बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने 27 फरवरी, 2018 को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। 

बजट के मुख्य अंश

  • 2018-19 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (मौजूदा मूल्यों पर) 5,15,634 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 11% अधिक है। उल्लेखनीय है कि 2017-18 में बजट अनुमान के अनुरूप जीएसडीपी में 26% की गिरावट की उम्मीद है।
     
  • 2018-19 के लिए कुल व्यय 1,76,990 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 2.4% अधिक है। 2017-18 में बजटीय अनुमान की तुलना में व्यय में 12,799 करोड़ रुपए की वृद्धि (8%) का अनुमान है।
     
  • 2018-19 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 1,60,735 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 19% अधिक है। 2017-18 में कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 4,048 करोड़ रुपए कम थीं।
     
  • अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व अधिशेष 21,312 करोड़ रुपए या सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 4.13% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 11,204 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.17%) पर लक्षित है।
     
  • ग्रामीण विकास, शिक्षा और गृह विभागों के आबंटनों में पिछले वर्ष की तुलना में सबसे अधिक वृद्धि हुई है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • शिक्षा: शिक्षा के लिए 32,126 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इनमें से 14,039 करोड़ रुपए सर्व शिक्षा अभियान के लिए हैं, जबकि 2,171 करोड़ रुपए मिड डे मील योजना के लिए आबंटित किए गए हैं। बिहार में शिक्षकों की क्षमताएं बढ़ाने के लिए विश्व बैंक के प्रॉजेक्ट को चलाया जाएगा। इसके लिए 116 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
     
  • कृषि: राज्य के लिए 2017-2022 की अवधि हेतु एक कृषि रोड मैप बनाया है। यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र का समूचा विकास, खाद्य और पोषण सुरक्षा में बढ़ोतरी और किसानों की आय में सुधार करेगा। इस रोडमैप के लिए कुल 1.54 लाख करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है (2017-22 के लिए)।
     
  • गृह: नागरिकों के लिए एक राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली स्थापित की जाएगी, ताकि उन्हें कठिन परिस्थितियों में बुनियादी सेवाएं प्रदान की जा सकें। इस प्रणाली के जरिए पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन और महिला उत्पीड़न जैसे क्षेत्रों में सहायता प्रदान की जाएगी।
     
  • अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का कल्याण: अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए क्रमशः 16,734 करोड़ रुपए और 1,565 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

बिहार की अर्थव्यवस्था

·   अर्थव्यवस्था: 2015-16 में बिहार के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 7.5% और 2016-17 में 10.3% की वृद्धि हुई (स्थायी मूल्यों पर)। 2016-17 में राज्य की जीएसडीपी (स्थायी मूल्यों पर) 3.32 लाख करोड़ रुपए थी। 

·   कृषि: 2016-17 में कृषि क्षेत्र में 6.6% की वृद्धि हुई। हालांकि इस क्षेत्र में 2011-12 और 2015-16 के बीच 1.2% की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। राज्य का कुल फसल उत्पादन 2011-12 के दौरान 173.64 लाख टन से बढ़कर 2016-17 में 180.99 लाख टन हो गया। 

·   प्रति व्यक्ति आय : बिहार की प्रति व्यक्ति आय 2011-12 में 23,525 रुपए से बढ़कर 2016-17 में 29,178 रुपए हो गई (24% की वृद्धि)। सामाजिक सेवाओं पर प्रति व्यक्ति व्यय 2011-12 में 1,878 रुपए से बढ़कर 2016-17 में 3,767 रुपए हो गया। 

रेखाचित्र 1: बिहार में जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों का विकास (2011-12 के मूल्य)

Source: Bihar Economic Survey 2017-18; PRS.

2018-19 के लिए बजट अनुमान

  • 2018-19 में 1,76,990 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 2.4% अधिक है। इस व्यय को 1,60,735 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 20,520 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2018-19 में 1,81,255 करोड़ रुपए की कुल प्राप्तियों की उम्मीद है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 17.6% अधिक है।

तालिका 1 : बजट 2018-19 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2016-17 वास्तविक

2017-18 बजटीय

2017-18 संशोधित

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

2018-19 बजटीय

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

1,26,302

1,60,086

1,72,884

8.0%

1,76,990

2.4%

. उधारियां

20,065

21,703

18,878

-13.0%

20,520

8.7%

. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

1,07,120

1,39,336

1,35,289

-2.9%

1,60,735

18.8%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

1,27,185

1,61,039

1,54,167

-4.3%

1,81,255

17.6%

राजस्व अधिशेष

13,152

14,556

1,449

-90.0%

21,312

1370.5%

जीएसडीपी के % के रूप में

2.43%

2.30%

0.31%

 

4.13%

 

