राजस्थान बजट विश्लेषण
2021-22
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने 24 फरवरी, 2021 को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के असर की वजह से वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था और सरकारी वित्त के लिहाज से स्टैंडर्ड वर्ष नहीं था। इस नोट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2019-20 के वास्तविक आंकड़ों से की गई है (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर या सीएजीआर के संदर्भ में)। अनुलग्नक 3 में 2020-21 के संशोधित अनुमानों और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
बजट के मुख्य अंश
- 2021-22 के लिए राजस्थान का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा मूल्यों पर) 11,98,348 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसमें 2019-20 की तुलना में 10% की वार्षिक वृद्धि है और यह 2020-21 में जीएसडीपी के संशोधित अनुमान (9,57,912 करोड़ रुपए) से 25% अधिक है। 2020-21 में जीएसडीपी के 4% संकुचित होने का अनुमान है। इसकी तुलना में 2020-21 में भारत की नॉमिनल जीडीपी के 13% संकुचित होने की (2019-20 की तुलना में) और 2021-22 में 14.4% बढ़ने का अनुमान है (2020-21 की तुलना में)।
- 2021-22 के लिए कुल व्यय 2,50,747 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2019-20 के कुल व्यय की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। संशोधित अनुमानों के असार, 2020-21 में कुल व्यय बजट अनुमान से 10% अधिक अनुमानित है।
- 2021-22 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 1,85,505 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 9% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) बजट अनुमान से 25,796 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (15% की गिरावट)।
- 2021-22 के लिए राजस्व घाटा 23,750 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जोकि जीएसडीपी का 1.98% है। 2020-21 में संशोधित आंकड़ों के अनुसार 41,722 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4.36%), जोकि बजट अनुमान से तीन गुना ज्यादा है (12,346 करोड़ रुपए, जीएसडीपी का 1.09%)। 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 47,653 करोड़ रुपए है (जीएसडीपी का 3.98%)। 2020-21 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटे के जीएसडीपी के 6.12% होने की उम्मीद है जो 2.99% के बजट अनुमान से अधिक है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- कर प्रस्ताव: कर राहत निम्नलिखित प्रकार से प्रदान की जाएगी: (i) ई-वाहनों की खरीद पर एसजीएसटी की अदायगी, (ii) 50 लाख रुपए तक के फ्लैट्स की स्टाम्प ड्यूटी को 6% से घटाकर 4% करना, (iii) मंडी शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क और किसानों के लिए आढ़त (ब्रोकरेज) शुल्क में कमी, (iv) सामाजिक सुरक्षा निवेश प्रोत्साहन योजना, 2021 के अंतर्गत गैर लाभकारी संस्थानों के लिए स्टाम्प ड्यूटी, मोटर वाहन पर टैक्स, एसजीएसटी में छूट।
- स्वास्थ्य: प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने हेतु सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल योजना शुरू की जाएगी। स्वास्थ्य देखभाल को अधिकार बनाने के लिए एक बिल पेश किया जाएगा। आठ मौजूदा नर्सिंग कॉलेजों के अतिरिक्त 25 नर्सिंग कॉलेज और बनाए जाएंगे।
- कृषि: अगले साल से कृषि बिल अलग से पेश किया जाएगा। तीन वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना को लागू किया जाएगा ताकि किसानों को बायो फर्टिलाइजर, सूक्ष्म पोषण किट और कंपोस्ट यूनिट (अन्य उपायों के साथ) दी जा सके।
- उद्योग: (i) नई एमएसएमई योजना को जारी किया जाएगा, (ii) मारवाड़ में 750 करोड़ रुपए के निवेश से नया औद्योगिक कलस्टर बनाया जाएगा, और (iii) 1,000 करोड़ रुपए के निवेश से ग्रेटर भिवाड़ी औद्योगिक टाउनशिप बनाई जाएगी।
राजस्थान की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1: राजस्थान में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
Sources: Rajasthan Economic Review 2020-21; PRS. |
2021-22 के लिए बजट अनुमान
- 2021-22 में 2,50,747 करोड़ रुपए के कुल व्यय का अनुमान है। इसमें 2019-20 की तुलना में 8% की वार्षिक वृद्धि है। इस व्यय को 1,85,505 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 61,904 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 की तुलना में 2021-22 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 9% की वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है।
