बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने 28 फरवरी, 2022 को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- 2022-23 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 7,45,310 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 9.7% की वृद्धि है (6,79,473 करोड़ रुपए)। 2021-22 में जीएसडीपी में पिछले वर्ष की तुलना में 9.8% की दर से वृद्धि का अनुमान है (मौजूदा मूल्यों पर)।
- 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 2,23,021 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों (2,46,379 करोड़ रुपए) से 9% कम है। साथ ही 2022-23 में राज्य द्वारा 14,670 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2021-22 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 18% अधिक रहने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 1,97,136 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 (1,69,541 करोड़ रुपए) के संशोधित अनुमानों से 16% अधिक है। 2021-22 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 17,156 करोड़ रुपए कम (9% की कमी) होने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा 25,885 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.47%) पर लक्षित है। 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 11.31% होने की उम्मीद है, जो जीएसडीपी के 2.97% के बजट अनुमान से काफी अधिक है।
- 2022-23 के लिए राजस्व अधिशेष 4,748 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जोकि जीएसडीपी का 0.64% है। बजट स्तर पर अनुमानित जीएसडीपी के 1.21% के राजस्व अधिशेष की तुलना में 2021-22 में राज्य को 5.48% के राजस्व घाटे का अनुमान है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- जल: भूजल की कमी वाले इलाकों में सतही जल के दोहन हेतु वैकल्पिक जल संसाधनों को विकसित किया जाएगा। इससे भूजल पुनर्भरण में भी मदद मिलेगी। जलापूर्ति योजनाओं के समुचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बहुआयामी निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी। पेयजल के उचित उपयोग और संबंधित व्यवहार परिवर्तन की दिशा में लक्षित जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
- कृषि: गन्ने को बढ़ावा देने के लिए बिहार गन्ना उद्योग निवेश संवर्धन नीति पर विचार किया जा रहा है। पशु स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा और एक पशु विकास संस्थान की स्थापना की जाएगी। सात निश्चय योजना-2 के अंतर्गत मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। सभी 54 बाजार प्रांगणों के विकास के लिए कार्यक्रमों (नाबार्ड से ऋण के माध्यम से वित्त पोषित) को क्रियान्वित किया जाएगा। सात निश्चय योजना-2 के अंतर्गत 30 फीट तक के 361 पक्के चेक डैम बनाए जाएंगे।
बिहार की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1 : बिहार में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं जिसका अर्थ है कि वृद्धि दर मुद्रास्फीति के लिए समायोजित की गई है। |
2022-23 के लिए बजट अनुमान
- 2022-23 में व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) 2,23,021 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (2,46,379 करोड़ रुपए) से 9% कम है। इस व्यय को 1,97,136 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 25,885 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2022-23 की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) में 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 16% की वृद्धि की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 9% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23 में राज्य को 4,748 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान है, जो कि जीएसडीपी का 0.64% है। इसकी तुलना में, 2020-21 में राज्य में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.83% (11,325 करोड़ रुपये) दर्ज किया गया। 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी के 5.48% (37,207 करोड़ रुपये) के राजस्व घाटे का अनुमान है।
- 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.47% होने का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलेगी)। 2021-22 में राज्य ने जीएसडीपी के 11.31% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है, जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी की 4.5% की सीमा से काफी अधिक है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलती है)।
तालिका 1: बजट 2022-23 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
1,65,696 |
2,18,303 |
2,55,474 |
17% |
2,37,691 |
-7% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
6,880 |
9,094 |
9,094 |
0% |
14,670 |
61% |
शुद्ध व्यय (E) |
1,58,816 |
2,09,208 |
2,46,379 |
18% |
2,23,021 |
-9% |
कुल प्राप्तियां |
1,64,904 |
2,18,503 |
2,13,461 |
-2% |
2,37,892 |
11% |
(-) उधारियां |
35,915 |
31,805 |
43,920 |
38% |
40,756 |
-7% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
1,28,989 |
1,86,698 |
1,69,541 |
-9% |
1,97,136 |
16% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
