मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने 2 मार्च, 2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक 3 में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
बजट के मुख्य अंश
- 2021-22 के लिए मध्य प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 11,32,116 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 10% की वार्षिक वृद्धि है। पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान (9.17.555 करोड़ रुपए) की तुलना में 2021-22 में जीएसडीपी में 23.4% की वृद्धि का अनुमान है। 2020-21 में जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) के पिछले वर्ष की तुलना में 2.1% संकुचित होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए कुल व्यय 2,34,918 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है।
- 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 1,66,525 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 1,37,566 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की गिरावट है।
- 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 7,953 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि जीएसडीपी का 0.7% है। 2020-21 में, संशोधित आंकड़ों के अनुसार, राजस्व घाटा 21,051 करोड़ रुपए अनुमानित है (जीएसडीपी का 2.29%), जबकि बजटीय अनुमान 17,189 करोड़ रुपए था (जीएसडीपी का 1.81%)।
- 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा 50,598 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 4.47%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीएसडीपी का 5.66% होने की उम्मीद है जोकि 4.96% के बजट अनुमान से अधिक है।
- क्षेत्र: जलापूर्ति और सैनिटेशन के लिए 2019-20 की तुलना में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि हुई है जोकि 54% है, इसके बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (10%), और शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति (10%) का स्थान आता है। 2019-20 के वास्तविक और 2021-22 के अनुमानों के बीच सड़क एवं पुलों के निर्माण तथा ग्रामीण विकास के आबंटनों में भी 2% की वार्षिक वृद्धि देखी गई है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- कृषि: नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग और राज्य सहकारी मार्केटिंग परिसंघों के जरिए किसानों को सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के लिए 2021-22 के लिए 2,000 रुपए आबंटित किए गए हैं।
- शिक्षा: 9,200 स्कूलों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड करने के लिए सीएम राइज योजना को शुरू किया जाएगा। 350 स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए 2021-22 में योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
- स्वरोजगार: कम ब्याज दर पर ऋण देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को शुरू किया जाएगा ताकि युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके। इस योजना के लिए 112 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1: मध्य प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) पर आधारित हैं जिसका यह अर्थ है कि वृद्धि दर को मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित किया गया है। कृषि में खनन शामिल है। Sources: Ministry of Statistics and Programme Implementation; PRS. |
2021-22 के लिए बजट अनुमान
- 2021-22 में 2,34,918 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। इसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 1,66,525 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 67,258 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 6% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
- 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 1% कम होने का अनुमान है। 2020-21 में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट से संशोधित चरण में 0.4% बढ़ने होने का अनुमान है। दूसरी तरफ 2020-21 में उधारियों के बजट से संशोधित चरण में 2% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए राज्य ने 7,953 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 0.7%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 21,051 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि बजट में 17,189 करोड़ रुपए के अनुमानित राजस्व घाटे की तुलना में 22% अधिक है। 2021-22 में 50,598 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.47%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 5.66% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 4.96% अनुमानित था।
तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
कुल व्यय |
1,91,606 |
2,00,343 |
2,01,631 |
1% |
2,34,918 |
11% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
1,47,812 |
1,36,962 |
1,37,566 |
0.4% |
1,66,525 |
6% |
ख. उधारियां |
34,364 |
63,448 |
64,411 |
2% |
67,258 |
40% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
1,82,176 |
2,00,410 |
2,01,976 |
1% |
2,33,783 |
13% |
राजस्व घाटा |
2,692 |
17,189 |
21,051 |
22% |
7,953 |
72% |
जीएसडीपी का % |
0.29% |
1.81% |
2.29% |
0.70% |
||
राजकोषीय घाटा |
32,860 |
47,035 |
51,941 |
10% |
50,598 |
24% |
जीएसडीपी का % |
3.51% |
4.96% |
5.66% |
4.47% |
||
प्राथमिक घाटा |
18,644 |
30,574 |
35,482 |
16% |
29,655 |
26% |
जीएसडीपी का % |
1.99% |
3.22% |
3.87% |
2.62% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। कर राजस्व की गणना के लिए बजट दस्तावेजों ने मद 0028 (आय और व्यय पर अन्य कर) के अंतर्गत राजस्व का इस्तेमाल नहीं किया है, इसलिए विश्लेषण के लिए आंकड़ों में आवश्यक समायोजन किए गए हैं।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में व्यय
पूंजीगत परिव्यय 2021-21 के लिए मध्य प्रदेश का पूंजीगत परिव्यय 40,667 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 18% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय के संशोधित अनुमान 29,671 करोड़ रुपए हैं जोकि 2019-20 के पूंजीगत परिव्यय से 1.5% अधिक हैं। कुल पूंजीगत परिव्यय में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण का हिस्सा 21% है, इसके बाद जलापूर्ति और सैनिटेशन (19%), सड़क और पुल (14%) और ग्रामीण विकास (12%) का हिस्सा आता है। |
- 2021-22 में पूंजीगत व्यय 61,947 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2021-22 के लिए 1,72,971 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में राजस्व व्यय के बजट अनुमान से 3% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 में ऋण चुकाने पर 38,737 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 24% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें 17,794 करोड़ रुपए का ऋण पुनर्भुगतान और 20,943 करोड़ रुपए का ब्याज भुगतान शामिल हैं।
तालिका 2: बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
पूंजीगत व्यय |
41,162 |
46,233 |
43,085 |
-7% |
61,947 |
23% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
29,241 |
28,350 |
29,671 |
5% |
40,667 |
18% |
राजस्व व्यय |
1,50,444 |
1,54,110 |
1,58,545 |
3% |
1,72,971 |
7% |
कुल व्यय |
1,91,606 |
2,00,343 |
2,01,631 |
1% |
2,34,918 |
11% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
10,934 |
16,346 |
12,124 |
-26% |
17,794 |
28% |
ख. ब्याज भुगतान |
14,217 |
16,460 |
16,459 |
0% |
20,943 |
21% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
25,150 |
32,806 |
28,583 |
-13% |
38,737 |
24% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2021-22 के दौरान मध्य प्रदेश के बजटीय व्यय का 64% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 3: मध्य प्रदेश बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बअ |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
वार्षिक परिवर्तन |
बजटीय प्रावधान 2021-22 |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
30,271 |
33,408 |
32,010 |
36,344 |
10% |
प्राथमिक स्कूलों को बनाने के लिए 9,793 करोड़ रुपए और सेकेंडरी शिक्षा के लिए 5,329 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। हायर सेकेंडरी शिक्षा के लिए 4,027 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
बिजली |
14,640 |
10,095 |
12,286 |
16,745 |
7% |
अटल गृह ज्योति योजना के लिए 2,581 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
13,774 |
10,326 |
10,840 |
16,142 |
8% |
अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 4,592 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 3,200 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
12,718 |
13,904 |
14,025 |
12,305 |
-2% |
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2,925 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 2,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
9,580 |
10,164 |
9,467 |
11,619 |
10% |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,035 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। जिला स्तर पर अस्पतालों और डिस्पेंसरीज़ के लिए 1,208 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सामाजिक कल्याण एवं पोषण |
10,391 |
10,612 |
12,562 |
10,892 |
2% |
आंगनवाड़ी योजना के लिए 1,272 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
10,118 |
8,144 |
10,258 |
9,860 |
-1% |
नहरों के निर्माण के लिए 1,996 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं और बांधों के निर्माण के लिए 1,885 करोड़ रुपए। |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
3,557 |
4,688 |
4,897 |
8,412 |
54% |
जल जीवन मिशन के लिए 5,762 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
6,811 |
7,512 |
7,270 |
8,062 |
9% |
मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के लिए 405 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
7,304 |
6,303 |
6,187 |
6,957 |
-2% |
सड़कों की मरम्मत और उन्नयन के लिए 850 करोड़ रुपए दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए 620 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
66% |
63% |
64% |
64% |
|
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है। 2021-22 में मध्य प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 87,573 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 53% है। इसमें 2019-20 की तुलना में 22% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 30%), पेंशन (राजस्व प्राप्तियों का 10%) और ब्याज भुगतान (राजस्व प्राप्तियों का 13%) पर व्यय शामिल हैं। 2020-21 में पेंशन भुगतान में 13% की गिरावट हुई जबकि वेतन भुगतान बजट से संशोधित चरण में 10% बढ़ गया।
तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
वेतन |
32,878 |
38,112 |
42,098 |
10% |
49,717 |
23% |
पेंशन |
12,053 |
16,993 |
14,841 |
-13% |
16,913 |
18% |
ब्याज भुगतान |
14,217 |
16,460 |
16,459 |
0% |
20,943 |
21% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
