दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 26 फरवरी, 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- 2019-20 के लिए दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 7,79,652 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है (6,90,098 करोड़ रुपए)।
- 2019-20 के लिए कुल व्यय 60,000 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 19.5% अधिक है। 2018-19 में बजटीय अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमानों में 2,800 करोड़ रुपए की गिरावट (5.3%) का अनुमान है।
- 2019-20 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 50,767 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 10.7% अधिक है। 2018-19 में कुल प्राप्तियों में (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान की तुलना में 2,233 करोड़ रुपए की कमी का अनुमान है (4.6%)।
- अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व घाटा 5,236 करोड़ रुपए पर लक्षित है, जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 6.2% की वृद्धि है। राजकोषीय घाटा 5,902 करोड़ रुपए पर लक्षित है और इसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 5,213 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
- परिवहन (38%), शिक्षा (35%) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (25%) जैसे क्षेत्रों के लिए सर्वाधिक आबंटन किया गया है। समाज कल्याण एवं पोषण (3%) और ऊर्जा (2%) के आबंटनों में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- उद्यमिता को बढ़ावा: स्कूलों में ‘उद्यमिता पाठ्यक्रमों’ की शुरुआत की जाएगी। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को व्यवसाय शुरू करने के लिए सीड मनी के तौर पर प्रति वर्ष 1,000 रुपए (11 और 12वीं के विद्यार्थियों को) और 5,000 रुपए (उच्च और तकनीकी शिक्षा के पहले साल के विद्यार्थियों को) दिए जाएंगे।
- सामाजिक सुरक्षा और कल्याण: वरिष्ठ नागरिकों और अन्य कमजोर सामाजिक वर्गों से संबंधित योजनाओं के लिए 2,214 करोड़ रुपए की राशि आबंटित की गई है। 2015 से इस राशि में लगभग तीन गुना बढ़ोतरी हुई है और इसके अंतर्गत 7.6 लाख लाभार्थियों को शामिल करने का प्रयास है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट: नजफगढ़ नाले के किनारे 25 किलोमीटर लंबी चार लेन की सड़क के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि आबंटित की गई है। 1,600 करोड़ रुपए के परिव्यय को प्रस्तावित किया गया है जिसमें 600 करोड़ रुपए की राशि अनाधिकृत कालोनियों में जलापूर्ति और सीवरेज के लिए निश्चित है।
- स्वास्थ्य देखभाल: मौजूदा अस्पतालों को रीमॉडल करने और लगभग 2,600 बिस्तर बढ़ाने के लिए 963 करोड़ रुपए की राशि आबंटित की गई है। इसके अतिरिक्त नए अस्पतालों के निर्माण के लिए 588 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
दिल्ली की अर्थव्यवस्था · जीएसडीपी: दिल्ली की जीएसडीपी की वार्षिक वृद्धि (मौजूदा मूल्यों पर) 2013-14 से 2017-18 के दौरान 11.5% की दर से बढ़ी है। · क्षेत्र: 2017-18 में राज्य सकल मूल्य संवर्धन (जीएसवीए) में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 2%, 12% और 86% का योगदान दिया। क्षेत्रवार जीएसवीए राज्य की अर्थव्यवस्था में किसी क्षेत्र के योगदान को प्रदर्शित करता है। 2016-17 और 2017-18 के दौरान इन क्षेत्रों में क्रमशः 4.1%, 9.2%,और 10.3% की दर से वृद्धि हुई। · प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2017-18 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) 3,60,644 रुपए थी। 2016-17 के आंकड़ों (3,30,490 रुपए) की तुलना में यह 9.1% अधिक थी। |
रेखाचित्र 1: दिल्ली में जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों का विकास (वर्ष दर वर्ष)
Note: As per CSO, agriculture here includes mining and quarrying. Sources: Central Statistics Office, MOSPI (data as of August 2018); PRS. |
2019-20 के लिए बजट अनुमान
- 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 19.5% अधिक है। इस व्यय को 50,767 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 4,786 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में 10.7% अधिक प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) की उम्मीद है।
तालिका 1: बजट 2019-20 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
40,927 |
53,000 |
50,200 |
-5.3% |
60,000 |
19.5% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
39,358 |
48,107 |
45,874 |
-4.6% |
50,767 |
10.7% |
ख. उधारियां |
1,906 |
2,924 |
5,800 |
98.4% |
4,786 |
-17.5% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
41,264 |
51,031 |
51,674 |
1.3% |
55,553 |
7.5% |
राजस्व अधिशेष |
4,913 |
4,465 |
4,931 |
10.4% |
5,236 |
6.2% |
राजकोषीय घाटा |
-113 |
3,164 |
689 |
-78.2% |
5,902 |
756.4% |
प्राथमिक घाटा |
-2,984 |
205 |
-2,178 |
-1160.0% |
2,724 |
-225.1% |
Note: ‘-’ sign against surplus indicates a deficit. Similarly, ‘-’ sign against deficit indicates a surplus. GSDP data not available for calculation as a percentage of GSDP. BE indicates Budget Estimate, RE indicates Revised Estimate.
