हिमाचल प्रदेश के वित्त मंत्री जयराम ठाकुर ने 9 फरवरी, 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
बजट के मुख्य अंश
- 2019-20 के लिए हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (मौजूदा मूल्यों पर) 1,68,972 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 12% अधिक है।
- 2019-20 के लिए कुल व्यय 44,388 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 1.7% अधिक है। 2018-19 में बजटीय अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमानों में 2,185 करोड़ रुपए की वृद्धि (5.3%) का अनुमान है।
- 2019-20 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 35,024 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है। 2018-19 में कुल प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 781 करोड़ रुपए अधिक थीं (2.5%)।
- अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व घाटा 2,342 करोड़ रुपए या सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 1.4% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 7,352 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4.4%) पर लक्षित है।
- शिक्षा, परिवहन, जलापूर्ति, सैनिटेशन, आवास और शहरी विकास के क्षेत्रों के लिए सबसे अधिक आबंटन किए गए हैं।
नीतिगत विशिष्टताएं
- आरक्षण: सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण दिया जाएगा।
- शिक्षा: शिक्षा क्षेत्र के लिए 7,858 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। स्कूलों में वीडियो कांफ्रेस की सुविधा प्रदान की जाएगी। ‘अटल आदर्श विद्या केंद्र योजना’ के अंतर्गत 15 नए अटल आदर्श विद्या केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त एक नई ‘अटल निर्मल जल योजना’ के अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में वॉटर फिल्टर लगाए जाएंगे।
- कृषि और सिंचाई: कृषि, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए 3,995 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। इन आबंटनों में निम्नलिखित शामिल हैं- देसी गायों की खरीद के लिए 25,000 रुपए तक की सबसिडी तथा पांच हजार पॉलीहाउस के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाउस योजना हेतु 150 करोड़ रुपए का आबंटन। दूध के खरीद मूल्य में दो रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। इसके अतिरिक्त सिंचाई हेतु किसानों के लिए बिजली की कीमत को 75 पैसे के घटाकर 50 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था · जीएसडीपी: हिमाचल प्रदेश की जीएसडीपी की वृद्धि दर (मौजूदा मूल्यों पर) 2015-16 में 10.1% की तुलना में 2017-18 में गिरकर 8.1% हो गई। · क्षेत्र: 2017-18 में जीएसवीए में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 15%, 42% और 43% का योगदान दिया। 2016-17 और 2017-18 के दौरान इन क्षेत्रों में क्रमशः 2.5%, 6.1%,और 11.2% की दर से वृद्धि हुई। · प्रति व्यक्ति आय: 2017-18 में हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) 1,86,778 रुपए थी। 2016-17 की तुलना में यह 9.2% अधिक थी। · बेरोजगारी: 5वें वार्षिक रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार हिमाचल प्रदेश की बेरोजगारी दर 10.6% है जोकि देश में छठे स्थान पर है, जबकि बेरोजगारी की अखिल भारतीय दर 5% है। |
रेखाचित्र 1: हिमाचल प्रदेश में जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों का विकास (वर्ष दर वर्ष)
Sources: GSVA by Economic Activities, CSO, MOSPI; PRS. Note: Agriculture includes mining. Manufacturing includes construction and electricity. Services includes trade, transport, and financial services. All numbers are as per current prices. |
2019-20 के लिए बजट अनुमान
- 2019-20 में 44,388 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 1.7% अधिक है। इस व्यय को 35,024 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 7,081 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2019-20 में 8% अधिक प्राप्तियां (उधारियों के अतिरिक्त) होने की उम्मीद है।
तालिका 1: बजट 2019-20 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
34,812 |
41,440 |
43,625 |
5.3% |
44,388 |
1.7% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
29,114 |
31,660 |
32,441 |
2.5% |
35,024 |
8.0% |
ख. उधारियां |
5,600 |
6,505 |
7,944 |
22.1% |
7,081 |
-10.9% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
34,714 |
38,165 |
40,385 |
5.8% |
42,105 |
4.3% |
Notes: BE is Budget Estimate; RE is Revised Estimate. The budget reports all numbers in net figures.
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2019-20; PRS.
