राजस्थान के वित्त मंत्री श्री अशोक गहलौत ने 10 फरवरी, 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
-
2023-24 के लिए राजस्थान का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 15.7 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के मुकाबले 11.5% की वृद्धि है।
-
2023-24 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 2,97,091 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 7.1% अधिक है। इसके अलावा राज्य द्वारा 93,766 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा।
-
2023-24 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 2,34,319 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 8.4% की वृद्धि है। 2022-23 में बजट अनुमानों की तुलना में प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) में मामूली 0.4% की वृद्धि का अनुमान है।
-
2023-24 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.6% (24,896 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.3%) से कम है। 2022-23 में राजस्व घाटा 2.3% रहने की उम्मीद है जो बजट अनुमान (जीएसडीपी का 1.8%) से अधिक है।
-
2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4.0% (62,772 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2022-23 में संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.3% रहने की उम्मीद है जो बजट अनुमान (4.4%) से थोड़ा कम है।
नीतिगत विशिष्टताएं
-
विधायी प्रस्ताव: गिग वर्कर्स कल्याण कानून को पेश किया जाएगा जिसके तहत गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड और गिग वर्कर्स कल्याण और विकास फंड बनाया जाएगा। इस फंड के लिए 200 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
-
बिजली: मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के तहत उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती थी। इसे बढ़ाकर 100 यूनिट कर दिया गया है।
-
समाज कल्याण: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट, 2013 के तहत लाभार्थियों को मुफ्त राशन और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट (इसमें चावल, चीनी, तेल शामिल हैं) दिया जाएगा।
-
शिक्षा एवं कौशल विकास: एक युवा नीति तैयार की जाएगी जिसके तहत शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार प्रदान करने के लिए युवा विकास और कल्याण कोष स्थापित किया जाएगा।
राजस्थान की अर्थव्यवस्था
|
रेखाचित्र 1 : राजस्थान में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
नोट: ये संख्या स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैं, जिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। |
2023-24 के लिए बजट अनुमान
-
2023-24 में 2,97,091 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 7.1% अधिक है। इस व्यय को 2,34,319 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 54,589 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 के लिए कुल प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 8.4% की वृद्धि की उम्मीद है।
-
2023-24 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.6% (24,896 करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.3%) से कम है। 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4% (62,772 करोड़ रुपए) पर लक्षित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 4.3%) से कम है। 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 3.5% (बिजली क्षेत्र में सुधार करने के लिए 0.5% सहित) राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है।
-
2022-23 में राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से बजट अनुमानों से अधिक है। हालांकि जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में, यह बजट अनुमानों से संशोधित अनुमानों में जीएसडीपी में 6% की वृद्धि के कारण लगभग 0.1 प्रतिशत अंक कम है। 2022-23 में, जबकि व्यय में 2022-23 के बजट अनुमानों की तुलना में 1.5% की वृद्धि देखी गई है, प्राप्तियों में बजट अनुमानों की तुलना में जीएसडीपी के 0.4% की मामूली वृद्धि होने की उम्मीद है।
तालिका 1: बजट 2023-24 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
2,90,691 |
3,46,183 |
3,82,247 |
10.4% |
3,90,856 |
2.3% |
(-) ऋण का पुनर्भुगतान |
56,128 |
72,715 |
1,04,810 |
22.7% |
93,766 |
-1.5% |
शुद्ध व्यय (E) |
2,34,563 |
2,73,468 |
2,77,436 |
1.5% |
2,97,091 |
7.1% |
कुल प्राप्तियां |
2,87,688 |
3,38,075 |
3,66,858 |
8.5% |
3,82,674 |
4.3% |
(-) उधारियां |
1,01,363 |
1,22,819 |
1,50,686 |
22.7% |
1,48,355 |
-1.5% |
शुद्ध प्राप्तियां (R) |
1,86,325 |
2,15,256 |
2,16,173 |
