राजस्थान बजट विश्लेषण

2021-22

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने 24 फरवरी2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक 3 में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

बजट के मुख्य अंश

  • 2021-22 के लिए राजस्थान का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 11,98,348  करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 10% की वार्षिक वृद्धि है और यह 2020-21 में जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (9,57,912 करोड़ रुपए) से 25अधिक है। 2020-21 में जीएसडीपी के 4% संकुचित होने का अनुमान है। इसकी तुलना में 2020-21 में भारत की नॉमिनल जीडीपी के 13% संकुचित होने की (2019-20 की तुलना में) और 2021-22 में 14.4% बढ़ने का अनुमान है (2020-21 की तुलना में)।
  • 2021-22 के लिए कुल व्यय 2,50,747 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 के कुल व्यय की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। संशोधित अनुमानों के असार, 2020-21 में कुल व्यय बजट अनुमान से 10अधिक अनुमानित है।
  • 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 1,85,505 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 9% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 25,796 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (15% की गिरावट)।
  • 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 23,750 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जोकि जीएसडीपी का 1.98% है। 2020-21 में संशोधित आंकड़ों के अनुसार 41,722 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.36%), जोकि बजट अनुमान से तीन गुना ज्यादा है (12,346 करोड़ रुपए, जीएसडीपी का 1.09%)। 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 47,653 करोड़ रुपए है (जीएसडीपी का 3.98%)। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटे के जीएसडीपी के 6.12% होने की उम्मीद है जो 2.99% के बजट अनुमान से अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • कर प्रस्तावकर राहत निम्नलिखित प्रकार से प्रदान की जाएगी: (iई-वाहनों की खरीद पर एसजीएसटी की अदायगी, (ii50 लाख रुपए तक के फ्लैट्स की स्टाम्प ड्यूटी को 6से घटाकर 4% करना, (iiiमंडी शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क और किसानों के लिए आढ़त (ब्रोकरेज) शुल्क में कमी, (ivसामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योजना, 2021 के अंतर्गत गैर लाभकारी संस्थानों के लिए स्टाम्प ड्यूटी, मोटर वाहन पर टैक्स, एसजीएसटी में छूट। 
  • स्वास्थ्य: प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने हेतु सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल योजना शुरू की जाएगी। स्वास्थ्य देखभाल को अधिकार बनाने के लिए एक बिल पेश किया जाएगा। आठ मौजूदा नर्सिंग कॉलेजों के अतिरिक्त 25 नर्सिंग कॉलेज और बनाए जाएंगे। 
  • कृषिअगले साल से कृषि बिल अलग से पेश किया जाएगा। तीन वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना को लागू किया जाएगा ताकि किसानों को बायो फर्टिलाइजर, सूक्ष्म पोषण किट और कंपोस्ट यूनिट (अन्य उपायों के साथ) दी जा सके।
  • उद्योग: (iनई एमएसएमई योजना को जारी किया जाएगा, (iiमारवाड़ में 750 करोड़ रुपए के निवेश से नया औद्योगिक कलस्टर बनाया जाएगा, और (iii1,000 करोड़ रुपए के निवेश से ग्रेटर भिवाड़ी औद्योगिक टाउनशिप बनाई जाएगी।  

राजस्थान की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2020-21 में राजस्थान की जीएसडीपी (स्थिर मूल्यों पर) में 6.6के संकुचन का अनुमान है। इस अवधि में देश की जीडीपी के 7.7संकुचित होने का अनुमान है।   
  • क्षेत्र: 2020-21 में अर्थव्यवस्था में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 29%28% और 42% का योगदान दिया। 2020-21 में सिर्फ कृषि में सकारात्मक वृद्धि का अनुमान है।
  • बेरोजगारी: पीरिऑडिक लेबर फोर्स सर्वे, 2018-19 के अनुसार राज्य की बेरोजगारी दर 5.7% थी जो देश की औसत बेरोजगारी दर (5.8%) के बराबर ही है।

रेखाचित्र 1: राजस्थान में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

 image

SourcesRajasthan Economic Review 2020-21; PRS.

