झारखंड के वित्त मंत्री श्री रामेश्वर उरांव ने 3 मार्च, 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश किया।
बजट के मुख्य अंश
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2023-24 के लिए झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 4,23,289 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के मुकाबले 11.1% की वृद्धि है।
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2023-24 में व्यय (ऋण चुकौतियों को छोड़कर) 1,10,093 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 19% अधिक है। इसके अलावा राज्य द्वारा 6,325 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा।
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2023-24 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 98,418 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में इसमें 18% की वृद्धि है। 2022-23 में प्राप्तियों (उधार को छोड़कर) में 389 करोड़ रुपए की मामूली वृद्धि का अनुमान है।
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2023-24 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 3.2% (13,661 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.5%) से अधिक है। 2022-23 में राजस्व अधिशेष बजट अनुमान (जीएसडीपी का 1.7%) से अधिक होने की उम्मीद है।
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2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.8% (11,675 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2022-23 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.3% रहने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 2.8% के बजट अनुमान से कम है।
नीतिगत विशिष्टताएं
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ग्रामीण विकास: बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन मिशन नाम की नई योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत अनुमानित एक लाख किसानों की भूमि पर सिंचाई कुओं का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के लिए धनराशि, राज्य रोजगार गारंटी योजना और मनरेगा, दोनों से आबंटित की जाएगी।
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महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा: नए आंगनवाड़ी चलो अभियान के तहत आंगनवाड़ियों में (स्कूल जाने से पूर्व) आने वाले छोटे बच्चों को कपड़े, पाठ्यपुस्तकें, फर्नीचर और अन्य जरूरी चीजें प्रदान की जाएंगी।
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कृषि और संबद्ध गतिविधियां: सिंचाई में सुधार और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए पांच एकड़ क्षेत्र में झीलों की सफाई के लिए आबंटन किया गया है।
झारखंड की अर्थव्यवस्था
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रेखाचित्र 1 : झारखंड में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये संख्या स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं, जिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। |
2023-24 के लिए बजट अनुमान
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2023-24 में 1,10,093 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 19% अधिक है। इस व्यय को 98,418 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 11,675 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 के लिए कुल प्राप्तियों (उधार के अलावा) में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 18% की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
-
2023-24 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 3.2% (13,661 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.5%) से अधिक है। 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.8% (11,675 करोड़ रुपए) पर लक्षित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.3%) से अधिक है।
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2022-23 में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से 2,500 करोड़ रुपए कम रहने की उम्मीद है। राजस्व अधिशेष बजट अनुमान से 2,701 करोड़ रुपए अधिक होने का अनुमान है। जीएसडीपी अनुमानों को बजट चरण की तुलना में 5.2% नीचे की ओर संशोधित किया गया है।
तालिका 1: बजट 2023-24 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
77,865 |
1,01,101 |
98,990 |
-2.1% |
1,16,418 |
17.6% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
4,247 |
6,714 |
6,714 |
0.0% |
6,325 |
-5.8% |
शुद्ध व्यय (E) |
73,618 |
94,387 |
92,277 |
-2.2% |
1,10,093 |
19.3% |
कुल प्राप्तियां |
80,853 |
1,01,101 |
98,990 |
-2.1% |
1,16,418 |
17.6% |
(-) उधारियां |
9,840 |
18,000 |
15,500 |
-13.9% |
18,000 |
16.1% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
71,014 |
83,101 |
83,490 |
0.5% |
98,418 |
17.9% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