0.4% |
2,34,319 |
8.4% |
राजकोषीय घाटा (E-R) |
48,238 |
58,212 |
61,264 |
5.2% |
62,772 |
2.5% |
जीएसडीपी का % |
4.0% |
4.4% |
4.3% |
4.0% |
||
राजस्व घाटा |
-25,870 |
-23,489 |
-32,310 |
37.6% |
-24,896 |
-22.9% |
जीएसडीपी का % |
-2.1% |
-1.8% |
-2.3% |
-1.6% |
||
प्राथमिक घाटा |
20,137 |
29,373 |
30,530 |
3.9% |
30,378 |
-0.5% |
जीएसडीपी का % |
1.7% |
2.2% |
2.2% |
1.9% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: राजस्थान बजट डॉक्यूमेंट्स 2023-24; पीआरएस।
2023-24 में व्यय
भविष्य में पेंशन का भार बढ़ सकता है राजस्थान सहित कई राज्यों ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की बजाय पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से लागू करने की घोषणा की थी। यह देखते हुए कि राज्यों से वर्तमान सेवानिवृत्त लोग मुख्य रूप से ओपीएस में नामांकित हैं, ओपीएस में वापस जाने के कारण तत्काल वित्तीय तनाव महसूस नहीं किया जाएगा। दरअसल राजस्थान ने एनपीएस के लिए अपना आवंटन 2021-22 (वास्तविक) में 1,926 करोड़ रुपए से घटाकर 2023-24 (बजट अनुमान) में 5 करोड़ रुपए कर दिया है। हालांकि, जब एनपीएस के लागू होने के बाद उसमें शामिल कर्मचारी 2034 से सेवानिवृत्त होने लगेंगे, तो ओपीएस में वापस लौटने की लागत नजर आएगी। ओपीएस को अपनाने से भावी पीढ़ी की कीमत पर वर्तमान पीढ़ी को लाभ मिलने की उम्मीद है। |
-
2023-24 के लिए राजस्व व्यय 2,58,884 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 4% अधिक है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर खर्च शामिल है।
-
2023-24 के लिए पूंजी परिव्यय 38,061 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 31% अधिक है। पूंजी परिव्यय परिसंपत्ति सृजन पर होने वाले व्यय को दर्शाता है।
-
2023-24 में राज्य के ऋण और अग्रिम 146 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जिसमें बजट अनुमानों की तुलना में 53 करोड़ रुपए की कमी (27% की कमी)।
तालिका 2: बजट 2023-24 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राजस्व व्यय |
2,09,790 |
2,38,466 |
2,48,097 |
4% |
2,58,884 |
4% |
पूंजीगत परिव्यय |
24,152 |
34,809 |
29,141 |
-16% |
38,061 |
31% |
राज्यों द्वारा दिए गए ऋण |
621 |
193 |
198 |
3% |
146 |
-27% |
शुद्ध व्यय |
2,34,563 |
2,73,468 |
2,77,436 |
1% |
2,97,091 |
7% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्थान बजट 2023-24; पीआरएस।
प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2023-24 में राजस्थान द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 1,29,963 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो इसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 56% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 31%), पेंशन (11%), और ब्याज भुगतान (14%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में प्रतिबद्ध व्यय में 7% की वृद्धि होने की उम्मीद है। 2022-23 में वेतन पर खर्च बजट अनुमान से 2% कम रहने का अनुमान है।
तालिका 3: 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)
प्रतिबद्ध व्यय |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
वेतन |
57,118 |
66,385 |
65,127 |
-2% |
71,498 |
10% |
पेंशन |
23,391 |
24,439 |
25,761 |
5% |
26,072 |
1% |
ब्याज भुगतान |
28,100 |
28,838 |
30,733 |
7% |
32,394 |
5% |
कुल प्रतिबद्ध व्यय |
1,08,610 |
1,19,662 |
1,21,622 |
2% |
1,29,963 |
7% |
स्रोत: बजट संक्षेप में और वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्थान बजट 2023-24; पीआरएस।
क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान राजस्थान के बजटीय व्यय का 69% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में राजस्थान के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।
तालिका 4: राजस्थान बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का % |
क्षेत्र |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
41,020 |
49,627 |
53,136 |
57,953 |
9% |
समग्र शिक्षा अभियान के लिए 14,691 करोड़ रुपए आबंटित किए गए। |
ऊर्जा |
24,789 |
26,750 |
26,699 |
26,371 |
-1% |
सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य सहायक कंपनियों के अनुदान के लिए 16,928 करोड़ रुपए आबंटित किए गए। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
16,312 |
20,111 |
20,119 |
22,064 |
10% |
शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं (एलोपैथी) को क्रमशः 4,023 करोड़ रुपए और 3,472 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
17,465 |
28,179 |
24,074 |
20,418 |
-15% |
