झारखंड के वित्तमंत्री श्री रामेश्वर ओरांव ने 4 मार्च, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- 2022-23 के लिए झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 4,01,997 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (3,63,085 करोड़ रुपए) से 10.7% अधिक है।
- 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 94,387 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (84,918 करोड़ रुपए) से 11% अधिक है। साथ ही राज्य द्वारा 2022-23 में 6,714 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाया जाएगा। 2021-22 में खर्च (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 2% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 83,101 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2021-22 के संशोधित अनुमानों (73,935 करोड़ रुपए) की तुलना में 12% की वृद्धि है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 2,841 करोड़ रुपए कम (4% की कमी) होने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 11,286 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.81%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.03% होने की उम्मीद है जोकि जीएसडीपी के 2.83% के बजट अनुमान से कम है।
- 2022-23 के लिए राजस्व अधिशेष 6,752 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 1.68% है। 2021-22 में बजट स्तर पर अनुमानित 951 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष की बजाय राज्य को 500 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- ग्रामीण विकास: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत शेष 5.22 लाख मकानों का निर्माण पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार मकान (प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण) में एक कमरा और बनाने के लिए प्रति परिवार 50,000 रुपए की अतिरिक्त राशि देगी।
- शिक्षा: उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए ऋण उपलब्धता को सरल बनाने हेतु गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अतिरिक्त मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के दायरे में अनुसूचित जाति, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाएगा।
- खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण: राज्य सरकार ने एक रुपए प्रति किलो की दर से (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट और झारखंड खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले) परिवारों को दालों के वितरण की योजना को शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।
झारखंड की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1 : झारखंड में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के लिए समायोजित की गई है। |
2022-23 के लिए बजट अनुमान
- 2022-23 में 94,387 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (84,918 करोड़ रुपए) से 11% अधिक है। इस व्यय को 83,101 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 11,286 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2022-23 में प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) के 12% अधिक होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 4% कम होने का अनुमान है।
- 2022-23 में राज्य को 6,752 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि उसकी जीएसडीपी का 1.68% है। 2021-22 में राज्य को 500 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि 2020-21 में राज्य को 3,115 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा हुआ था (जीएसडीपी का 1.09%)।
- 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.81% होने का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 3.03% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।
तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
73,855 |
91,277 |
89,207 |
-2% |
1,01,101 |
13% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
2,745 |
4,289 |
4,289 |
0% |
6,714 |
57% |
शुद्ध व्यय (E) |
71,110 |
86,988 |
84,918 |
-2% |
94,387 |
11% |
कुल प्राप्तियां |
69,745 |
91,276 |
89,207 |
-2% |
1,01,101 |
13% |
(-) उधारियां |
13,547 |
14,500 |
15,272 |
5% |
18,000 |
18% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
56,198 |
76,776 |
73,935 |
-4% |
83,101 |
12% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
14,912 |
10,212 |
10,983 |
8% |
11,286 |
3% |
जीएसडीपी का % |
5.20% |
2.83% |
3.03% |
2.81% |
||
राजस्व संतुलन |
3,115 |
951 |
500 |
-47% |
6,752 |
1250% |
जीएसडीपी का % |
-1.09% |
0.26% |
0.14% |
1.68% |
||
प्राथमिक घाटा |
9,122 |
4,025 |
4,796 |
19% |
4,624 |
-4% |
जीएसडीपी का % |
2.58% |
1.11% |
1.32% |
1.15% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। राजस्व नेगेटिव चिन्ह घाटा, और पॉजिटिव चिन्ह अधिशेष दर्शाता है।
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22; पीआरएस।
2022-23 में व्यय
|
तालिका 2: बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
59,264 |
75,755 |
73,364 |
-3% |
76,273 |
4% |
पूंजीगत परिव्यय |
8,466 |
9,661 |
9,895 |
2% |
16,606 |
68% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
3,380 |
1,572 |
1,660 |
6% |
1,411 |
-15% |
शुद्ध व्यय |
71,110 |
86,988 |
84,918 |
-2% |
94,290 |
11% |
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में झारखंड द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 30,651 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 37% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 19%), पेंशन (10%) और ब्याज भुगतान (8%) पर खर्च शामिल है। उल्लेखनीय है कि झारखंड का वेतन पर खर्च (19%) सभी राज्यों (30%) के औसत से कम है।
तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
प्रतिबद्ध व्यय |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
वेतन |
12,090 |
15,046 |
14,657 |
-3% |
15,944 |
9% |
पेंशन |
6,797 |
6,804 |
7,424 |
9% |
8,045 |
8% |
ब्याज |
5,790 |
6,187 |
6,187 |
0% |
6,662 |
8% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
24,677 |
28,037 |
28,268 |
1% |
30,651 |
8% |
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान झारखंड के बजटीय व्यय का 76% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में झारखंड और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 4: झारखंड बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान (2022-23) |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
10,147 |
13,596 |
12,112 |
14,220 |
17% |
|
ग्रामीण विकास |
9,521 |
12,899 |
11,246 |
12,711 |
13% |
|
समाज कल्याण एवं पोषण |
4,784 |
6,624 |
6,837 |
7,287 |
7% |
|
पुलिस |
5,510 |
5,971 |
6,136 |
6,532 |
6% |
|
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
4,070 |
4,445 |
5,237 |
5,630 |
8% |
|
कृषि एवं संबंधित गतिविधियां |
2,160 |
4,990 |
4,828 |
5,054 |
5% |
|
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
1,295 |
3,387 |
1,865 |
4,072 |
118% |
|
सड़क एवं पुल |
3,489 |
4,018 |
3,891 |
3,840 |
-1% |
|
ऊर्जा |
2,648 |
2,712 |
3,549 |
3,478 |
-2% |
|
शहरी विकास |
2,862 |
2,775 |
2,590 |
2,998 |
16% |
|
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
66% |
68% |
70% |
76% |
|
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
2022-23 में प्राप्तियां
- 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 83,025 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है। इसमें से 38,613 करोड़ रुपए (47%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 44,412 करोड़ रुपए (53%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 33%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 21%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
- हस्तांतरण: 2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 27,007 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 9% अधिक है। 2021-22 में बजट अनुमान के स्तर पर हस्तांतरण 22,050 रुपए से बढ़कर संशोधित अनुमान के स्तर पर 24,675 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।
- राज्य का स्वयं कर राजस्व: 2022-23 में झारखंड का कुल स्वयं कर राजस्व 24,850 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 20% अधिक है। यह 2022-23 में झारखंड की जीएसडीपी की 10.7% की वृद्धि दर से अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में झारखंड का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 5.9% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 6.2% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है।
- राज्य का गैर कर राजस्व: 2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 13,763 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 17% अधिक है। 2021-22 में राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व (11,759 करोड़ रुपए) में बजट अनुमान (13,500 करोड़ रुपए) की तुलना में 13% की कमी दर्ज होने का अनुमान है।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
16,880 |
23,265 |
20,716 |
-11% |
24,850 |
20% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
7,564 |
13,500 |
11,759 |
-13% |
13,763 |
17% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
19,712 |
22,050 |
24,675 |
12% |
27,007 |
9% |
केंद्र से सहायतानुदान |
11,993 |
17,891 |
16,714 |
-7% |
17,405 |
4% |
राजस्व प्राप्तियां |
56,149 |
76,706 |
73,864 |
-4% |
83,025 |
12% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
49 |
70 |
71 |
1% |
76 |
7% |
शुद्ध प्राप्तियां |
56,198 |
76,776 |
73,935 |
-4% |
83,101 |
12% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
|
जून 2022 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान समाप्त जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 के अंत में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान झारखंड ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में झारखंड को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 2,096 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो उसके स्वयं कर राजस्व का लगभग 10% है। इसलिए जून 2022 के बाद झारखंड को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
7,931 |
9,500 |
8,500 |
-11% |
10,450 |
23% |
सेल्स टैक्स/वैट |
4,301 |
6,415 |
6,085 |
-5% |
6,450 |
6% |
राज्य एक्साइज |
1,821 |
2,460 |
1,800 |
-27% |
2,500 |
39% |
वाहन टैक्स |
976 |
1,650 |
1,574 |
-5% |
1,650 |
5% |
भूराजस्व |
873 |
1,100 |
1,183 |
8% |
1,500 |
27% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
708 |
1,200 |
1,144 |
-5% |
1,200 |
5% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
1,958 |
168 |
2,096 |
1,148% |
500 |
-76% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
1,689 |
0 |
1,981 |
- |
1,915 |
-3% |
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।
2022-23 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