2,604 |
11,286 |
8,786 |
-22.2% |
11,675 |
32.9% |
जीएसडीपी का % |
0.8% |
2.8% |
2.3% |
2.8% |
||
राजस्व अधिशेष |
6,944 |
6,752 |
9,453 |
40.0% |
13,661 |
44.5% |
जीएसडीपी का % |
2.0% |
1.7% |
2.5% |
3.2% |
||
प्राथमिक घाटा |
-3,682 |
4,625 |
2,123 |
-54.1% |
4,887 |
130.2% |
जीएसडीपी का % |
-1.1% |
1.2% |
0.6% |
1.2% |
नोट: बअ बजट अनुमान; संअ संशोधित अनुमान हैं। जीएसडीपी के आंकड़े 2021-22 वास्तविक और 2022-23 संअ झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार हैं; 2022-23 बजट अनुमान और 2023-24 बजट अनुमान के आंकड़े प्रत्येक वर्ष के ‘बजट पर एक नजर में’ से लिए गए हैं।
स्रोत: बजट पर एक नजर में-2023-24; बजट पर एक नजर में- 2022-23; झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23; पीआरएस।
2023-24 में व्यय
-
2023-24 के लिए राजस्व व्यय 84,676 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 14% अधिक है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर खर्च शामिल है।
-
2023-24 के लिए पूंजी परिव्यय 21,248 करोड़ रुपए प्रस्तावित है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 49% अधिक है। पूंजी परिव्यय संपत्ति निर्माण की दिशा में व्यय को दर्शाता है।
-
राज्य द्वारा ऋण और अग्रिम 2022-23 में बजटीय आबंटन (170% की वृद्धि) की तुलना में 2,564 करोड़ रुपए अधिक होने की उम्मीद है। 2023-24 में इनके और बढ़ने का अनुमान है, हालांकि केवल 2%।
पूंजीगत परिव्यय 2023-24 में झारखंड द्वारा 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में पूंजी परिव्यय पर 49% अधिक खर्च करने का अनुमान है। प्रमुख क्षेत्रों में जलापूर्ति और स्वच्छता, और ग्रामीण विकास शामिल हैं जिसके लिए पूंजी परिव्यय क्रमशः 120% और 42% बढ़ जाएगा। हालांकि 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान बजट अनुमानों से क्रमशः 47% और 16% कम हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए पूंजी परिव्यय 2022-23 के संशोधित अनुमानों (53%) से उल्लेखनीय रूप से बढ़ने का अनुमान है। 2020-21 से राज्य को लगातार इस क्षेत्र में पूंजी परिव्यय बढ़ाने की जरूरत है; 2022-23 के संशोधित अनुमान बजट अनुमानों से 50% अधिक हैं। वास्तविक व्यय 2021-22 में संशोधित अनुमानों से 23% और 2020-21 में 116% अधिक था। जीएसडीपी में स्वयं कर राजस्व का अनुपात राज्य की राजस्व बढ़ाने की क्षमता को दर्शाता है। 2023-24 में यह अनुपात 10.2% रहने का अनुमान है। हालांकि 2021-22 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, यह केवल 7.9% था। |
तालिका 2: बजट 2023-24 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
62,778 |
76,273 |
73,967 |
-3% |
84,676 |
14% |
पूंजीगत परिव्यय |
9,377 |
16,606 |
14,238 |
-14% |
21,248 |
49% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
1,463 |
1,508 |
4,072 |
170% |
4,168 |
2% |
शुद्ध व्यय |
73,618 |
94,387 |
92,277 |
-2% |
1,10,093 |
19% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, झारखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2023-24 में झारखंड द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 32,178 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 33% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 17%), पेंशन (9%), और ब्याज भुगतान (7%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में प्रतिबद्ध व्यय में 8% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2022-23 में पेंशन पर खर्च बजट अनुमान से 9% कम रहने का अनुमान है। 2021-22 में वास्तविक के अनुसार, राजस्व प्राप्तियों का 39% प्रतिबद्ध व्यय के लिए खर्च किया गया था।
तालिका 3: 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
प्रतिबद्ध व्यय |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
वेतन |
13,122 |
15,944 |
15,732 |
-1% |
16,643 |
6% |
पेंशन |
7,614 |
8,045 |
7,348 |
-9% |
8,748 |
19% |
ब्याज भुगतान |
6,286 |
6,662 |
6,663 |
0% |
6,787 |
2% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
27,022 |
30,651 |
29,743 |
-3% |
32,178 |
8% |
स्रोत: बजट पर एक नजर में और वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, झारखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान झारखंड के बजटीय व्यय का 72% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में झारखंड के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।
तालिका 4: झारखंड बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान 2023-24 बअ |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
11,269 |
14,220 |
13,521 |
15,384 |
14% |
समग्र शिक्षा के लिए 1,286 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पीएम-पोषण के लिए 401 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
7,566 |
12,711 |
10,271 |
14,405 |
40% |
