हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने 23 फरवरी, 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2023-24 के लिए हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) लगभग 11.2 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 की तुलना में 13% की वृद्धि है।

  • 2023-24 में व्यय (ऋण चुकौतियों को छोड़कर) 1,48,730 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 12% अधिक है। इसके अलावा 2023-24 में राज्य द्वारा 55,220 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा।

  • 2023-24 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 1,15,455 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमान (99,745 करोड़ रुपए) की तुलना में 15% की वृद्धि है। 2022-23 में बजट अनुमान (1,12,585 करोड़ रुपए) से प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) 11% कम होने का अनुमान है।

  • 2023-24 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.5% (16,949 करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है। 2022-23 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.8% रहने की उम्मीद है जिसमें बजट अनुमान (जीएसडीपी का 1%) के मुकाबले बढ़ोतरी है।

  • 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% (33,274 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा 3.3% रहने का अनुमान है जो जीएसडीपी के 3% के बजट अनुमान से अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना: नई योजना के तहत परिवार पहचानपत्र डेटाबेस में सत्यापित डेटा के आधार पर 1.80 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले सदस्य की मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

  • कृषि: किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी जिसके तहत उन्हें ढैंचा की खेती के जरिए हरी खाद के इस्तेमाल हेतु बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार कुल लागत का 80% (720 रुपए प्रति एकड़) वहन करेगी और 20% लागत का योगदान किसान द्वारा किया जाएगा। बागवानी फसलों के लिए तीन नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पशुपालन में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन शुरू किया जाएगा।

  • अक्षय ऊर्जा: 2023-24 में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित सामाजिक और सामुदायिक संस्थानों में ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप (जीसीआरटी) सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए एक नई योजना बनाई जाएगी।

  • मैन्यूफैक्चरिंग: राज्य सरकार इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के लिए खिलौना मैन्यूफैक्चरिंग नीति और चिकित्सा उपकरणों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा उपकरण मैन्यूफैक्चरिंग नीति तैयार करेगी।

हरियाणा की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2022-23 में हरियाणा की जीएसडीपी (स्थिर मूल्यों पर) पिछले वर्ष की तुलना में 7.1% बढ़ने का अनुमान है। इसकी तुलना में 2022-23 में राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 7% की वृद्धि का अनुमान है।

  • क्षेत्र: 2022-23 में (मौजूदा कीमतों पर) कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में क्रमशः 20%, 30% और 51% योगदान करने का अनुमान है।

  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2021-22 में राज्य की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी 3,04,422 रुपए है जो पिछले वर्ष की तुलना में 16% अधिक है।

  • बेरोजगारी: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (जुलाई 2021- जून 2022) के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर 6.6% की तुलना में हरियाणा के लिए बेरोजगारी दर (वर्तमान साप्ताहिक स्थिति) 11.7% थी।

रेखाचित्र  1 हरियाणा में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

 image

स्रोत: हरियाणा आर्थिक सर्वेक्षण; पीआरएस।

2023-24 के लिए बजट अनुमान

  • 2023-24 में 1,48,730 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है। इस व्यय को 1,15,455 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों को छोड़कर) और 26,620 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 के लिए कुल प्राप्तियों (उधार के अलावा) में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 16% की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।

  • 2023-24 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.5% (16,949 करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 1.8%) से कम है। 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% (33,274 करोड़ रुपए) पर लक्षित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 3.3%) से कम है। 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी का 3.5% (बिजली क्षेत्र में सुधार करने के लिए 0.5% सहित) राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है।

  • 2022-23 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, जीएसडीपी (3.3%) के % के रूप में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान (3%) से अधिक होने का अनुमान है। यह उस वर्ष के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध हो जाता है)।  

तालिका 1: बजट 2023-24 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

 2021-22 वास्तविक 

 2022-23 बजटीय 

 2022-23 संशोधित 

 बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24  में परिवर्तन का %

कुल व्यय

1,35,910

1,77,256

1,84,808

4.3%

2,03,950

10.4%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

25,473

35,052

52,336

49.3%

55,220

5.5%

शुद्ध व्यय (E)

1,10,437

1,42,204

1,32,472

-6.8%

1,48,730

12.3%

कुल प्राप्तियां

1,41,158

1,67,648

1,80,649

7.8%

2,00,295

10.9%

(-) उधारियां

55,106

55,063

80,904

46.9%

84,840

4.9%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

86,053

1,12,585

99,745

-11.4%

1,15,455

15.8%

राजकोषीय घाटा (E-R)

