बिहार के वित्त मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने 28 फरवरी, 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
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2023-24 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 8.59 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 (7.89 लाख करोड़ रुपए) की तुलना में 8.9% की वृद्धि है।
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2023-24 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 2,38,327 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 12% कम है। इसके अलावा राज्य द्वारा 23,559 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा। 2022-23 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) बजट अनुमान से 21% अधिक अनुमानित है।
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2023-24 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 2,12,759 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है। 2022-23 में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजट अनुमान से 2% अधिक होने का अनुमान है।
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2023-24 में राजस्व अधिशेष 4,479 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.5%) होने का अनुमान है। 2022-23 में राज्य को संशोधित अनुमानों (जीएसडीपी का 3.6%) के अनुसार 28,349 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की उम्मीद है। राज्य ने बजट स्तर पर 2022-23 में 4,748 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष (जीएसडीपी का 0.6%) का अनुमान लगाया था।
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2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% (25,568 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2022-23 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 8.8% रहने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 3.5% के बजट अनुमान से काफी अधिक है। यह देखते हुए कि 2022-23 के लिए अनुमत राजकोषीय घाटे की सीमा जीएसडीपी का 4% है, संशोधित अनुमानों के बने रहने की संभावना नहीं है।
नीतिगत विशिष्टताएं
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कृषि: कई मिशन शुरू करने का प्रस्ताव है: (i) बिहार मिलेट मिशन, (ii) बिहार दलहन और तिलहन विकास मिशन, और (iii) फसल विविधीकरण मिशन। दलहन और तिलहन पर विशेष ध्यान देते हुए चौथा कृषि रोडमैप लागू किया जाएगा। राज्य कृषि मण्डी प्रांगणों (यार्ड्स) की अवसंरचना का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
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भूजल संरक्षण: भूजल संरक्षण के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
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सरकारी भर्ती: बिहार लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग और तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कुल 63,900 पदों को भरने के लिए मांग पत्र दिया गया है। पुलिस में 75,543 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
बिहार की अर्थव्यवस्था
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रेखाचित्र 1 : बिहार में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये संख्या स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं, जिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। |
2023-24 के लिए बजट अनुमान
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2023-24 में 2,38,327 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 12% कम है। इस व्यय को 2,12,759 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 25,768 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 में कुल प्राप्तियों (उधार के अलावा) में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।
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2023-24 में राज्य ने 4,479 करोड़ रुपए के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया है जो जीएसडीपी का 0.5% है। इसकी तुलना में 2022-23 में राज्य को 28,349 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.6%) के राजस्व घाटे की उम्मीद है। 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3% अनुमानित है जो केंद्रीय बजट 2023-24 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 3.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध कराया जाएगा)।