- 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, कुल व्यय के बजटीय अनुमानों की तुलना में 10% बढ़ने का अनुमान है। 2020-21 (संशोधित अनुमानों के अनुसार) में प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट अनुमान से 15% कम होने का अनुमान है जबकि उधारियों के 102% अधिक होने का अनुमान है।
- 2021-22 के लिए राज्य ने 23,750 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (जीएसडीपी का 1.98%)। 2020-21 में राजस्व घाटा संशोधित चरण में 41,722 करोड़ रुपए अनुमानित है (जीएसडीपी का 4.36%) जोकि 12,346 करोड़ रुपए के बजट अनुमान (जीएसडीपी का 1.09%) से अधिक है। 2021-22 में 47,653 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है (जीएसडीपी का 3.98%)। 2020-21 में राजकोषीय घाटा संशोधित चरण में जीएसडीपी का 6.12% अनुमानित है जबकि बजटीय चरण में यह जीएसडीपी का 2.99% अनुमानित था।
तालिका 1: बजट 2021-22 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
कुल व्यय |
2,13,491 |
2,25,731 |
2,48,063 |
10% |
2,50,747 |
8% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
1,55,804 |
1,74,187 |
1,48,391 |
-15% |
1,85,505 |
9% |
ख. उधारियां |
46,174 |
45,281 |
91,262 |
102% |
61,904 |
16% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
2,01,978 |
2,19,468 |
2,39,653 |
9% |
2,47,409 |
11% |
राजस्व घाटा |
36,371 |
12,346 |
41,722 |
238% |
23,750 |
-19% |
जीएसडीपी का % |
3.64% |
1.09% |
4.36% |
|
1.98% |
|
राजकोषीय घाटा |
37,654 |
33,922 |
58,608 |
73% |
47,653 |
12% |
जीएसडीपी का % |
3.77% |
2.99% |
6.12% |
|
3.98% |
|
प्राथमिक घाटा |
14,011 |
8,429 |
33,177 |
294% |
19,292 |
17% |
जीएसडीपी का % |
1.40% |
0.74% |
3.46% |
|
1.61% |
|
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। उधारियों के बिना प्राप्तियों में आपात निधि के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए शामिल हैं।
Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में व्यय
पूंजीगत परिव्यय और ऋण का पुनर्भुगतान 2020-21 के लिए राजस्थान का पूंजीगत परिव्यय (परिसंपत्तियों के सृजन पर होने वाला व्यय) 24,216 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 28% की वार्षिक वृद्धि है। 2021-22 में स्वास्थ्य पर 1,804 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय 2019-20 के परिव्यय से चार गुना ज्यादा है। 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय का संशोधित अनुमान 16,799 करोड़ रुपए है जिसमें बजट अनुमान की तुलना में 22% की गिरावट है। संशोधित अनुमान के अनुसार, 2020-21 में ऋण का पुनर्भुगतान 41,063 करोड़ रुपए था जोकि बजट अनुमान से 133% अधिक है। इससे 2020-21 में पूंजीगत व्यय में 46% की वृद्धि हुई। |
- 2021-22 में पूंजीगत व्यय 42,667 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 के वास्तविक व्यय की तुलना में 7% की वार्षिक वृद्धि है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2021-22 के लिए 2,08,080 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 की तुलना में 9% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं। 2020-21 में कुल व्यय में राजस्व व्यय का हिस्सा 83% अनुमानित है, जबकि पूंजीगत परिव्यय कुल व्यय के 10% से भी कम है।
तालिका 2: बजट 2021-22 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
पूंजीगत व्यय |
37,006 |
39,981 |
58,361 |
46% |
42,667 |
7% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
14,718 |
21,619 |
16,799 |
-22% |
24,216 |
28% |
राजस्व व्यय |
1,76,485 |
1,85,750 |
1,89,702 |
2% |
2,08,080 |
9% |
कुल व्यय |
2,13,491 |
2,25,731 |
2,48,063 |
10% |
2,50,747 |
8% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
20,033 |
17,623 |
41,063 |
133% |
17,589 |
-6% |
ख. ब्याज भुगतान |
23,643 |
25,494 |
25,431 |
0% |
28,360 |
10% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
43,676 |
43,117 |
66,494 |
54.2% |
45,949 |
3% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत परिव्यय का अर्थ ऐसा व्यय है जिससे परिसंपत्तियों का सृजन होता है।
Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2021-22 के दौरान राजस्थान के बजटीय व्यय का 68% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में राजस्थान और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक 1 में प्रस्तुत है।
तालिका 3: राजस्थान बजट 2021-22 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बअ |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
वार्षिक परिवर्तन |
बजटीय प्रावधान 2021-22 |
शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति |
34,291 |
40,018 |
38,020 |