59,148 |
71,565 |
73,397 |
3% |
87,573 |
22% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में प्राप्तियां
- 2021-22 के लिए 2,33,783 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 13% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें 76,996 करोड़ रुपए (47%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 88,022 करोड़ रुपए (53%) केंद्रीय हस्तांतरण होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 32%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 22%) से मिलेगी। 2011-22 में राज्य को विनिवेश (यानी सरकारी एसेट्स की बिक्री) के जरिए 1,434 करोड़ रुपए की प्राप्तियों का भी अनुमान है।
- हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 3% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, बजटीय चरण की तुलना में हस्तांतरण प्राप्तियों में 6% की गिरावट का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया।
- राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व: 2020-21 में राज्य को 65,254 करोड़ रुपए के कुल स्वयं गैर कर राजस्व का अनुमान है जिसमें 2019-20 के वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राज्य का स्वयं कर राजस्व बजट अनुमान से 9% अधिक होने की उम्मीद है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
राज्य के स्वयं कर |
55,933 |
49,126 |
53,472 |
9% |
65,254 |
8% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
10,350 |
8,860 |
9,715 |
10% |
11,742 |
7% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
49,518 |
46,025 |
43,373 |
-6% |
52,247 |
3% |
केंद्र से सहायतानुदान |
31,952 |
32,910 |
30,934 |
-6% |
35,775 |
6% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
1,47,753 |
1,36,921 |
1,37,494 |
0% |
1,65,018 |
6% |
उधारियां |
34,364 |
63,448 |
64,411 |
2% |
67,258 |
40% |
अन्य प्राप्तियां |
59 |
41 |
71 |
73% |
1,507 |
404% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
34,424 |
63,489 |
64,482 |
2% |
68,765 |
41% |
कुल प्राप्तियां |
1,82,176 |
2,00,410 |
2,01,976 |
1% |
2,33,783 |
13% |
नोट: कर राजस्व की गणना के लिए बजट दस्तावेजों ने मद 0028 (आय और व्यय पर अन्य कर) के अंतर्गत राजस्व का इस्तेमाल नहीं किया है, इसलिए विश्लेषण के लिए आंकड़ों में आवश्यक समायोजन किए गए हैं। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
जीएसटी क्षतिपूर्ति जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों की तुलना में मध्य प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 4,158 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जोकि 2019-20 (4,531 करोड़ रुपए) की तुलना में 8% कम है। 2021-22 में 4,542 करोड़ रुपए के जीएसटी अनुदान के रूप में बैक टू बैक लोन्स की उम्मीद है। 2021-22 में 5,322 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की उम्मीद है जिसमें 2019-20 में मिले अनुदानों से 8% की वार्षिक वृद्धि है। |
- 2021-22 में एसजीएसटी 23,000 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (35%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 9% अधिक होना अनुमानित है।
- 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 12,109 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में राज्य के एक्साइज कलेक्शन बजट अनुमान से 3% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 में सेल्स टैक्स और वैट से 14,240 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 12% की वार्षिक वृद्धि है।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का % |
राज्य का स्वयं कर राजस्व |
55,933 |
49,126 |
53,472 |
9% |
65,254 |
8% |
40% |
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) |
20,448 |
16,111 |
17,537 |
9% |
23,000 |
6% |
14% |
सेल्स टैक्स/वैट |
11,258 |
11,208 |
12,750 |
14% |
14,240 |
12% |
9% |
राज्य एक्साइज |
10,829 |
9,000 |
9,300 |
3% |
12,109 |
6% |
7% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,569 |
5,000 |
5,800 |
16% |
6,495 |
8% |
4% |
वाहन टैक्स |
3,251 |
2,500 |
2,640 |
6% |
3,600 |
5% |
2% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,268 |
3,000 |
3,150 |
5% |
3,100 |
17% |
2% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
4,531 |
4,728 |
4,158 |
-12% |
5,322 |
8% |
3% |
Sources : Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
मध्य प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व घाटा: राजस्व घाटा तब होता है जब राजस्व व्यय, प्राप्तियों से अधिक होता है। राजस्व घाटे का अर्थ यह है कि सरकार को व्यय को पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत पड़ेगी जिससे न तो उसके एसेट्स बढ़ेंगे और न ही देनदारियां कम होंगी। 2021-22 में बजट में 7,953 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है (या जीएसडीपी का 0.7%)। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में मध्य प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव नहीं दिया है।
2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं 15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i) 2021-22 में 4% (ii) 2022-23 में 3.5%, और (iii) 2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से मध्य प्रदेश अपनी कुल देनदारियों को 2020-21 में जीएसडीपी के 31.3% से बढ़ाकर 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 33.7% कर देगा। अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी। |
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2021-22 में 50,598 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.47%)। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 5.66% होने की उम्मीद है जोकि 4.96% के बजट अनुमान से अधिक है।
2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण। फरवरी, 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से मध्य प्रदेश चारों सुधारों को लागू करने के लिए 8,542 करोड़ रुपए तक का उधार लेने के योग्य है।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 28.5% के बराबर होने का अनुमान है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से कम है (जीएसडीपी का 28.8%)। बकाया देनदारियों के 2018-19 में 23.9% से बढ़कर 2021-22 में जीएसडीपी का 28.5% होने का अनुमान है।
तालिका 7: मध्य प्रदेश के लिए घाटे के लिए बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व संतुलन |
राजकोषीय संतुलन |
बकाया ऋण |
2018-19 (वास्तविक) |
1.1% |
-2.7% |
23.9% |
2019-20 (वास्तविक) |
-0.3% |
-3.5% |
24.3% |
2020-21 (संशोधित) |
-2.3% |
-5.7% |
28.8% |
2021-22 (बजटीय) |
-0.7% |
-4.5% |
28.5% |
2022-23 |
>0 |
4% |
31.7% |
2023-24 |
>0 |
4% |
31.8% |
2024-25 |
>0 |
3% |
31.4% |
नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष को दर्शाते हैं। RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS. |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS. |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में मध्य प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (मध्य प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]
- शिक्षा: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 17% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में मध्य प्रदेश का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: मध्य प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 5.4% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) के लगभग बराबर है।
- कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 7.6% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से ज्यादा है।
- ग्रामीण विकास: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 5.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
- पुलिस: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने पुलिस के लिए 3.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) से कम है।
- सड़क और पुल: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 3.3% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से कम है।
नोट: 2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ), and 2021-22 (बअ) के आंकड़े मध्य प्रदेश के हैं।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS; various state budgets; PRS.
अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव
15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41% हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42% का सुझाव दिया था और इसमें से 1% की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर मध्य प्रदेश को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 3.22% हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर मध्य प्रदेश को 3.22 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 3.17 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे ज्यादा है।
तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग की अवधियों के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी
राज्य |
14वां विआ |
15वां विआ |
15वां विआ |
% परिवर्तन |
|
2015-20 |
2020-21 |
2021-26 |
2015-20 से |
2015-20 से |
|
आंध्र प्रदेश |
1.81 |
1.69 |
1.66 |
-8.2% |
-1.6% |
अरुणाचल प्रदेश |
0.58 |
0.72 |
0.72 |
25.2% |
-0.2% |
असम |
1.39 |
1.28 |
1.28 |
-7.8% |
-0.1% |
बिहार |
4.06 |
4.13 |
4.12 |
1.6% |
0.0% |
मध्य प्रदेश |
1.29 |
1.40 |
1.40 |
8.0% |
-0.3% |
गोवा |
0.16 |
0.16 |
0.16 |
-0.3% |
0.0% |
गुजरात |
1.30 |
1.39 |
1.43 |
10.1% |
2.4% |
हरियाणा |
0.46 |
0.44 |
0.45 |
-1.6% |
1.0% |
हिमाचल प्रदेश |
0.30 |
0.33 |
0.34 |
13.6% |
3.9% |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.78 |
- |
- |
- |
- |
झारखंड |
1.32 |
1.36 |
1.36 |
2.8% |
-0.2% |
कर्नाटक |
1.98 |
1.50 |
1.50 |
-24.5% |
0.0% |
केरल |
1.05 |
0.80 |
0.79 |
-24.8% |
-0.9% |
मध्य प्रदेश |
3.17 |
3.23 |
3.22 |
1.5% |
-0.5% |
महाराष्ट्र |
2.32 |
2.52 |
2.59 |
11.7% |
3.0% |
मणिपुर |
0.26 |
0.29 |
0.29 |
13.3% |
-0.3% |
मेघालय |
0.27 |
0.31 |
0.31 |
16.6% |
0.3% |
मिजोरम |
0.19 |
0.21 |
0.21 |
6.1% |
-1.2% |
नागालैंड |
0.21 |
0.24 |
0.23 |
11.5% |
-0.7% |
ओड़िशा |
1.95 |
1.90 |
1.86 |
-4.8% |
-2.2% |
पंजाब |
0.66 |
0.73 |
0.74 |
11.9% |
1.1% |
राजस्थान |
2.31 |
2.45 |
2.47 |
7.1% |
0.8% |
सिक्किम |
0.15 |
0.16 |
0.16 |
3.2% |
0.0% |
तमिलनाडु |
1.69 |
1.72 |
1.67 |
-1.0% |
-2.6% |
तेलंगाना |
1.02 |
0.88 |
0.86 |
-15.8% |
-1.5% |
त्रिपुरा |
0.27 |
0.29 |
0.29 |
7.7% |
-0.1% |
उत्तर प्रदेश |
7.54 |
7.35 |
7.36 |
-2.5% |
0.0% |
उत्तराखंड |
0.44 |
0.45 |
0.46 |
3.7% |
1.3% |
पश्चिम बंगाल |
3.08 |
3.08 |
3.08 |
0.3% |
0.1% |
कुल |
42.00 |
41.00 |
41.00 |
नोट: हालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है।
Sources: Reports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.
