हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने 23 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2024-25 के लिए हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 12, 16,044 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2023-24 की तुलना में 11% की वृद्धि है।

  • 2024-25 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 1,55,832 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। 2023-24 में संशोधित अनुमान चरण में, व्यय बजट राशि से 7.5% कम हो गया। राज्य द्वारा 2024-25 में 64,044 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाने का अनुमान है।

  • 2024-25 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 1,22,198 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 14.2% की वृद्धि है।

  • 2024-25 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.5% (17,817 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है। 2023-24 के संशोधित चरण में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.2% अनुमानित थाजो बजटीय अनुमान (जीएसडीपी का 1.5%) से कम था।

  • 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.8% (33,635 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.96% होने का अनुमान था। संशोधित चरण में यह घटकर जीएसडीपी का 2.80% (30,651 करोड़ रुपए) रह गया।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • मुफ्त यात्रा: गरीब परिवारों को हरियाणा रोडवेज की बसों में हर साल 1,000 किमी तक मुफ्त यात्रा करने की सुविधा दी जाएगी। योजना पर 600 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

  • सोलर रूफटॉप योजना: पीएम-सूर्योदय योजना के तहत गरीब परिवारों को 50,000 रुपए की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें 1.8 लाख रुपए तक की आय वाले परिवार शामिल हैं। केंद्र सरकार पहले ही सोलर पैनल लगाने की योजना के तहत 60,000 रुपए की सबसिडी की घोषणा कर चुकी है।

  • स्वास्थ्य बीमा कवरेज का विस्तार: चिरायु-आयुष्मान भारत के तहत लाभार्थियों में ऐसे लोग शामिल किए जाएंगे, जिनकी आय 3 लाख रुपए से अधिक है। ये लोग 4,000 से 5,000 रुपए के वार्षिक योगदान के साथ इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। 

  • सिंचाई शुल्क पर छूट: नहर के पानी के उपयोग पर लगाया जाने वाला शुल्क अप्रैल, 2024 से बंद कर दिया जाएगा। इससे 4,299 गांवों के किसानों को 54 करोड़ रुपए की वार्षिक राहत मिलने की उम्मीद है।

हरियाणा की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2023-24 में हरियाणा की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) 4.2% बढ़ने की उम्मीद हैजबकि 2022-23 में यह 7.1% थी। इसकी तुलना में 2023-24 में राष्ट्रीय जीडीपी 7.2% बढ़ने का अनुमान है।

  • क्षेत्र2023-24 में कृषि क्षेत्र (स्थिर कीमतों पर) में 4.5% की वृद्धि हुई। 2023-24 में मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों में क्रमशः 7.2% और 9% की वृद्धि हुई।

  • 2022-23 में कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में क्रमशः 16%33% और 51% योगदान देने का अनुमान है (मौजूदा कीमतों पर)।

  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी2022-23 में प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 3,33,162 रुपए होने का अनुमान है। 2017-18 की तुलना में इसमें 8% की वार्षिक वृद्धि है।

रेखाचित्र 1हरियाणा में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि 

 image

नोट: कृषि में खनन और उत्खनन भी शामिल है; मैन्यूफैक्चरिंग में निर्माणऔर बिजलीगैसपानी और अन्य युटिलिटी सेवाएं भी शामिल हैं। ये आंकड़े स्थिर मूल्यों (2011-12) के अनुसार हैंजिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है। स्रोत: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस। 

2024-25 के लिए बजट अनुमान 

  • 2024-25 में कुल व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) 1,55,832 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। 2023-24 में संशोधित चरण में वर्ष के बजट अनुमान की तुलना में व्यय में 7.5% की कमी आने का अनुमान है। 2024-25 मेंव्यय को 1,22,198 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधार को छोड़कर) और 33,119 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2024-25 के लिए कुल प्राप्तियों में (उधार के अलावा) 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 14.2% की वृद्धि की उम्मीद है।