2019-20 में व्यय
प्रतिबद्ध (कमिटेड) देनदारियां किसी राज्य की प्रतिबद्ध देनदारियों में वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज भुगतान शामिल होते हैं। प्रतिबद्ध देनदारियों पर राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च होने से राज्य का दूसरा विकास संबंधी व्यय प्रभावित होता है। 2018-19 में हिमाचल प्रदेश ने प्रतिबद्ध देनदारियों पर 21,668 करोड़ रुपए व्यय किए (संशोधित अनुमान का 49.67%)। औसतन राज्य अपने बजट का 39% हिस्सा प्रतिबद्ध देनदारियों पर खर्च करते हैं। 2019-20 में राज्य की प्रतिबद्ध देनदारियां 23,837 करोड़ रुपए है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 10% अधिक है। |
- 2019-20 में पूंजीगत व्यय 8,299 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान से 18.8% की गिरावट है।
- पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2019-20 में हिमाचल प्रदेश में 4,580 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय अनुमानित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमान की तुलना में 4% की गिरावट है।
- 2019-20 के लिए 36,089 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2018-19 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 8% की वृद्धि है। इस व्यय में वेतन का भुगतान, पेंशन और ब्याज, परिसंपत्तियों का रखरखाव इत्यादि शामिल है।
तालिका 2: बजट 2019-20 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
पूंजीगत व्यय |
7,759 |
7,872 |
10,217 |
29.8% |
8,299 |
-18.8% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
3,756 |
4,240 |
4,894 |
15.4% |
4,580 |
-6.4% |
राजस्व व्यय |
27,053 |
33,568 |
33,408 |
-0.5% |
36,089 |
8.0% |
कुल व्यय |
34,812 |
41,440 |
43,625 |
5.3% |
44,388 |
1.7% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
3,500 |
3,184 |
4,623 |
45.2% |
3,261 |
-29.5% |
ख. ब्याज भुगतान |
3,788 |
4,260 |
4,100 |
-3.8% |
4,550 |
11.0% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
7,288 |
7,444 |
8,723 |
17.2% |
7,811 |
-10.5% |
Notes: 1. The budget reports all numbers in net figures. 2. Capital outlay denotes expenditure which leads to creation of assets.
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2019-20; PRS.
2019-20 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2019-20 के दौरान हिमाचल प्रदेश के बजटीय व्यय का 60% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक में प्रस्तुत है।
तालिका 3 : हिमाचल प्रदेश बजट 2019-20 में विभिन्न विभागों पर व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का% |
2019-20 के बजटीय प्रावधान |
शिक्षा |
6,041 |
7,282 |
7,339 |
7,858 |
7% |
· ‘अटल आदर्श विद्या केंद्र योजना’ के अंतर्गत 15 नए अटल आदर्श विद्या केंद्र स्थापित किए जाएंगे। · स्कूलों में वॉटर फिल्टर लगाने के लिए ‘अटल निर्मल जल योजना’ को शुरू किया जाएगा। |
परिवहन |
2,667 |
3,348 |
3,362 |
3,561 |
6% |
· ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अंतर्गत 500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा और 1000 किलोमीटर सड़कों की मेटेलिंग और टारिंग की जाएगी। · ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अंतर्गत 600 करोड़ रुपए का परिव्यय किया जाएगा। |
जलापूर्ति, स्वच्छता, आवास और शहरी विकास |
2,723 |
2,853 |
3,017 |
3,207 |
6% |
· नलों से पानी की आपूर्ति के लिए नई ‘मुख्यमंत्री स्वजल योजना’ के अंतर्गत 50 मीटर तक लंबे पाइप हेतु आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 50% सबसिडी दी जाएगी। |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण |
2,006 |
2,557 |
2,644 |
2,751 |
4% |
· 500 स्वास्थ्य उपकेंद्रों और 125 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्रों में अपग्रेड किया जाएगा। · ऐसे मनरेगा श्रमिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा जिन्होंने कम से कम 50 दिनों तक वैतनिक रोजगार किया हो। |
कृषि और संबद्ध गतिविधियां |
1,908 |
2,553 |
2,554 |
2,633 |
3% |
· केंद्रीय ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना के अंतर्गत 2 हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को 6,000 रुपए प्रति वर्ष की मदद प्रदान की जाएगी। |
समाज कल्याण और पोषण |
1,280 |
1,444 |
1,604 |
1,592 |
-1% |
· 750 रुपए की मासिक पेंशन पाने वाले लोगों को 850 रुपए और 1,300 रुपए मासिक पेंशन पाने वालों को 1,500 मासिक पेंशन दी जाएगी। · नई पेंशन योजना के अंतर्गत सरकार का योगदान 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया गया है। |
ग्रामीण विकास |
924 |
1,809 |
1,432 |
1,722 |
20% |
· नए दक्षता विकास कार्यक्रम ‘मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना’ को शुरू किया जाएगा जिससे परंपरागत कलाओं के कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण दिया जा सके और उन्हें आश्वस्त आय हासिल करने में मदद दी जाए। · पंचायती राज संस्थानों के लिए 200 करोड़ रुपए के परिव्यय का वादा किया गया है। |
पुलिस |
1,094 |
1,303 |
1,314 |
1,425 |
8% |
· जम्मू एवं कश्मीर की सीमाओं पर तैनात एसपीओ के मानदेय को 6,000 रुपए से बढ़ाकर 7,000 रुपए किया जाएगा। · नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए पांच केंद्र खोले जाएंगे। |
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण |
917 |
1,311 |
1,480 |
1,362 |
-8% |
· सिंचाई हेतु किसानों के लिए बिजली की कीमत को 75 पैसे के घटाकर 50 पैसे प्रति यूनिट कर दिया जाएगा। |
कुल व्यय का % |
58% |
61% |
61% |
60% |
|
Source: Himachal Pradesh Budget Speech 2019-20, Himachal Pradesh AFS 2019-20, Himachal Pradesh Demand for Grants 2019-20; PRS.