15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) शहरी स्थानीय निकायों को 1.2 लाख करोड़ रुपए (ii) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.4 लाख करोड़ रुपए, और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,000 करोड़ रुपए।
मध्य प्रदेश राज्य के लिए निम्नलिखित अनुदानों का सुझाव दिया गया है: |
तालिका 9: 2021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)
नोट: इसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं। |
||||||||||||||||||||||
(i) स्थानीय निकायों के लिए 28,367 करोड़ रुपए का अनुदान, (ii) स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों के लिए 10,177 करोड़ रुपए का क्षेत्र विशिष्ट अनुदान, (iii) आपदा प्रबंधन अनुदान के रूप में 10,059 करोड़ रुपए का अनुदान, और (iv) 1,765 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान। |
तालिका 10: केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण
राज्य |
2019-20 |
2020-21 |
2021-22 |
आंध्र प्रदेश |
29,421 |
22,611 |
26,935 |
अरुणाचल प्रदेश |
9,363 |
9,681 |
11,694 |
असम |
22,627 |
17,220 |
20,819 |
बिहार |
66,049 |
55,334 |
66,942 |
मध्य प्रदेश |
21,049 |
18,799 |
22,676 |
गोवा |
2,583 |
2,123 |
2,569 |
गुजरात |
21,077 |
18,689 |
23,148 |
हरियाणा |
7,408 |
5,951 |
7,275 |
हिमाचल प्रदेश |
4,873 |
4,394 |
5,524 |
जम्मू एवं कश्मीर |
12,623 |
-38 |
- |
झारखंड |
21,452 |
18,221 |
22,010 |
कर्नाटक |
32,209 |
20,053 |
24,273 |
केरल |
17,084 |
10,686 |
12,812 |
मध्य प्रदेश |
51,584 |
43,373 |
52,247 |
महाराष्ट्र |
37,732 |
33,743 |
42,044 |
मणिपुर |
4,216 |
3,949 |
4,765 |
मेघालय |
4,387 |
4,207 |
5,105 |
मिजोरम |
3,144 |
2,783 |
3,328 |
नागालैंड |
3,403 |
3,151 |
3,787 |
ओड़िशा |
31,724 |
25,460 |
30,137 |
पंजाब |
10,777 |
9,834 |
12,027 |
राजस्थान |
37,554 |
32,885 |
40,107 |
सिक्किम |
2,508 |
2,134 |
2,582 |
तमिलनाडु |
27,493 |
23,039 |
27,148 |
तेलंगाना |
16,655 |
11,732 |
13,990 |
त्रिपुरा |
4,387 |
3,899 |
4,712 |
उत्तर प्रदेश |
1,22,729 |
98,618 |
1,19,395 |
उत्तराखंड |
7,189 |
6,072 |
7,441 |
पश्चिम बंगाल |
50,051 |
41,353 |
50,070 |
कुल |
6,83,353 |
5,49,959 |
6,65,563 |
नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के लिए समायोजित करने के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।
तालिका 11: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
मद |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
प्राप्तियां (1+2) |
2,01,976 |
2,33,783 |
16% |
प्राप्तियां, उधारियों के बिना |
1,37,566 |
1,66,525 |
21% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
1,37,494 |
1,65,017 |
20% |
क. स्वयं कर राजस्व |
53,472 |
65,254 |
22% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
9,715 |
11,742 |
21% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
43,373 |
52,247 |
20% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
30,934 |
35,775 |
16% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
4,158 |
5,322 |
-2% |
2. पूंजीगत प्राप्तियां |
64,482 |
68,765 |
7% |
क. उधारियां |
64,411 |
67,258 |
4% |
इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
4,542 |
- |
- |
व्यय (3+4) |
2,01,631 |
2,34,918 |
17% |
3. राजस्व व्यय |
1,58,545 |
1,72,971 |
9% |
4. पूंजीगत व्यय |
43,085 |
61,947 |
44% |
i. पूंजीगत परिव्यय |
29,671 |
40,667 |
37% |
ii. ऋण पुनर्भुगतान |
12,124 |
17,794 |
47% |
राजस्व संतुलन |
21,051 |
7,953 |
-62% |
राजकोषीय संतुलन |
2.29% |
0.7% |
0% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
51,941 |
50,598 |
-3% |
राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
5.66% |
4.47% |
0% |
नोट: राजस्व संतुलन और राजकोषीय संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 12: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
टैक्स |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
एसजीएसटी |
17,537 |
23,000 |
31% |
सेल्स टैक्स/वैट |
12,750 |
14,240 |
12% |
राज्य की एक्साइज ड्यूटी |
9,300 |
12,109 |
30% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,800 |
6,495 |
12% |
वाहन टैक्स |
2,640 |
3,600 |
36% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
3,150 |
3,100 |
-2% |
भूराजस्व |
400 |
850 |
113% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 13: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
32,010 |
36,344 |
14% |
बिजली |
12,286 |
16,745 |
36% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
10,840 |
16,142 |
49% |
ग्रामीण विकास |
14,025 |
12,305 |
-12% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
9,467 |
11,619 |
23% |
सामाजिक कल्याण एवं पोषण |
12,562 |
10,892 |
-13% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
10,258 |
9,860 |
-4% |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
4,897 |
8,412 |
72% |
पुलिस |
7,270 |
8,062 |
11% |
परिवहन |
6,267 |
6,978 |
11% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।
मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने 2 मार्च, 2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक 3 में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
बजट के मुख्य अंश
- 2021-22 के लिए मध्य प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 11,32,116 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 10% की वार्षिक वृद्धि है। पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान (9.17.555 करोड़ रुपए) की तुलना में 2021-22 में जीएसडीपी में 23.4% की वृद्धि का अनुमान है। 2020-21 में जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) के पिछले वर्ष की तुलना में 2.1% संकुचित होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए कुल व्यय 2,34,918 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है।
- 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 1,66,525 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 1,37,566 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की गिरावट है।
- 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 7,953 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि जीएसडीपी का 0.7% है। 2020-21 में, संशोधित आंकड़ों के अनुसार, राजस्व घाटा 21,051 करोड़ रुपए अनुमानित है (जीएसडीपी का 2.29%), जबकि बजटीय अनुमान 17,189 करोड़ रुपए था (जीएसडीपी का 1.81%)।
- 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा 50,598 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 4.47%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीएसडीपी का 5.66% होने की उम्मीद है जोकि 4.96% के बजट अनुमान से अधिक है।
- क्षेत्र: जलापूर्ति और सैनिटेशन के लिए 2019-20 की तुलना में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि हुई है जोकि 54% है, इसके बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (10%), और शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति (10%) का स्थान आता है। 2019-20 के वास्तविक और 2021-22 के अनुमानों के बीच सड़क एवं पुलों के निर्माण तथा ग्रामीण विकास के आबंटनों में भी 2% की वार्षिक वृद्धि देखी गई है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- कृषि: नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग और राज्य सहकारी मार्केटिंग परिसंघों के जरिए किसानों को सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के लिए 2021-22 के लिए 2,000 रुपए आबंटित किए गए हैं।
- शिक्षा: 9,200 स्कूलों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड करने के लिए सीएम राइज योजना को शुरू किया जाएगा। 350 स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए 2021-22 में योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
- स्वरोजगार: कम ब्याज दर पर ऋण देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को शुरू किया जाएगा ताकि युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके। इस योजना के लिए 112 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1: मध्य प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) पर आधारित हैं जिसका यह अर्थ है कि वृद्धि दर को मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित किया गया है। कृषि में खनन शामिल है। Sources: Ministry of Statistics and Programme Implementation; PRS. |
2021-22 के लिए बजट अनुमान
- 2021-22 में 2,34,918 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। इसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 1,66,525 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 67,258 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 6% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
- 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 1% कम होने का अनुमान है। 2020-21 में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट से संशोधित चरण में 0.4% बढ़ने होने का अनुमान है। दूसरी तरफ 2020-21 में उधारियों के बजट से संशोधित चरण में 2% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए राज्य ने 7,953 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 0.7%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 21,051 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि बजट में 17,189 करोड़ रुपए के अनुमानित राजस्व घाटे की तुलना में 22% अधिक है। 2021-22 में 50,598 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.47%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 5.66% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 4.96% अनुमानित था।
तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
कुल व्यय |
1,91,606 |
2,00,343 |
2,01,631 |
1% |
2,34,918 |
11% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
1,47,812 |
1,36,962 |
1,37,566 |
0.4% |
1,66,525 |
6% |
ख. उधारियां |
34,364 |
63,448 |
64,411 |
2% |
67,258 |
40% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
1,82,176 |
2,00,410 |
2,01,976 |
1% |
2,33,783 |
13% |
राजस्व घाटा |
2,692 |
17,189 |
21,051 |
22% |
7,953 |
72% |
जीएसडीपी का % |
0.29% |
1.81% |
2.29% |
0.70% |
||
राजकोषीय घाटा |
32,860 |
47,035 |
51,941 |
10% |
50,598 |