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2022-23 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) बजट अनुमान से 21% अधिक होने की उम्मीद है। इसकी तुलना में, प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) बजट अनुमान से केवल 2% अधिक होने की उम्मीद है। नतीजतन, राज्य का राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा संबंधित बजट अनुमानों से काफी अधिक होने की उम्मीद है। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 8.8% रहने की उम्मीद है। यह देखते हुए कि 2022-23 के लिए अनुमत राजकोषीय घाटे की सीमा जीएसडीपी का 4% है, इन संशोधित अनुमानों के बने रहने की संभावना नहीं है। इसलिए 2022-23 में वास्तविक व्यय संशोधित अनुमान से काफी कम हो सकता है।
संशोधित अनुमानों की विश्वसनीयता बजट दस्तावेजों में प्रस्तुत संशोधित अनुमानों का उद्देश्य चालू वित्तीय वर्ष की अधिक यथार्थवादी तस्वीर प्रदान करना है। हालांकि बिहार में संशोधित स्तर पर व्यय अनुमान अक्सर अवास्तविक होते हैं जिसके कारण राजकोषीय घाटे का अनुमान अनुमत सीमा से बहुत अधिक होता है। 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में क्रमशः 6.8%, 11.3% और 8.8% रहने की उम्मीद थी। 2021-22 के संशोधित चरण में व्यय अनुमान बजट अनुमान से 18% अधिक था, हालांकि 2021-22 में वास्तविक व्यय बजट अनुमान से 12% कम है (अनुलग्नक II में तालिका 7 देखें)। |
तालिका 1: बजट 2023-24 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
1,93,123 |
2,37,691 |
2,85,519 |
20% |
2,61,885 |
-8% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
8,746 |
14,670 |
14,670 |
0% |
23,559 |
61% |
शुद्ध व्यय (E) |
1,84,377 |
2,23,021 |
2,70,849 |
21% |
2,38,327 |
-12% |
कुल प्राप्तियां |
1,99,270 |
2,37,892 |
2,50,792 |
5% |
2,62,085 |
5% |
(-) उधारियां |
40,445 |
40,756 |
49,327 |
21% |
49,327 |
0% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
1,58,825 |
1,97,136 |
2,01,465 |
2% |
2,12,759 |
6% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
25,551 |
25,885 |
69,384 |
168% |
25,568 |
-63% |
जीएसडीपी का % |
3.8% |
3.5% |
8.8% |
|
3.0% |
|
राजस्व संतुलन* |
-422 |
4,748 |
-28,349 |
-697% |
4,479 |
-116% |
जीएसडीपी का % |
-0.1% |
0.6% |
-3.6% |
|
0.5% |
|
प्राथमिक घाटा |
11,729 |
9,580 |
53,079 |
454% |
7,213 |
-86% |
जीएसडीपी का % |
1.7% |
1.3% |
6.7% |
|
0.8% |
|
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। *पॉजिटिव चिन्ह अधिशेष और नेगेटिव चिन्ह घाटा दर्शाता है।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, बजट संक्षिप्त में, एफआरबीएम वक्तव्य, बिहार बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 में व्यय
-
2023-24 के लिए राजस्व व्यय 2,07,848 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 9% कम है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर खर्च शामिल है। 2022-23 में राजस्व व्यय बजट अनुमान से 19% अधिक रहने का अनुमान है।
-
2023-24 के लिए पूंजी परिव्यय 29,257 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 26% कम है। पूंजी परिव्यय परिसंपत्ति निर्माण संबंधी व्यय को दर्शाता है। 2022-23 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, पूंजी परिव्यय बजट अनुमान से 33% अधिक होने की उम्मीद है।
संशोधित अनुमानों की विश्वसनीयता बजट दस्तावेजों में प्रस्तुत संशोधित अनुमानों का उद्देश्य 9-10 महीनों के वास्तविक आंकड़ों के आधार पर चालू वित्तीय वर्ष की अधिक यथार्थवादी तस्वीर प्रदान करना है। हालांकि बिहार में संशोधित स्तर पर व्यय अनुमान अक्सर अवास्तविक होते हैं, जिसके कारण राजकोषीय घाटे का अनुमान अनुमत सीमा से बहुत अधिक होता है। 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के % के रूप में क्रमशः 6.8%, 11.3% और 8.8% रहने की उम्मीद थी। 2020-21 और 2021-22 में वास्तविक के अनुसार जीएसडीपी के % के रूप में राजकोषीय घाटा क्रमशः 4.8% और 3.8% था। 2021-22 के लिए संशोधित स्तर पर व्यय अनुमान बजट अनुमान से 18% अधिक था, हालांकि 2021-22 में वास्तविक व्यय बजट अनुमान से 12% कम है (अनुलग्नक II में तालिका 7)। |
तालिका 2: बजट 2023-24 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %
|
राजस्व व्यय |
1,59,220 |
1,91,957 |
2,29,382 |
19% |
2,07,848 |
-9% |
पूंजीगत परिव्यय |
23,678 |
29,750 |
39,675 |
33% |
29,257 |
-26% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
1,479 |
1,315 |
1,792 |
36% |
1,221 |
-32% |
शुद्ध व्यय |
1,84,377 |
2,23,021 |
2,70,849 |
21% |
2,38,327 |