मनरेगा सहित ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनाओं के लिए 1,467 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
4,500 |
7,286 |
8,208 |
8,811 |
7% |
राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 1,587 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
5,727 |
6,532 |
6,906 |
7,085 |
3% |
जिला पुलिस के लिए 3,454 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
4,823 |
5,630 |
5,776 |
7,050 |
22% |
अस्पतालों, डिस्पेंसरियों और पीएचसी के लिए 727 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
3,645 |
4,136 |
3,892 |
6,310 |
62% |
सड़कों और पुलों पर पूंजी परिव्यय के लिए 5,300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 63% अधिक है। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
3,888 |
5,054 |
4,154 |
5,831 |
40% |
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 164 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
1,236 |
4,072 |
2,205 |
4,393 |
99% |
प्रमुख सिंचाई पर पूंजी परिव्यय के लिए 470 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 52% अधिक है। |
ऊर्जा |
3,896 |
3,478 |
3,631 |
3,617 |
0% |
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के ग्राहकों की टैरिफ सबसिडी के लिए 2,300 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
शहरी विकास |
2,421 |
2,998 |
2,977 |
3,254 |
9% |
पीएमएवाई (शहरी) के लिए सहायता अनुदान से 390 रुपए आवंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
68% |
71% |
70% |
72% |
3% |
|
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, झारखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 में प्राप्तियां
-
2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 98,337 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 18% अधिक है। इसमें से 48,119 करोड़ रुपए (49%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे, और 50,218 करोड़ रुपए (51%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 34%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 17%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
-
हस्तांतरण: 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 33,779 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है।
-
2023-24 में केंद्र से अनुदान 16,438 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 14% अधिक है।
-
राज्य का स्वयं कर राजस्व: झारखंड का कुल कर राजस्व 2023-24 में 30,860 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 25% अधिक है। 2023-24 में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 7.3% अनुमानित है। 2022-23 के लिए राज्य ने इस अनुपात को 6.2% पर अनुमानित किया था, और यह थोड़ा (6.5%) बढ़ने का अनुमान है।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
21,290 |
24,850 |
24,726 |
0% |
30,860 |
25% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
10,031 |
13,763 |
12,883 |
-6% |
17,259 |
34% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
27,735 |
27,007 |
31,364 |
16% |
33,779 |
8% |
केंद्र से सहायतानुदान |
10,667 |
17,406 |
14,447 |
-17% |
16,438 |
14% |
राजस्व प्राप्तियां |
69,722 |
83,025 |
83,420 |
0% |
98,337 |
18% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
1,292 |
76 |
70 |
-8% |
81 |
16% |
शुद्ध प्राप्तियां |
71,014 |
83,101 |
83,490 |
0% |
98,418 |
18% |
नोट: BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं। स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, झारखंड बजट 2023-24, पीआरएस।
-
2023-24 में अनुमान है कि राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होगा (45%)। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राज्य जीएसटी राजस्व में 27% की वृद्धि का अनुमान है। 2022-23 में इस खाते पर प्राप्तियां बजट से 5% अधिक होने की उम्मीद है।
-
सेल्स टैक्स/वैट 2023-24 में स्वयं कर राजस्व का दूसरा सबसे बड़ा घटक होने का अनुमान है जिसमें झारखंड के स्वयं कर राजस्व का 28% शामिल है। इसके 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 40% तक बढ़ने का अनुमान है। 2023-24 में राज्य उत्पाद शुल्क का झारखंड के स्वयं कर राजस्व में 8% योगदान का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 15% अधिक है। हालांकि 2022-23 में राज्य उत्पाद शुल्क बजट अनुमान से 18% कम रहने का अनुमान है।