29,827 |
22,511 |
76,838 |
241% |
25,885 |
-66% |
जीएसडीपी का % |
4.82% |
2.97% |
11.31% |
3.47% |
||
राजस्व संतुलन |
-11,325 |
9,196 |
-37,207 |
-505% |
4,748 |
-113% |
जीएसडीपी का % |
-1.83% |
1.21% |
-5.48% |
0.64% |
||
प्राथमिक घाटा |
17,343 |
7,994 |
62,321 |
680% |
9,580 |
-85% |
जीएसडीपी का % |
2.80% |
1.06% |
9.17% |
1.29% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22; पीआरएस
2022-23 में व्यय
|
तालिका 2: बजट 2022-23 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
1,39,493 |
1,77,071 |
2,06,318 |
17% |
1,91,957 |
-7% |
पूंजीगत व्यय |
18,209 |
30,788 |
38,465 |
25% |
29,750 |
-23% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
1,114 |
1,349 |
1,596 |
18% |
1,315 |
-18% |
शुद्ध व्यय |
1,58,816 |
2,09,208 |
2,46,379 |
18% |
2,23,021 |
-9% |
स्रोत: बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य अन्य व्यय, जैसे विकासात्मक योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय पर कम खर्च कर पाता है। 2022-23 में बिहार द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 70,307 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है, जो कि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 36% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 15%), पेंशन (12%), और ब्याज भुगतान (8%) पर होने वाला खर्च शामिल है। 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 9% अधिक होने का अनुमान है। ब्याज भुगतान में 12% की वृद्धि का अनुमान है जबकि वेतन और पेंशन में क्रमशः 7% और 11% की वृद्धि का अनुमान है।
तालिका 3 : 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
वेतन |
20,659 |
27,237 |
27,901 |
2% |
29,750 |
7% |
पेंशन |
19,635 |
21,817 |
21,820 |
0% |
24,252 |
11% |
ब्याज भुगतान |
12,484 |
14,517 |
14,517 |
0% |
16,305 |
12% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
52,778 |
63,571 |
64,239 |
1% |
70,307 |
9% |
स्रोत: बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान बिहार के बजटीय व्यय का 67% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में बिहार और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 4 : बिहार बजट 2022-23 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
बजटीय प्रावधान 2022-23 बअ |
शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति |
27,347 |
39,467 |
48,593 |
40,828 |
-16% |
|
ग्रामीण विकास |
15,647 |
24,156 |
28,914 |
23,553 |
-19% |
|
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
9,152 |
13,012 |
17,506 |
15,898 |
-9% |
|
समाज कल्याण एवं पोषण |
15,764 |
12,610 |
17,819 |
13,208 |
-26% |
|
पुलिस |
7,888 |
11,558 |
12,448 |
11,911 |
-4% |
|
ऊर्जा |
8,625 |
8,473 |
9,938 |
11,376 |
14% |
|
आवासन |
4,941 |
9,075 |
9,948 |
9,405 |
-5% |
|
जिसमें सड़क एवं पुल |
6,575 |
7,800 |
9,120 |
8,365 |
-8% |
|
कृषि एवं संबंधित गतिविधियां |
3,374 |
7,604 |
7,818 |
7,712 |
-1% |
|
शहरी विकास |
5,001 |
6,853 |
8,852 |
7,133 |
-19% |
|
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
66% |
68% |
70% |
67% |
-4% |
|
स्रोत: बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
2022-23 में प्राप्तियां
- 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 1,96,705 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 16% अधिक है। इसमें से 47,523 करोड़ रुपए (24%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे, और 1,49,182 करोड़ रुपए (76%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 46%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 29%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
- केंद्रीय करों में हिस्सेदारी: 2022-23 में राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 91,181 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 22% अधिक है। हालांकि 2022-23 के अनुमान केंद्रीय बजट 2022-23 में पेश किए गए अनुमानों के बिल्कुल विपरीत हैं। केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार, बिहार को 82,139 करोड़ रुपए (राज्य के बजट में अनुमान से 10% कम) प्राप्त होने का अनुमान है। बजट में ऐसे ओवरएस्टिमेशन पर राज्य को बाद के चरण में 2022-23 के लिए नियोजित व्यय में कटौती करनी पड़ सकती है।
- राज्य का स्वयं कर राजस्व: 2022-23 में बिहार का कुल स्वयं कर राजस्व 41,387 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 18% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में बिहार का स्वयं कर राजस्व 2020-21 में जीएसडीपी के 4.9% (वास्तविक के अनुसार) से बढ़कर 2022-23 में जीएसडीपी का 5.6% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। 2021-22 में, जबकि जीएसडीपी के अनुमान में 10.2% की कमी की गई है, राज्य के स्वयं कर राजस्व या इसके किसी भी घटक में कोई बदलाव का अनुमान नहीं है जैसा कि तालिका 6 में प्रस्तुत किया गया है (जिसके कारण स्वयं कर और जीएसडीपी अनुपात बजट स्तर पर 4.6% से संशोधित चरण में 5.2% तक बढ़ रहा है)।