राजकोषीय घाटा

-14,147

-18,112

-34,958

93.0%

-11,204

-68.0%

जीएसडीपी के % के रूप में

-2.62%

-2.87%

-7.50%

 

-2.17%

 

प्राथमिक घाटा

-8,288

-8,521

-25,367

197.7%

-440

-98.3%

जीएसडीपी के % के रूप में

-1.53%

-1.35%

-5.44%

 

-0.09%

 

Notes: BE is Budget Estimate; RE is Revised Estimate.  ‘-‘ sign indicates deficit; ‘+’ indicates surplusFiscal Deficit and Revenue Surplus for 2016-17 is excluding Uday BondsIncluding the Uday Bonds, the Revenue Surplus for 2016-17 is Rs 10,812 crore (2% of GSDP), and Fiscal Deficit is Rs 16,479 crore (3.05% of GSDP).  GSDP for 2018-19 is Rs 5,15,634 croreGSDP for 2017-18 BE and 2017-18 RE taken to be Rs 6,32,180 crore and Rs 4,66,365 crore respectively

Sources: Bihar Budget Documents 2018-19; PRS.

2018-19 में व्यय

  • 2018-19 में पूंजीगत व्यय 40,250 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 2.4% कम है। इसमें परिसंपत्तियों के सृजन से संबंधित व्यय (जैसे पुल और अस्पताल), ऋण की वापसी इत्यादि शामिल हैं।

2018-19 में राज्य के पूंजीगत व्यय में 2.4% की गिरावट की उम्मीद है। पूंजीगत व्यय का प्रयोग राज्य के लिए एसेट्स बनाने हेतु इस्तेमाल किया जाता है, जैसे सड़कें, स्कूल और अस्पताल। इसका प्रयोग लोन चुकाने के लिए भी किया जाता है।

  • 2018-19 के लिए 1,36,740 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 9% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, रखरखाव इत्यादि शामिल हैं।
     
  • 2018-19 में बिहार द्वारा ऋण चुकाने हेतु 18,089 करोड़ रुपए के व्यय का अनुमान है (लोन चुकाने हेतु 7,326 करोड़ रुपए और ब्याज भुगतान हेतु 10,763 करोड़ रुपए)। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 25.7% अधिक है।

तालिका 2 : बजट 2018-19 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2016-17 वास्तविक

2017-18 बजटीय

2017-18 संशोधित

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

2018-19 बजटीय

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

पूंजीगत व्यय

31,537

37,483

41,223

10.0%

40,250

-2.4%

राजस्व व्यय

94,765

1,22,603

131,661

7.4%

1,36,740

3.9%

कुल व्यय

1,26,302

1,60,086

1,72,884

8.0%

1,76,990

2.4%

क. ऋण पुनर्भुगतान

4,215

4,797

4,797

0.0%

7,326

52.7%

ख. ब्याज भुगतान

8,191

9,591

9,592

0.0%

10,763

12.2%

ऋण चुकौती (क+ख)

12,405

14,389

14,389

0.0%

18,089

25.7%

Sources: Bihar Budget Documents 2018-19; PRSNoteCapital expenditure includes: (i) spending that creates assets, (ii) repayments on the loans taken by the government, and (iii) loans provided by the government

2018-19 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2018-19 के दौरान बिहार के बजटीय व्यय का 66% हिस्सा निम्नलिखित विभागों के लिए खर्च किया जाएगा। बिहार और अन्य 18 राज्यों में व्यय संबंधी तुलना परिशिष्ट (Annexure) में देखी जा सकती है।

तालिका 3 : बिहार बजट 2018-19 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)

विभाग

2016-17

2017-18

2018-19

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का%

2018-19 के लिए बजटीय प्रावधान

वास्तविक

संशोधित

बजटीय

शिक्षा

19,508

25,642

32,126

25%

·    सर्व शिक्षा अभियान के लिए 14,039 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

·    मिड डे मील योजना के लिए 2,171 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

·    विश्वविद्यालयों को सहायता देने के लिए 4,527 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पेंशन

12,508

19,878

15,829

-20%

·    पेंशन के लिए 15,829 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमान से 20% कम है। 

बिजली

13,514

12,381

10,258

-17%

·    बिजली कंपनियों के लिए 4,308 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

·    राज्य सरकार ने बिहार राज्य बिजली कंपनी को 1,700 करोड़ रुपए की गारंटी दी है। यह राशि बैंकों के कंसोर्टियम के जरिए प्रदान की जाएगी। 

ग्रामीण कार्य

8,816

10,418

10,509

1%

·    2018-19 में 9,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा।

ग्रामीण विकास

5,799

10,423

15,471

48%

·    जीविका योजना के अंतर्गत 10 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजीज़) और 15,000 ग्राम संगठनों को स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 2.25 लाख एसएचजीज़ को बैंकों से 3,500 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे। 