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 4,251 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
16,500 |
17,307 |
20,039 |
20,318 |
1% |
जिला परिषद को सहायता अनुदान के लिए 10,669 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
शहरी विकास |
9,539 |
8,728 |
11,426 |
14,040 |
23% |
नगर पालिका के सहायतानुदान के लिए 4,122 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
12,642 |
13,596 |
11,695 |
12,864 |
10% |
फसल बीमा योजना के लिए 1,400 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
8,584 |
10,391 |
8,054 |
11,412 |
42% |
सड़कों और पुलों के पूंजीगत परिव्यय के लिए 4,928 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
जलापूर्ति एवं सैनिटेशन |
8,990 |
10,897 |
6,824 |
9,773 |
43% |
ग्रामीण जलापूर्ति के लिए 4,829 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का % | 70% | 71% | 68% | 69% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्थान बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 में प्राप्तियां
-
2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 2,33,988 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है। इसमें से 1,38,454 करोड़ रुपए (59%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 95,534 करोड़ रुपए (41%) केंद्र से प्राप्त होंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 26%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 15%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
-
हस्तांतरण: 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 61,552 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है।
-
2023-24 में केंद्र से अनुदान 33,982 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 23% कम है।
-
राज्य का स्वयं कर राजस्व: राजस्थान का कुल कर राजस्व 2023-24 में 1,14,169 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 23% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2023-24 में 7.2% अनुमानित है। 2022-23 के लिए राज्य ने इस अनुपात को 7.4% पर अनुमानित किया था, हालांकि संशोधित अनुमानों के अनुसार, यह कम (6.6%) होने की उम्मीद है।
तालिका 5: राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राज्य के स्वयं कर |
74,808 |
98,294 |
92,719 |
-6% |
1,14,169 |
23% |
राज्य के स्वयं गैर कर |
18,755 |
22,155 |
21,897 |
-1% |
24,285 |
11% |
केंद्रीय करों में हिस्सेदारी |
54,031 |
49,211 |
57,231 |
16% |
61,552 |
8% |
केंद्र से अनुदान |
36,326 |
45,318 |
43,940 |
-3% |
33,982 |
-23% |
राजस्व प्राप्तियां |
1,83,920 |
2,14,977 |
2,15,787 |
0% |
2,33,988 |
8% |
गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
2,405 |
279 |
386 |
38% |
331 |
-14% |
शुद्ध प्राप्तियां |
1,86,325 |
2,15,256 |
2,16,173 |
0% |
2,34,319 |
8% |
नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्थान बजट 2023-24; पीआरएस।
राज्य को 2023-24 में जीएसटी क्षतिपूर्ति मिलने का अनुमान जब जीएसटी पेश किया गया था तो केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी। ऐसा न होने पर केंद्र द्वारा राज्यों को इस कमी को दूर करने के लिए क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में खत्म हो गई। हालांकि राजस्थान को 2023-24 में 2,350 करोड़ रुपए का जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान प्राप्त होने का अनुमान है। |
-
2023-24 में अनुमान है कि राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होगा (43% हिस्सा)। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राज्य जीएसटी राजस्व में 36% की वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2022-23 में इस मद में प्राप्तियां बजट से 9% कम रहने की उम्मीद है।
-
2023-24 में, बिक्री कर/वैट, स्टाम्प से राजस्व 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 16% बढ़ने का अनुमान है। स्टाम्प ड्यूटी और वाहन करों में बजट अनुमानों की तुलना में क्रमशः 10% और 15% की वृद्धि का अनुमान है।
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 वास्तविक |
2022-23 बजटीय |
2022-23 संशोधित |
बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का % |
2023-24 बजटीय |
संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
27,502 |
39,500 |
36,000 |
-9% |
48,946 |
36% |
सेल्स टैक्स/वैट |
20,605 |
25,000 |
23,500 |
-6% |
27,300 |
16% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
6,492 |
8,100 |
8,300 |
2% |
9,150 |
10% |
वाहन कर |
4,759 |
7,000 |
6,700 |
-4% |
7,700 |
15% |
राज्य एक्साइज |
11,807 |
15,000 |
14,500 |
-3% |
17,000 |
17% |
