.89%

2.86%

2.13%

1.68%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। 
स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; छत्तीसगढ़ आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22; पीआरएस।

2022-23  में व्यय

  • 2022-23 में राजस्व व्यय 88,372 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (85,016 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। इस खर्च में वेतनपेंशनब्याज और सब्सिडी का भुगतान शामिल हैं।
     
  • 2022-23 में पूंजीगत परिव्यय 15,241 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 7% की वृद्धि है। पूंजीगत परिव्यय में परिसंपत्तियों के सृजन हेतु व्यय शामिल है। इसमें स्कूल भवनोंअस्पतालों और सड़कों एवं पुलों के निर्माण पर होने वाला खर्च आता है।

2020-21 में वास्तविक व्यय

2020-21 में राज्यों का वास्तविक व्यय बजट अनुमान से 17% कम था (95,650 करोड़ रुपए)। जबकि शुद्ध प्राप्तियां बजट अनुमान से 25कम थीं, उधारियां 37अधिक थीं। 2020-21 में छत्तीसगढ़ का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.49% था जबकि बजट अनुमान 3.18% का था। आवासन तथा सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में वास्तविक व्यय बजट अनुमान से क्रमश82% और 41% कम था। 

तालिका 2बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राजस्व व्यय

70,033

83,028

85,016

2%

88,372

4%

पूंजीगत परिव्यय

9,024

13,840

14,191

3%

15,241

7%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

51

240

352

47%

388

10%

शुद्ध व्यय

79,108

97,107

99,559

3%

1,04,000

4%

स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में छत्तीसगढ़ द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 42,666 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 48% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 31%), पेंशन (9%)और ब्याज भुगतान (8%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 7% बढ़ने का अनुमान है। वेतन में 8% की वृद्धि का अनुमान है जबकि पेंशन और ब्याज भुगतान में क्रमशः 4% और 7% की वृद्धि का अनुमान है।

तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

वेतन

21,630

26,140

25,895

-1%

27,842

8%

पेंशन

7,136

6,609

7,314

11%

7,603

4%

ब्याज 

5,633

6,501

6,732

4%

7,222

7%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

34,398

39,250

39,941

2%

42,666

7%

स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान छत्तीसगढ़ के बजटीय व्यय का 73% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता हैइसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।

तालिका 4छत्तीसगढ़ बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21

वास्तविक

2021-22 बअ

2021-22 संअ

2022-23 बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान (2022-23)

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

14,608

18,394

18,238

19,574

7%

सर्व शिक्षा अभियान के लिए 1,380 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

पीएम-पोषण के लिए 674 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

13,902

16,640

16,665

17,287

4%

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 615 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सड़क एवं पुल

4,410

6,761

6,487

6,534

1%

सड़क एवं पुलों पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 5,173 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।  

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

5,684

5,902

7,622

6,465

-15%

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 1,200 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

ग्रामीण विकास

4,058

4,727

5,126

6,040

18%

मनरेगा के लिए 1,702 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। 

पीएमएवाई-ग्रामीण के लिए 800 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

पुलिस

4,016

4,958

4,972

5,463

10%

पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए 25 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

बिजली

4,996

4,666

4,723

4,714

0%

कृषि पंपों के लिए मुफ्त बिजली आपूर्ति हेतु 2,600 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

समाज कल्याण एवं पोषण

2,940

3,801

3,801

3,864

2%

मुख्यमंत्री पेंशन योजना हेतु 205 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन के लिए 190 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

1,679

2,642

2,311

3,113

35%

लघु सिंचाई योजनाओं के लिए 453 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

शहरी विकास

2,186

2,618

2,815

2,570

-9%

शहरी स्थानीय निकायों को वित्तीय सहायता हेतु 1,052 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

74%

73%

73%

73%

 

स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 में प्राप्तियां

  • 2022-23 के लिए 89,073 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है। इसमें से 44,500 करोड़ रुपए (50%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगेऔर 44,573 करोड़ रुपए (50%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 31%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 19%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
     
  • हस्तांतरण2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 27,823 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 10% अधिक है।
     
  • राज्य का स्वयं कर राजस्व2022-23 में छत्तीसगढ़ का कुल स्वयं कर राजस्व 29,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 5% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में छत्तीसगढ़ का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 6.5% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 6.6% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। 2021-22 मेंजीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व को 6.7% के बजट अनुमान से बढ़ाकर 6.9% कर दिया गया है।
     
  • राज्य का गैर कर राजस्व2022-23 में राज्य को स्वयं गैर कर राजस्व के रूप में 15,500 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 7% अधिक है। 2021-22 में राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व में बजट अनुमानों की तुलना में 57% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज होने का अनुमान है। यह वृद्धि अलौह खनन और धातु उद्योग से प्राप्त होने वाले राजस्व में 81% की बढ़ोतरी के कारण हुई है।  

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य के स्वयं कर

22,889

25,750

27,500

7%

29,000

5%

राज्य के स्वयं गैर कर

7,137

9,250

14,500

57%

15,500

7%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

20,338

22,675

25,331

12%

27,823

10%

केंद्र से सहायतानुदान

12,812

21,650

16,650

-23%

16,750

1%

राजस्व प्राप्तियां

63,176

79,325

83,981

6%

89,073

6%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

109

320

320

0%

327

2%

शुद्ध प्राप्तियां

63,285

79,645

84,301

6%

89,400

6%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।  
स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

