झारखंड के वित्तमंत्री श्री रामेश्वर ओरांव ने 27 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
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2024-25 के लिए झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 4,70,104 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें 2023-24 की तुलना में 9.8% की वृद्धि है।
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2024-25 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 1,20,400 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 5% अधिक है। इसके अलावा राज्य को 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाना होगा। संशोधित अनुमान के अनुसार, 2023-24 में व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 4% अधिक होने का अनुमान है।
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2024-25 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 1,10,900 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान से 8% की वृद्धि है। 2023-24 में, संशोधित अनुमान के अनुसार, प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 4% अधिक होने का अनुमान है।
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2024-25 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 4% (18,968 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 1.7%) से अधिक है। 2023-24 में राजस्व अधिशेष बजट अनुमान (जीएसडीपी का 3.2%) से कम होने की उम्मीद है।
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2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2% (9,500 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2023-24 में, संशोधित अनुमान के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.7% होने की उम्मीद है, जो बजट अनुमान (जीएसडीपी का 2.8%) के लगभग बराबर है।
नीतिगत विशिष्टताएं
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ऋण माफी योजना का विस्तार: कृषि ऋण माफी योजना के तहत दो लाख रुपए तक के ऋण माफ किए जाएंगे। पहले यह सीमा 50,000 रुपए निर्धारित की गई थी। डिफॉल्ट किए गए लोन भी कवर किए जाएंगे।
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छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति: तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मानकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना शुरू की जाएगी। डिप्लोमा छात्राओं को 15,000 रुपए प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति और डिग्री छात्राओं को 30,000 रुपए प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
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शिल्प उद्यमियों के लिए योजना: शिल्प उद्यमियों को रियायती दरों पर मशीनें, कार्यशील पूंजी और सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।
झारखंड की अर्थव्यवस्था
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रेखाचित्र 1 : झारखंड में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: कृषि में खनन और उत्खनन भी शामिल है; मैन्यूफैक्चरिंग में निर्माण, और बिजली, गैस, पानी और अन्य उपयोगिता सेवाएं भी शामिल हैं। ये आंकड़े स्थिर कीमतों (2011-12) के अनुसार हैं, जिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। |
2024-25 के लिए बजट अनुमान
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2024-25 में 1,20,400 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 5% अधिक है। इस व्यय को 1,10,900 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 9,500 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2024-25 के लिए कुल प्राप्तियों (उधार के अलावा) में 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 8% की वृद्धि की उम्मीद है।
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2024-25 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 4% (18,968 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 1.7%) से कम है। 2023-24 में, संशोधित अनुमान के अनुसार, राजस्व अधिशेष बजट अनुमान (जीएसडीपी का 3.2%) से काफी कम होने का अनुमान है। इसका कारण यह है कि राजस्व व्यय बजट अनुमान से 4% अधिक होने की उम्मीद है, जबकि राजस्व प्राप्तियां बजट अनुमान से 3% कम होने का अनुमान है।
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2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2% (9,500 करोड़ रुपए) पर लक्षित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.7%) से कम है।
तालिका 1: बजट 2024-25 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
91,638 |
1,16,418 |
1,20,518 |
3.5% |
1,28,900 |
7.0% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
6,729 |
6,325 |
6,309 |
-0.3% |
8,500 |
34.7% |
शुद्ध व्यय (E) |
84,908 |
1,10,093 |
1,14,209 |
3.7% |
1,20,400 |
5.4% |
कुल प्राप्तियां |
89,434 |
1,16,418 |
1,20,518 |
3.5% |
1,28,900 |
7.0% |
(-) उधारियां |
9,142 |
18,000 |
18,000 |
0.0% |
18,000 |
0.0% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
80,292 |
98,418 |
1,02,518 |
4.2% |
1,10,900 |
8.2% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
4,617 |
11,675 |
11,691 |
0.1% |
9,500 |
-18.7% |
जीएसडीपी का % |
1.2% |
2.8% |
2.7% |
|
2.0% |
|
राजस्व अधिशेष |
13,564 |
13,661 |
7,136 |
-47.8% |
18,968 |
165.8% |
जीएसडीपी का % |
3.4% |
3.2% |
1.7% |
|
4.0% |
|
प्राथमिक घाटा |
-1,622 |
4,887 |
4,192 |
-14.2% |
2,445 |
-41.7% |
जीएसडीपी का % |
-0.4% |
1.2% |
1.0% |
|
0.5% |
|
जीएसडीपी |
3,93,722 |
4,23,289 |
4,28,155 |
1.1% |
4,70,104 |
9.8% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन विवरण, बजट एक नजर में, झारखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
