झारखंड के वित्तमंत्री श्री रामेश्वर ओरांव ने 4 मार्च, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2022-23 के लिए झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 4,01,997 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (3,63,085 करोड़ रुपए) से 10.7% अधिक है।
     
  • 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर94,387 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (84,918 करोड़ रुपए) से 11% अधिक है। साथ ही राज्य द्वारा 2022-23 में 6,714 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाया जाएगा। 2021-22 में खर्च (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 2% कम रहने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 83,101 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2021-22 के संशोधित अनुमानों (73,935 करोड़ रुपए) की तुलना में 12% की वृद्धि है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 2,841 करोड़ रुपए कम (4% की कमी) होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 11,286 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.81%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.03% होने की उम्मीद है जोकि जीएसडीपी के 2.83% के बजट अनुमान से कम है।
     
  • 2022-23 के लिए राजस्व अधिशेष 6,752 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 1.68% है। 2021-22 में बजट स्तर पर अनुमानित 951 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष की बजाय राज्य को 500 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • ग्रामीण विकास: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत शेष 5.22 लाख मकानों का निर्माण पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार मकान (प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण) में एक कमरा और बनाने के लिए प्रति परिवार 50,000 रुपए की अतिरिक्त राशि देगी। 
     
  • शिक्षा: उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए ऋण उपलब्धता को सरल बनाने हेतु गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अतिरिक्त मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के दायरे में अनुसूचित जाति, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाएगा। 
     
  • खाद्य एवं सार्वजनिक वितरणराज्य सरकार ने एक रुपए प्रति किलो की दर से (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट और झारखंड खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले) परिवारों को दालों के वितरण की योजना को शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।  

झारखंड की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी2020-21 में झारखंड की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) में 5% की गिरावट का अनुमान है। यह 2020-21 में राष्ट्रीय स्तर पर जीडीपी (6.6%) के संकुचन से कम है।
     
  • क्षेत्र2020-21 में कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने राज्य की अर्थव्यवस्था में क्रमशः 23%, 33% और 44% का योगदान दिया। 2019-20 की तुलना में 2020-21 में मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में क्रमशः 7.1% और 10% का संकुचन हुआ। 
     
  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी2020-21 में झारखंड की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 75,587 रुपए थी जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीडीपी (मौजूदा कीमतों पर 1,46,087 रुपए) से कम है।

रेखाचित्र  1 झारखंड में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि 

 image

 

नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के लिए समायोजित की गई है।
स्रोत: झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण, 2021-22
पीआरएस। 

2022-23 के लिए बजट अनुमान

  • 2022-23 में 94,387 करोड़ रुपए के व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (84,918 करोड़ रुपए) से 11अधिक है। इस व्यय को 83,101 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 11,286 करोड़ रुपए के शुद्ध उधार के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2021-22 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2022-23 में प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) के 12% अधिक होने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 4% कम होने का अनुमान है।
     
  • 2022-23 में राज्य को 6,752 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि उसकी जीएसडीपी का 1.68% है। 2021-22 में राज्य को 500 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि 2020-21 में राज्य को 3,115 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा हुआ था (जीएसडीपी का 1.09%)। 
     
  • 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.81% होने का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 3.03% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।

तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

कुल व्यय

73,855

91,277

89,207

-2%

1,01,101

13%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

2,745

4,289

4,289

0%

6,714

57%

शुद्ध व्यय (E)

71,110

86,988

84,918

-2%

94,387

11%

कुल प्राप्तियां

69,745

91,276

89,207

-2%

1,01,101

13%

(-) उधारियां 

13,547

14,500

15,272

5%

18,000

18%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

56,198

76,776

73,935

-4%

83,101

12%

राजकोषीय घाटा (E-R)