·    8 लाख किसानों को कृषि की नई तकनीक प्रदान की जाएगी। 

पंचायती राज

6,450

9,119

9,955

9%

·    14 वें वित्तीय आयोग के सुझावों के अनुसार, पंचायतों को 4,729 करोड़ रुपए आबंटित किए जाएंगे। 

गृह

6,537

7,644

8,616

13%

·    नागरिकों के लिए राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली स्थापित की जाएगी। 

·    क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैंकिंग नेटवर्क सिस्टम के लिए 2,477 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य

5,551

7,534

7,794

3%

·    इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना में राज्य कैंसर इंस्टीट्यूट स्थापित करने के लिए 120 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 150 करोड़ रुपए की लागत से श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, मुजफ्फरपुर में एक कैंसर अस्पताल स्थापित किया जाएगा। 

सड़क निर्माण

6,363

7,206

6,889

-4%

·    6 राज्य राजमार्गों (एसएच 58, एसएच 82, एसएच 84, एसएच 85, एसएच 102 और एसएच 105) के निर्माण के लिए 2,440 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। ये राजमार्ग 330 किलोमीटर के होंगे। 

कुल

85,046

110,245

117,447

7%

 

कुल व्यय का %

67%

64%

66%

 

 

कुल व्यय

126,302

172,884

176,990

2.4%

 

Note: All amounts are net numbers. Source: Bihar Budget Documents 2018-19; PRS.

2018-19 में प्राप्तियां

2018-19 में करों में हिस्सेदारी और सहायतानुदान के रूप में बिहार को केंद्र से 68% प्राप्तियां होने की उम्मीद है। 2017-18 में केंद्र से प्राप्त अनुदान में बजट अनुमानों की तुलना में 10.2% की गिरावट हुई थी। हालांकि 2018-19 में राज्य को केंद्र से सहायतानुदान के रूप में 46,431 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 40% अधिक है।

2018-19 में बिहार के स्वयं गैर कर राजस्व में 55.7% की वृद्धि का अनुमान है। यह 1,590 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। 

  • 2018-19 के लिए 1,58,051 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों से 18.7% अधिक है। इनमें से 35,448 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 22.4%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाया जाएगा, जबकि 1,22,603 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 77.6%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे।
     
  • गैर कर राजस्व: बिहार द्वारा 2018-19 में गैर कर राजस्व से 4,446 करोड़ रुपए उगाहने का अनुमान है। इसमें से 1,600 करोड़ रुपए अलौह खनन (नॉन फेरेस माइनिंग) और धातु उद्योगों से प्राप्त होंगे।

तालिका 4 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2016-2017 वास्तविक

2017-2018 बजटीय

2017-18 संशोधित

बअ 2017-18 से संअ 2017-18 में परिवर्तन का %

2018-2019 बजटीय

संअ 2017-18 से बअ 2018-19 में परिवर्तन का %

राज्य के अपने कर

23,742

32,001

32,001

0.0%

31,002

-3.1%

राज्य के अपने गैर कर

2,403

2,875

2,855

-0.7%

4,446

55.7%

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी

58,881

65,326

65,083

-0.4%

76,172

17.0%

केंद्र से सहायतानुदान

20,559

36,956

33,171

-10.2%

46,431

40.0%

कुल राजस्व प्राप्तियां

1,05,585

1,37,158

1,33,111

-3.0%

1,58,051

18.7%

उधारियां

20,065

21,703

18,878

-13.0%

20,520

8.7%

अन्य प्राप्तियां

1,535

2,178

2,178

0.0%

2,684

23.2%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

21,600

23,881

21,056

-11.8%

23,204

10.2%

कुल प्राप्तियां

1,27,185

1,61,039

1,54,167

-4.3%

1,81,255

17.6%

Sources: Bihar Budget Documents 2018-19; PRS.

  • कर राजस्व: 2018-19 में बिहार को 31,002 करोड़ रुपए का कुल कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। राज्य के कर राजस्व का संघटन रेखाचित्र 2 में प्रदर्शित है। 2018-19 में कर-जीएसडीपी अनुपात 6% पर लक्षित है जोकि 2017-18 के 6.9% के संशोधित अनुमान से कुछ कम है। इसका अर्थ यह है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि की तुलना में करों का एकत्रण कुछ कम हुआ है।

रेखाचित्र 2: 2018-19 के कर राजस्व का संघटन (बअ)

 

·   बिहार के कर राजस्व में राज्य जीएसटी का हिस्सा सर्वाधिक है। राज्य जीएसटी से 15,000 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। 

·   राज्य के कर राजस्व में सेल्स टैक्स के दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा होने की उम्मीद है। इससे 7,890 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है।