2021-22 के लिए बजट अनुमान

  • 2021-22 में 2,50,747 करोड़ रुपए के कुल व्यय का अनुमान है। इसमें 2019-20 की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 1,85,505 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 61,904   करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 9% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
  • 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 10% बढ़ने का अनुमान है। 2020-21 (संशोधित अनुमानों के अनुसार) में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट अनुमान से 15कम होने का अनुमान है जबकि उधारियों के 102अधिक होने का अनुमान है।
  • 2021-22 के लिए राज्य ने 23,750 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 1.98%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 41,722 करोड़ रुपए अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.36%) जोकि 12,346 करोड़ रुपए के बजट अनुमान (जीएसडीपी का 1.09%) से अधिक है। 2021-22 में 47,653 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 3.98%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 6.12% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 2.99% अनुमानित था।

तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20

वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22)

कुल व्यय

     2,13,491 

   2,25,731 

2,48,063 

10%

2,50,747 

8%

क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना)

     1,55,804 

   1,74,187 

1,48,391 

-15%

1,85,505 

9%

ख. उधारियां

        46,174 

    45,281 

    91,262 

102%

61,904 

16%

कुल प्राप्तियां (ए+बी)

     2,01,978 

   2,19,468 

2,39,653 

9%

2,47,409 

11%

राजस्व घाटा

        36,371 

    12,346 

    41,722 

238%

23,750 

-19%

जीएसडीपी का %

3.64%

1.09%

4.36%

 

1.98%

 

राजकोषीय घाटा

        37,654 

    33,922 

   58,608 

73%

47,653 

12%

जीएसडीपी का %

3.77%

2.99%

6.12%

 

3.98%

 

प्राथमिक घाटा

        14,011 

    8,429 

   33,177 

294%

19,292 

17%

जीएसडीपी का %

1.40%

0.74%

3.46%

 

1.61%

 

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। उधारियों के बिना प्राप्तियों में आपात निधि के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए शामिल हैं।

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.

2021-22 में व्यय

पूंजीगत परिव्यय और ऋण का पुनर्भुगतान 

2020-21 के लिए राजस्थान का पूंजीगत परिव्यय (परिसंपत्तियों के सृजन पर होने वाला व्यय) 24,216 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 28की वार्षिक वृद्धि है। 2021-22 में स्वास्थ्य पर 1,804 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय 2019-20 के परिव्यय से चार गुना ज्यादा है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय का संशोधित अनुमान 16,799 करोड़ रुपए है जिसमें बजट अनुमान की तुलना में 22की गिरावट है।

संशोधित अनुमान के अनुसार, 2020-21 में ऋण का पुनर्भुगतान 41,063 करोड़ रुपए था जोकि बजट अनुमान से 133अधिक है। इससे 2020-21 में पूंजीगत व्यय में 46की वृद्धि हुई।  

  • 2021-22 में पूंजीगत व्यय 42,667 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 के वास्तविक व्यय की तुलना में 7% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैंजोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैंजैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना। 
  • 2021-22 के लिए 2,08,080 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 9की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतानब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में कुल व्यय में राजस्व व्यय का हिस्सा 83% अनुमानित है, जबकि पूंजीगत परिव्यय कुल व्यय के 10से भी कम है।

तालिका 2बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

पूंजीगत व्यय

37,006 

39,981 

58,361 

46%

42,667 

7%

जिसमें पूंजीगत परिव्यय

14,718 

21,619 

16,799 

-22%

24,216 

28%

राजस्व व्यय

1,76,485 

1,85,750 

1,89,702 

2%

2,08,080 

9%

कुल व्यय

2,13,491 

2,25,731 

2,48,063 

10%

2,50,747 

8%

क. ऋण पुनर्भुगतान

20,033 

17,623 

41,063 

133%

17,589 

-6%

ब्याज भुगतान

23,643 

25,494 

25,431 

0%

28,360 

10%

ऋण चुकौती (क+ख)

43,676

43,117

66,494

54.2%

45,949

3%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS

2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय

2021-22 के दौरान राजस्थान के बजटीय व्यय का 68% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता हैइसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।  

तालिका 3: राजस्थान बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2019-20 वास्तविक

2020-21 बअ

2020-21

संअ

2021-22 बअ

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22)

बजटीय प्रावधान 2021-22

शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति

34,291

40,018

38,020

44,309

14%

  • § समग्र शिक्षा अभियान के लिए 9,821 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • § मिड डे कार्यक्रम के लिए 1,062 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

बिजली

25,112

18,736

15,065

19,449

-12%

  • § बिजली पर टैरिफ सबसिडी के लिए 16,237 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