-12% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, बिहार बजट 2023-24; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। 2023-24 में बिहार द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 78,910 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो इसकी राजस्व प्राप्तियों का 37% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 15%), पेंशन (14%), और ब्याज (9%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में औसतन, राज्यों ने अपनी राजस्व प्राप्तियों का 54% प्रतिबद्ध व्यय मदों के लिए आबंटित किया था। बिहार में कम प्रतिबद्ध व्यय मुख्य रूप से वेतन पर कम खर्च के कारण है। 2023-24 में पेंशन और ब्याज भुगतान में पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश: 16% और 13% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि वेतन पर होने वाले खर्च में 4% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
तालिका 3: 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %
|
वेतन |
22,238 |
29,750 |
29,963 |
1% |
31,119 |
4% |
पेंशन |
20,258 |
24,252 |
25,468 |
5% |
29,437 |
16% |
ब्याज भुगतान |
13,822 |
16,305 |
16,305 |
0% |
18,354 |
13% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
56,317 |
70,307 |
71,736 |
2% |
78,910 |
10% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, बजट संक्षिप्त में, बिहार बजट 2023-24; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान बिहार के बजटीय व्यय का 66% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में बिहार के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।
तालिका 4: बिहार बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का % |
क्षेत्र |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
35,530 |
40,828 |
55,111 |
42,381 |
-23% |
वेतन के लिए स्कूलों को सहायता हेतु अनुदान के रूप में 17,789 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। शिक्षा विभाग के लिए वेतन और भत्तों हेतु 6,397 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
19,095 |
23,553 |
27,667 |
25,270 |
-9% |
मनरेगा के लिए 3,852 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पीएमजीएसवाई के लिए 3,610 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
11,510 |
15,898 |
20,183 |
16,704 |
-17% |
शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान के लिए 3,691 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर पूंजी परिव्यय के लिए 1,830 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
13,452 |
13,208 |
17,531 |
14,763 |
-16% |
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के लिए 1,029 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
8,875 |
11,911 |
12,353 |
11,686 |
-5% |
जिला पुलिस के लिए 6,345 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
ऊर्जा |
10,426 |
11,376 |
16,439 |
11,436 |
-30% |
सस्ती बिजली पर सबसिडी के लिए 9,103 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
8,963 |
9,002 |
12,692 |
9,887 |
-22% |
सड़कों और पुलों पर पूंजी परिव्यय के लिए 3,986 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
शहरी विकास |
5,587 |
7,133 |
7,133 |
8,783 |
23% |
स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 940 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
3,428 |
7,712 |
9,520 |
7,726 |
-19% |
कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत सबसिडी के लिए 415 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें कृषि मशीनीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये की सबसिडी शामिल है। |
आवासन |
7,112 |
9,405 |
12,543 |
7,504 |
-40% |
इंदिरा आवास/प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 6,789 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
68% |
68% |
71% |
66% |
-7% |
|
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, बिहार बजट 2023-24; पीआरएस।
तालिका 4: बिहार बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का % |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
35,530 |
40,828 |
55,111 |
42,381 |
-23% |
ग्रामीण विकास |
19,095 |
23,553 |
27,667 |
25,270 |
-9% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
11,510 |
15,898 |
20,183 |
16,704 |
-17% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
13,452 |
13,208 |
17,531 |
14,763 |
-16% |
पुलिस |
8,875 |
11,911 |
12,353 |
11,686 |
-5% |