भू राजस्व |
631 |
633 |
524 |
-17% |
636 |
21% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,606 |
2,750 |
2,884 |
5% |
3,126 |
8% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान |
3,746 |
6,768 |
5,100 |
-25% |
2,350 |
-54% |
जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
7,268 |
- |
- |
- |
- |
- |
कुल जीएसटी क्षतिपूर्ति |
11,015 |
6,768 |
5,100 |
-25% |
2,350 |
-54% |
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्व बजट और बजट संक्षेप में, राजस्थान बजट 2023-24; पीआरएस।
2023-24 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
राजस्थान के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
बजटेतर उधारियां
बजटेतर उधारियां सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं जैसे कि स्पेशल पर्पज वेहिकल्स और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की उधारियां होती हैं जिनकी ऋण चुकौती बजटीय संसाधनों के माध्यम से की जाती है। इससे ऋण और घाटे के आंकड़े कम हो जाते हैं। कैग (2021) ने कहा है कि राजस्थान में 2019-20 के दौरान विभिन्न जिला परिषदों और राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड के जरिए बजटेतर उधारियां ली गईं। ये उधारियां 2,902 करोड़ रुपए थीं।
तालिका 7: बजटेतर उधारियां (करोड़ रुपए में)
वर्ष |
राशि |
जीएसडीपी का % |
2017-18 |
2,373 |
0.28 |
2018-19 |
2,137 |
0.23 |
2019-20 |
2,902 |
0.28 |
राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2023-24 में 24,896 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.6%) के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है। 2022-23 में 32,310 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे (जीएसडीपी का 2.3%) का अनुमान लगाया गया है जो बजट अनुमान (जीएसडीपी का 1.8%) से अधिक है।
राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से बजट अनुमानों से अधिक है। हालांकि जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में यह बजट अनुमानों से संशोधित अनुमानों में जीएसडीपी में 6% की वृद्धि के कारण लगभग 0.1 प्रतिशत अंक कम है। 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.0% रहने का अनुमान है। 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से 0.5% बिजली क्षेत्र में कुछ सुधारों को पूरा करने पर ही उपलब्ध होगा।
बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2023-24 के अंत में बकाया देनदारियों का अनुमान जीएसडीपी का 36.8% है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 36.6%) से 0.2% कम है। बकाया देनदारियां 2019-20 के स्तर (जीएसडीपी का 35.3%) की तुलना में बढ़ी हैं।
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
नोट: *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमानित हैं। 2019-20 के लिए राजस्व संतुलन में उदय पर किए गए व्यय को शामिल किया गया है। बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
नोट: *2024-25 और 2025-26 के आंकड़े अनुमानित हैं। बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान। |
बकाया सरकारी गारंटियां: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं होती हैं जो प्रकृति में आकस्मिक होती हैं और जिन्हें राज्यों को कुछ मामलों में पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 31 दिसंबर, 2022 तक राज्य द्वारा दी गई बकाया गारंटी 1 अप्रैल, 2022 को 95,868 करोड़ रुपए की तुलना में 1,02,810 करोड़ रुपए (जिसमें से 82,337 करोड़ रुपए राज्य डिस्कॉम को दिए गए) थी।
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में राजस्थान के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (राजस्थान सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2022-23 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]
-
स्वास्थ्य: राजस्थान ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 7.4% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (6.3%) से यह अधिक है।
-
शिक्षा: राजस्थान ने शिक्षा के लिए बजट का 19.5% हिस्सा आबंटित किया है जोकि अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर किए गए औसत आबंटन (14.8%) से अधिक है।
-
कृषि: राज्य ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए अपने बजट का 4.3% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटनों (5.8%) से कम है।
-
शहरी विकास: राजस्थान ने शहरी विकास के लिए 4.7% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा शहरी विकास के औसत आबंटन (3.5%) से ज्यादा है।
-
पुलिस: राजस्थान ने पुलिस के लिए कुल 3.0% का आबंटन किया है जोकि सभी राज्यों के औसत व्यय (4.3%) से कम है।
-