14,912

10,212

10,983

8%

11,286

3%

जीएसडीपी का %

5.20%

2.83%

3.03%

2.81%

राजस्व संतुलन

3,115

951

500

-47%

6,752

1250%

जीएसडीपी का %

-1.09%

0.26%

0.14%

1.68%

प्राथमिक घाटा

9,122

4,025

4,796

19%

4,624

-4%

जीएसडीपी का %

2.58%

1.11%

1.32%

1.15%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। राजस्व नेगेटिव चिन्ह घाटा, और पॉजिटिव चिन्ह अधिशेष दर्शाता है। 
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22; पीआरएस। 

 2022-23 में व्यय

  • 2022-23 में राजस्व व्यय 76,273 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (73,364 करोड़ रुपए) से 4% अधिक है। इस खर्च में वेतनपेंशनब्याज और सब्सिडी का भुगतान शामिल है। 
     
  • 2022-23 में पूंजीगत परिव्यय 16,606 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 68अधिक है। पूंजीगत परिव्यय में परिसंपत्तियों के सृजन का व्यय शामिल है। इसमें स्कूलअस्पतालों और सड़कों एवं पुलों के निर्माण पर होने वाला खर्च शामिल है। सबसे अधिक पूंजीगत परिव्यय जलापूर्ति और सैनिटेशन (3,472 करोड़ रुपए) और सड़कों एवं पुलों (3,300 करोड़ रुपए) के लिए किया गया है। 2021-22 में शिक्षा के लिए 99 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय किया था जिसे 2022-23 में बढ़ाकर 1,129 करोड़ रुपए किया गया है। 

तालिका 2बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राजस्व व्यय

59,264

75,755

73,364

-3%

76,273

4%

पूंजीगत परिव्यय

8,466

9,661

9,895

2%

16,606

68%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

3,380

1,572

1,660

6%

1,411

-15%

शुद्ध व्यय

71,110

86,988

84,918

-2%

94,290

11%

स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से विकास योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2022-23 में झारखंड द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 30,651 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 37% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 19%), पेंशन (10%) और ब्याज भुगतान (8%) पर खर्च शामिल है। उल्लेखनीय है कि झारखंड का वेतन पर खर्च (19%) सभी राज्यों (30%) के औसत से कम है।

तालिका 3: 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

वेतन

  12,090 

  15,046 

  14,657 

-3%

  15,944 

9%

पेंशन

    6,797 

    6,804 

    7,424 

9%

    8,045 

8%

ब्याज 

    5,790 

    6,187 

    6,187 

0%

    6,662 

8%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

  24,677 

   28,037 

  28,268 

1%

  30,651 

8%

स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान झारखंड के बजटीय व्यय का 76% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में झारखंड और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता हैइसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।

तालिका 4झारखंड बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 वास्तविक

2021-22 बअ

2021-22 संअ

2022-23 बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान (2022-23)

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

10,147

13,596

12,112

14,220

17%

  • समग्र शिक्षा के लिए 1,933 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
  • मिड-डे मील कार्यक्रम के लिए 655 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

9,521

12,899

11,246

12,711

13%

  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 1,300 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

4,784

6,624

6,837

7,287

7%

  • राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 945 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

5,510

5,971

6,136

6,532

6%

  • जिला पुलिस और ग्राम पुलिस हेतु क्रमः 3,306 करोड़ रुपए और 297 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

4,070

4,445

5,237

5,630

8%

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 1,467 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

2,160

4,990

4,828

5,054

5%

  • परंपरागत कृषि विकास योजना के लिए 372 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

1,295

3,387

1,865

4,072

118%

  • जलापूर्ति और सैनिटेशन पर पूंजीगत परिव्यय हेतु 3,472 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सड़क एवं पुल

3,489

4,018

3,891

3,840

-1%

  • राज्य के राजमार्गों के पूंजीगत परिव्यय हेतु 3,300 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है।

ऊर्जा

2,648

2,712

3,549

3,478

-2%

  • झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के जरिए उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ सबसिडी योजना हेतु 1,800 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

2,862

2,775

2,590

2,998

16%

  • पीएमएवाई (शहरी) के लिए 360 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