12,144

14,700

13,394

16,269

16%

  • § राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 1,687 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • § सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए 1,463 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

ग्रामीण विकास

12,980

13,329

15,426

15,920

11%

  • § प्रधानमंत्री किसान आवास योजना (ग्रामीण) के लिए  3,700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। 
  • § मनरेगा के लिए 2,539 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

12,587

11,231

15,044

15,563

11%

  • § मुख्यमंत्री सम्मान वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 5,410 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
  • § विधवा पेंशन योजना के लिए 2,283 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

10,523

11,441

13,534

11,810

6%

  • § कृषि ऋण माफी योजना के लिए 3,200 करोड़ रुपए दिए गए हैं। 
  • § प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना के लिए 1,500 करोड़ रुपए दिए गए हैं।  

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

6,593

8,794

7,620

10,024

23%

  • §  ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 5,182 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 
  • § शहरी जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 2,479 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

शहरी विकास

4,970

7,272

9,391

8,674

32%

  • § स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 932 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सड़क और पुल

5,304

6,653

4,749

7,787

21%

  • § प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 1,400 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

पुलिस

6,274

7,005

6,683

7,384

8%

  • § जिला पुलिस के लिए 5,052 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

68%

68%

67%

68%

 

 

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है।

2021-22 में राजस्थान द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 1,14,126 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 10की वार्षिक वृद्धि है। यह 2021-22 में राज्य की अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 62% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 33%), पेंशन (राजस्व प्राप्तियों का 14%) और ब्याज भुगतान (राजस्व प्राप्तियों का 15%) पर व्यय शामिल हैं। 2020-21 में बजट से संशोधित चरण में प्रतिबद्ध व्यय में 3की मामूली गिरावट हुई। राज्य औसतन, अपनी 50राजस्व प्राप्तियों को प्रतिबद्ध व्यय की मदों में खर्च करते हैं (2020-21 के बजट अनुमानों के अनुसार)। 

तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

वेतन

    49,066 

   55,938 

53,618 

-4%

60,293 

11%

पेंशन

    20,761 

   23,404 

22,989 

-2%

25,473 

11%

ब्याज भुगतान

    23,643 

   25,494 

25,431 

0%

28,360 

10%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

    93,470 

1,04,836 

1,02,038 

-3%

1,14,126 

10%

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.

2021-22 में प्राप्तियां

  • 2021-22 में 1,84,330 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान हैजिसमें 2019-20 की तुलना में 15% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें से 1,07,748 करोड़ रुपए (58%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 76,582 करोड़ रुपए (42%) केंद्रीय हस्तांतरण के रूप में होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से (राजस्व प्राप्तियों का 22%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 20%) से मिलेगी।
  • हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 5% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से में बजटीय चरण की तुलना में 30% की गिरावट का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया है।
  • राज्य के स्वयं कर राजस्व: 2020-21 में राज्य को 90,050 करोड़ रुपए के कुल स्वयं कर राजस्व का अनुमान है जिसमें 2019-20 के वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। यह जीएसडीपी की वृद्धि दर से अधिक है (10%)। स्वयं कर जीएसडीपी अनुपात 2019-20 में 5.9% से बढ़कर 2020-21 में 7.5होने का अनुमान है।

तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

राज्य के स्वयं कर

59,245 

    77,030 

  68,885 

-11%

90,050 

23%

राज्य के स्वयं गैर कर

15,714 

    19,596 

  15,724 

-20%

17,698 

6%

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी

36,049 

    46,886 

  32,885 

-30%

40,107 

5%

केंद्र से सहायतानुदान

29,106 

    29,893 

  30,486 

2%

36,475 

12%

कुल राजस्व प्राप्तियां

1,40,114

1,73,405

1,47,980

-15%

1,84,330 

15%

उधारियां

46,174 

    45,281 

   91,262 

102%

61,904 

16%

अन्य प्राप्तियां

15,690 

       782 

     411 

-47%

1,175 

-73%

कुल पूंजीगत प्राप्तियां

61,864 

    46,063 

  91,673 

99%

63,079 

1%

कुल प्राप्तियां

2,01,978 

  2,19,468 

2,39,653 

9%

2,47,409 

11%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत प्राप्तियों में लोक लेखा के अंतर्गत आने वाली प्राप्तियां शामिल हैं। पूंजीगत प्राप्तियों (2021-22) में आपात निधि के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए शामिल हैं।

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.