24% |
जीएसडीपी का % |
3.51% |
4.96% |
5.66% |
4.47% |
||
प्राथमिक घाटा |
18,644 |
30,574 |
35,482 |
16% |
29,655 |
26% |
जीएसडीपी का % |
1.99% |
3.22% |
3.87% |
2.62% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। कर राजस्व की गणना के लिए बजट दस्तावेजों ने मद 0028 (आय और व्यय पर अन्य कर) के अंतर्गत राजस्व का इस्तेमाल नहीं किया है, इसलिए विश्लेषण के लिए आंकड़ों में आवश्यक समायोजन किए गए हैं।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में व्यय
पूंजीगत परिव्यय 2021-21 के लिए मध्य प्रदेश का पूंजीगत परिव्यय 40,667 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 18% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय के संशोधित अनुमान 29,671 करोड़ रुपए हैं जोकि 2019-20 के पूंजीगत परिव्यय से 1.5% अधिक हैं। कुल पूंजीगत परिव्यय में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण का हिस्सा 21% है, इसके बाद जलापूर्ति और सैनिटेशन (19%), सड़क और पुल (14%) और ग्रामीण विकास (12%) का हिस्सा आता है। |
- 2021-22 में पूंजीगत व्यय 61,947 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2021-22 के लिए 1,72,971 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में राजस्व व्यय के बजट अनुमान से 3% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 में ऋण चुकाने पर 38,737 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 24% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें 17,794 करोड़ रुपए का ऋण पुनर्भुगतान और 20,943 करोड़ रुपए का ब्याज भुगतान शामिल हैं।
तालिका 2: बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
पूंजीगत व्यय |
41,162 |
46,233 |
43,085 |
-7% |
61,947 |
23% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
29,241 |
28,350 |
29,671 |
5% |
40,667 |
18% |
राजस्व व्यय |
1,50,444 |
1,54,110 |
1,58,545 |
3% |
1,72,971 |
7% |
कुल व्यय |
1,91,606 |
2,00,343 |
2,01,631 |
1% |
2,34,918 |
11% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
10,934 |
16,346 |
12,124 |
-26% |
17,794 |
28% |
ख. ब्याज भुगतान |
14,217 |
16,460 |
16,459 |
0% |
20,943 |
21% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
25,150 |
32,806 |
28,583 |
-13% |
38,737 |
24% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2021-22 के दौरान मध्य प्रदेश के बजटीय व्यय का 64% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 3: मध्य प्रदेश बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बअ |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
वार्षिक परिवर्तन |
बजटीय प्रावधान 2021-22 |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
30,271 |
33,408 |
32,010 |
36,344 |
10% |
प्राथमिक स्कूलों को बनाने के लिए 9,793 करोड़ रुपए और सेकेंडरी शिक्षा के लिए 5,329 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। हायर सेकेंडरी शिक्षा के लिए 4,027 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
बिजली |
14,640 |
10,095 |
12,286 |
16,745 |
7% |
अटल गृह ज्योति योजना के लिए 2,581 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
13,774 |
10,326 |
10,840 |
16,142 |
8% |
अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 4,592 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 3,200 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
12,718 |
13,904 |
14,025 |
12,305 |
-2% |
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2,925 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 2,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
9,580 |
10,164 |
9,467 |
11,619 |
10% |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,035 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। जिला स्तर पर अस्पतालों और डिस्पेंसरीज़ के लिए 1,208 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सामाजिक कल्याण एवं पोषण |
10,391 |
10,612 |
12,562 |
10,892 |
2% |
आंगनवाड़ी योजना के लिए 1,272 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
10,118 |
8,144 |
10,258 |
9,860 |
-1% |
नहरों के निर्माण के लिए 1,996 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं और बांधों के निर्माण के लिए 1,885 करोड़ रुपए। |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
3,557 |
4,688 |
4,897 |
8,412 |
54% |
जल जीवन मिशन के लिए 5,762 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
6,811 |
7,512 |
7,270 |
8,062 |
9% |
मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के लिए 405 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
7,304 |
6,303 |
6,187 |
6,957 |
-2% |
सड़कों की मरम्मत और उन्नयन के लिए 850 करोड़ रुपए दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए 620 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
66% |
63% |
64% |
64% |
|
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है। 2021-22 में मध्य प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 87,573 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 53% है। इसमें 2019-20 की तुलना में 22% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 30%), पेंशन (राजस्व प्राप्तियों का 10%) और ब्याज भुगतान (राजस्व प्राप्तियों का 13%) पर व्यय शामिल हैं। 2020-21 में पेंशन भुगतान में 13% की गिरावट हुई जबकि वेतन भुगतान बजट से संशोधित चरण में 10% बढ़ गया।
तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
वेतन |
32,878 |
38,112 |
42,098 |
10% |
49,717 |
23% |
पेंशन |
12,053 |
16,993 |
14,841 |
-13% |
16,913 |
18% |
ब्याज भुगतान |
14,217 |
16,460 |
16,459 |
0% |
20,943 |
21% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
59,148 |
71,565 |
73,397 |
3% |
87,573 |
22% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में प्राप्तियां
- 2021-22 के लिए 2,33,783 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 13% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें 76,996 करोड़ रुपए (47%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 88,022 करोड़ रुपए (53%) केंद्रीय हस्तांतरण होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 32%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 22%) से मिलेगी। 2011-22 में राज्य को विनिवेश (यानी सरकारी एसेट्स की बिक्री) के जरिए 1,434 करोड़ रुपए की प्राप्तियों का भी अनुमान है।
- हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 3% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, बजटीय चरण की तुलना में हस्तांतरण प्राप्तियों में 6% की गिरावट का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया।
- राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व: 2020-21 में राज्य को 65,254 करोड़ रुपए के कुल स्वयं गैर कर राजस्व का अनुमान है जिसमें 2019-20 के वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राज्य का स्वयं कर राजस्व बजट अनुमान से 9% अधिक होने की उम्मीद है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
राज्य के स्वयं कर |
55,933 |
49,126 |
53,472 |
9% |
65,254 |
8% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
10,350 |
8,860 |
9,715 |
10% |
11,742 |
7% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
49,518 |
46,025 |
43,373 |
-6% |
52,247 |
3% |
केंद्र से सहायतानुदान |
31,952 |
32,910 |
30,934 |
-6% |
35,775 |
6% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
1,47,753 |
1,36,921 |
1,37,494 |
0% |
1,65,018 |
6% |
उधारियां |
34,364 |
63,448 |
64,411 |
2% |
67,258 |
40% |
अन्य प्राप्तियां |
59 |
41 |
71 |
73% |
1,507 |
404% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
34,424 |
63,489 |
64,482 |
2% |
68,765 |
41% |
कुल प्राप्तियां |
1,82,176 |
2,00,410 |
2,01,976 |
1% |
2,33,783 |
13% |
नोट: कर राजस्व की गणना के लिए बजट दस्तावेजों ने मद 0028 (आय और व्यय पर अन्य कर) के अंतर्गत राजस्व का इस्तेमाल नहीं किया है, इसलिए विश्लेषण के लिए आंकड़ों में आवश्यक समायोजन किए गए हैं। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
जीएसटी क्षतिपूर्ति जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों की तुलना में मध्य प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 4,158 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जोकि 2019-20 (4,531 करोड़ रुपए) की तुलना में 8% कम है। 2021-22 में 4,542 करोड़ रुपए के जीएसटी अनुदान के रूप में बैक टू बैक लोन्स की उम्मीद है। 2021-22 में 5,322 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की उम्मीद है जिसमें 2019-20 में मिले अनुदानों से 8% की वार्षिक वृद्धि है। |
- 2021-22 में एसजीएसटी 23,000 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (35%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 9% अधिक होना अनुमानित है।
- 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 12,109 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में राज्य के एक्साइज कलेक्शन बजट अनुमान से 3% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 में सेल्स टैक्स और वैट से 14,240 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 12% की वार्षिक वृद्धि है।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का % |
राज्य का स्वयं कर राजस्व |
55,933 |
49,126 |
53,472 |
9% |
65,254 |
8% |
40% |
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) |
20,448 |
16,111 |
17,537 |
9% |
23,000 |
6% |
14% |
सेल्स टैक्स/वैट |
11,258 |
11,208 |
12,750 |
14% |
14,240 |
12% |
9% |
राज्य एक्साइज |
10,829 |
9,000 |
9,300 |
3% |
12,109 |
6% |
7% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,569 |
5,000 |
5,800 |
16% |
6,495 |
8% |
4% |
वाहन टैक्स |
3,251 |
2,500 |
2,640 |
6% |
3,600 |
5% |
2% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,268 |
3,000 |
3,150 |
5% |
3,100 |
17% |
2% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
4,531 |
4,728 |
4,158 |
-12% |
5,322 |
8% |
3% |
Sources : Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