44,309 |
14% |
|
बिजली |
25,112 |
18,736 |
15,065 |
19,449 |
-12% |
|
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
12,144 |
14,700 |
13,394 |
16,269 |
16% |
|
ग्रामीण विकास |
12,980 |
13,329 |
15,426 |
15,920 |
11% |
|
समाज कल्याण एवं पोषण |
12,587 |
11,231 |
15,044 |
15,563 |
11% |
|
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
10,523 |
11,441 |
13,534 |
11,810 |
6% |
|
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
6,593 |
8,794 |
7,620 |
10,024 |
23% |
|
शहरी विकास |
4,970 |
7,272 |
9,391 |
8,674 |
32% |
|
सड़क और पुल |
5,304 |
6,653 |
4,749 |
7,787 |
21% |
|
पुलिस |
6,274 |
7,005 |
6,683 |
7,384 |
8% |
|
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % |
68% |
68% |
67% |
68% |
|
Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है।
2021-22 में राजस्थान द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 1,14,126 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 10% की वार्षिक वृद्धि है। यह 2021-22 में राज्य की अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 62% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 33%), पेंशन (राजस्व प्राप्तियों का 14%) और ब्याज भुगतान (राजस्व प्राप्तियों का 15%) पर व्यय शामिल हैं। 2020-21 में बजट से संशोधित चरण में प्रतिबद्ध व्यय में 3% की मामूली गिरावट हुई। राज्य औसतन, अपनी 50% राजस्व प्राप्तियों को प्रतिबद्ध व्यय की मदों में खर्च करते हैं (2020-21 के बजट अनुमानों के अनुसार)।
तालिका 4: प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
वेतन |
49,066 |
55,938 |
53,618 |
-4% |
60,293 |
11% |
पेंशन |
20,761 |
23,404 |
22,989 |
-2% |
25,473 |
11% |
ब्याज भुगतान |
23,643 |
25,494 |
25,431 |
0% |
28,360 |
10% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
93,470 |
1,04,836 |
1,02,038 |
-3% |
1,14,126 |
10% |
Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में प्राप्तियां
- 2021-22 में 1,84,330 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जिसमें 2019-20 की तुलना में 15% की वार्षिक वृद्धि है। इनमें से 1,07,748 करोड़ रुपए (58%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 76,582 करोड़ रुपए (42%) केंद्रीय हस्तांतरण के रूप में होंगे। यह राशि केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से (राजस्व प्राप्तियों का 22%) और सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 20%) से मिलेगी।
- हस्तांतरण: 2021-22 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 2019-20 की तुलना में 5% की वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से में बजटीय चरण की तुलना में 30% की गिरावट का अनुमान है। केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 30% की कटौती इसका कारण हो सकती है, जोकि बजटीय चरण में 7,84,181 करोड़ रुपए से कम होकर संशोधित चरण में 5,49,959 करोड़ रुपए हो गया है।
- राज्य के स्वयं कर राजस्व: 2020-21 में राज्य को 90,050 करोड़ रुपए के कुल स्वयं कर राजस्व का अनुमान है जिसमें 2019-20 के वास्तविक कर राजस्व की तुलना में 23% की वार्षिक वृद्धि है। यह जीएसडीपी की वृद्धि दर से अधिक है (10%)। स्वयं कर जीएसडीपी अनुपात 2019-20 में 5.9% से बढ़कर 2020-21 में 7.5% होने का अनुमान है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
राज्य के स्वयं कर |
59,245 |
77,030 |
68,885 |
-11% |
90,050 |
23% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
15,714 |
19,596 |
15,724 |
-20% |
17,698 |
6% |
केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी |
36,049 |
46,886 |
32,885 |
-30% |
40,107 |
5% |
केंद्र से सहायतानुदान |
29,106 |
29,893 |
30,486 |
2% |
36,475 |
12% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
1,40,114 |
1,73,405 |
1,47,980 |
-15% |
1,84,330 |
15% |
उधारियां |
46,174 |
45,281 |
91,262 |
102% |
61,904 |
16% |
अन्य प्राप्तियां |
15,690 |
782 |
411 |
-47% |
1,175 |
-73% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
61,864 |
46,063 |
91,673 |
99% |
63,079 |
1% |
कुल प्राप्तियां |
2,01,978 |
2,19,468 |
2,39,653 |
9% |
2,47,409 |
11% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। पूंजीगत प्राप्तियों में लोक लेखा के अंतर्गत आने वाली प्राप्तियां शामिल हैं। पूंजीगत प्राप्तियों (2021-22) में आपात निधि के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए शामिल हैं।
Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.