2024-25 में व्यय
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2024-25 के लिए राजस्व व्यय 91,832 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 4% अधिक है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर होने वाला खर्च शामिल है।
-
2024-25 के लिए पूंजीगत परिव्यय 23,987 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 11% अधिक है। पूंजीगत परिव्यय परिसंपत्तियों के निर्माण पर होने वाले व्यय को दर्शाता है।
-
2024-25 में राज्य द्वारा ऋण और अग्रिम 4,581 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान से 3% की वृद्धि है।
तालिका 2: बजट 2024-25 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
66,682 |
84,676 |
88,093 |
4% |
91,832 |
4% |
पूंजीगत परिव्यय |
14,016 |
21,248 |
21,674 |
2% |
23,987 |
11% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
4,211 |
4,168 |
4,442 |
7% |
4,581 |
3% |
शुद्ध व्यय |
84,908 |
1,10,093 |
1,14,209 |
4% |
1,20,400 |
5% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, झारखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आवंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2024-25 में झारखंड में प्रतिबद्ध व्यय पर 32,748 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है जो इसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 30% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 15%), पेंशन (8%) और ब्याज भुगतान (6%) पर खर्च शामिल है। झारखंड का वेतन व्यय राज्य के औसत व्यय (2023-24 में राजस्व प्राप्तियों का 28%) से काफी कम है। 15 फरवरी, 2024 तक झारखंड सरकार में 3,26,049 कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 1,67,203 कर्मचारी थे जो 49% पदों पर रिक्तियों को दर्शाता है। संशोधित अनुमान के अनुसार, 2023-24 में ब्याज भुगतान बजट अनुमान से 10% अधिक होने का अनुमान है। 2024-25 में ब्याज पर व्यय 2023-24 के संशोधित अनुमान से 6% कम होने की उम्मीद है।
तालिका 3: 2024-25 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
प्रतिबद्ध व्यय |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
वेतन |
13,879 |
16,643 |
16,790 |
1% |
16,952 |
1% |
पेंशन |
7,803 |
8,748 |
8,748 |
0% |
8,741 |
-0.1% |
ब्याज भुगतान |
6,238 |
6,787 |
7,499 |
10% |
7,055 |
-6% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
27,921 |
32,178 |
33,036 |
3% |
32,748 |
-1% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, बजट एक नजर में, झारखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2024-25 के दौरान झारखंड के बजटीय व्यय का 72% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में झारखंड के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।
तालिका 4: झारखंड बजट 2024-25 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान |
ग्रामीण विकास |
8,458 |
14,405 |
11,896 |
18,473 |
55% |
अबुआ आवास योजना के लिए 4,832 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इंदिरा आवास योजना के लिए 1,673 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
12,665 |
15,384 |
15,078 |
15,194 |
1% |
सर्व शिक्षा अभियान के लिए 2,257 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
5,886 |
8,811 |
8,813 |
9,694 |
10% |
मुख्यमंत्री सर्वजन पेंशन योजना के लिए 3,107 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
6,306 |
7,085 |
7,441 |
7,392 |
-1% |
जिला पुलिस के लिए 3,713 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
5,285 |
7,050 |
6,715 |
7,232 |
8% |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 1,779 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
सड़कें एवं पुल |
3,730 |
5,848 |
5,495 |
6,389 |
16% |
सड़कों और पुलों पर पूंजी परिव्यय के लिए 5,800 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
3,412 |
5,831 |
5,128 |
6,017 |
17% |
किसानों की ऋण माफी योजना के लिए 346 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। राज्य बागवानी विकास योजना के लिए 320 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
ऊर्जा |
3,685 |
3,617 |
10,850 |
4,779 |
-56% |
बिजली टैरिफ सबसिडी के लिए 2,700 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
जलापूर्ति एवं स्वच्छता |
2,158 |
4,393 |
3,979 |
4,707 |
18% |
जल जीवन मिशन के लिए 3,517 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण |
3,296 |
3,004 |
3,529 |
3,513 |
0% |
ओबीसी के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु 500 करोड़ रुपए और एसटी के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु 420 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों पर कुल व्यय का % |
68% |
71% |
72% |
72% |
- |
|
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, झारखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
2024-25 में प्राप्तियां
-
2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 1,10,800 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 16% अधिक है। इसमें से 53,499 करोड़ रुपए (48%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगा और 57,301 करोड़ रुपए (52%) केंद्र से आएगा। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 36%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 15%) के रूप में होंगे।
-
हस्तांतरण: 2024-25 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 40,340 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है।
-