जीएसटी क्षतिपूर्ति

जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राजस्थान को जीएसटी क्षतिपूर्ति (अनुदान+लोन) के रूप में 9,404 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जोकि 2019-20 (4,440 करोड़ रुपए) की तुलना में 112% अधिक है। 2021-22 में राज्य को 7,204 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति लोन की उम्मीद है, लेकिन जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान का कोई अनुमान नहीं है। 

  • 2021-22 में एसजीएसटी 37,663 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (42%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 31% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 15% कम होने का अनुमान है।
  • 2021-22 में सेल्स टैक्स और वैट से 22,800 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 20% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में सेल्स टैक्स और वैट कलेक्शन बजट अनुमान से 9कम होने का अनुमान है।
  • 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 13,250 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 की तुलना में 18% की वार्षिक वृद्धि है।

तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2019-20 वास्तविक

2020-21 बजटीय

2020-21

संशोधित

बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का %

2021-22 बजटीय

वार्षिक परिवर्तन
 (2019-20 से बअ 2021-22) 

2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का %

राज्य का स्वयं कर राजस्व

  59,244 

  77,029 

  68,885 

-11%

    90,049 

23%

49%

राज्य जीएसटी (एसजीएसटी)

  21,954 

  28,250 

  24,000 

-15%

    37,663 

31%

20%

राज्य  का एक्साइज

  15,843 

  21,000 

  19,100 

-9%

    22,800 

20%

12%

सेल्स टैक्स/वैट

   9,592 

  12,500 

  11,500 

-8%

    13,250 

18%

7%

वाहन टैक्स

   4,951 

6,000 

5,200 

-13%

     6,500 

15%

4%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

   4,235 

5,600 

5,550 

-1%

     6,100 

20%

3%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

   2,263 

2,850 

2,800 

-2%

     2,900 

13%

2%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

   4,440 

4,800 

4,800 

0%

          -   

-100%

-

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

-

4,604

-

7,204

-

-

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.

 

 

2021-22 में घाटेऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

राजस्थान के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।  

2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं

15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए  निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i2021-22 में 4% (ii2022-23 में 3.5%और (iii2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से राजस्थान अपनी कुल देनदारियों को 2020-21 में जीएसडीपी के 41.1से कम करके 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 38.2कर देगा।

अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी। 

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा, और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2021-22 में राजस्थान ने 23,750 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 1.98%) के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में 9,878 करोड़ रुपए के, तथा 2022-23 में 4,862 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव दिया है और इसके बाद राजस्व घाटा अनुदान नहीं दिया जाएगा।   

राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियां बढ़ती हैं। 2021-22 में 47,653 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 3.98%)। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.12% होने की उम्मीद है जोकि 2.99% के बजट अनुमान से अधिक है।

2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण। फरवरी, 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से राजस्थान पहले तीन सुधारों को पूरी तरह और चौथे सुधार को आंशिक रूप से लागू करने के लिए 8,739 करोड़ रुपए तक का उधार लेने के योग्य है।

बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 38.2% के बराबर होने का अनुमान है। 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 42.7% होना अनुमानित है जोकि 2019-20 में दर्ज की गई देनदारियों से 35.3से अधिक है।

तालिका 7: राजस्थान के लिए घाटे के लिए बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के के रूप में)

वर्ष

राजस्व संतुलन

राजकोषीय संतुलन

बकाया देनदारियां

2018-19 (वास्तविक)

-3.1%

-3.7%

33.0%

2019-20 (वास्तविक)

-3.6%

-3.8%

35.3% 

2020-21 (संशोधित)

-4.4%

-6.1%

42.7%

2021-22 (बजटीय)

-2.0%

-4.0%

38.2%

2022-23

 

-3.5%

37.9%

2023-24

 

-2.99%

37.1%

नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है। SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)

image

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है।

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.  

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %) image

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।

SourcesRajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.  