जीएसटी क्षतिपूर्ति जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 सभी राज्यों को जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की पांच वर्षों तक (2022 तक) भरपाई करने की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में 14% की वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है, और ऐसा न होने पर राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा अनुदान दिया जाता है। ये अनुदान केंद्र द्वारा वसूले जाने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस से दिए जाते हैं। चूंकि 2020-21 में राज्यों की क्षतिपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए सेस कलेक्शन पर्याप्त नहीं था, उनकी जरूरत के एक हिस्से को केंद्र के लोन्स के जरिए पूरा किया जाएगा (जोकि भविष्य के सेस कलेक्शन से चुकाया जाएगा)। 2020-21 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राजस्थान को जीएसटी क्षतिपूर्ति (अनुदान+लोन) के रूप में 9,404 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जोकि 2019-20 (4,440 करोड़ रुपए) की तुलना में 112% अधिक है। 2021-22 में राज्य को 7,204 करोड़ रुपए के जीएसटी क्षतिपूर्ति लोन की उम्मीद है, लेकिन जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान का कोई अनुमान नहीं है। |
- 2021-22 में एसजीएसटी 37,663 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि राज्य के स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत (42%) है। 2019-20 में वास्तविक एसजीएसटी राजस्व की तुलना में इसमें 31% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में एसजीएसटी के बजट अनुमान से 15% कम होने का अनुमान है।
- 2021-22 में सेल्स टैक्स और वैट से 22,800 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है जिसमें 2019-20 की तुलना में 20% की वार्षिक वृद्धि है। 2020-21 में सेल्स टैक्स और वैट कलेक्शन बजट अनुमान से 9% कम होने का अनुमान है।
- 2021-22 में राज्य को एक्साइज ड्यूटी से 13,250 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है जिसमें 2019-20 की तुलना में 18% की वार्षिक वृद्धि है।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2019-20 वास्तविक |
2020-21 बजटीय |
2020-21 संशोधित |
बअ 2020-21 से संअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2021-22 बजटीय |
वार्षिक परिवर्तन |
2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का % |
राज्य का स्वयं कर राजस्व |
59,244 |
77,029 |
68,885 |
-11% |
90,049 |
23% |
49% |
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) |
21,954 |
28,250 |
24,000 |
-15% |
37,663 |
31% |
20% |
राज्य का एक्साइज |
15,843 |
21,000 |
19,100 |
-9% |
22,800 |
20% |
12% |
सेल्स टैक्स/वैट |
9,592 |
12,500 |
11,500 |
-8% |
13,250 |
18% |
7% |
वाहन टैक्स |
4,951 |
6,000 |
5,200 |
-13% |
6,500 |
15% |
4% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
4,235 |
5,600 |
5,550 |
-1% |
6,100 |
20% |
3% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,263 |
2,850 |
2,800 |
-2% |
2,900 |
13% |
2% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
4,440 |
4,800 |
4,800 |
0% |
- |
-100% |
- |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
- |
- |
4,604 |
- |
7,204 |
- |
- |
Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.