सड़क और पुल: राजस्थान ने सड़कों और पुलों के लिए 3.6% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.5%) से कम है।
|
|
|
|
|
नोट: 2021-22, 2022-23 (बअ), 2022-23 (संअ), और 2023-24 (बअ) के आंकड़े राजस्थान के हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्थान बजट 2023-24; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।
[1] 31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
अनुलग्नक 2: 2021-22 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना
यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।
तालिका 8: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)
मद |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
शुद्ध प्राप्तियां (1+2) |
1,85,005 |
1,86,325 |
1% |
1. राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ) |
1,84,330 |
1,83,920 |
0% |
क. स्वयं कर राजस्व |
90,050 |
74,808 |
-17% |
ख. स्वयं गैर कर राजस्व |
17,698 |
18,755 |
6% |
ग. केंद्रीय करों में हिस्सा |
40,107 |
54,031 |
35% |
घ. केंद्र से सहायतानुदान |
36,475 |
36,326 |
0% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति |
- |
3,746 |
- |
2. गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां |
675 |
2,405 |
256% |
3. उधारियां |
61,904 |
1,01,363 |
64% |
इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण |
2,600 |
7,268 |
180% |
शुद्ध व्यय (4+5+6) |
2,32,658 |
2,34,563 |
1% |
4. राजस्व व्यय |
2,08,080 |
2,09,790 |
1% |
5. पूंजीगत परिव्यय |
24,216 |
24,152 |
0% |
6. ऋण और अग्रिम |
362 |
621 |
72% |
7. ऋण पुनर्भुगतान |
17,589 |
56,128 |
219% |
राजस्व घाटा |
23,750 |
25,870 |
9% |
राजस्व घाटा (जीएसडीपी का %)* |
2.0% |
2.1% |
- |
-राजकोषीय घाटा |
47,653 |
48,238 |
2% |
राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) |
3.98% |
3.96% |
- |
नोट: बअ: बजट अनुमान। घाटे की गणना में जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को अनुदान के रूप में नहीं गिना जाता।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के राजस्थान बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 9: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
राज्य जीएसटी |
37,663 |
27,502 |
-27% |
सेल्स टैक्स/वैट |
22,800 |
20,605 |
-10% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
6,100 |
6,492 |
6% |
वाहन कर |
6,500 |
4,759 |
-27% |
राज्य एक्साइज |
13,250 |
11,807 |
-11% |
भू राजस्व |
525 |
631 |
20% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
2,900 |
2,606 |
-10% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के राजस्थान बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
तालिका 10: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2021-22 बअ |
2021-22 वास्तविक |
बअ से वास्तविक में परिवर्तन का % |
पुलिस |
7,384 |
7,295 |
-1% |
शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति |
44,309 |
41,020 |
-7% |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
16,269 |
16,312 |
0% |
जलापूर्ति और सैनिटेशन |
10,024 |
8,990 |
-10% |
आवासन |
167 |
116 |
-31% |
शहरी विकास |
8,674 |
9,539 |
10% |
एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण |
2,190 |
1,973 |
-10% |
समाज कल्याण एवं पोषण |
15,562 |
16,500 |
6% |
कृषि और संबंधित गतिविधियां |
11,809 |
12,642 |
7% |
ग्रामीण विकास |
15,920 |
17,465 |
10% |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
6,184 |
5,736 |
-7% |
ऊर्जा |
19,449 |
24,789 |
27% |
परिवहन |
8,232 |
8,584 |
4% |
इनमें सड़क एवं पुल |
7,787 |
7,153 |
-8% |
स्रोत: विभिन्न वर्षों के राजस्थान बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।
अस्वीकरणः प्रस्तुत रिपोर्ट आपके समक्ष सूचना प्रदान करने के लिए प्रस्तुत की गई है। पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (पीआरएस) के नाम उल्लेख के साथ इस रिपोर्ट का पूर्ण रूपेण या आंशिक रूप से गैर व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पुनःप्रयोग या पुनर्वितरण किया जा सकता है। रिपोर्ट में प्रस्तुत विचार के लिए अंततः लेखक या लेखिका उत्तरदायी हैं। यद्यपि पीआरएस विश्वसनीय और व्यापक सूचना का प्रयोग करने का हर संभव प्रयास करता है किंतु पीआरएस दावा नहीं करता कि प्रस्तुत रिपोर्ट की सामग्री सही या पूर्ण है। पीआरएस एक स्वतंत्र, अलाभकारी समूह है। रिपोर्ट को इसे प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के उद्देश्यों अथवा विचारों से निरपेक्ष होकर तैयार किया गया है। यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।