2024-25 में केंद्र से अनुदान 16,961 करोड़ रुपए अनुमानित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 22% अधिक है। 2023-24 में केंद्र से अनुदान बजट अनुमान से 16% कम रहने की उम्मीद है। यह केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए अनुदान में भिन्नता के कारण है। 2023-24 में पीएम आवास योजना के लिए अनुदान (492 करोड़ रुपए) बजट अनुमान (2,060 करोड़ रुपए) से 76% कम होने का अनुमान है। 2024-25 में योजना के लिए अनुदान 1,569 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 219% अधिक है।
-
राज्य का स्वयं कर राजस्व: झारखंड का कुल स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 34,198 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 19% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 7.3% अनुमानित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (6.7%) से अधिक है। 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 6.4% था।
-
गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां: 2023-24 में, संशोधित अनुमान के अनुसार, गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां 7,290 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो बजट अनुमान (81 करोड़ रुपए) से काफी अधिक है। यह मुख्य रूप से राज्य के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी जेबीवीएनएल को दिए गए ऋण (7,240 करोड़ रुपए) की वसूली के कारण है।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
25,118 |
30,857 |
28,710 |
-7% |
34,198 |
19% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
12,830 |
17,259 |
16,116 |
-7% |
19,300 |
20% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
31,404 |
33,782 |
36,527 |
8% |
40,340 |
10% |
केंद्र से सहायता अनुदान |
10,894 |
16,438 |
13,876 |
-16% |
16,961 |
22% |
राजस्व प्राप्तियां |
80,245 |
98,337 |
95,229 |
-3% |
1,10,800 |
16% |
गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
46 |
81 |
7,290 |
8916% |
100 |
-99% |
शुद्ध प्राप्तियां |
80,292 |
98,418 |
1,02,518 |
4.2% |
1,10,900 |
8% |
नोट: बअ बजट अनुमान और संअ संशोधित अनुमान हैं। स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, झारखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
-
2024-25 में राज्य जीएसटी स्वयं के कर राजस्व (45% हिस्सा) का सबसे बड़ा स्रोत होने का अनुमान है। राज्य जीएसटी राजस्व में 2023-24 के संशोधित अनुमान से 28% की वृद्धि का अनुमान है।
-
2024-25 में वाहन कर से राजस्व में 2023-24 के संशोधित अनुमान (1,810 करोड़ रुपए) की तुलना में 30% की वृद्धि की उम्मीद है।
खनन से रॉयल्टी 2024-25 में झारखंड का गैर-कर राजस्व 19,300 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। इसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान (16,116 करोड़ रुपए) की तुलना में 20% की वृद्धि है। 2024-25 में झारखंड की कुल राजस्व प्राप्तियों में गैर-कर राजस्व का हिस्सा 17% होने का अनुमान है। गैर-कर राजस्व का एक बड़ा हिस्सा खनन से मिलने वाली रॉयल्टी का है। 2024-25 में कुल गैर कर राजस्व में खनन से मिलने वाली रॉयल्टी का हिस्सा 80% (15,500 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है। खनन से रॉयल्टी का हिस्सा 2019-20 के स्तर से बढ़ गया है, जहां यह कुल गैर-कर राजस्व (8,750 करोड़ रुपए) का 62% था। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में झारखंड का अपना गैर-कर राजस्व 2024-25 में 4.1% होने का अनुमान है, जो राज्यों के औसत (2023-24 बजट अनुमान के अनुसार जीएसडीपी का 1.2%) से काफी अधिक है। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 वास्तविक |
2023-24 बजटीय |
2023-24 संशोधित |
बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
2024-25 बजटीय |
संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का % |
एसजीएसटी |
11,374 |
14,000 |
12,000 |
-14% |
15,375 |
28% |
राज्य एक्साइज |
6,271 |
8,695 |
7,788 |
-10% |
9,121 |
17% |
सेल्स टैक्स/वैट |
2,057 |
2,360 |
2,355 |
0% |
2,700 |
15% |
वाहन कर |
1,574 |
1,800 |
1,810 |
1% |
2,350 |
30% |
भूराजस्व |
1,557 |
1,500 |
1,800 |
20% |
1,700 |
-6% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,108 |
1,200 |
1,500 |
25% |
1,450 |
-3% |
बिजली पर कर और ड्यूटी |
1,132 |
1,200 |
1,380 |
15% |
1,413 |
2% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
2,065 |
- |
- |
- |
- |
- |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजस्व बजट, और झारखंड बजट 2024-25; पीआरएस।
2024-25 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
झारखंड राजकोषीय दायित्व (एफआरबी) एक्ट, 2007 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व अधिशेष: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2024-25 में 18,968 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान है।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2% रहने का अनुमान है। 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% केवल कुछ बिजली क्षेत्र के सुधारों को पूरा करने पर उपलब्ध होगा। राज्य अपनी उधार सीमा से अधिक पूंजी परिव्यय के लिए केंद्र सरकार से 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त करने के लिए भी पात्र होगा। 2025-26 और 2026-27 दोनों में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% होने का अनुमान है।
बकाया देनदारियां: बकाया देनदारियां एक वित्तीय वर्ष के अंत में कुल उधार का संचय है। इसमें सार्वजनिक खाते की देनदारियां भी शामिल हैं। 2024-25 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 27% होने का अनुमान है जो 2023-24 के बजट अनुमान (जीएसडीपी का 30.6%) से कम है। 2020-21 (कोविड वर्ष) में बकाया देनदारियां काफी बढ़ गईं और उसके बाद कम हो गईं।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) नोट: पॉजिटिव (+) आंकड़े अधिशेष को दर्शाते हैं, नेगेटिव (-) आंकड़े घाटे को दर्शाते हैं। *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं; राजस्व संतुलन के अनुमान उपलब्ध नहीं हैं। RE संशोधित अनुमान है; BE बजट अनुमान है। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियां (जीएसडीपी का %)
नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं; BE बजट अनुमान है। |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में 2024-25 में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में झारखंड के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (झारखंड सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2023-24 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
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शिक्षा: झारखंड ने अपने कुल व्यय का 13.1% शिक्षा के लिए आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.7%) से कम है।
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स्वास्थ्य: झारखंड ने 2024-25 में स्वास्थ्य पर अपने व्यय का 6.2% आवंटित किया है। यह 2023-24 में राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.2%) के समान है।
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ग्रामीण विकास: झारखंड ने अपने व्यय का 15.9% ग्रामीण विकास पर आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आवंटन (5%) से काफी अधिक है।
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सड़कें एवं पुल: झारखंड ने अपने व्यय का 5.5% सड़कों और पुलों के लिए आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आवंटन (4.6%) से अधिक है।
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ऊर्जा: झारखंड ने अपने कुल व्यय का 4.1% ऊर्जा के लिए आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा ऊर्जा पर औसत व्यय (4.7%) से कम है।
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एससी, एसटी और ओबीसी कल्याण: झारखंड ने एससी, एसटी और ओबीसी के कल्याण के लिए अपने कुल व्यय का 3% आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा औसत आवंटन (3.5%) से कम है।
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नोट: 2022-23, 2023-24 (BE), 2023-24 (RE), और 2024-25 (BE) आंकड़े झारखंड के लिए हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, झारखंड बजट 2024-25; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
[1] 31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अनुलग्नक 2: 2022-23 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2022-23 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2022-23 बअ |
2022-23 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में % परिवर्तन |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
83,101 |
80,292 |
-3% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
83,025 |
80,245 |
-3% |
क. स्वयं कर राजस्व |
24,844 |
25,118 |
1% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
13,763 |
12,830 |
-7% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
27,012 |
31,404 |
16% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
17,406 |
10,894 |
-37% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
500 |
2,065 |
313% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
76 |
46 |
-39% |
3. उधारियां |
18,000 |
9,142 |
-49% |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
94,387 |
84,908 |
-10% |
4. राजस्व व्यय |
76,273 |
66,682 |
-13% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
16,606 |
14,016 |
-16% |
6. ऋण और अग्रिम |
1,508 |
4,211 |
179% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
6,714 |
6,729 |
0% |
राजस्व अधिशेष |
6,752 |
13,564 |
101% |
राजस्व अधिशेष (जीएसडीपी का %) |
1.7% |
3.4% |
- |
राजकोषीय घाटा |
11,286 |
4,617 |
-59% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
2.8% |
1.2% |
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स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट दस्तावेज़; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
कर मद |
2022-23 बअ |
2022-23 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में % परिवर्तन |
राज्य एक्साइज |
2,500 |
2,057 |
-18% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
1,200 |
1,108 |
-8% |
वाहन कर |
1,650 |
1,574 |
-5% |
सेल्स टैक्स/वैट |
6,450 |
6,271 |
-3% |
भूराजस्व |
1,500 |
1,557 |
4% |
राज्य जीएसटी |
10,450 |
11,374 |
9% |
बिजली कर और ड्यूटी |
918 |
1,132 |
23% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट दस्तावेज़; पीआरएस।
तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2022-23 बअ |
2022-23 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में % परिवर्तन |
जलापूर्ति एवं स्वच्छता |
4,072 |
2,158 |
-47% |
ग्रामीण विकास |
12,711 |
8,458 |
-33% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
5,054 |
3,412 |
-32% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
7,286 |
5,886 |
-19% |
शहरी विकास |
2,998 |
2,667 |
-11% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
14,220 |
12,665 |
-11% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
1,884 |
1,752 |
-7% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
5,630 |
5,285 |
-6% |
परिवहन |
4,136 |
3,987 |
-4% |
जिनमें से सड़कें और पुल |
3,840 |
3,730 |
-3% |
पुलिस |
6,532 |
6,306 |
-3% |
आवास |
126 |
126 |
0% |
ऊर्जा |
3,478 |
3,685 |
6% |
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण |
2,210 |
3,296 |
49% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के झारखंड बजट दस्तावेज़; पीआरएस।
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