2021-22 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
राजस्थान के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
2021-26 के लिए राजकोषीय योजनाएं 15वें वित्त आयोग ने 2021-26 में राज्यों के लिए निम्नलिखित राजकोषीय घाटा सीमा का सुझाव दिया है (i) 2021-22 में 4% (ii) 2022-23 में 3.5%, और (iii) 2023-26 में 3%। आयोग ने अनुमान लगाया है कि इस तरीके से राजस्थान अपनी कुल देनदारियों को 2020-21 में जीएसडीपी के 41.1% से कम करके 2025-26 के अंत तक जीसएडीपी का 38.2% कर देगा। अगर राज्य पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उधारी की निर्दिष्ट सीमा का उपयोग नहीं कर पाया तो वह बाद के वर्षों (2021-26 की अवधि में शेष) में उपयोग न हुई राशि हासिल कर सकता है। अगर राज्य बिजली क्षेत्र के सुधार करते हैं तो पहले चार वर्षों (2021-25) के दौरान उन्हें जीएसडीपी के 0.5% मूल्य की अतिरिक्त वार्षिक उधारी लेने की अनुमति होगी। इन सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ऑपरेशनल नुकसान कम करना, (ii) राजस्व अंतराल में कमी, (iii) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को अपनाने से नकद सबसिडी के भुगतान में कमी, और (iv) राजस्व के प्रतिशत के रूप में टैरिफ सबसिडी में कमी। |
राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा, और न ही देनदारियों को कम करेगा। 2021-22 में राजस्थान ने 23,750 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 1.98%) के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है। 15वें वित्त आयोग ने 2021-22 में 9,878 करोड़ रुपए के, तथा 2022-23 में 4,862 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा अनुदान का सुझाव दिया है और इसके बाद राजस्व घाटा अनुदान नहीं दिया जाएगा।
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियां बढ़ती हैं। 2021-22 में 47,653 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 3.98%)। संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.12% होने की उम्मीद है जोकि 2.99% के बजट अनुमान से अधिक है।
2020-21 में उधारियों पर निर्भरता बढ़ी: कोविड-19 के कारण केंद्र सरकार ने 2020-21 में सभी राज्यों को अपने राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5% बढ़ाने की अनुमति दी है। सभी राज्य अपने राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 4% कर सकते हैं। शेष 1% के लिए शर्त यह है कि राज्य कुछ सुधारों को लागू करेंगे (प्रत्येक सुधार के लिए 0.25%)। ये सुधार हैं (i) एक देश एक राशन कार्ड, (ii) ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस, (iii) शहरी स्थानीय निकाय/यूटिलिटी और (iv) बिजली वितरण। फरवरी, 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से राजस्थान पहले तीन सुधारों को पूरी तरह और चौथे सुधार को आंशिक रूप से लागू करने के लिए 8,739 करोड़ रुपए तक का उधार लेने के योग्य है।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2021-22 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 38.2% के बराबर होने का अनुमान है। 2020-21 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 42.7% होना अनुमानित है जोकि 2019-20 में दर्ज की गई देनदारियों से 35.3% से अधिक है।
तालिका 7: राजस्थान के लिए घाटे के लिए बजटीय लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व संतुलन |
राजकोषीय संतुलन |
बकाया देनदारियां |
2018-19 (वास्तविक) |
-3.1% |
-3.7% |
33.0% |
2019-20 (वास्तविक) |
-3.6% |
-3.8% |
35.3% |
2020-21 (संशोधित) |
-4.4% |
-6.1% |
42.7% |
2021-22 (बजटीय) |
-2.0% |
-4.0% |
38.2% |
2022-23 |
|
-3.5% |
37.9% |
2023-24 |
|
-2.99% |
37.1% |
नोट: बकाया ऋण में आंतरिक ऋण के अंतर्गत बकाया ऋण, केंद्र से लोन और अग्रिम, छोटी बचत, प्रॉविडेंट फंड, और इंश्योरेंस और पेंशन फंड शामिल हैं। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है। Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS.