खनन किराए और रॉयल्टी झारखंड के स्वयं गैर कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा खनन से संबंधित प्राप्तियों का है। 2023-24 में राज्य को खनिज कनसेशन शुल्क, किराए और रॉयल्टी से अनुमानित 13,441 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। यह अनुमान 2022-23 के संशोधित अनुमान से 42% अधिक है। खनिज कनसेशन शुल्क, किराए और रॉयल्टी में राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व का 78% और राजस्व प्राप्तियों का 14% शामिल है। 2022-23 में सभी राज्यों को स्वयं कर राजस्व से 49% और गैर कर राजस्व से सिर्फ 9% प्राप्तियां होने का अनुमान था। जिन राज्यों को खनन से सबसे अधिक गैर कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है, उनमें ओडिशा और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं। इन राज्यों ने 2015-16 से खनन और धातुकर्म उद्योगों (मेटरलर्जिकल इंडस्ट्री) से अपने गैर-कर राजस्व का 60% से अधिक अर्जित किया है। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
कर |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %
|
राज्य जीएसटी |
9,557 |
10,450 |
11,000 |
5% |
14,000 |
27% |
सेल्स टैक्स/ वैट |
5,213 |
6,450 |
6,226 |
-3% |
8,695 |
40% |
स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
987 |
1,200 |
1,200 |
0% |
1,200 |
0% |
वाहन कर |
1,263 |
1,650 |
1,650 |
0% |
1,800 |
9% |
राज्य एक्साइज |
1,807 |
2,500 |
2,050 |
-18% |
2,360 |
15% |
भूराजस्व |
1,621 |
1,500 |
1,500 |
0% |
1,500 |
0% |
बिजली पर कर और ड्यूटी |
792 |
918 |
918 |
0% |
1,200 |
31% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
1,526 |
500 |
2,023 |
305% |
|
|
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्व प्राप्तियां और बजट एक नजर में, झारखंड बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
झारखंड के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2007 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2023-24 में 13,661 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 3.2%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। 2022-23 में राजस्व अधिशेष 9,453 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.5%) होने की उम्मीद है जोकि 6,752 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.7%) के बजट अनुमान से अधिक है। 15वें वित्त आयोग के सुझावों के अनुसार झारखंड को 2024-25 और 2025-26 में कोई राजस्व घाटा अनुदान नहीं मिलेगा।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.8% रहने का अनुमान है। 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से 0.5% बिजली क्षेत्र में कुछ सुधारों को पूरा करने पर ही उपलब्ध होगा। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2022-23 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.3% रहने की उम्मीद है। यह जीएसडीपी के 2.81% के बजट अनुमान से कम है। 2025-26 तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% से कम रहने का अनुमान है।
बकाया देनदारियों में रुझान 2022 में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने पाया था कि झारखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन एक्ट, 2007 के तहत 2017-18 और 2020-21 के बीच निर्धारित जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में बकाया देनदारियों के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं था। यह लक्ष्य 2016-17 में 28.3% था, और 2020-21 के लिए धीरे-धीरे घटकर 27% हो गया। 2016-17 से इस अवधि में झारखंड निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाया है। कैग ने 2020-21 के इस आंकड़े का अनुमान लगाते समय कुल कर्ज के हिस्से के रूप में जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को शामिल नहीं किया। उच्च बकाया ऋण का अर्थ है कि राज्य को अतिरिक्त ऋण लिए बिना अपने मौजूदा ऋण को चुकाने में कठिनाई हो सकती है। कैग ने पाया कि 65% उधार पूंजीगत व्यय के लिए इस्तेमाल किया गया था, और 25% का उपयोग ऋण और अग्रिम भुगतान के लिए किया गया था। साथ ही, 13% अतिरिक्त उधारी राजस्व व्यय के लिए थी, विशेष रूप से पिछली उधारियों के ब्याज को चुकाने के लिए यह उधार लिया गया था। |
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2023-24 के अंत में बकाया देनदारियों को जीएसडीपी के 27.0% पर लक्षित किया गया है जो 2022-23 के बजट अनुमान (जीएसडीपी का 31.4%) से कम है। 2019-20 के स्तर (जीएसडीपी का 30.4%) की तुलना में बकाया देनदारियों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन तब से इसमें गिरावट आ रही है।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: पॉजिटिव आंकड़े अधिशेष का संकेत देते हैं, नेगेटिव आंकड़े घाटे का संकेत देते हैं; *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं; संअ संशोधित अनुमान है; बअ बजट अनुमान है। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं; संअ संशोधित अनुमान है; बअ बजट अनुमान है। स्रोत: राजकोषीय नीति रणनीति वक्तव्य और मध्यम अवधि की वित्तीय योजना, झारखंड बजट 2023-24; झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23; पीआरएस। |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में झारखंड के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (झारखंड सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2022-23 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को दर्शाता है। [1]
