मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 6 मार्च, 2020 को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य का बजट प्रस्तुत किया।
- 2020-21 के लिए हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) मौजूदा मूल्यों पर 1,82,020 करोड़ रुपए अनुमानित है। यह 2019-20 के संशोधित अनुमानों से 10% अधिक है। 2019-20 में जीएसडीपी (मौजूदा मूल्यों पर) पिछले वर्ष की तुलना में 7.6% अधिक अनुमानित है।
- 2020-21 के लिए कुल व्यय 49,131 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 1.1% की गिरावट है। 2019-20 के लिए संशोधित अनुमान, बजट अनुमान से 11.9% अधिक हैं (5,300 करोड़ रुपए)।
- 2020-21 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के बिना) 38,465 करोड़ रुपए अनुमानित हैं जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमान से 18.9% अधिक है। 2019-20 में कुल प्राप्तियों के (उधारियों को छोड़कर) बजटीय अनुमान से 1,413 करोड़ रुपए कम रहने का अनुमान है (बजटीय अनुमान का 4.2%)।
- 2020-21 के लिए राजस्व घाटा 684 करोड़ रुपए या जीएसडीपी के 0.38% पर लक्षित है। राजकोषीय घाटा 7,272 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 4%) पर लक्षित है। 2019-20 में हिमाचल प्रदेश का राजस्व घाटे का बजटीय लक्ष्य जीएसडीपी का 1.39% था, पर अब यह 2.42% अनुमानित है। राजकोषीय घाटे का बजटीय लक्ष्य जीएसडीपी का 4.35% था जोकि संशोधित चरण में 6.42% हो गया है।
- 2020-21 में जलापूर्ति, स्वच्छता एवं आवासन तथा शहरी विकास (33%), ग्रामीण विकास (19%) और शिक्षा (10%) के आबंटनों में पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में सर्वाधिक वृद्धि देखी गई। बिजली (21%) और सिंचाई (13%) के क्षेत्रों में आबंटनों में काफी गिरावट हुई है।
नीतिगत विशिष्टताएं
- विधायी प्रस्ताव: हिमाचल प्रदेश कृषि क्षेत्र की बाधाओं को हटाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित मॉडल एक्ट्स को लागू करेगा। कॉरपोरेशन कानूनों को संशोधित किया जाएगा ताकि सहकारी संस्थाओं की क्षमता और आय को बढ़ाया जा सके। हिमाचल प्रदेश निवेश संवर्धन एजेंसी की स्थापना के लिए एक बिल पेश किया जाएगा। मॉडल म्यूनिसिपल बिल्डिंग उपनियमों को प्रस्तावित किया जाएगा ताकि आपदा संवेदी संरचनाओं के विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
- आकांक्षी जिला ब्लॉक कार्यक्रम: आकांक्षी जिला ब्लॉक कार्यक्रम को शुरू किया जाएगा ताकि पिछड़े क्षेत्रों में पंचायतों और ब्लॉक्स का विकास किया जा सके।
- स्वर्ण जयंती पोषाहार योजना: इस योजना को निम्नलिखित के प्रावधान के लिए शुरू किया जाएगा: (i) आंगनवाड़ी तथा प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में मिड डे मील योजनाओं में दूध और फल जैसे अतिरिक्त पौष्टिक पदार्थ देना, और (ii) प्राइमरी स्कूलों में पूर्व प्राइमरी कक्षाएं (स्वस्थ बचपन) शुरू करना। बजट घोषणाओं पर अधिक जानकारी के लिए कृपया अनुलग्नक 3 देखें।
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था
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रेखाचित्र 1: हिमाचल प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि
Sources: Central Statistics Office; MOSPI; PRS. Note: These numbers are as per constant prices (2011-12) which implies that the growth rate is adjusted for inflation.