 

 

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित तालिकाओं में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में राजस्थान के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 30 राज्यों (राजस्थान सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]

  • शिक्षा: 2021-22 में राजस्थान ने शिक्षा के लिए बजट का 19.1% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में राजस्थान का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
  • स्वास्थ्य: राजस्थान ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 7% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) से यह ज्यादा है।
  • कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 5.1% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से कम है।
  • ग्रामीण विकास: 2021-22 में राजस्थान ने ग्रामीण विकास के लिए 5.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
  • बिजली: 2021-22 में राजस्थान ने बिजली क्षेत्र के लिए 8.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) का दोगुना है। 
  • सड़क और पुल: 2021-22 में राजस्थान ने सड़कों और पुलों के लिए 3.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से कम है।

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नोट2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ)और 2021-22 (बअ) के आंकड़े राजस्थान के हैं।

SourcesRajasthan Budget 2021-22; various state budgets; PRS.

 

 

अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव

15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42% का सुझाव दिया था और इसमें से 1% की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर राजस्थान को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 2.47% हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर राजस्थान को 2.47 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 2.31 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे ज्यादा है।

तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी 

राज्य

14वां विआ

15वां विआ

15वां विआ

% परिवर्तन

2015-20

2020-21

2021-26

2015-20 से
 2021-26

2015-20 से
 2021-26

आंध्र प्रदेश

1.81

1.69

1.66

-8.2%

-1.6%

अरुणाचल प्रदेश

0.58

0.72

0.72

25.2%

-0.2%

असम

1.39

1.28

1.28

-7.8%

-0.1%

बिहार

4.06

4.13

4.12

1.6%

0.0%

छत्तीसगढ़

1.29

1.40

1.40

8.0%

-0.3%

गोवा

0.16

0.16

0.16

-0.3%

0.0%

गुजरात

1.30

1.39

1.43

10.1%

2.4%

हरियाणा

0.46

0.44

0.45

-1.6%

1.0%

हिमाचल प्रदेश

0.30

0.33

0.34

13.6%

3.9%

जम्मू एवं कश्मीर

0.78

-

-

-

-

झारखंड

1.32

1.36

1.36

2.8%

-0.2%

कर्नाटक

1.98

1.50

1.50

-24.5%

0.0%

केरल

1.05

0.80

0.79

-24.8%

-0.9%

मध्य प्रदेश

3.17

3.23

3.22

1.5%

-0.5%

महाराष्ट्र

2.32

2.52

2.59

11.7%

3.0%

मणिपुर

0.26

0.29

0.29

13.3%

-0.3%

मेघालय

0.27

0.31

0.31

16.6%

0.3%

मिजोरम

0.19

0.21

0.21

6.1%

-1.2%

नागालैंड

0.21

0.24

0.23

11.5%

-0.7%

ओड़िशा

1.95

1.90

1.86

-4.8%

-2.2%

पंजाब

0.66

0.73

0.74

11.9%

1.1%

राजस्थान

2.31

2.45

2.47

7.1%

0.8%

सिक्किम

0.15

0.16

0.16

3.2%

0.0%

तमिलनाडु

1.69

1.72

1.67

-1.0%

-2.6%

तेलंगाना

1.02

0.88

0.86

-15.8%

-1.5%

त्रिपुरा

0.27

0.29

0.29

7.7%

-0.1%

उत्तर प्रदेश

7.54

7.35

7.36

-2.5%

0.0%

उत्तराखंड

0.44

0.45

0.46

3.7%

1.3%

पश्चिम बंगाल

3.08

3.08

3.08

0.3%

0.1%

कुल

42.00

41.00

41.00

   

नोटहालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है।
 SourcesReports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.

15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे(i) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.लाख करोड़ रुपए, (ii) शहरी स्थानीय निकायों को 1.लाख करोड़ रुपए, और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,051 करोड़ रुपए।  

तालिका 92021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)

अनुदान

कुल

राजस्थान

राजस्व घाटा अनुदान

 2,94,514

14,740

स्थानीय सरकारों को अनुदान

 4,36,361

27,172*

क्षेत्र विशिष्ट अनुदान

 1,29,987

6,954#

आपदा प्रबंधन अनुदान

 1,22,601

8,186

राज्य विशिष्ट अनुदान

49,599

2,322

कुल

10,33,062

59,374

नोटइसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं।
 SourceReport of 15th FC; PRS.