  • 2024-25 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.5% (17,817 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है। 2023-24 में राजस्व घाटा संशोधित चरण (जीएसडीपी का 1.2%) में बजटीय चरण (जीएसडीपी का 1.5%) की तुलना में कम होने का अनुमान है। इसका कारण राजस्व प्राप्तियों में कमी (बजटीय से 3% कम) की तुलना में राजस्व व्यय में अधिक कटौती (बजटीय से 6% कम) है।

  • 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.77% (33,635 करोड़ रुपए) पर लक्षित है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.8%) की तुलना में थोड़ा कम है। एक प्रमुख कारण 2023-24 में बजट अनुमान की तुलना में पूंजी परिव्यय में 22% की कटौती है।

तालिका 1: बजट 2024-25 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

1,73,554

2,03,950

1,95,491

-4.1%

2,19,877

12.5%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

53,021

55,220

57,859

4.8%

64,044

10.7%

शुद्ध व्यय (E)

1,20,533

1,48,730

1,37,631

-7.5%

1,55,832

13.2%

कुल प्राप्तियां

1,70,156

2,00,295

1,94,379

-3.0%

2,19,361

12.9%

(-) उधारियां 

80,649

84,840

87,398

3.0%

97,163

11.2%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

89,056

1,15,455

1,06,981

-7.3%

1,22,198

14.2%

राजकोषीय घाटा (E-R)

31,027

33,274

30,651

-7.9%

33,635

9.7%

जीएसडीपी का %

3.15%

2.96%

2.80%

 

2.77%

 

राजस्व घाटा

17,212

16,949

13,165

-22.3%

17,817

35.3%

जीएसडीपी का %

1.7%

1.5%

1.2%

 

1.5%

 

प्राथमिक घाटा

10,931

12,024

8,401

-30.1%

8,493

1.1%

जीएसडीपी का %

1.1%

1.1%

0.8%

 

0.7%

 

जीएसडीपी

9,84,055

11,23,320

10,95,535

-2.5%

12,16,044

11.0%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हरियाणा बजट 
2024-25; पीआरएस।

2024-25 में व्यय

  • 2024-25 के लिए राजस्व व्यय 1,34,456 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 13% की वृद्धि है। राजस्व व्यय में वेतन, पेंशन, ब्याज और सबसिडी पर व्यय शामिल है।

  • 2024-25 के लिए पूंजीगत परिव्यय 16,281 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 13% अधिक है। संशोधित चरण में, हरियाणा का पूंजी परिव्यय बजट से 22% कम होने का अनुमान है। पूंजीगत परिव्यय परिसंपत्तियों के निर्माण पर होने वाले व्यय को दर्शाता है। 2023-24 में संशोधित अनुमान के अनुसार, पूंजी परिव्यय बजट अनुमान से 22% कम होने का अनुमान है। 2023-24 में पूंजी परिव्यय में सबसे अधिक कटौती वाले प्रमुख क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) सार्वजनिक कार्य (1,069 करोड़ रुपए की कमी), (ii) प्रमुख सिंचाई (991 करोड़ रुपए की कमी), और (iv) शहरी विकास (698 करोड़ रुपए की कमी)।

  • 2024-25 मेंराज्य द्वारा दिए गए ऋण और अग्रिम 5,095 करोड़ रुपए होने की उम्मीद हैजो संशोधित अनुमान से 20% अधिक है।

तालिका 2बजट 2024-25 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

1,06,406

1,26,071

1,18,951

-6%

1,34,456

13%

पूंजीगत परिव्यय

11,665

18,460

14,443

-22%

16,281

13%

राज्य द्वारा दिए गए ऋण 

2,462

4,198

4,237

1%

5,095

20%

शुद्ध व्यय

1,20,533

1,48,730

  1,37,631

-7%

1,55,832

13%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हरियाणा बजट 2024-25; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतनपेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आवंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2024-25 में हरियाणा द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 69,684 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 60है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 25%)पेंशन (13%)और ब्याज भुगतान (22%) पर खर्च शामिल है। 2023-24 में राज्यों ने औसतन अपनी राजस्व प्राप्तियों का 53% प्रतिबद्ध मदों पर खर्च करने का बजट रखा है। 2022-23 मेंवास्तविक आंकड़ों के अनुसारहरियाणा ने अपनी राजस्व प्राप्तियों का 64% प्रतिबद्ध व्यय के लिए खर्च किया।