मध्य प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व घाटा: राजस्व घाटा तब होता है जब राजस्व व्यय, प्राप्तियों से अधिक होता है। राजस्व घाटे का अर्थ यह है कि सरकार को व्यय को पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत पड़ेगी जिससे न तो उसके एसेट्स बढ़ेंगे और न ही देनदारियां कम होंगी। 2021-22 में बजट में 7,953 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है (या जीएसडीपी का 0.7%)। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में मध्य प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव नहीं दिया है।
2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं 15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i) 2021-22 में 4% (ii) 2022-23 में 3.5%, और (iii) 2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से मध्य प्रदेश अपनी कुल देनदारियों को 2020-21 में जीएसडीपी के 31.3% से बढ़ाकर 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 33.7% कर देगा। अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी। |
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2021-22 में 50,598 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.47%)। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 5.66% होने की उम्मीद है जोकि 4.96% के बजट अनुमान से अधिक है।
2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण। फरवरी, 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से मध्य प्रदेश चारों सुधारों को लागू करने के लिए 8,542 करोड़ रुपए तक का उधार लेने के योग्य है।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 28.5% के बराबर होने का अनुमान है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से कम है (जीएसडीपी का 28.8%)। बकाया देनदारियों के 2018-19 में 23.9% से बढ़कर 2021-22 में जीएसडीपी का 28.5% होने का अनुमान है।
तालिका 7: मध्य प्रदेश के लिए घाटे के लिए बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व संतुलन |
राजकोषीय संतुलन |
बकाया ऋण |
2018-19 (वास्तविक) |
1.1% |
-2.7% |
23.9% |
2019-20 (वास्तविक) |
-0.3% |
-3.5% |
24.3% |
2020-21 (संशोधित) |
-2.3% |
-5.7% |
28.8% |
2021-22 (बजटीय) |
-0.7% |
-4.5% |
28.5% |
2022-23 |
>0 |
4% |
31.7% |
2023-24 |
>0 |
4% |
31.8% |
2024-25 |
>0 |
3% |
31.4% |
नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष को दर्शाते हैं। RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS. |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS. |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में मध्य प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (मध्य प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]
- शिक्षा: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 17% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में मध्य प्रदेश का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: मध्य प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 5.4% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) के लगभग बराबर है।
- कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 7.6% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से ज्यादा है।
- ग्रामीण विकास: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 5.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
- पुलिस: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने पुलिस के लिए 3.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) से कम है।
- सड़क और पुल: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 3.3% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से कम है।
नोट: 2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ), and 2021-22 (बअ) के आंकड़े मध्य प्रदेश के हैं।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS; various state budgets; PRS.
अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव
15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41% हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42% का सुझाव दिया था और इसमें से 1% की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर मध्य प्रदेश को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 3.22% हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर मध्य प्रदेश को 3.22 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 3.17 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे ज्यादा है।
तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग की अवधियों के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी
राज्य |
14वां विआ |
15वां विआ |
15वां विआ |
% परिवर्तन |
|
2015-20 |
2020-21 |
2021-26 |
2015-20 से |
2015-20 से |
|
आंध्र प्रदेश |
1.81 |
1.69 |
1.66 |
-8.2% |
-1.6% |
अरुणाचल प्रदेश |
0.58 |
0.72 |
0.72 |
25.2% |
-0.2% |
असम |
1.39 |
1.28 |
1.28 |
-7.8% |
-0.1% |
बिहार |
4.06 |
4.13 |
4.12 |
1.6% |
0.0% |
मध्य प्रदेश |
1.29 |
1.40 |
1.40 |
8.0% |
-0.3% |
गोवा |
0.16 |
0.16 |
0.16 |
-0.3% |
0.0% |
गुजरात |
1.30 |
1.39 |
1.43 |
10.1% |
2.4% |
हरियाणा |
0.46 |
0.44 |
0.45 |
-1.6% |
1.0% |
हिमाचल प्रदेश |
0.30 |
0.33 |
0.34 |
13.6% |
3.9% |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.78 |
- |
- |
- |
- |
झारखंड |
1.32 |
1.36 |
1.36 |
2.8% |
-0.2% |
कर्नाटक |
1.98 |
1.50 |
1.50 |
-24.5% |
0.0% |
केरल |
1.05 |
0.80 |
0.79 |
-24.8% |
-0.9% |
मध्य प्रदेश |
3.17 |
3.23 |
3.22 |
1.5% |
-0.5% |
महाराष्ट्र |
2.32 |
2.52 |
2.59 |
11.7% |
3.0% |
मणिपुर |
0.26 |
0.29 |
0.29 |
13.3% |
-0.3% |
मेघालय |
0.27 |
0.31 |
0.31 |
16.6% |
0.3% |
मिजोरम |
0.19 |
0.21 |
0.21 |
6.1% |
-1.2% |
नागालैंड |
0.21 |
0.24 |
0.23 |
11.5% |
-0.7% |
ओड़िशा |
1.95 |
1.90 |
1.86 |
-4.8% |
-2.2% |
पंजाब |
0.66 |
0.73 |
0.74 |
11.9% |
1.1% |
राजस्थान |
2.31 |
2.45 |
2.47 |
7.1% |
0.8% |
सिक्किम |
0.15 |
0.16 |
0.16 |
3.2% |
0.0% |
तमिलनाडु |
1.69 |
1.72 |
1.67 |
-1.0% |
-2.6% |
तेलंगाना |
1.02 |
0.88 |
0.86 |
-15.8% |
-1.5% |
त्रिपुरा |
0.27 |
0.29 |
0.29 |
7.7% |
-0.1% |
उत्तर प्रदेश |
7.54 |
7.35 |
7.36 |
-2.5% |
0.0% |
उत्तराखंड |
0.44 |
0.45 |
0.46 |
3.7% |
1.3% |
पश्चिम बंगाल |
3.08 |
3.08 |
3.08 |
0.3% |
0.1% |
कुल |
42.00 |
41.00 |
41.00 |
नोट: हालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है।
Sources: Reports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.
15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) शहरी स्थानीय निकायों को 1.2 लाख करोड़ रुपए (ii) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.4 लाख करोड़ रुपए, और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,000 करोड़ रुपए।
मध्य प्रदेश राज्य के लिए निम्नलिखित अनुदानों का सुझाव दिया गया है: |
तालिका 9: 2021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)
नोट: इसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं। |
||||||||||||||||||||||
(i) स्थानीय निकायों के लिए 28,367 करोड़ रुपए का अनुदान, (ii) स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों के लिए 10,177 करोड़ रुपए का क्षेत्र विशिष्ट अनुदान, (iii) आपदा प्रबंधन अनुदान के रूप में 10,059 करोड़ रुपए का अनुदान, और (iv) 1,765 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान। |
तालिका 10: केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण
राज्य |
2019-20 |
2020-21 |
2021-22 |
आंध्र प्रदेश |
29,421 |
22,611 |
26,935 |
अरुणाचल प्रदेश |
9,363 |
9,681 |
11,694 |
असम |
22,627 |
17,220 |
20,819 |
बिहार |
66,049 |
55,334 |
66,942 |
मध्य प्रदेश |
21,049 |
18,799 |
22,676 |
गोवा |
2,583 |
2,123 |
2,569 |
गुजरात |
21,077 |
18,689 |
23,148 |
हरियाणा |
7,408 |
5,951 |
7,275 |
हिमाचल प्रदेश |
4,873 |
4,394 |
5,524 |
जम्मू एवं कश्मीर |
12,623 |
-38 |
- |
झारखंड |
21,452 |
18,221 |
22,010 |
कर्नाटक |
32,209 |
20,053 |
24,273 |
केरल |
17,084 |
10,686 |
12,812 |
मध्य प्रदेश |
51,584 |
43,373 |
52,247 |
महाराष्ट्र |
37,732 |
33,743 |
42,044 |
मणिपुर |
4,216 |
3,949 |
4,765 |
मेघालय |
4,387 |
4,207 |
5,105 |
मिजोरम |
3,144 |
2,783 |
3,328 |
नागालैंड |
3,403 |
3,151 |
3,787 |
ओड़िशा |
31,724 |
25,460 |
30,137 |
पंजाब |
10,777 |
9,834 |
12,027 |
राजस्थान |
37,554 |
32,885 |
40,107 |
सिक्किम |
2,508 |
2,134 |
2,582 |
तमिलनाडु |
27,493 |
23,039 |
27,148 |
तेलंगाना |
16,655 |
11,732 |
13,990 |
त्रिपुरा |
4,387 |
3,899 |
4,712 |
उत्तर प्रदेश |
1,22,729 |
98,618 |
1,19,395 |
उत्तराखंड |
7,189 |
6,072 |
7,441 |
पश्चिम बंगाल |
50,051 |
41,353 |
50,070 |
कुल |
6,83,353 |
5,49,959 |
6,65,563 |
नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के लिए समायोजित करने के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।
तालिका 11: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
मद |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
प्राप्तियां (1+2) |
2,01,976 |
2,33,783 |
16% |
प्राप्तियां, उधारियों के बिना |
1,37,566 |
1,66,525 |
21% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
1,37,494 |
1,65,017 |
20% |
क. स्वयं कर राजस्व |
53,472 |
65,254 |
22% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
9,715 |
11,742 |
21% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
43,373 |
52,247 |
20% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
30,934 |
35,775 |
16% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
4,158 |
5,322 |
-2% |
2. पूंजीगत प्राप्तियां |
64,482 |
68,765 |
7% |
क. उधारियां |
64,411 |
67,258 |
4% |
इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
4,542 |
- |
- |
व्यय (3+4) |
2,01,631 |
2,34,918 |
17% |
3. राजस्व व्यय |
1,58,545 |
1,72,971 |
9% |
4. पूंजीगत व्यय |
43,085 |
61,947 |
44% |
i. पूंजीगत परिव्यय |
29,671 |
40,667 |
37% |
ii. ऋण पुनर्भुगतान |
12,124 |
17,794 |
47% |
राजस्व संतुलन |
21,051 |
7,953 |
-62% |
राजकोषीय संतुलन |
2.29% |
0.7% |
0% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
51,941 |
50,598 |
-3% |
राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
5.66% |
4.47% |
0% |
नोट: राजस्व संतुलन और राजकोषीय संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 12: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
टैक्स |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