राजस्थान के लिए निम्नलिखित अनुदानों का सुझाव दिया गया है: (i) स्थानीय निकायों को 27,172 करोड़ रुपए का अनुदान, (ii) 2021-22 और 2022-23 के लिए 14,740 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान, और (iii) 2,322 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान।

तालिका 10केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण

राज्य

2019-20

2020-21
 
संशोधित

2021-22
 
बजटीय

आंध्र प्रदेश

29,421

22,611

26,935

अरुणाचल प्रदेश

9,363

9,681

11,694

असम

22,627

17,220

20,819

बिहार

66,049

55,334

66,942

छत्तीसगढ़

21,049

18,799

22,676

गोवा

2,583

2,123

2,569

गुजरात

21,077

18,689

23,148

हरियाणा

7,408

5,951

7,275

हिमाचल प्रदेश

4,873

4,394

5,524

जम्मू एवं कश्मीर

12,623

-38

-

झारखंड

21,452

18,221

22,010

कर्नाटक

32,209

20,053

24,273

केरल

17,084

10,686

12,812

मध्य प्रदेश

51,584

43,373

52,247

महाराष्ट्र

37,732

33,743

42,044

मणिपुर

4,216

3,949

4,765

मेघालय

4,387

4,207

5,105

मिजोरम

3,144

2,783

3,328

नागालैंड

3,403

3,151

3,787

ओड़िशा

31,724

25,460

30,137

पंजाब

10,777

9,834

12,027

राजस्थान

37,554

32,885

40,107

सिक्किम

2,508

2,134

2,582

तमिलनाडु

27,493

23,039

27,148

तेलंगाना

16,655

11,732

13,990

त्रिपुरा

4,387

3,899

4,712

उत्तर प्रदेश

1,22,729

98,618

1,19,395

उत्तराखंड

7,189

6,072

7,441

पश्चिम बंगाल

50,051

41,353

50,070

कुल

6,83,353

5,49,959

6,65,563

नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के समायोजन के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।
 Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.

 

 

अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।

तालिका 11: राज्य के बजट के मुख्य घटक (करोड़ रुपए में)

मद

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से  2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

प्राप्तियां (1+2)

2,39,652 

2,47,409 

3%

प्राप्तियां, उधारियों के बिना

1,48,390 

1,85,505 

25%

1.  राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ)

1,47,980 

1,84,330 

25%

क. स्वयं कर राजस्व

68,885 

90,050 

31%

ख. स्वयं गैर कर राजस्व

15,724 

17,698 

13%

ग. केंद्रीय करों में हिस्सा

32,885 

40,107 

22%

घ. केंद्र से सहायतानुदान

30,486 

36,475 

20%

इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

4,800 

-   

-

2.  पूंजीगत प्राप्तियां

91,672 

63,079 

-31%

क. उधारियां

91,262 

61,904 

-32%

इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

4,604   

 7,204 

56%

व्यय (3+4)

2,48,063 

2,50,747 

1%

3.  राजस्व व्यय

1,89,702 

2,08,080 

10%

4.  पूंजीगत व्यय

58,361 

42,667 

-27%

i.  पूंजीगत परिव्यय

16,799 

24,216 

44%

ii. ऋण पुनर्भुगतान

41,063 

17,589 

-57%

राजस्व घाटा

41,722 

23,750 

-43%

राजस्व घाटा (जीएसडीपी के % के रूप में) 

4.36%

1.98%

0%

राजकोषीय घाटा

58,608 

47,653 

-19%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी के % के रूप में)

6.12%

3.98%

0%

नोटनेगेटिव राजस्व वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष दर्शाती है।

Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.

 

तालिका 12राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

टैक्स

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

एसजीएसटी

24,000 

37,663 

57%

सेल्स टैक्स/वैट

19,100 

22,800 

19%

राज्य की एक्साइज ड्यूटी

11,500 

13,250 

15%

वाहन टैक्स

5,200 

6,500 

25%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

5,550 

6,100 

10%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

2,800 

2,900 

4%

भूराजस्व

409 

525 

28%

Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.

तालिका 13मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2020-21 संअ

2021-22 बअ

2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

38,020

44,309

17%

बिजली

15,065

19,449

29%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

13,394

16,269

21%

ग्रामीण विकास

15,426

15,920

3%

समाज कल्याण एवं पोषण

15,044

15,563

3%

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

13,534

11,810

-13%

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

7,620

10,024

32%

शहरी विकास

9,391

8,674

-8%

सड़क एवं पुल

4,749

7,787

64%

पुलिस

6,683

7,384

10%

Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.

[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

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