तालिका 3: 2024-25 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

वेतन

24,625

28,601

26,503

-7%

29,542

11%

पेंशन

12,404

13,000

14,200

9%

15,000

6%

ब्याज भुगतान

20,096

21,250

22,250

5%

25,142

13%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

57,125

62,851

62,953

0%

69,684

11%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हरियाणा बजट 2024-25; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2024-25 के दौरान हरियाणा के बजटीय व्यय का 60% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में हरियाणा के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।

तालिका 4हरियाणा बजट 2024-25 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान 
 2024-25

शिक्षाखेलकला और संस्कृति

18,429

20,188

17,638

20,774

18%

  • सरकारी प्राथमिक स्कूलों को 7,702 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
  • माध्यमिक विद्यालयों के लिए 5,876 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 

समाज कल्याण एवं पोषण

11,153

12,495

13,305

14,415

8%

  • विभिन्न पेंशन योजनाओं के लिए 8,579 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

7,680

8,717

7,704

9,541

24%

  • शहरी क्षेत्रों में अस्पतालों और औषधालयों के लिए 2,838 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

4,718

7,525

5,904

7,919

34%

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 700 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
  • फसल विविधीकरण और जल संरक्षण को बढ़ावा देने की योजना के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सड़कें और पुल

4,296

3,936

4,412

4,051

-8%

  • जिला सड़कों के लिए 2,373 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

2,867

7,269

6,256

7,325

17%

  • पंचायती राज के लिए 2,729 करोड़ रुपए आवंटित किये गये हैं।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना हेतु 446 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

ऊर्जा

7,080

8,264

8,373

7,053

-16%

  • ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए सबसिडी के रूप में 5,907 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

पुलिस

5,765

6,649

6,030

6,389

6%

  • जिला पुलिस के लिए 4,461 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

4,597

6,672

4,865

6,323

30%

  • प्रमुख सिंचाई पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 1,263 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

4,498

5,699

4,353

6,225

43%

  • नगर पालिकाओं और नगर निगमों को सहायता के लिए 1,637 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सभी क्षेत्रों पर कुल व्यय का %

60%

60%

59%

60%

1%

 

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हरियाणा बजट 2024-25; पीआरएस।

2024-25 में प्राप्तियां

  • 2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 1,16,639 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है। इसमें से 93,795 करोड़ रुपए (80%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगा और 22,844 करोड़ रुपए (20%) केंद्र से आएगा। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 11%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 8%) के रूप में होंगे।

  • 2024-25 में केंद्र से अनुदान 9,512 करोड़ रुपए अनुमानित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 18% कम है। 2023-24 में केंद्रीय अनुदान बजट से 20% अधिक होने का अनुमान है। इन भिन्नताओं का एक प्रमुख कारण जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान है। 2023-24 मेंराज्य ने इस खाते पर किसी भी प्राप्ति का बजट नहीं रखा थाहालांकि संशोधित चरण में राज्य ने 3,505 करोड़ रुपए की प्राप्ति का अनुमान लगाया है। 2024-25 मेंराज्य ने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में किसी भी प्राप्ति का बजट नहीं रखा है। उल्लेखनीय है कि जून 2022 के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान बंद कर दिया गया है।

  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: हरियाणा का कुल स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 84,551 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 15% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 7% अनुमानित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान (6.7%) की तुलना में अधिक है।

  • गैर-कर राजस्व: संशोधित चरण मेंहरियाणा का कुल गैर-कर राजस्व बजट से 32% कम था। इसका मुख्य कारण शहरी विकास (बजट से 1,450 करोड़ रुपए कम) और सड़क परिवहन (1,086 करोड़ रुपए कम) से कलेक्शन में अनुमानित कमी है।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर

62,961

75,717

73,586

-3%

84,551

15%

राज्य के स्वयं गैर कर

8,743

12,651

8,583

-32%

9,243

8%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

10,378

11,164

12,072

8%

13,332

10%

केंद्र से सहायतानुदान

7,113

9,590

11,546

20%

9,512

-18%

राजस्व प्राप्तियां

89,195

1,09,122

1,05,787

-3%

1,16,639

10%

गैर ऋण पूंजी प्राप्तियां

312

6,333

1,194

-81%

5,559

366%

 इनमें से विनिवेश प्राप्तियां

74

5,200

580

-89%

4,870

740%

शुद्ध प्राप्तियां

89,506

1,15,455

1,06,981

-7.3%

1,22,198

14%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हरियाणा बजट 2024-25; पीआरएस।

  • 2024-25 में राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व (44% हिस्सा) का सबसे बड़ा स्रोत होने का अनुमान है। राज्य जीएसटी राजस्व 2023-24 के संशोधित अनुमान से 14% बढ़ने का अनुमान है।

  • 2024-25 में स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क से राजस्व में 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 21% की वृद्धि देखने की उम्मीद है। संशोधित अनुमान बजटीय राशि से 1% कम है।

विनिवेश प्राप्तियां

विनिवेश का अर्थ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में हिस्सेदारी की बिक्री से होने वाली प्राप्तियां हैं। 2023-24 में राज्य ने विनिवेश से 5,200 करोड़ रुपए की प्राप्ति का बजट रखा था। हालांकि संशोधित अनुमान के अनुसारप्राप्ति 580 करोड़ रुपए (89% कम) होने की उम्मीद है। राज्य लगातार अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में असमर्थ रहा है। 2020-212021-22 और 2022-23 में हरियाणा ने विनिवेश के लिए अपने बजट लक्ष्य का क्रमशः 1.7%1.3% और 1.4% ही पूरा किया।

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

28,557

33,480

32,893

-2%

37,498

14%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

8,607

12,550

12,480

-1%

15,101

21%

सेल्स टैक्स/वैट

11,262

12,950

11,460

-12%

13,200

15%

राज्य एक्साइज

9,673

11,500

11,400

-1%

12,650

11%

वाहन कर

4,231

4,700

4,740

1%

5,404

14%

बिजली पर टैक्स और शुल्क 

578

500

575

15%

656

14%

भूराजस्व

22

25

25

0%

28

12%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

2,576

-

3,505

 

-

 

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

-

-

 

-

 

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजस्व बजट और हरियाणा बजट 2024-25; पीआरएस।

2024-25 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

हरियाणा राजकोषीय दायित्व (एफआरबी) एक्ट2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2024-25 में 17,817 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.5%) के राजस्व घाटे का अनुमान है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.77% रहने का अनुमान है। 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3.5% तक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र के कुछ सुधारों को पूरा करने ही पर उपलब्ध होगा। राज्य अपनी उधार सीमा से अधिक पूंजी परिव्यय के लिए केंद्र सरकार से 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त करने के लिए भी पात्र होगा। 2023-24 में संशोधित चरण में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.8% होने का अनुमान है। यह बजट अनुमान 2.96% से कम है।

बकाया देनदारियां: बकाया देनदारियां एक वित्तीय वर्ष के अंत में कुल उधार का संचय है। इसमें सार्वजनिक खाते पर कोई देनदारियां भी शामिल हैं। 2024-25 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 26.2% होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 26%) से थोड़ा अधिक है।   

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) 

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नोट: RE संशोधित अनुमान हैBE बजट अनुमान है। नेगेटिव आंकड़े घाटा दर्शाते हैं। स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीतिहरियाणा बजट 2024-25; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया सार्वजनिक ऋण (जीएसडीपी का %)

 image

नोट: RE संशोधित अनुमान हैBE बजट अनुमान है।
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति
हरियाणा बजट 2024-25; पीआरएस।

बकाया सरकारी गारंटीराज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो प्रकृति में आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 31 मार्च 2023 तक राज्य की बकाया गारंटी 23,058 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 में हरियाणा की जीएसडीपी का 2% है। इनमें से लगभग 50% गारंटी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (पूर्व में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) को दी गई है। केंद्र सरकार ने सुझाव दिया है कि राज्य एक वित्तीय वर्ष में प्रदान की जाने वाली किसी भी अतिरिक्त गारंटी के लिए जीएसडीपी के 0.5% की सीमा तय करें।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में 2024-25 में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हरियाणा के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 31 राज्यों (हरियाणा सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2023-24 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]