ऊर्जा |
10,426 |
11,376 |
16,439 |
11,436 |
-30% |
परिवहन |
8,963 |
9,002 |
12,692 |
9,887 |
-22% |
शहरी विकास |
5,587 |
7,133 |
7,133 |
8,783 |
23% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
3,428 |
7,712 |
9,520 |
7,726 |
-19% |
आवासन |
7,112 |
9,405 |
12,543 |
7,504 |
-40% |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
68% |
68% |
71% |
66% |
-7% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, बिहार बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 में प्राप्तियां
-
2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 2,12,327 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक है। इसमें से 56,212 करोड़ रुपए (26%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे, और 1,56,115 करोड़ रुपए (74%) केंद्र से प्राप्त होंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 49%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 25%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
-
राज्य का स्वयं कर राजस्व: बिहार का कुल कर राजस्व 2023-24 में 49,700 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 20% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2023-24 में 5.8% अनुमानित है। 2022-23 के लिए राज्य ने बजट स्तर पर इस अनुपात को 5.6% पर अनुमानित किया था, हालांकि संशोधित अनुमानों के अनुसार, यह कम (5.2%) होने की उम्मीद है।
-
केंद्र से हस्तांतरण: 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 1,02,737 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है। 2023-24 के लिए केंद्र से अनुदान के रूप में प्राप्तियां 53,378 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष की तुलना में 8% कम है। कम अनुदान के प्रमुख कारणों में से एक यह है कि जून 2022 से जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान बंद हो गया है।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
स्रोत |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %
|
राज्य के स्वयं कर |
34,855 |
41,387 |
41,387 |
0% |
49,700 |
20% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
3,984 |
6,136 |
6,136 |
0% |
6,512 |
6% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
91,353 |
91,181 |
95,510 |
5% |
1,02,737 |
8% |
केंद्र से अनुदान |
28,606 |
58,001 |
58,001 |
0% |
53,378 |
-8% |
राजस्व प्राप्तियां |
1,58,797 |
1,96,705 |
2,01,034 |
2% |
2,12,327 |
6% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
28 |
432 |
432 |
0% |
432 |
0% |
शुद्ध प्राप्तियां |
1,58,825 |
1,97,136 |
2,01,465 |
2% |
2,12,759 |
6% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, बिहार बजट 2023-24; पीआरएस।
-
2023-24 में अनुमान है कि राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होगा (63%)। एसजीएसटी राजस्व 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 26% बढ़ने का अनुमान है।
-
2022-23 में बजट अनुमानों की तुलना में किसी भी कर स्रोत से राजस्व में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है। 2022-23 के बजट में भी यह प्रवृत्ति देखी गई थी, जहां 2021-22 में स्वयं के कर स्रोतों से राजस्व के संशोधित अनुमान बजट अनुमान के समान थे। हालांकि 2021-22 में इन स्रोतों से वास्तविक राजस्व, जैसा कि 2023-24 के बजट में प्रस्तुत किया गया था, इन अनुमानों से काफी अलग है (अनुलग्नक II में तालिका 8 देखें)।
सरकारी वित्त पर प्रतिबंध का प्रभाव बिहार ने 2016 में शराब पर प्रतिबंध लगाया था। शराब राज्य के उत्पाद शुल्क का प्राथमिक स्रोत था। 2012-13 और 2015-16 के बीच राज्य उत्पाद शुल्क से राजस्व जीएसडीपी के 0.8% -1% के बीच था। राज्य सरकार ने 2015-16 में राज्य उत्पाद शुल्क से 3,142 करोड़ रुपए कमाए जो 2016-17 में घटकर 30 करोड़ रुपए रह गया और तब से नगण्य हो गया है। इसकी तुलना में 2022-23 में राज्य उत्पाद शुल्क से जीएसडीपी का लगभग 1% औसत बजटीय राजस्व प्राप्त करते हैं। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
कर |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %
|
राज्य जीएसटी |
19,264 |
24,721 |
24,721 |
0% |
31,111 |
26% |
सेल्स टैक्स/वैट |
6,872 |
7,210 |
7,210 |
0% |
7,934 |
10% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,224 |
5,500 |
5,500 |
0% |
6,300 |
15% |
वाहन कर |
2,475 |
3,000 |
3,000 |
0% |
3,300 |
10% |
भू राजस्व |
284 |
500 |
500 |
0% |
550 |
10% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
596 |