  • 2022-23 में अनुमान है कि एसजीएसटी स्वयं कर राजस्व (38%) का सबसे बड़ा स्रोत होगा। 2022-23 में एसजीएसटी राजस्व 11,064 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 7% अधिक है। 2021-22 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 11% अधिक होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में सेल्स टैक्स/वैटऔर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क से राजस्व में क्रमशः 7% और 11% की वृद्धि होने का अनुमान है। 2022-23 और 2021-22 में राज्य एक्साइज के अनुमानों में कोई बदलाव नहीं हुआ है (तालिका देखें)।          

जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति

जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान छत्तीसगढ़ ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में छत्तीसगढ़ को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 6,500 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो उसके अपने कर राजस्व का लगभग 24% है। इसलिए जून 2022 के बाद हरियाणा को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है।

 

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य जीएसटी

7,925

9,338

10,383

11%

11,064

7%

राज्य एक्साइज

4,636

5,500

5,500

0%

5,500

0%

सेल्स टैक्स/वैट

4,236

4,357

4,611

6%

4,929

7%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

1,585

1,650

1,800

9%

2,000

11%

वाहन टैक्स

1,148

1,600

1,600

0%

1,700

6%

भूराजस्व

938

850

900

6%

950

6%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

2,341

2,450

2,700

10%

2,850

6%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

3,212

6,500

1,535

-76%

1,750

14%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

NA

NA

NA

 

 

 

कुल जीएसटी क्षतिपूर्ति

3,212

6,500

1,535

-76%

1,750

14%

स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य

छत्तीसगढ़ के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा, और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में छत्तीसगढ़ को 702 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 0.16% है। इसकी तुलना में 2020-21 और 2021-22 में राज्य को क्रमशः जीएसडीपी के 1.95% (6,857 करोड़ रुपए) और जीएसडीपी के 0.26% (1,035 करोड़ रुपए) के राजस्व घाटे का अनुमान है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा 14,600 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.33%) होने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)।

बकाया देनदारियांवित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। मार्च 2023 के अंत तक राज्य की बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 26.14% होने का अनुमान है। 2019-20 (जीएसडीपी का 22.82%) की तुलना में बकाया देनदारियों में जीएसडीपी के लगभग 3.32% की वृद्धि का अनुमान है।

बकाया सरकारी गारंटी: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (एसपीएसई) वित्तीय संस्थानों से जो उधारी लेते हैं, उनकी गारंटी राज्य सरकारें देती हैं। 31 दिसंबर, 2021 तक राज्य की कुल देय गारंटी 19,611 करोड़ रुपए है। 

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %) 

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है।   
स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। *2023-24 और 2024-25 के आंकड़े अनुमानित हैं।
स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 

 

 


 

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में छत्तीसगढ़ के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 30 राज्यों (छत्तीसगढ़ सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: 2022-23 में छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के लिए बजट का 18.9% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में छत्तीसगढ़ का आबंटन अधिक है (2021-22 बजट अनुमान)।
  • स्वास्थ्य: छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.2% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
  • कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 16.7% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से काफी ज्यादा है।
  • ग्रामीण विकास: छत्तीसगढ़ ने ग्रामीण विकास के लिए 5.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से कुछ ज्यादा है।
  • एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण: छत्तीसगढ़ ने एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण के लिए 1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा इस मद के लिए किए गए औसत आबंटन (2.9%) से कम है।
  • शहरी विकासछत्तीसगढ़ ने शहरी विकास के लिए कुल 2.5का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (3.6%) से कम है।

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नोट: 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ)और 2022-23 (बअ) के आंकड़े छत्तीसगढ़ के हैं। 
स्रोत: छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का 

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

84,131

63,285

-25%

1. राजस्व प्राप्तियां (+++)

83,831

63,176

-25%

.  स्वयं कर राजस्व

26,155

22,889

-12%

.  स्वयं गैर कर राजस्व

9,215

7,137

-23%

.  केंद्रीय करों में हिस्सा

26,803

20,338

-24%

.  केंद्र से सहायतानुदान

21,658

12,812

-41%

इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

2,938

3,212

9%

2.   गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

300

109

-64%

3.  उधारियां

15,701

21,582

37%

इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

NA

NA

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

95,650

79,108

-17%

4.  राजस्व व्यय

81,400

70,033

-14%

5.  पूंजीगत परिव्यय

13,814

9,024

-35%

6.  ऋण और अग्रिम

436

51

-88%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

4,841

8,020

66%

राजस्व संतुलन

-2,431

-6,857

182%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %)

-0.67%

-1.95%

राजकोषीय घाटा

11,518

15,823

37%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

3.18%

4.49%

नोटबअबजट अनुमान। नेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है। 
स्रोतविभिन्न वर्षों के छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

वाहन टैक्स

1,600

1,148

-28%

एसजीएसटी

10,701

7,925

-26%

राज्य की एक्साइज ड्यूटी

5,200

4,236

-19%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

1,705

1,585

-7%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

2,200

2,341

6%

सेल्स टैक्स/वैट

4,145

4,636

12%

भूराजस्व

600

938

56%

नोटबअबजट अनुमान।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

आवासन

1,905

347

-82%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

2,846

1,679

-41%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

875

563

-36%

परिवहन

6,583

4,423

-33%

इसमें सड़कें और पुल

6,482

4,410

-32%

समाज कल्याण एवं पोषण

3,790

2,940

-22%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

18,719

14,608

-22%

शहरी विकास

2,651

2,186

-18%

पुलिस

4,841

4,016

-17%

ग्रामीण विकास

4,887

4,058

-17%

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

1,460

1,248

-14%

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

15,804

13,902

-12%

ऊर्जा

5,130

4,996

-3%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

5,712

5,684

0%

नोटबअबजट अनुमान।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के छत्तीसगढ़ बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

[1]  30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्रअलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।