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। नेगेटिव वैल्यू घाटे और पॉजिटिव वैल्यू अधिशेष को दर्शाती है। Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS. |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %) नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। Sources: Rajasthan Budget Documents 2021-22; PRS. |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित तालिकाओं में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में राजस्थान के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 30 राज्यों (राजस्थान सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2020-21 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]
- शिक्षा: 2021-22 में राजस्थान ने शिक्षा के लिए बजट का 19.1% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.8%) उसकी तुलना में राजस्थान का आबंटन अधिक है (2020-21 बजट अनुमान)।
- स्वास्थ्य: राजस्थान ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 7% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.5%) से यह ज्यादा है।
- कृषि: राज्य ने 2021-22 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 5.1% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (6.3%) से कम है।
- ग्रामीण विकास: 2021-22 में राजस्थान ने ग्रामीण विकास के लिए 5.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से कम है।
- बिजली: 2021-22 में राजस्थान ने बिजली क्षेत्र के लिए 8.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.3%) का दोगुना है।
- सड़क और पुल: 2021-22 में राजस्थान ने सड़कों और पुलों के लिए 3.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.3%) से कम है।
|
|
|
||
|
|
|
|
|
नोट: 2019-20, 2020-21 (बअ), 2020-21 (संअ), और 2021-22 (बअ) के आंकड़े राजस्थान के हैं।
Sources: Rajasthan Budget 2021-22; various state budgets; PRS.
अनुलग्नक 2: 2021-26 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव
15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2021 को 2021-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। 2021-26 की अवधि के लिए आयोग ने केंद्रीय करों में राज्यों का 41% हिस्सा सुझाया गया है जोकि 2020-21 (जिसे 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाया था) के लगभग समान ही है। 14वें वित्त आयोग (2015-20 की अवधि) ने 42% का सुझाव दिया था और इसमें से 1% की कटौती इसलिए की गई है ताकि नए गठित जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को अलग से धनराशि दी जा सके। 15वें वित्त आयोग ने प्रत्येक राज्य के हिस्से को निर्धारित करने के लिए अलग मानदंड प्रस्तावित किए हैं (जोकि 14वें वित्त आयोग से अलग हैं)। 2021-26 की अवधि के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों के आधार पर राजस्थान को केंद्रीय करों के डिवाइजिबल पूल से 2.47% हिस्सा मिलेगा। इसका अर्थ यह है कि 2021-22 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर राजस्थान को 2.47 रुपए मिलेंगे। 14वें वित्त आयोग ने राज्य के लिए 2.31 रुपए का सुझाव दिया था और यह उससे ज्यादा है।
तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी
राज्य |
14वां विआ |
15वां विआ |
15वां विआ |
% परिवर्तन |
|
2015-20 |
2020-21 |
2021-26 |
2015-20 से |
2015-20 से |
|
आंध्र प्रदेश |
1.81 |
1.69 |
1.66 |
-8.2% |
-1.6% |
अरुणाचल प्रदेश |
0.58 |
0.72 |
0.72 |
25.2% |
-0.2% |
असम |
1.39 |
1.28 |
1.28 |
-7.8% |
-0.1% |
बिहार |
4.06 |
4.13 |
4.12 |
1.6% |
0.0% |
छत्तीसगढ़ |
1.29 |
1.40 |
1.40 |
8.0% |
-0.3% |
गोवा |
0.16 |
0.16 |
0.16 |
-0.3% |
0.0% |
गुजरात |
1.30 |
1.39 |
1.43 |
10.1% |
2.4% |
हरियाणा |
0.46 |
0.44 |
0.45 |
-1.6% |
1.0% |
हिमाचल प्रदेश |
0.30 |
0.33 |
0.34 |
13.6% |
3.9% |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.78 |