287 |
287 |
0% |
330 |
15% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
1,945 |
3,500 |
3,500 |
0% |
0 |
-100% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
7,111 |
0 |
0 |
- |
0 |
- |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजस्व और पूंजीगत प्राप्तियों पर विस्तृत विवरण, बिहार बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
बिहार के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2006 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राज्य डिस्कॉम्स के घाटे और देनदारियां बिहार में बिजली वितरण राज्य सरकार के स्वामित्व वाली दो कंपनियों- एसबीपीडीसीएल और एनबीपीडीसीएल द्वारा किया जाता है। इन कंपनियों को लगातार घाटा हुआ है जिससे सरकारी वित्त पर दबाव पड़ा है। 2017-18 और 2020-21 के बीच चार वर्षों में, इन कंपनियों को 9,100 करोड़ रुपए का संचयी घाटा हुआ। उनका एटीएंडसी घाटा देश में सबसे अधिक (2020-21 में 35.3% राष्ट्रीय औसत 22.3% के मुकाबले) है। एटीएंडसी घाटा आपूर्ति की गई बिजली के प्रतिशत को दर्शाता है जिसके लिए बिजली इकाइयों ने धनराशि संग्रह नहीं किया। उच्च एटीएंडसी घाटे के कारणों में चोरी, अपेक्षा से कम वितरण अवसंरचना, और बिलिंग और संग्रह में अक्षमता हो सकते हैं। बजट भाषण के अनुसार इन मुद्दों के समाधान के लिए प्री-पेड मीटर लगाए जा रहे हैं। |
राजस्व अधिशेष: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व अधिशेष का यह अर्थ होता है कि सरकार का राजस्व अपना व्यय पूरा करने के लिए पर्याप्त है जिससे भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं होगा और न ही देनदारियां कम होंगी। बजट में 2023-24 में 4,479 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.5%) के राजस्व अधिशेष का अनुमान लगाया गया है। 2022-23 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राज्य को बजट स्तर पर 4,748 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.6%) के राजस्व अधिशेष के लक्ष्य के मुकाबले 28,349 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.6%) का राजस्व घाटा दर्ज करने की उम्मीद है। 2021-22 में राज्य ने 422 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 0.1%) का राजस्व घाटा दर्ज किया।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3% रहने का अनुमान है। यह केंद्रीय बजट के अनुसार 2023-24 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 3.5% की सीमा के भीतर है (जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध कराया जाएगा)। संशोधित अनुमानों के अनुसार 2022-23 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 8.8% रहने की उम्मीद है जो जीएसडीपी के 3.5% के बजट अनुमान से काफी अधिक है। यह 2022-23 के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत 4% की सीमा से भी काफी अधिक है (जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध होता है)। इसलिए यह अधिक अनुमान (ओवरएस्टिमेट) हो सकता है।
2021-22 में भी संशोधित चरण में राज्य ने बजट अनुमान से 18% अधिक व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) के साथ जीएसडीपी के 11.3% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया। हालांकि 2023-24 के बजट में प्रस्तुत वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.8% था (केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4.5% की सीमा के भीतर)।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2023-24 के अंत में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी का 37.8% होने का अनुमान है। 2020-21 और 2021-22 में व्यय को वित्त पोषित करने के लिए उधारियों पर बढ़ती निर्भरता के कारण हाल के वर्षों में बकाया देनदारियां बढ़ी हैं। 2025-26 के अंत में बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 37% तक कम होने की उम्मीद है।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं; संअ संशोधित अनुमान और बअ बजट अनुमान हैं। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियां (जीएसडीपी का %)
नोट: *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमान हैं; संअ संशोधित अनुमान और बअ बजट अनुमान हैं। |
बकाया सरकारी गारंटियां: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं होती हैं जो प्रकृति में आकस्मिक होती हैं और जिन्हें राज्यों को कुछ मामलों में पूरा करना पड़ सकता है। 2021-22 के अंत में बकाया गारंटी जीएसडीपी के 3.7% होने का अनुमान है। 2020-21 के अंत में यह जीएसडीपी का 2.7% थी, और तब से इसमें तेज वृद्धि हुई है।