झारखंड के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2007 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में झारखंड को 6,752 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 1.68% है। 2021-22 में राज्य को 500 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि 2021-22 में राज्य को 3,115 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा हुआ था (जीएसडीपी का 1.09%)।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में वित्तीय घाटा 11,286 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.81%) होने का अनुमान है। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत 2022-23 के लिए जीएसडीपी की 3.5% की सीमा के भीतर है। केंद्रीय बजट के अनुसार, यह केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भी भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार पर उपलब्ध कराई जाएगी)। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.03% रहने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी के 2.83% के बजट अनुमान से अधिक है। यह 2022-23 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। मार्च 2022 के अंत में राज्य की बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 33% अनुमानित हैं। यह 2020-21 में इसी आंकड़े की तुलना में 1.4% कम हैं (जीएसडीपी का 34.4%)।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है। *2023-24 और 2024-25 के आंकड़े अनुमानित हैं। 2023-24 और 2024-25 के लिए राजस्व संतुलन का डेटा उपलब्ध नहीं है। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में झारखंड के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (झारखंड सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
- शिक्षा: 2022-23 में झारखंड ने शिक्षा के लिए बजट का 15.3% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में झारखंड का आबंटन लगभग बराबर है (2021-22 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: झारखंड ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.1% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से लगभग बराबर है।
- कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 5.4% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से कम है।
- ग्रामीण विकास: झारखंड ने ग्रामीण विकास के लिए 13.7% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से बहुत अधिक है।
- पुलिस: झारखंड ने पुलिस के लिए कुल 7% का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
- सड़क और पुल: झारखंड ने सड़कों और पुलों के लिए 4.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से कम है।
|
|
|
|
|
|
नोट: 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ), और 2022-23 (बअ) के आंकड़े झारखंड के हैं।
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7 : प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
76,776 |
56,198 |
-27% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
76,706 |
56,149 |
-27% |
क. स्वयं कर राजस्व |
23,265 |
16,880 |
-27% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
13,500 |
7,564 |
-44% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
22,050 |
19,712 |
-11% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
17,891 |
11,993 |
-33% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
168 |
1,958 |
|
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
70 |
49 |
-30% |
3. उधारियां |
14,500 |
17,655 |
22% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
0 |
- |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
86,988 |
71,110 |
-18% |
4. राजस्व व्यय |
75,755 |
59,264 |
-22% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
9,661 |
8,466 |
-12% |
6. ऋण और अग्रिम |
91,277 |
73,855 |
-19% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
86,988 |
71,110 |
-18% |
राजस्व संतुलन |
951 |
-3,115 |
-428% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %) |
0.26% |
-1.09% |
- |
राजकोषीय घाटा |
-10,212 |
-14,912 |
46% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
-2.83% |
-5.20% |
- |
नोट: नेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
1,689 |
- |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
168 |
1,958 |
1,148% |
राज्य जीएसटी |
1,500 |
7,931 |
429% |
सेल्स टैक्स/वैट |
1,000 |
4,301 |
330% |
वाहन टैक्स |
350 |
976 |
179% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,007 |
708 |
-30% |
भूराजस्व |
2,301 |
873 |
-62% |
राज्य एक्साइज |
5,862 |
1,821 |
-69% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9 : मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शहरी विकास |
2,483 |
2,862 |
15% |
पुलिस |
6,023 |
5,509 |
-9% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,549 |
1,413 |
-9% |
सड़क एवं पुल |
3,893 |
3,489 |
-10% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
4,587 |
4,070 |
-11% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
5,701 |
4,784 |
-16% |
ग्रामीण विकास |
11,416 |
9,521 |
-17% |
ऊर्जा |
3,353 |
2,648 |
-21% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
13,504 |
10,147 |
-25% |
एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण |
1,927 |
1,181 |
-39% |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
4,718 |
2,160 |
-54% |
जलापूर्ति और सैनिटेशन |
3,106 |
1,295 |
-58% |
आवासन |
177 |
58 |
-67% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।