- |
- |
- |
- |
झारखंड |
1.32 |
1.36 |
1.36 |
2.8% |
-0.2% |
कर्नाटक |
1.98 |
1.50 |
1.50 |
-24.5% |
0.0% |
केरल |
1.05 |
0.80 |
0.79 |
-24.8% |
-0.9% |
मध्य प्रदेश |
3.17 |
3.23 |
3.22 |
1.5% |
-0.5% |
महाराष्ट्र |
2.32 |
2.52 |
2.59 |
11.7% |
3.0% |
मणिपुर |
0.26 |
0.29 |
0.29 |
13.3% |
-0.3% |
मेघालय |
0.27 |
0.31 |
0.31 |
16.6% |
0.3% |
मिजोरम |
0.19 |
0.21 |
0.21 |
6.1% |
-1.2% |
नागालैंड |
0.21 |
0.24 |
0.23 |
11.5% |
-0.7% |
ओड़िशा |
1.95 |
1.90 |
1.86 |
-4.8% |
-2.2% |
पंजाब |
0.66 |
0.73 |
0.74 |
11.9% |
1.1% |
राजस्थान |
2.31 |
2.45 |
2.47 |
7.1% |
0.8% |
सिक्किम |
0.15 |
0.16 |
0.16 |
3.2% |
0.0% |
तमिलनाडु |
1.69 |
1.72 |
1.67 |
-1.0% |
-2.6% |
तेलंगाना |
1.02 |
0.88 |
0.86 |
-15.8% |
-1.5% |
त्रिपुरा |
0.27 |
0.29 |
0.29 |
7.7% |
-0.1% |
उत्तर प्रदेश |
7.54 |
7.35 |
7.36 |
-2.5% |
0.0% |
उत्तराखंड |
0.44 |
0.45 |
0.46 |
3.7% |
1.3% |
पश्चिम बंगाल |
3.08 |
3.08 |
3.08 |
0.3% |
0.1% |
कुल |
42.00 |
41.00 |
41.00 |
नोट: हालांकि 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 और 2021-26 की अवधियों के लिए एक जैसे मानदंडों का सुझाव दिया है, कुछ संकेतकों की गणना की संदर्भ अवधि अलग है। इसलिए 2020-21 और 2021-26 में राज्यों को डिवाइजिबल पूल से अलग-अलग हिस्सा मिलेगा। राज्यों के हिस्सो को दो दशलम बिंदु के साथ पूर्णांक बना दिया है।
Sources: Reports of 14th and 15th FCs; Union Budget Documents 2021-22; PRS.
15वें वित्त आयोग ने पांच वर्षों (2021-26) में राज्यों के लिए 10.3 लाख करोड़ रुपए के अनुदानों का सुझाव दिया है। इन अनुदानों का एक हिस्सा सशर्त होगा। 17 राज्यों को इस अवधि के लिए राजस्व घाटा अनुदान दिया जाएगा। क्षेत्र विशिष्ट अनुदानों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए अनुदान दिए जाएंगे। स्थानीय सरकारों के अनुदानों में निम्नलिखित शामिल होंगे: (i) ग्रामीण स्थानीय निकायों को 2.4 लाख करोड़ रुपए, (ii) शहरी स्थानीय निकायों को 1.2 लाख करोड़ रुपए, और (iii) स्थानीय सरकारों के जरिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 70,051 करोड़ रुपए। |
तालिका 9: 2021-26 के लिए अनुदान (करोड़ रुपए में)
नोट: इसमें प्रतिस्पर्धा आधारित अनुदान शमिल नहीं, जिनमें *नए शहरों के इनक्यूबेशन के लिए अनुदान (स्थानीय निकायों के अनुदानों का भाग) और #स्कूली शिक्षा और आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स के अनुदान शामिल हैं। |
|||||||||||||||||||||
राजस्थान के लिए निम्नलिखित अनुदानों का सुझाव दिया गया है: (i) स्थानीय निकायों को 27,172 करोड़ रुपए का अनुदान, (ii) 2021-22 और 2022-23 के लिए 14,740 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान, और (iii) 2,322 करोड़ रुपए का राज्य विशिष्ट अनुदान। |
तालिका 10: केंद्रीय बजट 2021-22 में राज्यों को कर हस्तांतरण
राज्य |
2019-20 |
2020-21 |
2021-22 |
आंध्र प्रदेश |
29,421 |
22,611 |
26,935 |
अरुणाचल प्रदेश |
9,363 |
9,681 |
11,694 |
असम |
22,627 |
17,220 |
20,819 |
बिहार |
66,049 |
55,334 |
66,942 |
छत्तीसगढ़ |
21,049 |
18,799 |
22,676 |
गोवा |
2,583 |
2,123 |
2,569 |
गुजरात |
21,077 |
18,689 |
23,148 |
हरियाणा |
7,408 |
5,951 |
7,275 |
हिमाचल प्रदेश |
4,873 |
4,394 |
5,524 |
जम्मू एवं कश्मीर |
12,623 |
-38 |
- |
झारखंड |
21,452 |
18,221 |
22,010 |
कर्नाटक |
32,209 |
20,053 |
24,273 |
केरल |
17,084 |
10,686 |
12,812 |
मध्य प्रदेश |
51,584 |
43,373 |
52,247 |
महाराष्ट्र |
37,732 |
33,743 |
42,044 |
मणिपुर |
4,216 |
3,949 |
4,765 |
मेघालय |
4,387 |
4,207 |
5,105 |
मिजोरम |
3,144 |
2,783 |
3,328 |
नागालैंड |
3,403 |
3,151 |
3,787 |
ओड़िशा |
31,724 |
25,460 |
30,137 |
पंजाब |
10,777 |
9,834 |
12,027 |
राजस्थान |
37,554 |
32,885 |
40,107 |
सिक्किम |
2,508 |
2,134 |