एसजीएसटी |
17,537 |
23,000 |
31% |
सेल्स टैक्स/वैट |
12,750 |
14,240 |
12% |
राज्य की एक्साइज ड्यूटी |
9,300 |
12,109 |
30% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,800 |
6,495 |
12% |
वाहन टैक्स |
2,640 |
3,600 |
36% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
3,150 |
3,100 |
-2% |
भूराजस्व |
400 |
850 |
113% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 13: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
32,010 |
36,344 |
14% |
बिजली |
12,286 |
16,745 |
36% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
10,840 |
16,142 |
49% |
ग्रामीण विकास |
14,025 |
12,305 |
-12% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
9,467 |
11,619 |
23% |
सामाजिक कल्याण एवं पोषण |
12,562 |
10,892 |
-13% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
10,258 |
9,860 |
-4% |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
4,897 |
8,412 |
72% |
पुलिस |
7,270 |
8,062 |
11% |
परिवहन |
6,267 |
6,978 |
11% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।
मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने 2 मार्च, 2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक 3 में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
बजट के मुख्य अंश
- 2021-22 के लिए मध्य प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 11,32,116 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 10% की वार्षिक वृद्धि है। पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान (9.17.555 करोड़ रुपए) की तुलना में 2021-22 में जीएसडीपी में 23.4% की वृद्धि का अनुमान है। 2020-21 में जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) के पिछले वर्ष की तुलना में 2.1% संकुचित होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए कुल व्यय 2,34,918 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है।
- 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 1,66,525 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 1,37,566 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की गिरावट है।
- 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 7,953 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि जीएसडीपी का 0.7% है। 2020-21 में, संशोधित आंकड़ों के अनुसार, राजस्व घाटा 21,051 करोड़ रुपए अनुमानित है (जीएसडीपी का 2.29%), जबकि बजटीय अनुमान 17,189 करोड़ रुपए था (जीएसडीपी का 1.81%)।
- 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा 50,598 करोड़ रुपए पर लक्षित है (जीएसडीपी का 4.47%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीएसडीपी का 5.66% होने की उम्मीद है जोकि 4.96% के बजट अनुमान से अधिक है।
- क्षेत्र: जलापूर्ति और सैनिटेशन के लिए 2019-20 की तुलना में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि हुई है जोकि 54% है, इसके बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (10%), और शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति (10%) का स्थान आता है। 2019-20 के वास्तविक और 2021-22 के अनुमानों के बीच सड़क एवं पुलों के निर्माण तथा ग्रामीण विकास के आबंटनों में भी 2% की वार्षिक वृद्धि देखी गई है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- कृषि: नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग और राज्य सहकारी मार्केटिंग परिसंघों के जरिए किसानों को सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के लिए 2021-22 के लिए 2,000 रुपए आबंटित किए गए हैं।
- शिक्षा: 9,200 स्कूलों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड करने के लिए सीएम राइज योजना को शुरू किया जाएगा। 350 स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए 2021-22 में योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।
- स्वरोजगार: कम ब्याज दर पर ऋण देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को शुरू किया जाएगा ताकि युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके। इस योजना के लिए 112 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1: मध्य प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) पर आधारित हैं जिसका यह अर्थ है कि वृद्धि दर को मुद्रास्फीति के हिसाब से समायोजित किया गया है। कृषि में खनन शामिल है। Sources: Ministry of Statistics and Programme Implementation; PRS. |
2021-22 के लिए बजट अनुमान
- 2021-22 में 2,34,918 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। इसमें 2019-20 की तुलना में 11% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 1,66,525 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 67,258 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 6% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
- 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 1% कम होने का अनुमान है। 2020-21 में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट से संशोधित चरण में 0.4% बढ़ने होने का अनुमान है। दूसरी तरफ 2020-21 में उधारियों के बजट से संशोधित चरण में 2% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए राज्य ने 7,953 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 0.7%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 21,051 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि बजट में 17,189 करोड़ रुपए के अनुमानित राजस्व घाटे की तुलना में 22% अधिक है। 2021-22 में 50,598 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.47%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 5.66% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 4.96% अनुमानित था।
तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
कुल व्यय |
1,91,606 |
2,00,343 |
2,01,631 |
1% |
2,34,918 |
11% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
1,47,812 |
1,36,962 |
1,37,566 |
0.4% |
1,66,525 |
6% |
ख. उधारियां |
34,364 |
63,448 |
64,411 |
2% |
67,258 |
40% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
1,82,176 |
2,00,410 |
2,01,976 |
1% |
2,33,783 |
13% |
राजस्व घाटा |
2,692 |
17,189 |
21,051 |
22% |
7,953 |
72% |
जीएसडीपी का % |
0.29% |
1.81% |
2.29% |
0.70% |
||
राजकोषीय घाटा |
32,860 |
47,035 |
51,941 |
10% |
50,598 |
24% |
जीएसडीपी का % |
3.51% |
4.96% |
5.66% |
4.47% |
||
प्राथमिक घाटा |
18,644 |
30,574 |
35,482 |
16% |
29,655 |
26% |
जीएसडीपी का % |
1.99% |
3.22% |
3.87% |
2.62% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। कर राजस्व की गणना के लिए बजट दस्तावेजों ने मद 0028 (आय और व्यय पर अन्य कर) के अंतर्गत राजस्व का इस्तेमाल नहीं किया है, इसलिए विश्लेषण के लिए आंकड़ों में आवश्यक समायोजन किए गए हैं।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में व्यय
पूंजीगत परिव्यय 2021-21 के लिए मध्य प्रदेश का पूंजीगत परिव्यय 40,667 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 18% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय के संशोधित अनुमान 29,671 करोड़ रुपए हैं जोकि 2019-20 के पूंजीगत परिव्यय से 1.5% अधिक हैं। कुल पूंजीगत परिव्यय में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण का हिस्सा 21% है, इसके बाद जलापूर्ति और सैनिटेशन (19%), सड़क और पुल (14%) और ग्रामीण विकास (12%) का हिस्सा आता है। |
- 2021-22 में पूंजीगत व्यय 61,947 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2021-22 के लिए 1,72,971 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 7% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में राजस्व व्यय के बजट अनुमान से 3% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 में ऋण चुकाने पर 38,737 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 24% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें 17,794 करोड़ रुपए का ऋण पुनर्भुगतान और 20,943 करोड़ रुपए का ब्याज भुगतान शामिल हैं।
तालिका 2: बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
पूंजीगत व्यय |
41,162 |
46,233 |
43,085 |
-7% |
61,947 |
23% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
29,241 |
28,350 |
29,671 |
5% |
40,667 |
18% |
राजस्व व्यय |
1,50,444 |
1,54,110 |
1,58,545 |
3% |
1,72,971 |
7% |
कुल व्यय |
1,91,606 |
2,00,343 |
2,01,631 |
1% |
2,34,918 |
11% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
10,934 |
16,346 |
12,124 |
-26% |
17,794 |
28% |
ख. ब्याज भुगतान |
14,217 |
16,460 |
16,459 |
0% |
20,943 |
21% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
25,150 |
32,806 |
28,583 |
-13% |
38,737 |
24% |
नोट्स: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2021-22 के दौरान मध्य प्रदेश के बजटीय व्यय का 64% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 3: मध्य प्रदेश बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बअ |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
वार्षिक परिवर्तन |
बजटीय प्रावधान 2021-22 |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
30,271 |
33,408 |
32,010 |
36,344 |
10% |
प्राथमिक स्कूलों को बनाने के लिए 9,793 करोड़ रुपए और सेकेंडरी शिक्षा के लिए 5,329 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। हायर सेकेंडरी शिक्षा के लिए 4,027 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
बिजली |
14,640 |
10,095 |
12,286 |
16,745 |
7% |
अटल गृह ज्योति योजना के लिए 2,581 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
13,774 |
10,326 |
10,840 |
16,142 |
8% |
अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 4,592 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 3,200 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
12,718 |
13,904 |
14,025 |
12,305 |
-2% |
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2,925 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 2,500 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
9,580 |
10,164 |
9,467 |
11,619 |
10% |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,035 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। जिला स्तर पर अस्पतालों और डिस्पेंसरीज़ के लिए 1,208 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सामाजिक कल्याण एवं पोषण |
10,391 |