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में बिहार के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (बिहार सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2022-23 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
-
शिक्षा: बिहार ने 2023-24 में शिक्षा के लिए अपने व्यय का 17.9% आबंटित किया है। यह 2022-23 में राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आबंटन (14.8%) से अधिक है।
-
स्वास्थ्य: बिहार ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 7% आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आबंटन (6.3%) से अधिक है।
-
कृषि: बिहार ने अपने व्यय का 3.3% कृषि के लिए आबंटित किया है। यह राज्यों द्वारा कृषि के लिए औसत आबंटन (5.8%) से काफी कम है।
-
ग्रामीण विकास: बिहार ने 2023-24 में ग्रामीण विकास के लिए अपने बजट का 10.7% आबंटित किया है। यह राज्यों द्वारा औसत आबंटन (5.7%) से काफी अधिक है।
-
पुलिस: बिहार ने अपने कुल व्यय का 4.9% पुलिस के लिए आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा पुलिस पर किए जाने वाले औसत व्यय (4.3%) से अधिक है।
-
सड़कें और पुल: बिहार ने सड़कों और पुलों के लिए अपने कुल व्यय का 4% आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा औसत आबंटन (4.5%) से कम है।
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नोट: 2021-22, 2022-23 (बअ), 2022-23 (संअ), और 2023-24 (बअ) के आंकड़े बिहार के हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, बिहार बजट 2023-24; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
[1] 31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अनुलग्नक 2: 2021-22 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
1,86,697 |
1,58,825 |
-15% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
1,86,267 |
1,58,797 |
-15% |
क. स्वयं कर राजस्व |
35,050 |
34,855 |
-1% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
5,505 |
3,984 |
-28% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
91,181 |
91,353 |
0% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
54,531 |
28,606 |
-48% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
3,500 |
1,945 |
-44% |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
430 |
28 |
-94% |
3. उधारियां |
31,805 |
40,445 |
345% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
0 |
7,111 |
- |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
2,09,208 |
1,84,377 |
-12% |
4. राजस्व व्यय |
1,77,071 |
1,59,220 |
-10% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
30,788 |
23,678 |
-23% |
6. ऋण और अग्रिम |
1,349 |
1,479 |
10% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
9,094 |
8,746 |
-4% |
राजस्व संतुलन* |
9,196 |
-422 |
-105% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %)* |
1.2% |
-0.1% |
|
राजकोषीय घाटा |
22,511 |
25,551 |
14% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
3.0% |
3.8% |
|
नोट: बअ- बजट अनुमान। *पॉजिटिव चिन्ह अधिशेष और नेगेटिव चिन्ह घाटा दर्शाता है।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
कर स्रोत |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
भूराजस्व |
500 |
284 |
-43% |
राज्य जीएसटी |
20,621 |
19,264 |
-7% |
वाहन कर |
2,500 |
2,475 |
-1% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,000 |
5,224 |
4% |
सेल्स टैक्स/वैट |
6,010 |
6,872 |
14% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
250 |
596 |
138% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
7,604 |
3,428 |
-55% |
जलापूर्ति और सैनिटेशन |
4,990 |
2,918 |
-42% |
पुलिस |
11,558 |
8,875 |
-23% |
आवासन |
9,075 |
7,112 |
-22% |
ग्रामीण विकास |
24,156 |
19,095 |
-21% |
शहरी विकास |
6,853 |
5,587 |
-18% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
13,012 |
11,510 |
-12% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
39,467 |
35,530 |
-10% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
5,047 |
4,712 |
-7% |
परिवहन |
8,411 |
8,963 |
7% |
इनमें सड़क एवं पुल |
7,800 |
7,547 |
-3% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
12,610 |
13,452 |
7% |
एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण |
3,702 |
4,294 |
16% |
ऊर्जा |
8,473 |
10,426 |
23% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के बिहार बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।