·   बिहार सरकार द्वारा स्टाम्प और पंजीकरण शुल्क से 4,700 करोड़ रुपए उगाहने की उम्मीद है। यह 2017-18 के संशोधित अनुमान से 2.2% अधिक है। 

·   वाहन टैक्स, कर राजस्व में 7% का योगदान देगा, जिससे 2,000 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। 

·   राज्य द्वारा शेष राशि भू राजस्व और बिजली शुल्क, प्रशुल्क से उगाही जाएगी।

2018-19 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

बिहार के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2006 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

2017-18 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, उक्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के जीएसडीपी के 2.87% के बराबर और राजकोषीय घाटे के जीएसडीपी के 7.5% के बराबर होने का अनुमान है। 

पिछले कई वर्षों के दौरान जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में बकाया देनदारियां बढ़ रही हैं। इसके 2016-17 में 19.64% से बढ़कर 2020-21 में 27.59% होने का अनुमान है।  

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा।

2018-19 में 21,312 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 4.13% हिस्सा) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ यह कि राजस्व व्यय की तुलना में राजस्व प्राप्तियां अधिक होने का अनुमान है जिसके कारण अधिशेष होगा। 14 वें वित्त आयोग ने यह सुझाव दिया था कि राज्यों को अपने राजस्व घाटों को समाप्त करना चाहिए। बिहार बजट 2018-19 के अनुमान संकेत देते हैं कि राज्य द्वारा राजस्व घाटे को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है।

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2018-19 में 11,204 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 2.17% के बराबर है। 14 वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा से यह अनुमान अधिक है। हालांकि 2017-18 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा 34,958 करोड़ रुपए होने का अनुमान है (जीएसडीपी का 7.5%)। 14 वें वित्त आयोग के अनुसार, राजकोषीय घाटे में दशमलव पांच प्रतिशत की छूट दी जा सकती है, अगर राज्य एक विशिष्ट स्तर तक अपने ऋण और ब्याज भुगतान को बरकरार रख पाते हैं।

बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की देनदारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2018-19 में बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 26.74% के बराबर होने का अनुमान है।

तालिका 5 : 2018-18 में बिहार के लिए विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)

वर्ष

राजस्व
घाटा(-)/अधिशेष (+)

राजकोषीय

घाटा (-)/अधिशेष (+)  

बकाया देनदारियां

2016-17

2.43%

2.62%

19.64%

2017-18 (संअ)

0.31%

-7.50%

26.25%

2018-19 (बअ)

4.13%

-2.17%

26.74%

2019-20

3.93%

-3.00%

27.19%

2020-21

3.73%

-3.00%

27.59%

Sources: Bihar Budget Documents 2018-19; PRS.

रेखाचित्र 3 और 4 में 2016-17 से 2020-21 के दौरान घाटे और बकाया देनदारियों के रुझान प्रदर्शित हैं:

रेखाचित्र 3: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

NoteFigures for 2019-20 and 2020-21 are projections.

Sources: Bihar Budget Documents; PRS. 

रेखाचित्र  4:  बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

NoteFigures for 2019-20 and 2020-21 are projections.

Sources: Bihar Budget Documents; PRS

परिशिष्ट

निम्नलिखित तालिकाओं में चार मुख्य क्षेत्रों में बिहार के कुल व्यय की तुलना 18 राज्यों से की गई है।[1] 

शिक्षा: 2018-19 में बिहार ने शिक्षा के लिए 18% का आबंटन किया है। अन्य 18 राज्यों ने शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया है (2017-18 के बजटीय अनुमान का प्रयोग करते हुए), उसकी तुलना में बिहार का आबंटन अधिक है।

स्वास्थ्य: बिहार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 4.4% का आबंटन किया है। यह अन्य 18 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय से कुछ कम है।

कृषि: राज्य ने कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 1.6% आबंटित किया है। यह अन्य 18 राज्यों के आबंटनों (6.4%) से काफी कम है।

ग्रामीण विकास: बिहार ने ग्रामीण विकास के लिए कुल 8.7% का आबंटन किया है। यह अन्य 18 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (5.6%) से अधिक है।

 

 

Note2017-18 (BE), 2017-18 (RE), and 2018-19 (BE) figures are for the state of Bihar.

Source: Annual Financial Statement (2017-18 and 2018-19), various state budgets; PRS.

 

[1] The 18 states apart from Bihar are: Andhra Pradesh, Assam, Chhattisgarh, Delhi, Gujarat, Haryana, Jammu and Kashmir, Karnataka, Kerala, Madhya Pradesh, Maharashtra, Odisha, Punjab, Rajasthan, Tamil Nadu, Telangana, Uttar Pradesh, and West Bengal.

 

अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) की स्वीकृति के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।