Sources: Annual Financial Statement and Budget at a Glance, Delhi Budget Documents 2019-20; PRS.
- राजस्व अधिशेष: राजस्व व्यय से राजस्व प्राप्तियों के अधिक होने पर राजस्व अधिशेष होता है। राजस्व अधिशेष को राजस्व व्यय के स्थान पर ऐसे व्यय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिनसे परिसंपत्तियों का सृजन हो। सरकार ने 2019-20 में 5,236 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है। 2018-19 में सरकार ने अपने राजस्व अधिशेष को 4,931 करोड़ रुपए पर संशोधित किया था, जोकि बजट अनुमान से 10.4% अधिक है।
- राजकोषीय घाटा: राजकोषीय घाटा तब होता है, जब व्यय प्राप्तियों से अधिक होता है। इस कमी को सरकार उधारियों के जरिए पूरा करती है और इससे कुल देनदारियां बढ़ती हैं। 2019-20 में 5,902 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 5,213 करोड़ रुपए अधिक है।
2019-20 में व्यय
स्थानीय निकायों को अनुदान राज्य सरकार स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों को क्षतिपूर्ति देती है और कार्य सौंपती है। 2019-20 में इस मद में 3,939 करोड़ रुपए (व्यय का 6.5%) की राशि दिए जाने का अनुमान है। इस राशि में 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 66% की वृद्धि है। |
- 2019-20 में पूंजीगत व्यय 15,219 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान से 47.7% की गिरावट है।
- पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2019-20 में दिल्ली में 9,647 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय अनुमानित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 13.1% की वृद्धि है। शहरी विकास के लिए पूंजीगत परिव्यय में 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 1,957 करोड़ रुपए की वृद्धि का अनुमान है (263% की वृद्धि)।
- 2019-20 के लिए 44,781 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 3% की वृद्धि है। इस व्यय में वेतन का भुगतान, पेंशन और ब्याज इत्यादि शामिल हैं।
तालिका 2: बजट 2019-20 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
पूंजीगत व्यय |
7,173 |
9,099 |
10,306 |
13.3% |
15,219 |
47.7% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
3,242 |
5,475 |
4,177 |
-23.7% |
9,647 |
131.0% |
राजस्व व्यय |
33,754 |
43,091 |
39,894 |
-7.4% |
44,781 |
12.3% |
कुल व्यय |
40,927 |
53,000 |
50,200 |
-5.3% |
60,000 |
19.5% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
1,682 |
1,728 |
3,636 |
110.4% |
3,331 |
-8.4% |
ख. ब्याज भुगतान |
2,871 |
2,959 |
2,867 |
-3.1% |
3,178 |
10.9% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
4,553 |
4,687 |
6,503 |
38.7% |
6,509 |
0.1% |
Note: Capital outlay denotes expenditure which leads to creation of assets.
Sources: Delhi Budget Documents 2019-20; PRS.