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शिक्षा: झारखंड ने 2023-24 में शिक्षा पर अपने व्यय का 14.5% आवंटित किया है। यह 2022-23 में अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.8%) से थोड़ा कम है।
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स्वास्थ्य: झारखंड ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 6.7% आवंटित किया है जो अन्य राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.3%) से थोड़ा अधिक है।
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ग्रामीण विकास: झारखंड ने ग्रामीण विकास पर अपने व्यय का 13.6% आवंटित किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आवंटन (5.7%) से बहुत अधिक है।
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अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कल्याण: झारखंड ने एससी, एसटी और ओबीसी के कल्याण के लिए अपने व्यय का 2.8% आवंटित किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी के कल्याण के लिए औसत आवंटन (3.5%) से कम है।
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पुलिस: झारखंड ने अपने कुल व्यय का 6.7% पुलिस के लिए आवंटित किया है, जो अन्य राज्यों द्वारा पुलिस पर किए जाने वाले औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
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सड़कें और पुल: झारखंड ने सड़कों और पुलों के लिए अपने कुल व्यय का 5.5% आवंटित किया है जो अन्य राज्यों द्वारा औसत आवंटन (4.5%) से अधिक है।
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नोट: 2021-22, 2022-23 (बअ), 2022-23 (संअ), और 2023-24 (बअ) के आंकड़े झारखंड के हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, झारखंड बजट 2023-24; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
[1] 31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अनुलग्नक 2: 2021-22 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में
मद |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
76,777 |
71,014 |
-8% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
76,707 |
69,722 |
-9% |
क. स्वयं कर राजस्व |
23,265 |
21,290 |
-8% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
13,500 |
10,031 |
-26% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
22,050 |
27,735 |
26% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
17,891 |
10,667 |
-40% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
1,568 |
1,526 |
-3% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
70 |
1,292 |
1745% |
3. उधारियां |
14,500 |
9,840 |
-32% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
- |
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शुद्ध व्यय (4+5+6) |
86,988 |
73,618 |
-15% |
4. राजस्व व्यय |
75,755 |
62,778 |
-17% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
9,661 |
9,377 |
-3% |
6. ऋण और अग्रिम |
1,572 |
1,463 |
-7% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
4,289 |
4,247 |
-1% |
राजस्व घाटा |
952 |
6,944 |
629% |
राजस्व घाटा (जीएसडीपी का %) |
0.3% |
2.0% |
678% |
राजकोषीय घाटा |
10,211 |
2,604 |
-74% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
2.8% |
0.8% |
-73% |
नोट: BE: बजट अनुमान। घाटे की गणना के लिए, जीएसटी मुआवजा ऋण को अनुदान के रूप में नहीं माना जाता है।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
राज्य एक्साइज |
2,460 |
1,807 |
-27% |
वाहन कर |
1,650 |
1,263 |
-23% |
सेल्स टैक्स/वैट |
6,415 |
5,213 |
-19% |
स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,200 |
987 |
-18% |
राज्य जीएसटी |
9,500 |
9,557 |
1% |
बिजली पर कर और ड्यूटी |
750 |
792 |
6% |
भूराजस्व |
1,100 |
1,621 |
47% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
3,387 |
1,236 |
-64% |
ग्रामीण विकास |
12,900 |
7,566 |
-41% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
6,624 |
4,500 |
-32% |
आवासन |
156 |
107 |
-31% |
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण |
2,016 |
1,439 |
-29% |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
4,990 |
3,888 |
-22% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
13,595 |
11,269 |
-17% |
परिवहन |
4,305 |
3,645 |
-15% |
इनमें सड़क एवं पुल |
4,018 |
3,430 |
-15% |
शहरी विकास |
2,775 |
2,421 |
-13% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,658 |
1,577 |
-5% |
पुलिस |
5,971 |
5,727 |
-4% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
4,445 |
4,823 |
8% |
ऊर्जा |
2,712 |
3,896 |
44% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
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