24,384

29,618

32,727

10.5%

33,274

1.7%

जीएसडीपी का %

2.8%

3.0%

3.3%

 

3.0%

 

राजस्व घाटा

12,940

9,774

18,005

84.2%

16,949

-5.9%

जीएसडीपी का %

1.5%

1.0%

1.8%

 

1.5%

 

प्राथमिक घाटा

6,022

8,624

11,738

36.1%

12,024

2.4%

जीएसडीपी का %

0.7%

0.9%

1.2%

 

1.1%

 

नोट: बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: हरियाणा बजट दस्तावेज 2023-24; पीआरएस। 

2023-24 में व्यय

  • 2023-24 के लिए राजस्व व्यय 1,26,071 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर खर्च शामिल है।

  • 2023-24 के लिए पूंजी परिव्यय 18,460 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 26% अधिक है। पूंजी परिव्यय संपत्ति के निर्माण की दिशा में व्यय है। 2022-23 में पूंजी परिव्यय बजट अनुमानों की तुलना में 34% कम है। यह शहरी विकास (77%), ग्रामीण विकास (68%) और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (29%) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कम खर्च के कारण है।

  • 2023-24 में राज्य द्वारा दिए गए ऋण और अग्रिम 4,198 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (2,819 करोड़ रुपए) से 49% अधिक है।

राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (एसपीएसई)

कैग (2022) ने कहा कि 2020-21 में 11 एसपीएसई को शुद्ध घाटा हुआ। ये घाटा 2018-19 में 37 करोड़ रुपए से बढ़कर 2020-21 (कोविड-19 की शुरुआत) में 426 करोड़ रुपए हो गया। 426 करोड़ रुपए में से 84% घाटा हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और हरियाणा विद्युत प्रसार निगम लिमिटेड के कारण हुआ है।

तालिका 2: बजट 2023-24 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

98,425

1,16,199

1,15,008

-1%

1,26,071

10%

पूंजीगत परिव्यय

11,046

22,344

14,646

-34%

18,460

26%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

966

3,662

2,819

-23%

4,198

49%

शुद्ध व्यय

1,10,437

1,42,204

1,32,472

-7%

1,48,730

12%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हरियाणा बजट 2023-24; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। प्रतिबद्ध व्यय मदों के लिए आबंटित बजट का एक बड़ा हिस्सा पूंजी परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर निर्णय लेने के लिए राज्य के लचीलेपन को सीमित करता है। 2023-24 में हरियाणा द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 62,851 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 58% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 26%), ब्याज भुगतान (19%) और पेंशन (12%) पर खर्च शामिल है। 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय 2022-23 के संशोधित अनुमान से 6% अधिक बढ़ने की उम्मीद है।

तालिका 3: 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

वेतन

22,896

28,438

25,485

-10%

28,601

12%

पेंशन

10,617

11,201

12,800

14%

13,000

2%

ब्याज भुगतान

18,362

20,994

20,989

0%

21,250

1%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

51,874

60,633

59,274

-2%

62,851

6%

स्रोत: बजट- संक्षेप में और वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हरियाणा बजट 2023-24; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान हरियाणा के बजटीय व्यय का 63% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में हरियाणा के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।

तालिका 4हरियाणा बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

 क्षेत्र

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का %

क्षेत्र

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

15,991

19,711

19,445

20,188

4%

सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के लिए 7,336 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के लिए 5,640 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

10,847

12,098

11,853

12,495

5%

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पेंशन के लिए 7,094 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

6,898

8,595

8,020

8,717

9%

अस्पतालों और औषधालयों के लिए 2,560 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ऊर्जा

7,130

7,190

7,188

8,264

15%

सार्वजनिक क्षेत्र और अन्य उपक्रमों को सहायता के लिए 7,195 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

परिवहन

5,760

6,533

8,356

7,913

-5%

सड़कों और पुलों के लिए 3,936 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

4,768

6,026

6,052

7,525

24%

प्रधानमंत्री फसल योजना के लिए 650 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

2,085

6,867

4,248

7,269

71%

पंचायती राज के लिए 2,739 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

3,852

6,204

5,172

6,672

29%

प्रमुख सिंचाई पर पूंजी परिव्यय के लिए 1,868 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

पुलिस

5,202

6,377

6,297

6,649

6%

जिला पुलिस के लिए 4,416 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

6,695

7,990

5,127

5,699

11%

नगर पालिकाओं को सहायता के लिए 1,666 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

सभी क्षेत्रों पर कुल व्यय का % 63% 63% 63% 63%    

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हरियाणा बजट 2023-24; पीआरएस।  