2019-20 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2019-20 के दौरान दिल्ली के बजटीय व्यय का 65% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में दिल्ली और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक में प्रस्तुत है।
तालिका 3 : दिल्ली बजट 2019-20 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का% |
2019-20 के बजटीय प्रावधान |
शिक्षा |
9,888 |
13,962 |
11,201 |
15,133 |
35% |
· सर्व शिक्षा अभियान के लिए 2,000 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। · प्राथमिक शिक्षा के लिए स्थानीय निकायों को सहायता हेतु 1,558 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण |
4,733 |
6,729 |
5,968 |
7,485 |
25% |
· केंद्रीय खरीद एजेंसी और राज्य ड्रग अथॉरिटी को 450 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। · पेंशनभोगियों की चिकित्सा सुविधा हेतु दिल्ली सरकार की कर्मचारी स्वास्थ्य योजना के लिए 250 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। · मोहल्ला क्लिनिकों को अनुदान के तौर पर 220 करोड़ रुपए दिए गए हैं। |
परिवहन |
4,948 |
5,017 |
4,268 |
5,882 |
38% |
· परिचालन घाटे (वर्किंग डेफिसिट) के लिए दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को 1,876 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। · मुख्यमंत्री सड़क पुनरोत्थान योजना और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती तथा उसमें बढ़ोतरी के लिए 800 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। · क्लस्टर बसों की कमी को दूर करने के लिए मुआवजे के तौर पर 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। · डीटीसी के कन्सेशनल पास के लिए सबसिडी के तौर पर 108 करोड़ रुपए दिए गए हैं। |
जलापूर्ति, स्वच्छता, आवास और शहरी विकास |
3,482 |
5,259 |
4,789 |
5,280 |
10% |
· अनाधिकृत कालोनियों में विकास के लिए 995 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। · दिल्ली जल बोर्ड को 872 करोड़ रुपए अनुदान के तौर पर दिए गए हैं जिनमें से अनाधिकृत कालोनियों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति और सीवेज सुविधा, दोनों के लिए 300-300 करोड़ रुपए दिए गए हैं। · उपभोक्ताओं को दिल्ली जल बोर्ड के जरिए सबसिडी प्रदान करने के लिए 468 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। · सेनिटेशन सेवाओं को मजबूत करने और उनके मशीनीकरण के लिए नगर निगमों को अनुदान के तौर पर 482 करोड़ रुपए दिए गए हैं। |
समाज कल्याण और पोषण |
2,455 |
3,039 |
3,403 |
3,519 |
3% |
· वरिष्ठ नागरिक पेशन योजना (वृद्धावस्था सहायता का विस्तार) के लिए 1,210 करोड़ रुपए और विधवाओं को पेंशन देने के लिए 560 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। · विकलांग व्यक्तियों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने के लिए 253 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
बिजली |
1,697 |
1,815 |
1,759 |
1,790 |
2% |
· उपभोक्ताओं को डिस्कॉम्स के जरिए सबसिडी प्रदान करने के लिए 1,720 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। |
कुल व्यय का % |
66% |
68% |
63% |
65% |
|
|
Sources: Delhi Annual Financial Statement 2019-20, Delhi Demands for Grants 2019-20; PRS.
2019-20 में प्राप्तियां
- 2019-20 के लिए 50,017 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमानों से 11.6% अधिक है। इनमें से 43,300 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 86.5%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 6,717 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 13.5%) केंद्र द्वारा अनुदान के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे।
- केंद्रीय अनुदान: 2019-20 में सहायतानुदान के रूप में 6,717 करोड़ रुपए के राजस्व का अनुमान है जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 16.3% अधिक है। संशोधित अनुमान की तुलना में 2018-19 में सहायतानुदान के रूप में 1,017 करोड़ रुपए की वृद्धि का अनुमान है (बजट अनुमान से 21.4% अधिक)।
- गैर कर राजस्व: दिल्ली द्वारा 2019-20 में गैर कर राजस्व से 800 करोड़ रुपए उगाहने का अनुमान है। गैर कर राजस्व स्रोतों में ब्याज प्राप्तियां, लाभांश और रॉयल्टी इत्यादि शामिल होते हैं। राज्य को विभिन्न स्रोतों से ब्याज के रूप में 429 करोड़ रुपए की प्राप्ति का अनुमान है।
तालिका 4 : 2019-20 में राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
राज्य के अपने कर |
35,717 |
42,000 |
38,400 |
-8.6% |
42,500 |
10.7% |
राज्य के अपने गैर कर |
766 |
800 |
650 |
-18.8% |
800 |
23.1% |
केंद्र से सहायतानुदान |
2,184 |
4,757 |
5,774 |
21.4% |
6,717 |
16.3% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
38,667 |
47,557 |
44,824 |
-5.7% |
50,017 |
11.6% |
उधारियां |
1,906 |
2,924 |
5,800 |
98.4% |
4,786 |
-17.5% |
अन्य प्राप्तियां |
690 |
550 |
1,050 |
90.9% |
750 |
-28.6% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
2,597 |
3,474 |
6,850 |
97.2% |
5,536 |
-19.2% |
कुल प्राप्तियां |
41,264 |
51,031 |
51,674 |
1.3% |
55,553 |
7.5% |
Sources: Delhi Annual Financial Statement 2019-20; PRS.