10,612 |
12,562 |
10,892 |
2% |
आंगनवाड़ी योजना के लिए 1,272 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
10,118 |
8,144 |
10,258 |
9,860 |
-1% |
नहरों के निर्माण के लिए 1,996 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं और बांधों के निर्माण के लिए 1,885 करोड़ रुपए। |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
3,557 |
4,688 |
4,897 |
8,412 |
54% |
जल जीवन मिशन के लिए 5,762 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
6,811 |
7,512 |
7,270 |
8,062 |
9% |
मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के लिए 405 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
7,304 |
6,303 |
6,187 |
6,957 |
-2% |
सड़कों की मरम्मत और उन्नयन के लिए 850 करोड़ रुपए दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए 620 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
66% |
63% |
64% |
64% |
|
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है। 2021-22 में मध्य प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 87,573 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जोकि उसकी राजस्व प्राप्तियों का 53% है। इसमें 2019-20 की तुलना में 22% की वार्षिक वृद्धि है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 30%), पेंशन (राजस्व प्राप्तियों का 10%) और ब्याज भुगतान (राजस्व प्राप्तियों का 13%) पर व्यय शामिल हैं। 2020-21 में पेंशन भुगतान में 13% की गिरावट हुई जबकि वेतन भुगतान बजट से संशोधित चरण में 10% बढ़ गया।
तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
वेतन |
32,878 |
38,112 |
42,098 |
10% |
49,717 |
23% |
पेंशन |
12,053 |
16,993 |
14,841 |
-13% |
16,913 |
18% |
ब्याज भुगतान |
14,217 |
16,460 |
16,459 |
0% |
20,943 |
21% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
59,148 |
71,565 |
73,397 |
3% |
87,573 |
22% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में प्राप्तियां
- 2021-22 के लिए 2,33,783 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 13% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें 76,996 करोड़ रुपए (47%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 88,022 करोड़ रुपए (53%) केंद्रीय हस्तांतरण होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 32%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 22%) से मिलेगी। 2011-22 में राज्य को विनिवेश (यानी सरकारी एसेट्स की बिक्री) के जरिए 1,434 करोड़ रुपए की प्राप्तियों का भी अनुमान है।
- हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 3% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, बजटीय चरण की तुलना में हस्तांतरण प्राप्तियों में 6% की गिरावट का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया।
- राज्य के स्वयं गैर कर राजस्व: 2020-21 में राज्य को 65,254 करोड़ रुपए के कुल स्वयं गैर कर राजस्व का अनुमान है जिसमें 2019-20 के वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राज्य का स्वयं कर राजस्व बजट अनुमान से 9% अधिक होने की उम्मीद है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
राज्य के स्वयं कर |
55,933 |
49,126 |
53,472 |
9% |
65,254 |
8% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
10,350 |
8,860 |
9,715 |
10% |
11,742 |
7% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
49,518 |
46,025 |
43,373 |
-6% |
52,247 |
3% |
केंद्र से सहायतानुदान |
31,952 |
32,910 |
30,934 |
-6% |
35,775 |
6% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
1,47,753 |
1,36,921 |
1,37,494 |
0% |
1,65,018 |
6% |
उधारियां |
34,364 |
63,448 |
64,411 |
2% |
67,258 |
40% |
अन्य प्राप्तियां |
59 |
41 |
71 |
73% |
1,507 |
404% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
34,424 |
63,489 |
64,482 |
2% |
68,765 |
41% |
कुल प्राप्तियां |
1,82,176 |
2,00,410 |
2,01,976 |
1% |
2,33,783 |
13% |
नोट: कर राजस्व की गणना के लिए बजट दस्तावेजों ने मद 0028 (आय और व्यय पर अन्य कर) के अंतर्गत राजस्व का इस्तेमाल नहीं किया है, इसलिए विश्लेषण के लिए आंकड़ों में आवश्यक समायोजन किए गए हैं। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
जीएसटी क्षतिपूर्ति जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों की तुलना में मध्य प्रदेश को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 4,158 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जोकि 2019-20 (4,531 करोड़ रुपए) की तुलना में 8% कम है। 2021-22 में 4,542 करोड़ रुपए के जीएसटी अनुदान के रूप में बैक टू बैक लोन्स की उम्मीद है। 2021-22 में 5,322 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की उम्मीद है जिसमें 2019-20 में मिले अनुदानों से 8% की वार्षिक वृद्धि है। |
- 2021-22 में एसजीएसटी 23,000 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (35%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 9% अधिक होना अनुमानित है।
- 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 12,109 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 की तुलना में 6% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में राज्य के एक्साइज कलेक्शन बजट अनुमान से 3% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 में सेल्स टैक्स और वैट से 14,240 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 12% की वार्षिक वृद्धि है।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का % |
राज्य का स्वयं कर राजस्व |
55,933 |
49,126 |
53,472 |
9% |
65,254 |
8% |
40% |
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) |
20,448 |
16,111 |
17,537 |
9% |
23,000 |
6% |
14% |
सेल्स टैक्स/वैट |
11,258 |
11,208 |
12,750 |
14% |
14,240 |
12% |
9% |
राज्य एक्साइज |
10,829 |
9,000 |
9,300 |
3% |
12,109 |
6% |
7% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,569 |
5,000 |
5,800 |
16% |
6,495 |
8% |
4% |
वाहन टैक्स |
3,251 |
2,500 |
2,640 |
6% |
3,600 |
5% |
2% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,268 |
3,000 |
3,150 |
5% |
3,100 |
17% |
2% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
4,531 |
4,728 |
4,158 |
-12% |
5,322 |
8% |
3% |
Sources : Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
मध्य प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व घाटा: राजस्व घाटा तब होता है जब राजस्व व्यय, प्राप्तियों से अधिक होता है। राजस्व घाटे का अर्थ यह है कि सरकार को व्यय को पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत पड़ेगी जिससे न तो उसके एसेट्स बढ़ेंगे और न ही देनदारियां कम होंगी। 2021-22 में बजट में 7,953 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है (या जीएसडीपी का 0.7%)। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में मध्य प्रदेश के लिए राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव नहीं दिया है।
2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं 15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i) 2021-22 में 4% (ii) 2022-23 में 3.5%, और (iii) 2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से मध्य प्रदेश अपनी कुल देनदारियों को 2020-21 में जीएसडीपी के 31.3% से बढ़ाकर 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 33.7% कर देगा। अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी। |
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2021-22 में 50,598 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.47%)। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 5.66% होने की उम्मीद है जोकि 4.96% के बजट अनुमान से अधिक है।
2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण। फरवरी, 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से मध्य प्रदेश चारों सुधारों को लागू करने के लिए 8,542 करोड़ रुपए तक का उधार लेने के योग्य है।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 28.5% के बराबर होने का अनुमान है जोकि 2020-21 के संशोधित अनुमान से कम है (जीएसडीपी का 28.8%)। बकाया देनदारियों के 2018-19 में 23.9% से बढ़कर 2021-22 में जीएसडीपी का 28.5% होने का अनुमान है।
तालिका 7: मध्य प्रदेश के लिए घाटे के लिए बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व संतुलन |
राजकोषीय संतुलन |
बकाया ऋण |
2018-19 (वास्तविक) |
1.1% |
-2.7% |
23.9% |
2019-20 (वास्तविक) |
-0.3% |
-3.5% |
24.3% |
2020-21 (संशोधित) |
-2.3% |
-5.7% |
28.8% |
2021-22 (बजटीय) |
-0.7% |
-4.5% |
28.5% |
2022-23 |
>0 |
4% |
31.7% |
2023-24 |
>0 |
4% |
31.8% |
2024-25 |
>0 |
3% |
31.4% |
नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष को दर्शाते हैं। RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS. |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: RE संशोधित अनुमान हैं, और BE बजट अनुमान। Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS. |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में मध्य प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (मध्य प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]
- शिक्षा: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 17% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में मध्य प्रदेश का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: मध्य प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 5.4% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) के लगभग बराबर है।
- कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 7.6% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से ज्यादा है।
- ग्रामीण विकास: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 5.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
- पुलिस: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने पुलिस के लिए 3.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) से कम है।
- सड़क और पुल: 2021-22 में मध्य प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 3.3% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से कम है।
नोट: 2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ), and 2021-22 (बअ) के आंकड़े मध्य प्रदेश के हैं।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS; various state budgets; PRS.
अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव
15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41% हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42% का सुझाव दिया था और इसमें से 1% की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर मध्य प्रदेश को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 3.22% हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर मध्य प्रदेश को 3.22 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 3.17 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे ज्यादा है।
तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग की अवधियों के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी
राज्य |
14वां विआ |
15वां विआ |
15वां विआ |
% परिवर्तन |
|
2015-20 |
2020-21 |
2021-26 |
2015-20 से |
2015-20 से |
|
आंध्र प्रदेश |
1.81 |
1.69 |
1.66 |
-8.2% |
-1.6% |
अरुणाचल प्रदेश |
0.58 |
0.72 |
0.72 |
25.2% |
-0.2% |
असम |
1.39 |
1.28 |
1.28 |
-7.8% |
-0.1% |
बिहार |
4.06 |
4.13 |
4.12 |
1.6% |
0.0% |
मध्य प्रदेश |
1.29 |
1.40 |
1.40 |
8.0% |
-0.3% |
गोवा |
0.16 |
0.16 |
0.16 |
-0.3% |
0.0% |
गुजरात |
1.30 |
1.39 |
1.43 |
10.1% |
2.4% |
हरियाणा |
0.46 |
0.44 |
0.45 |
-1.6% |
1.0% |
हिमाचल प्रदेश |
0.30 |
0.33 |
0.34 |
13.6% |
3.9% |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.78 |
- |
- |
- |
- |
झारखंड |
1.32 |
1.36 |
1.36 |
2.8% |
-0.2% |
कर्नाटक |
1.98 |
1.50 |
1.50 |
-24.5% |
0.0% |
केरल |
1.05 |
0.80 |
0.79 |
-24.8% |
-0.9% |
मध्य प्रदेश |
3.17 |
3.23 |
3.22 |
1.5% |
-0.5% |
महाराष्ट्र |
2.32 |
2.52 |
2.59 |
11.7% |
3.0% |
मणिपुर |
0.26 |
0.29 |
0.29 |
13.3% |
-0.3% |
मेघालय |
0.27 |
0.31 |
0.31 |
16.6% |
0.3% |
मिजोरम |
0.19 |
0.21 |
0.21 |
6.1% |
-1.2% |
नागालैंड |
0.21 |
0.24 |
0.23 |
11.5% |
-0.7% |
ओड़िशा |
1.95 |
1.90 |
1.86 |
-4.8% |
-2.2% |
पंजाब |
0.66 |
0.73 |
0.74 |
11.9% |
1.1% |
राजस्थान |
2.31 |
2.45 |
2.47 |
7.1% |
0.8% |
सिक्किम |
0.15 |
0.16 |
0.16 |
3.2% |
0.0% |
तमिलनाडु |
1.69 |
1.72 |
1.67 |
-1.0% |
-2.6% |
तेलंगाना |
1.02 |
0.88 |
0.86 |
-15.8% |
-1.5% |
त्रिपुरा |
0.27 |
0.29 |
0.29 |
7.7% |
-0.1% |
उत्तर प्रदेश |
7.54 |
7.35 |
7.36 |
-2.5% |
0.0% |
उत्तराखंड |
0.44 |
0.45 |
0.46 |
3.7% |
1.3% |
पश्चिम बंगाल |
3.08 |
3.08 |
3.08 |
0.3% |
0.1% |
कुल |
42.00 |
41.00 |
41.00 |
नोट: हालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है।
Sources: Reports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.
15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) शहरी स्थानीय निकायों को 1.2 लाख करोड़ रुपए (ii) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.4 लाख करोड़ रुपए, और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,000 करोड़ रुपए।
मध्य प्रदेश राज्य के लिए निम्नलिखित अनुदानों का सुझाव दिया गया है: |
तालिका 9: 2021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)
नोट: इसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं। |
||||||||||||||||||||||
(i) स्थानीय निकायों के लिए 28,367 करोड़ रुपए का अनुदान, (ii) स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों के लिए 10,177 करोड़ रुपए का क्षेत्र विशिष्ट अनुदान, (iii) आपदा प्रबंधन अनुदान के रूप में 10,059 करोड़ रुपए का अनुदान, और (iv) 1,765 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान। |
तालिका 10: केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण
राज्य |
2019-20 |
2020-21 |
2021-22 |
आंध्र प्रदेश |
29,421 |
22,611 |
26,935 |
अरुणाचल प्रदेश |
9,363 |
9,681 |
11,694 |
असम |
22,627 |
17,220 |
20,819 |
बिहार |
66,049 |
55,334 |
66,942 |
मध्य प्रदेश |
21,049 |
18,799 |
22,676 |
गोवा |
2,583 |
2,123 |
2,569 |
गुजरात |
21,077 |
18,689 |
23,148 |
हरियाणा |
7,408 |
5,951 |
7,275 |
हिमाचल प्रदेश |
4,873 |
4,394 |
5,524 |
जम्मू एवं कश्मीर |
12,623 |
-38 |
- |
झारखंड |
21,452 |
18,221 |
22,010 |
कर्नाटक |
32,209 |
20,053 |
24,273 |
केरल |
17,084 |
10,686 |
12,812 |
मध्य प्रदेश |
51,584 |
43,373 |
52,247 |
महाराष्ट्र |
37,732 |
33,743 |
42,044 |
मणिपुर |
4,216 |
3,949 |
4,765 |
मेघालय |
4,387 |
4,207 |
5,105 |
मिजोरम |
3,144 |
2,783 |
3,328 |
नागालैंड |
3,403 |
3,151 |
3,787 |
ओड़िशा |
31,724 |
25,460 |
30,137 |
पंजाब |
10,777 |
9,834 |
12,027 |
राजस्थान |
37,554 |
32,885 |
40,107 |
सिक्किम |
2,508 |
2,134 |
2,582 |
तमिलनाडु |
27,493 |
23,039 |
27,148 |
तेलंगाना |
16,655 |
11,732 |
13,990 |
त्रिपुरा |
4,387 |
3,899 |
4,712 |
उत्तर प्रदेश |
1,22,729 |
98,618 |
1,19,395 |
उत्तराखंड |
7,189 |
6,072 |
7,441 |
पश्चिम बंगाल |
50,051 |
41,353 |
50,070 |
कुल |
6,83,353 |
5,49,959 |
6,65,563 |
नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के लिए समायोजित करने के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।
तालिका 11: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
मद |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
प्राप्तियां (1+2) |
2,01,976 |
2,33,783 |
16% |
प्राप्तियां, उधारियों के बिना |
1,37,566 |
1,66,525 |
21% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
1,37,494 |
1,65,017 |
20% |
क. स्वयं कर राजस्व |
53,472 |
65,254 |
22% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
9,715 |
11,742 |
21% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
43,373 |
52,247 |
20% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
30,934 |
35,775 |
16% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
4,158 |
5,322 |
-2% |
2. पूंजीगत प्राप्तियां |
64,482 |
68,765 |
7% |
क. उधारियां |
64,411 |
67,258 |
4% |
इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
4,542 |
- |
- |
व्यय (3+4) |
2,01,631 |
2,34,918 |
17% |
3. राजस्व व्यय |
1,58,545 |
1,72,971 |
9% |
4. पूंजीगत व्यय |
43,085 |
61,947 |
44% |
i. पूंजीगत परिव्यय |
29,671 |
40,667 |
37% |
ii. ऋण पुनर्भुगतान |
12,124 |
17,794 |
47% |
राजस्व संतुलन |
21,051 |
7,953 |
-62% |
राजकोषीय संतुलन |
2.29% |
0.7% |
0% |
राजस्व संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
51,941 |
50,598 |
-3% |
राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी के % के रूप में) |
5.66% |
4.47% |
0% |
नोट: राजस्व संतुलन और राजकोषीय संतुलन के लिए नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 12: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
टैक्स |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
एसजीएसटी |
17,537 |
23,000 |
31% |
सेल्स टैक्स/वैट |
12,750 |
14,240 |
12% |
राज्य की एक्साइज ड्यूटी |
9,300 |
12,109 |
30% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,800 |
6,495 |
12% |
वाहन टैक्स |
2,640 |
3,600 |
36% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
3,150 |
3,100 |
-2% |
भूराजस्व |
400 |
850 |
113% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 13: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
32,010 |
36,344 |
14% |
बिजली |
12,286 |
16,745 |
36% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
10,840 |
16,142 |
49% |
ग्रामीण विकास |
14,025 |
12,305 |
-12% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
9,467 |
11,619 |
23% |
सामाजिक कल्याण एवं पोषण |
12,562 |
10,892 |
-13% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
10,258 |
9,860 |
-4% |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
4,897 |
8,412 |
72% |
पुलिस |
7,270 |
8,062 |
11% |
परिवहन |
6,267 |
6,978 |
11% |
Sources: Madhya Pradesh Budget Documents 2021-22; PRS.
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
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