  • शिक्षा: हरियाणा ने 2024-25 में शिक्षा पर अपने व्यय का 13.8% आवंटित किया है। यह 2023-24 में विभिन्न राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.7%) से कम है।

  • स्वास्थ्य: हरियाणा ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 6.3% आवंटित किया हैजो दूसरे राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.2%) से थोड़ा अधिक है।

  • कृषि: हरियाणा ने अपने कुल व्यय का 5.3% कृषि के लिए आवंटित किया हैजो दूसरे राज्यों द्वारा कृषि पर औसत व्यय (5.9%) से कम है।

  • ऊर्जा: हरियाणा ने ऊर्जा के लिए अपने कुल व्यय का 4.7% आवंटित किया हैजो अन्य राज्यों द्वारा औसत आवंटन (4.7%) के समान है।

  • पुलिस: हरियाणा ने अपने कुल व्यय का 4.2% पुलिस को आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (4.2%) के बराबर है।

  • सड़कें और पुल: हरियाणा ने सड़कों और पुलों पर अपने व्यय का 2.7% आवंटित किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आवंटन (4.6%) से कम है।

       

नोट: 2022-23, 2023-24 (BE), 2023-24 (RE)और 2024-25 (BE) के आंकड़े हरियाणा के लिए हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हरियाणा बजट 
2024-25; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

[1]31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अनुलग्नक 2: 2022-23 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2022-23 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्त

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

1,12,585

89,506

-20%

1.  राजस्व प्राप्तियां (+++)

1,06,425

89,195

-16%

.     स्वयं कर राजस्व

73,728

62,961

-15%

.     स्वयं गैर कर राजस्व

12,205

8,743

-28%

.     केंद्रीय करों में हिस्सा

8,926

10,378

16%

.     केंद्र से सहायतानुदान

11,566

7,113

-38%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

2,400

2,576

7%

2.  गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

6,161

312

-95%

3.  उधारियां

55,063

80,649

46%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

0

0%

शुद्ध व्यय (4+5+6)

1,42,204

1,20,533

-15%

4.  राजस्व व्यय

1,16,199

1,06,406

-8%

5.  पूंजीगत परिव्यय

22,344

11,665

-48%

6.  ऋण और अग्रिम

3,662

2,462

-33%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

35,052

53,021

51%

राजस्व घाटा

9,774

17,212

76%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %)

1.0%

1.7%

 

राजकोषीय घाटा

29,618

31,027

5%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

3.0%

3.2%

 

जीएसडीपी

9,94,195

9,84,055

-1%

नेगेटिव चिन्ह राजस्व घाटे का संकेत देता है।
स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट दस्तावेज़; पीआरएस।

तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

कर मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्त

भूराजस्व

48

22

-53%

सेल्स टैक्स/वैट

14,100

11,262

-20%

राज्य एक्साइज

12,030

9,673

-20%

राज्य जीएसटी

32,825

28,577

-13%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

9,720

8,607

-11%

वाहन कर

4,450

4,231

-5%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

545

578

6%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

तालिका 9मुख्य क्षेत्रों के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्त

ग्रामीण विकास

6,867

2,867

-58%

आवास

592

329

-44%

शहरी विकास

7,990

4,498

-44%

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

6,026

4,718

-31%

एससीएसटीओबीसी एवं अल्पसंख्यक कल्याण

891

639

-28%

जलापूर्ति एवं स्वच्छता

4,514

3,293

-27%

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

6,204

4,597

-26%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

8,595

7,680

-11%

पुलिस              

6,377

5,765

-10%

समाज कल्याण एवं पोषण

12,098

11,153

-8%

शिक्षाखेलकला एवं संस्कृति

19,711

18,429

-7%

ऊर्जा

7,190

7,080

-2%

परिवहन

6,533

7,464

14%

सड़कें एवं पुल

2,973

4,296

44%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के हरियाणा बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

 

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