2,582 |
तमिलनाडु |
27,493 |
23,039 |
27,148 |
तेलंगाना |
16,655 |
11,732 |
13,990 |
त्रिपुरा |
4,387 |
3,899 |
4,712 |
उत्तर प्रदेश |
1,22,729 |
98,618 |
1,19,395 |
उत्तराखंड |
7,189 |
6,072 |
7,441 |
पश्चिम बंगाल |
50,051 |
41,353 |
50,070 |
कुल |
6,83,353 |
5,49,959 |
6,65,563 |
नोट: 2019-20 के वास्तविक आंकड़े और 2020-21 के संशोधित अनुमान पिछले वर्षों में अधिक या कम विचलन के समायोजन के बाद केंद्रीय बजट में प्रदर्शित किए गए हैं।
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
अनुलग्नक 3: 2020-21 के संशोधित और 2021-22 के बजट अनुमानों के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना 2020-21 के संशोधित अनुमानों से की गई है।
तालिका 11: राज्य के बजट के मुख्य घटक (करोड़ रुपए में)
मद |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
प्राप्तियां (1+2) |
2,39,652 |
2,47,409 |
3% |
प्राप्तियां, उधारियों के बिना |
1,48,390 |
1,85,505 |
25% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
1,47,980 |
1,84,330 |
25% |
क. स्वयं कर राजस्व |
68,885 |
90,050 |
31% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
15,724 |
17,698 |
13% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
32,885 |
40,107 |
22% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
30,486 |
36,475 |
20% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
4,800 |
- |
- |
2. पूंजीगत प्राप्तियां |
91,672 |
63,079 |
-31% |
क. उधारियां |
91,262 |
61,904 |
-32% |
इनमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
4,604 |
7,204 |
56% |
व्यय (3+4) |
2,48,063 |
2,50,747 |
1% |
3. राजस्व व्यय |
1,89,702 |
2,08,080 |
10% |
4. पूंजीगत व्यय |
58,361 |
42,667 |
-27% |
i. पूंजीगत परिव्यय |
16,799 |
24,216 |
44% |
ii. ऋण पुनर्भुगतान |
41,063 |
17,589 |
-57% |
राजस्व घाटा |
41,722 |
23,750 |
-43% |
राजस्व घाटा (जीएसडीपी के % के रूप में) |
4.36% |
1.98% |
0% |
राजकोषीय घाटा |
58,608 |
47,653 |
-19% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी के % के रूप में) |
6.12% |
3.98% |
0% |
नोट: नेगेटिव राजस्व वैल्यू घाटे और पॉजिटिव अधिशेष दर्शाती है।
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 12: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
टैक्स |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
एसजीएसटी |
24,000 |
37,663 |
57% |
सेल्स टैक्स/वैट |
19,100 |
22,800 |
19% |
राज्य की एक्साइज ड्यूटी |
11,500 |
13,250 |
15% |
वाहन टैक्स |
5,200 |
6,500 |
25% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
5,550 |
6,100 |
10% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,800 |
2,900 |
4% |
भूराजस्व |
409 |
525 |
28% |
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
तालिका 13: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2020-21 संअ |
2021-22 बअ |
2020-21 संअ से 2021-22 बअ के बीच परिवर्तन की दर |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
38,020 |
44,309 |
17% |
बिजली |
15,065 |
19,449 |
29% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
13,394 |
16,269 |
21% |
ग्रामीण विकास |
15,426 |
15,920 |
3% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
15,044 |
15,563 |
3% |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
13,534 |
11,810 |
-13% |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
7,620 |
10,024 |
32% |
शहरी विकास |
9,391 |
8,674 |
-8% |
सड़क एवं पुल |
4,749 |
7,787 |
64% |
पुलिस |
6,683 |
7,384 |
10% |
Sources: Union Budget Documents 2021-22; PRS.
[1] 30 राज्यों में दिल्ली और जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
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