2023-24 में प्राप्तियां

  • 2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 1,09,122 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है। इसमें से 88,368 करोड़ रुपए (81%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 20,755 करोड़ रुपए (19%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 10%) और केंद्र से अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 9%) के रूप में होंगे।

  • हस्तांतरण: 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 11,164 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमान (10,378 करोड़ रुपए) की तुलना में 8% की वृद्धि है। 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान बजट अनुमानों से 16% अधिक हैं।

  • 2023-24 में केंद्र से अनुदान 9,590 करोड़ रुपए अनुमानित है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमान (10,334 करोड़ रुपए) की तुलना में 7% की कमी है। 2022-23 में केंद्र से मिलने वाले अनुदान बजट अनुमान से 11% कम रहने का अनुमान है।

  • राज्य का अपना राजस्व: हरियाणा का कुल कर राजस्व 2023-24 में 75,717 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 16% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2023-24 में 6.7% अनुमानित है। 2022-23 के लिए राज्य ने मूल रूप से 7.4% के जीएसडीपी अनुपात के स्वयं कर राजस्व का अनुमान लगाया था, जिसे संशोधित करके 6.6% कर दिया गया है। 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2023-24 में हरियाणा के स्वयं गैर-कर राजस्व में 15% की वृद्धि का अनुमान है।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर

60,771

73,728

65,336

-11%

75,717

16%

राज्य के स्वयं गैर कर

7,394

12,205

10,954

-10%

12,651

15%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

9,722

8,926

10,378

16%

11,164

8%

केंद्र से सहायतानुदान

7,598

11,566

10,334

-11%

9,590

-7%

राजस्व प्राप्तियां

85,485

1,06,425

97,002

-9%

1,09,122

12%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

567

6,161

2,743

-55%

6,333

131%

शुद्ध प्राप्तियां

86,053

1,12,585

99,745

-11.4%

1,15,455

16%

नोट: BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हरियाणा बजट 2023-24, पीआरएस।

  • 2023-24 में अनुमान है कि राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होगा (44%)। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राज्य जीएसटी राजस्व में 17% की वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2022-23 में इस मद में प्राप्तियां बजट से 13% कम रहने की उम्मीद है।

  • 2023-24 में बिक्री कर/वैट से राजस्व 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 13% बढ़ने का अनुमान है। 2022-23 में इस मद की प्राप्ति बजट अनुमान से 18% कम रहने का अनुमान है।

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

22,922

32,825

28,500

-13%

33,480

17%

सेल्स टैक्स/वैट

11,221

14,100

11,500

-18%

12,950

13%

स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

7,598

9,720

10,650

10%

12,550

18%

वाहन कर

3,265

4,450

4,200

-6%

4,700

12%

राज्य एक्साइज

7,933

12,030

10,000

-17%

11,500

15%

भूराजस्व

21

48

25

-48%

25

0%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

404

545

450

-17%

500

11%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

2,909

2,400

1,947

-19%

-

-

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

7,394

-

-

-

-

-

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्व बजट और बजट-संक्षेप में, हरियाणा बजट 2023-24; पीआरएस।

2023-24 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

हरियाणा के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है। 

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2023-24 में 16,949 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.5%) के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है। 2022-23 में राजस्व घाटा 18,005 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.8%) रहने का अनुमान है जो बजट अनुमान (9,774 करोड़ रुपए) से 85% अधिक है।

राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2023-24 में हरियाणा का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.0% (33,274 करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है। 2022-23 में, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.3% रहने की उम्मीद है जो बजट अनुमान से लगभग 0.3% अधिक है।

राजस्व घाटा

लंबे समय से वित्त आयोग सुझाव दे रहे हैं कि राज्यों को राजस्व घाटे को खत्म करना चाहिए। विभिन्न राज्यों के राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन कानूनों में भी राज्यों को राजस्व घाटे को समाप्त करने की बात की जाती है। आठ राज्यों ने 2015-16 और 2019-20 के बीच सभी वर्षों में राजस्व घाटा दर्ज किया।

इनमें आंध्र प्रदेश, हरियाणा, केरल, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं। 15वें वित्त आयोग ने 2021-26 की अवधि के दौरान 17 राज्यों को राजस्व घाटा कम करने के लिए अनुदान देने का सुझाव दिया है। 15वें वित्त आयोग ने हरियाणा को केवल 2021-22 के लिए 132 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा अनुदान देने का सुझाव दिया था, न कि बाद के वर्षों के लिए। हालांकि 2022-23 के बजट अनुमानों में राज्य ने 659 करोड़ रुपए के राजस्व घाटा अनुदान का हिसाब रखा है।

बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2023-24 में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 25.5% रहने का अनुमान है।

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) 

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नोट: *अनुमान; 2025-26 के लक्ष्य 15वें वित्त आयोग के सुझाव हैं; BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, हरियाणा बजट 2023-24; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

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नोट: BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, हरियाणा बजट 2023-24; पीआरएस।

बकाया सरकारी गारंटियां: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं होती हैं जो प्रकृति में आकस्मिक होती हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 2021-22 के अंत में हरियाणा में बकाया सरकारी गारंटी की राशि 24,343 करोड़ रुपए थी।


अनुलग्नक 1:  मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना 

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में उत्तर प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (हरियाणा सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2022-23 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को दर्शाता है।  [1]

  • स्वास्थ्य: हरियाणा ने 2023-24 में अपने व्यय का 6% स्वास्थ्य के लिए आबंटित किया है। यह 2022-23 में राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आबंटन (6.3%) से थोड़ा कम है।

  • शिक्षा: हरियाणा ने शिक्षा के लिए अपने कुल व्यय का 14% आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आबंटन (14.8%) से कम है।

  • ग्रामीण विकास: हरियाणा ने ग्रामीण विकास के लिए अपने व्यय का 5% आबंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आबंटन (5.7%) से कम है।

  • सड़कें और पुल: हरियाणा ने सड़कों और पुलों के लिए अपने कुल व्यय का 2.7% आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा औसत आबंटन (4.5%) से कम है।

  • ऊर्जा: हरियाणा ने अपने व्यय का 5.7% ऊर्जा के लिए आबंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ऊर्जा के लिए औसत आबंटन (4.8%) से अधिक है।

  • कृषि: हरियाणा ने कृषि के लिए अपने व्यय का 5.2% आबंटित किया है जो राज्यों द्वारा कृषि के लिए औसत आबंटन (5.8%) से थोड़ा कम है।

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  नोट: 2021-22, 2022-23 (बअ), 2022-23 (संअ), और 2023-24 (बअ) के आंकड़े हरियाणा के हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हरियाणा बजट 2023-24; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

  [1]  31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अनुलग्नक 2: 2021-22 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7: प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)  

मद

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

93,480

86,053

-8%

1.  राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ)

87,733

85,485

-3%

क.     स्वयं कर राजस्व

52,888

60,771

15%

ख.     स्वयं गैर कर राजस्व

10,851

7,394

-32%

ग.     केंद्रीय करों में हिस्सा

7,275

9,722

34%

घ.     केंद्र से सहायतानुदान

16,720

7,598

-55%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

9,200

2,909

-68%

2.  गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

5,747

567

-90%

3.  उधारियां

58,314

55,106

-6%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

7,394

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

1,27,484

1,10,437

-13%

4.  राजस्व व्यय

1,16,927

98,425

-16%

5.  पूंजीगत परिव्यय

9,318

11,046

19%

6.  ऋण और अग्रिम

1,239

966

-97%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

28,161

25,473

-10%

राजस्व घाटा

29,194

12,940

-56%

राजस्व घाटा (जीएसडीपी का %)

3.3%

1.5%

-

राजकोषीय घाटा

34,004

24,384

-28%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

3.8%

2.8%

-

  नोट: BE: बजट अनुमान। घाटे की गणना के लिए, जीएसटी मुआवजा ऋण को अनुदान के रूप में नहीं माना जाता है।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 8: राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)  

क्षेत्र

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

भूराजस्व

25

21

-15%

राज्य एक्साइज

9,200

7,933

-14%

राज्य जीएसटी

24,300

22,922

-6%

सेल्स टैक्सवैट

11,000

11,221

2%

वाहन कर

3,003

3,265

9%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

345

404

17%

स्टांप ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क

5,000

7,598

52%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 9: मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

ग्रामीण विकास

6,017

2,085

-65%

आवासन

565

348

-38%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

5,162

3,852

-25%

एसी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण

526

396

-25%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

18,891

15,991

-15%

पुलिस

5,768

5,202

-10%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

7,317

6,898

-6%

ऊर्जा

7,162

7,130

0%

जलापूर्ति और सैनिटेशन

3,387

3,549

5%

कृषि और संबंधित गतिविधियां

4,386

4,768

9%

समाज कल्याण एवं पोषण

9,970

10,847

9%

परिवहन

5,161

5,760

12%

इनमें सड़क एवं पुल

2,583

3,485

35%

शहरी विकास

5,155

6,695

30%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

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