2019-20 में प्राप्तियां
हिमाचल प्रदेश को स्वयं कर राजस्व से 7,921 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 15.7% अधिक है। ज्यादा जीएसटी जमा होने के कारण इस कर राजस्व में वृद्धि का अनुमान है (2018-19 के संशोधित अनुमान से 556 करोड़ रुपए की वृद्धि)। 2019-20 में हिमाचल प्रदेश का कुल जीएसटी राजस्व (केंद्रीय हस्तांतरणों सहित) 5,477 करोड़ रुपए अनुमानित है जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान से 30.8% अधिक है। |
- 2019-20 के लिए 33,747 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमानों से 8.2% अधिक है। इनमें से 10,364 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 31%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 23,383 करोड़ रुपए (राजस्व प्राप्तियों का 69%) केंद्र द्वारा अनुदान और केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में हस्तांतरित किए जाएंगे।
- गैर कर राजस्व: हिमाचल प्रदेश द्वारा 2019-20 में गैर कर राजस्व से 2,443 करोड़ रुपए उगाहने का अनुमान है। इसमें राज्य को बिजली से 973 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।
तालिका 4 : 2019-20 में राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2017-18 वास्तविक |
2018-19 बजटीय |
2018-19 संशोधित |
बअ 2018-19 से संअ 2018-19 में परिवर्तन का % |
2019-20 बजटीय |
संअ 2018-19 से बअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
राज्य के अपने कर |
7,108 |
8,248 |
6,847 |
-16.99% |
7,921 |
15.69% |
राज्य के अपने गैर कर |
2,364 |
1,981 |
2,324 |
17.31% |
2,443 |
5.12% |
केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी |
4,801 |
6,387 |
5,430 |
-14.99% |
7,398 |
36.25% |
केंद्र से सहायतानुदान |
13,094 |
13,784 |
16,589 |
20.35% |
15,985 |
-3.64% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
27,367 |
30,400 |
31,190 |
2.60% |
33,747 |
8.20% |
उधारियां |
5,600 |
6,505 |
7,944 |
22.12% |
7,081 |
-10.87% |
अन्य प्राप्तियां |
1,746 |
1,260 |
1,252 |
-0.62% |
1,277 |
2.00% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
7,347 |
7,765 |
9,196 |
18.43% |
8,357 |
-9.11% |
कुल प्राप्तियां |
34,714 |
38,165 |
40,385 |
5.82% |
42,105 |
4.26% |
Note: The budget reports all numbers in net figures.
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2019-20; PRS.