- राज्य का गैर-कर राजस्व: 2022-23 में बिहार को स्वयं गैर-कर राजस्व के रूप में 6,136 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 11% अधिक है। 2021-22 में राज्य के स्वयं गैर-कर राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में 11% की कमी का अनुमान है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
30,342 |
35,050 |
35,050 |
0% |
41,387 |
18% |
राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व |
6,201 |
5,505 |
5,505 |
0% |
6,136 |
11% |
केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी |
59,861 |
91,181 |
74,789 |
-18% |
91,181 |
22% |
केंद्र से सहायतानुदान |
31,764 |
54,531 |
53,766 |
-1% |
58,001 |
8% |
राजस्व प्राप्तियां |
1,28,168 |
1,86,267 |
1,69,111 |
-9% |
1,96,705 |
16% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
820 |
430 |
430 |
0% |
432 |
0% |
शुद्ध प्राप्तियां |
1,28,989 |
1,86,697 |
1,69,541 |
-9% |
1,97,136 |
16% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
|
जून 2022 के अंत में जीएसटी क्षतिपूर्ति जब जीएसटी पेश किया गया था, तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो रही है। 2018-22 के दौरान बिहार ने गारंटीशुदा एसजीएसटी राजस्व स्तर हासिल करने के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान पर भरोसा किया है। 2021-22 में बिहार को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में 10,316 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है, जो उसके अपने कर राजस्व का लगभग 29% है। इसलिए जून 2022 के बाद बिहार को राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है। |
तालिका 6 : राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
कर |
2020-21 वास्तविक |
2021-22 बअ |
2021-22 संअ |
बअ 21-22 से संअ 21-22 में परिवर्तन का % |
2022-23 बअ |
संअ 21-22 से बअ 22-23 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
16,050 |
20,621 |
20,621 |
0% |
24,721 |
20% |
सेल्स टैक्स/वैट |
6,031 |
6,010 |
6,010 |
0% |
7,210 |
20% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
4,206 |
5,000 |
5,000 |
0% |
5,500 |
10% |
वाहन टैक्स |
2,268 |
2,500 |
2,500 |
0% |
3,000 |
20% |
भूराजस्व |
302 |
500 |
500 |
0% |
500 |
0% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
1,355 |
250 |
250 |
0% |
287 |
15% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
4,359 |
3,500 |
3,500 |
0% |
3,500 |
- |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
3,609 |
0 |
6,816 |
- |
- |
- |
स्रोत: बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; पीआरएस
2022-23 के लिए घाटे और ऋण के लक्ष्य
बिहार के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2006 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा, और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2022-23 में बिहार को 4,748 करोड़ रुपये के राजस्व अधिशेष का अनुमान है, जो जीएसडीपी का 0.64% है। इसकी तुलना में 2020-21 में राज्य में जीएसडीपी का 1.83% (11,325 करोड़ रुपये) राजस्व घाटा दर्ज किया गया। 2021-22 में राज्य को जीएसडीपी के 5.48% (37,207 करोड़ रुपये) के राजस्व घाटे का अनुमान है।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा 25,885 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.47%) होने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2022-23 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलेगी)।
संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 11.31% रहने का अनुमान है जो कि जीएसडीपी के 2.97% के बजट अनुमान से काफी अधिक है। यह 2021-22 में केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4.5% की सीमा से भी काफी अधिक है (जिसमें से 0.5% की छूट बिजली क्षेत्र के सुधार करने पर मिलेगी)। इसलिए यह एक ओवरएस्टिमेशन होने की उम्मीद है। 2020-21 में भी संशोधित चरण में राज्य ने जीएसडीपी के 6.7% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया जिसमें व्यय (ऋण पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 7% अधिक होने का अनुमान है। हालांकि 2022-23 के बजट में प्रस्तुत वास्तविक के अनुसार, 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.82% था (केंद्र सरकार द्वारा 2020-21 में अनुमत 5% की सीमा के भीतर)। 2020-21 में व्यय (कर्ज पुनर्भुगतान को छोड़कर) बजट अनुमान से 22% कम था।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें पब्लिक एकाउंट्स की देनदारियां भी शामिल हैं। मार्च 2023 के अंत तक, राज्य की बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 38.66% होने का अनुमान है। 2019-20 की तुलना में बकाया देनदारियों में जीएसडीपी का लगभग 6.11% (जीएसडीपी का 32.55%) बढ़ने का अनुमान है।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पॉजिटिव आंकड़ा अधिशेष और नेगेटिव घाटा दर्शाता है। *2023-24 और 2024-25 के आंकड़े अनुमान हैं। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। |