जीएसटी मुआवजा 2019-20 में राज्य को जीएसटी के कारण राजस्व घाटे के मुआवजे के तौर पर 3,000 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है (राजस्व प्राप्तियों का 6%)। 2018-19 के संशोधित अनुमानों में 3,500 करोड़ रुपए की राशि की प्राप्ति होनी थी (राजस्व प्राप्तियों का 7.8%)। |
- कर राजस्व: 2019-20 में दिल्ली को 42,500 करोड़ रुपए का कुल स्वयं कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है (राज्य की राजस्व प्राप्तियों का 85%)। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 10.7% अधिक है। संशोधित अनुमान की तुलना में 2018-19 में कर राजस्व में 3,600 करोड़ रुपए (8.6%) की गिरावट का अनुमान है।
राज्य के कर राजस्व का संयोजन तालिका 2 में स्पष्ट है।
रेखाचित्र 2: 2019-20 में राज्य के कर राजस्व का संघटन (बअ)
Sources: Delhi Detailed Revenue Estimates 2019-20; PRS. |
· राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) राज्य के कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा होता है। 2019-20 में एसजीएसटी से 22,620 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। 2018-19 के संशोधित अनुमान से इसमें 9.4% की वृद्धि है। · 2019-20 में दिल्ली को स्टेट एक्साइज़ ड्यूटी से 6,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में यह 15.4% अधिक है। · 2019-20 में राज्य को सेल्स टैक्स और वैट (पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं पर) से 6,380 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 9.4% अधिक है। · 2019-20 में राज्य को स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क से 5,000 करोड़ रुपए और वाहन कर से 2,500 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है। |
अनुलग्नक
निम्नलिखित तालिकाओं में छह मुख्य क्षेत्रों में दिल्ली के कुल व्यय की तुलना अन्य 26 राज्यों के औसत व्यय से की गई है।[*] इस तुलना के लिए व्यय में राजस्व व्यय और पूंजीगत परिव्यय को शामिल किया गया है।
- शिक्षा: 2019-20 में दिल्ली ने शिक्षा के लिए बजट का 8% हिस्सा आबंटित किया है। 2018-19 में अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.9%) (2018-19 के बजटीय अनुमानों का प्रयोग करते हुए), उसकी तुलना में दिल्ली का आबंटन काफी अधिक है।
- स्वास्थ्य: दिल्ली ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 8% का आबंटन किया है। 2018-19 में अन्य 26 राज्यों के औसत आबंटन (5.2%) से यह काफी अधिक है।
- जलापूर्ति और स्वच्छता: राज्य ने अपने व्यय का कुल 2.5% जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (2.4%) के लगभग बराबर है।
- शहरी विकास: दिल्ली ने अपने व्यय का कुल 6.9% शहरी विकास के लिए आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (3.4%) से अधिक है।
- सड़क और पुल: दिल्ली ने अपने व्यय का कुल 4.6% सड़क और पुलों हेतु आबंटित किया है जोकि अन्य राज्यों के औसत आबंटन (3%) से अधिक है।
- ऊर्जा: दिल्ली ने ऊर्जा के लिए अपने व्यय के कुल 3.3% हिस्से को आबंटित किया है जोकि अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.2%) से कम है।
Sources: Delhi Annual Financial Statement 2019-20; Annual Financial Statement 2018-19 of respective states; PRS.
[*] The 26 other states include all states except Arunachal Pradesh, Manipur, and Meghalaya.
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।