- कर राजस्व: 2019-20 में हिमाचल प्रदेश को 7,921 करोड़ रुपए का कुल स्वयं कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। राज्य के कर राजस्व का संयोजन तालिका 2 में प्रदर्शित है। 2019-20 में स्वयं कर-जीएसडीपी अनुपात 4.7% पर लक्षित है जोकि 2018-19 के संशोधित अनुमान के लगभग बराबर है। पिछले वर्ष यह अनुपात 4.5% था। इसका अर्थ यह है कि करों के एकत्रण में होने वाली वृद्धि अर्थव्यवस्था की वृद्धि के बराबर है।
रेखाचित्र 2: 2019-20 में राज्य के कर राजस्व का संघटन (बअ)
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2019-20; PRS. |
· राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) राज्य के कर राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा होता है। 2019-20 में इससे 3,238 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। 2018-19 के संशोधित अनुमान से इसमें 20.7% की वृद्धि है। · 2019-20 में हिमाचल प्रदेश को सेल्स टैक्स (पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं पर) और वैट की वसूली से 1,491 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। यह 2018-19 के संशोधित अनुमान से 16.9% अधिक है। · इसके अतिरिक्त 2019-20 में राज्य को बिजली कर और ड्यूटी से 378 करोड़ रुपए और वाहन कर से 363 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। |
2019-20 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
हिमाचल प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व घाटा बजटीय अनुमान की तुलना में 2018-19 के संशोधित अनुमानों के हिसाब से राजस्व घाटे में 950 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हो जाएगी (30% की वृद्धि।) 2019-20 में हिमाचल प्रदेश को 2,342 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की उम्मीद है। |
राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। इसका यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा।
बजट 2019-20 में 2,342 करोड़ रुपए (या राज्य जीडीपी का 1.4% हिस्सा) के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है। इसका अर्थ यह है कि राजस्व प्राप्तियां, राजस्व व्यय से कम होने की उम्मीद है जिसके परिणामस्वरूप घाटा होगा। 14वें वित्त आयोग ने सुझाव दिया था कि राज्यों को अपने राजस्व घाटों को समाप्त करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश के 2019-20 में अनुमानों के अनुसार, राज्य राजस्व घाटे को समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगा।
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2019-20 में 7,352 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है जोकि राज्य जीडीपी के 4.4% के बराबर है। यह 14वें वित्त आयोग की 3% की निर्धारित सीमा से अधिक है। अगर राज्य अपने ऋण और ब्याज भुगतान को कुछ विर्निदिष्ट स्तरों पर बरकार रखते हैं तो इस सीमा को अधिकतम 3.5% तक बढ़ाया जा सकता है।
बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की राज्य की उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2019-20 में बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 34% के बराबर होने का अनुमान है।
तालिका 5 : 2019-20 में हिमाचल प्रदेश के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व घाटा (-)/अधिशेष (+) |
राजकोषीय घाटा (-)/अधिशेष (+) |
बकाया देनदारियां |
2018-19 (संअ) |
-1.5% |
-5.1% |
34.6% |
2019-20 (बअ) |
-1.4% |
-4.4% |
34.0% |
2020-21 |
-1.4% |
-4.3% |
33.5% |
2021-22 |
-1.3% |
-4.3% |
32.9% |
2022-23 |
-2.8% |
-5.8% |
32.5% |
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2019-20; PRS.
रेखाचित्र 3 और 4 में 2018-19 से 2022-23 के दौरान घाटे और बकाया देनदारियों के रुझान प्रदर्शित हैं:
रेखाचित्र 3: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %) Sources: Himachal Pradesh Budget Documents; PRS. |
रेखाचित्र 4: बकाया देनदारियां (जीएसडीपी का %)
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents; PRS. |
अनुलग्नक
निम्नलिखित तालिकाओं में कुछ मुख्य क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश के कुल व्यय की तुलना अन्य 26 राज्यों के व्यय से की गई है (2018-19 के बजटीय अनुमानों का प्रयोग करते हुए)। [1]
- शिक्षा: 2019-20 में हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 12% हिस्सा आबंटित किया है। 2018-19 में अन्य 26 राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.9%), (2018-19 के बजटीय अनुमानों का प्रयोग करते हुए), उसकी तुलना में हिमाचल प्रदेश का आबंटन अधिक है।
- स्वास्थ्य: हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 4% का आबंटन किया है। 2018-19 में अन्य 26 राज्यों के औसत आबंटन (5.2%) से यह अधिक है।
- कृषि और संबद्ध गतिविधियां: राज्य ने 2019-20 में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 6.1% हिस्सा आबंटित किया है। यह 2018-19 में अन्य 26 राज्यों के आबंटनों (6.4%) से कम है।
- ग्रामीण विकास: 2019-20 में हिमाचल प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 4% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में 26 अन्य राज्यों के औसत (6.1%) से काफी कम है।
- पुलिस: 2019-20 में हिमाचल प्रदेश ने पुलिस के लिए 3.3% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में 26 अन्य राज्यों के औसत (4%) से कम है।
- सड़क और पुल: 2019-20 में हिमाचल प्रदेश ने सड़क और पुलों के लिए 11.3% का आबंटन किया है। यह 2018-19 में 26 अन्य राज्यों के औसत (4.3%) से काफी अधिक है।
Note: 2017-18, 2018-19 (BE), 2018-19 (RE), and 2019-20 (BE) figures for Himachal Pradesh are based on gross expenditure numbers reported in the budget documents.
Source: Annual Financial Statement (2018-19 and 2019-20), various state budgets; PRS.
[1] The 26 other states include all states except Arunachal Pradesh, Manipur, and Meghalaya. It also includes the Union Territory of Delhi.
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