66%

68%

70%

76%

 

 

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।

स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 
 

2022-23 में प्राप्तियां

  • 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 83,025 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है। इसमें से 38,613 करोड़ रुपए (47%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 44,412 करोड़ रुपए (53%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 33%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 21%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
     
  • हस्तांतरण2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 27,007 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 9% अधिक है। 2021-22 में बजट अनुमान के स्तर पर हस्तांतरण 22,050 रुपए से बढ़कर संशोधित अनुमान के स्तर पर 24,675 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।
     
  • राज्य का स्वयं कर राजस्व2022-23 में झारखंड का कुल स्वयं कर राजस्व 24,850 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 20% अधिक है। यह 2022-23 में झारखंड की जीएसडीपी की 10.7% की वृद्धि दर से अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में झारखंड का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 5.9% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 6.2% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है।
     
  • राज्य का गैर कर राजस्व2022-23 में राज्य को गैर कर राजस्व के रूप में 13,763 करोड़ रुपए अर्जित होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 17% अधिक है। 2021-22 में राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व (11,759 करोड़ रुपए) में बजट अनुमान (13,500 करोड़ रुपए) की तुलना में 13% की कमी दर्ज होने का अनुमान है।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य के स्वयं कर

16,880

23,265

20,716

-11%

24,850

20%

राज्य के स्वयं गैर कर

7,564

13,500

11,759

-13%

13,763

17%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

19,712

22,050

24,675

12%

27,007

9%

केंद्र से सहायतानुदान

11,993

17,891

16,714

-7%

17,405

4%

राजस्व प्राप्तियां

56,149

76,706

73,864

-4%

83,025

12%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

49

70

71

1%

76

7%

शुद्ध प्राप्तियां

56,198

76,776

73,935

-4%

83,101

12%

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

  • 2022-23 में अनुमान है कि एसजीएसटी स्वयं कर राजस्व (42%) का सबसे बड़ा स्रोत होगा। 2022-23 में एसजीएसटी राजस्व 10,450 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 23% अधिक है। 2021-22 में एसजीएसटी राजस्व बजट अनुमान से 1,000 करोड़ रुपए कम होने का अनुमान है। बजट अनुमान के स्तर पर जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान 2021-22 (संशोधित अनुमान चरण) में 2,096 करोड़ रुपए से घटकर 2022-23 में 500 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
  • 2022-23 में राज्य को 1,981 करोड़ रुपए का जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण प्राप्त होने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि अभी तक क्षतिपूर्ति ऋण सुविधा केवल मार्च 2022 तक उपलब्ध है।

जून 2022 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान समाप्त

जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 के अंत में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान झारखंड ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में झारखंड को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 2,096 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो उसके स्वयं कर राजस्व का लगभग 10% है। इसलिए जून 2022 के बाद झारखंड को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है।

 तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21

वास्तविक

2021-22

बअ

2021-22

संअ

बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का %

2022-23

बअ

संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % 

राज्य जीएसटी

7,931

9,500

8,500

-11%

10,450

23%

सेल्स टैक्स/वैट

4,301

6,415

6,085

-5%

6,450

6%

राज्य एक्साइज

1,821

2,460

1,800

-27%

2,500

39%

वाहन टैक्स

976

1,650

1,574

-5%

1,650

5%

भूराजस्व

873

1,100

1,183

8%

1,500

27%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

708

1,200

1,144

-5%

1,200

5%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

1,958

168

2,096

1,148%

500

-76%

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

1,689

0

1,981

-

1,915

-3%

स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस। 

2022-23 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य 

झारखंड के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट2007 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में झारखंड को 6,752 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है जो कि जीएसडीपी का 1.68है। 2021-22 में राज्य को 500 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि 2021-22 में राज्य को 3,115 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा हुआ था (जीएसडीपी का 1.09%)  