बकाया सरकारी गारंटी: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (एसपीएसई) वित्तीय संस्थानों से जो उधारी लेती हैं, उनकी गारंटी राज्य सरकारें देती हैं। 2020-21 के अंत में राज्य की बकाया गारंटी जीएसडीपी का 2.7% होने का अनुमान है जो 2019-20 के अंत में जीसडीपी के 0.9% से काफी अधिक है। बिजली और सहकारी क्षेत्रों में गारंटी का स्तर काफी बढ़ा है।
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में बिहार के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (बिहार सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2021-22 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
- शिक्षा: 2022-23 में बिहार ने शिक्षा के लिए बजट का 18.4% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.2%) उसकी तुलना में बिहार का आबंटन अधिक है (2021-22 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: बिहार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 7.2% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6%) से यह ज्यादा है।
- कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 3.5% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.2%) से कम है।
- ग्रामीण विकास: बिहार ने ग्रामीण विकास के लिए 10.6% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के औसत आबंटन (5.7%) से ज्यादा है।
- पुलिस: बिहार ने पुलिस के लिए अपने व्यय का 5.4% आबंटित किया है जोकि राज्यों द्वारा पुलिस पर किए गए औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
- सड़क और पुल: बिहार ने सड़कों और पुलों के लिए 3.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.7%) से कम है।
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नोट: 2020-21, 2021-22 (बअ), 2021-22 (संअ), और 2022-23 (बअ) के आंकड़े बिहार के हैं।
स्रोत: बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स 2022-23; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
अनुलग्नक 2: 2020-21 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7 : प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
1,84,352 |
1,28,989 |
-30% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
1,83,924 |
1,28,168 |
-30% |
क. स्वयं कर राजस्व |
34,750 |
30,342 |
-13% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
5,239 |
6,201 |
18% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
91,181 |
59,861 |
-34% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
52,754 |
31,764 |
-40% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
3,500 |
4,359 |
25% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
428 |
820 |
92% |
3. उधारियां |
27,609 |
35,915 |
30% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
- |
3,609 |
- |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
2,04,726 |
1,58,816 |
-22% |
4. राजस्व व्यय |
1,64,751 |
1,39,493 |
-15% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
38,745 |
18,209 |
-53% |
6. ऋण और अग्रिम |
1,230 |
1,114 |
-9% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
7,035 |
6,880 |
-2% |
राजस्व संतुलन* |
19,173 |
-11,325 |
-159% |
राजस्व संतुलन * (जीएसडीपी का %) |
2.80% |
-1.83% |
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राजकोषीय घाया |
20,374 |
29,827 |
46% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
2.97% |
4.82% |
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नोट: बअ: बजट अनुमान *पॉजिटव चिन्ह अधिशेष और नेगेटिव चिन्ह घाटा दर्शाता है।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 8 : राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
भूराजस्व |
500 |
302 |
-40% |
एसजीएसटी |
20,800 |
16,050 |
-23% |
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क |
4,700 |
4,206 |
-11% |
वाहन टैक्स |
2,500 |
2,268 |
-9% |
सेल्स टैक्स/वैट |
5,830 |
6,031 |
3% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
250 |
1,355 |
442% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9 : मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 बअ |
2020-21 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण |
3,517 |
862 |
-76% |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
7,056 |
3,374 |
-52% |
आवासन |
9,317 |
4,941 |
-47% |
ग्रामीण विकास |
26,058 |
15,647 |
-40% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
39,351 |
27,347 |
-31% |
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण |
5,213 |
3,844 |
-26% |
शहरी विकास |
6,637 |
5,001 |
-25% |
पुलिस |
10,022 |
7,888 |
-21% |
जलापूर्ति और सैनिटेशन |
8,054 |
6,387 |
-21% |
परिवहन |
8,107 |
6,777 |
-16% |
इसमें सड़कें और पुल |
7,603 |
6,575 |
-14% |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण |
10,602 |
9,152 |
-14% |
समाज कल्याण और पोषण |
13,505 |
15,764 |
17% |
बिजली |
5,457 |
8,625 |
58% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
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