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में वित्तीय घाटा 11,286 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.81%) होने का अनुमान है। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत 2022-23 के लिए जीएसडीपी की 3.5% की सीमा के भीतर है। केंद्रीय बजट के अनुसार, यह केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4% की सीमा के भी भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार पर उपलब्ध कराई जाएगी)। संशोधित अनुमानों के अनुसार2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.03% रहने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी के 2.83% के बजट अनुमान से अधिक है। यह 2022-23 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होती है)। 

बकाया देनदारियांवित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। मार्च 2022 के अंत में राज्य की बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 33अनुमानित हैं। यह 2020-21 में इसी आंकड़े की तुलना में 1.4% कम हैं (जीएसडीपी का 34.4%)

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %) 

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है।   *2023-24 और 2024-25 के आंकड़े अनुमानित हैं। 2023-24 और 2024-25 के लिए राजस्व संतुलन का डेटा उपलब्ध नहीं है। 
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस।  

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में झारखंड के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 30 राज्यों (झारखंड सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: 2022-23 में झारखंड ने शिक्षा के लिए बजट का 15.3% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में झारखंड का आबंटन लगभग बराबर है (2021-22 बजट अनुमान)।
  • स्वास्थ्य: झारखंड ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.1% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से लगभग बराबर है।
  • कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 5.4% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से कम है।
  • ग्रामीण विकास: झारखंड ने ग्रामीण विकास के लिए 13.7% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से बहुत अधिक है।
  • पुलिस: झारखंड ने पुलिस के लिए कुल 7का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
  • सड़क और पुल: झारखंड ने सड़कों और पुलों के लिए 4.1% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से कम है।

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नोट: 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ)और 2022-23 (बअ) के आंकड़े झारखंड के हैं। 
स्रोत: झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका  7 प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का 

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

76,776

56,198

-27%

1.     राजस्व प्राप्तियां (+++)

76,706

56,149

-27%

.     स्वयं कर राजस्व

23,265

16,880

-27%

.     स्वयं गैर कर राजस्व

13,500

7,564

-44%

.     केंद्रीय करों में हिस्सा

22,050

19,712

-11%

.     केंद्र से सहायतानुदान

17,891

11,993

-33%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

168

1,958

 

2.     गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

70

49

-30%

3.     उधारियां

14,500

17,655

22%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

0

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

86,988

71,110

-18%

4.     राजस्व व्यय

75,755

59,264

-22%

5.     पूंजीगत परिव्यय

9,661

8,466

-12%

6.     ऋण और अग्रिम

91,277

73,855

-19%

7.     ऋण पुनर्भुगतान

86,988

71,110

-18%

राजस्व संतुलन

951

-3,115

-428%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %)

0.26%

-1.09%

-

राजकोषीय घाटा

-10,212

-14,912

46%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

-2.83%

-5.20%

-

नोटनेगेटिव राजस्व संतुलन घाटा दर्शाता है। 
स्रोतविभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

1,689

-

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

168

1,958

1,148%

राज्य जीएसटी

1,500

7,931

429%

सेल्स टैक्स/वैट

1,000

4,301

330%

वाहन टैक्स

350

976

179%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

1,007

708

-30%

भूराजस्व

2,301

873

-62%

राज्य एक्साइज

5,862

1,821

-69%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका  9 मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 बअ

2020-21 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

शहरी विकास

2,483

2,862

15%

पुलिस

6,023

5,509

-9%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

1,549

1,413

-9%

सड़क एवं पुल

3,893

3,489

-10%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

4,587

4,070

-11%

समाज कल्याण एवं पोषण

5,701

4,784

-16%

ग्रामीण विकास

11,416

9,521

-17%

ऊर्जा

3,353

2,648

-21%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

13,504

10,147

-25%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

1,927

1,181

-39%

कृषि और संबंधित गतिविधियां

4,718

2,160

-54%

जलापूर्ति और सैनिटेशन

3,106

1,295

-58%

आवासन

177

58

-67%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

[1]  30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

 

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