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2020-21 के लिए बजट अनुमान
- 2020-21 में 49,131 करोड़ रुपए के कुल व्यय का लक्ष्य है। यह 2019-20 के संशोधित अनुमान से 1.1% कम है। इस व्यय को 38,465 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) और 7,554 करोड़ रुपए की उधारियों के जरिए पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 2019-20 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2020-21 में कुल प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) में 18.9% की वृद्धि की उम्मीद है।
- 2019-20 के संशोधित अनुमानों के अनुसार, हालांकि प्राप्तियों (उधारियों के अतिरिक्त) के बजट अनुमान से 4.2% कम रहने का अनुमान है, कुल व्यय के 11.9% अधिक रहने का अनुमान है। इसका अर्थ यह है कि अधिक उधारी लेने की जरूरत होगी। परिणामस्वरूप 2019-20 में राज्य का राजस्व घाटे का बजटीय लक्ष्य जीएसडीपी का 1.39% था, पर अब यह 2.42% अनुमानित है। राजकोषीय घाटे का बजटीय लक्ष्य जीएसडीपी का 4.35% था जोकि संशोधित चरण में 6.42% हो गया है।
तालिका 1: बजट 2020-21 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
कुल व्यय |
39,154 |
44,388 |
49,688 |
11.9% |
49,131 |
-1.1% |
क. प्राप्तियां (उधारियों के बिना) |
30,981 |
33,774 |
32,360 |
-4.2% |
38,465 |
18.9% |
ख. उधारियां |
6,427 |
7,081 |
10,520 |
48.6% |
7,554 |
-28.2% |
कुल प्राप्तियां (ए+बी) |
37,408 |
40,854 |
42,880 |
5.0% |
46,019 |
7.3% |
राजस्व संतुलन |
1,522 |
-2,342 |
-4,007 |
71.1% |
-684 |
-82.9% |
जीएसडीपी का % |
0.99% |
-1.39% |
-2.42% |
-0.38% |
||
राजकोषीय घाटा |
3,500 |
7,352 |
10,626 |
44.5% |
7,272 |
-31.6% |
जीएसडीपी का % |
2.27% |
4.35% |
6.42% |
|
4.00% |
|
प्राथमिक संतुलन |
522 |
-2,802 |
-6,076 |
116.8% |
-2,340 |
-61.5% |
जीएसडीपी का % |
0.34% |
-1.66% |
-3.67% |
|
-1.29% |
|
Notes: बअ is Budget Estimate (बजट अनुमान); संअ is Revised Estimate (संशोधित अनुमान). Negative sign in revenue balance (राजस्व संतुलन) and primary balance (प्राथमिक संतुलन) indicates a deficit.
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS
.2020-21 में व्यय
- 2020-21 में पूंजीगत व्यय 10,008 करोड़ रुपए प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान से 25% की गिरावट है। पूंजीगत व्यय में ऐसे व्यय शामिल हैं, जोकि राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों को प्रभावित करते हैं, जैसे (i) पूंजीगत परिव्यय यानी ऐसा व्यय जोकि परिसंपत्तियों का सृजन (जैसे पुल और अस्पताल) करता है और (ii) राज्य सरकार द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान और ऋण देना।
- 2019-20 में पूंजीगत व्यय बजटीय चरण से संशोधित चरण में 60.9% बढ़ने का अनुमान है। ऋण पुनर्भुगतान में बजटीय चरण से संशेधित चरण में 3,439 करोड़ की बढ़ोतरी (105.4%) अनुमानित है।
- 2020-21 में हिमाचल प्रदेश में 6,255 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय अनुमानित है जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमान की तुलना में 5.2% की वृद्धि है। 2019-20 के बजट अनुमान की तुलना में पूंजी परिव्यय के लिए संशोधित अनुमान 3% कम है। 2019-20 के संशोधित अनुमानों की तुलना में इस वर्ष के पूंजीगत परिव्यय में 29.8% की वृद्धि का अनुमान है।
- 2020-21 के लिए 39,123 करोड़ रुपए का राजस्व व्यय प्रस्तावित है जिसमें 2019-20 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 7.7% की वृद्धि है। इसमें वेतन का भुगतान, ब्याज और सब्सिडी शामिल हैं।
तालिका 2: बजट 2020-21 में व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
पूंजीगत व्यय |
9,726 |
8,299 |
13,351 |
60.9% |
10,008 |
-25.0% |
जिसमें पूंजीगत परिव्यय |
4,584 |
4,580 |
5,943 |
29.8% |
6,255 |
5.2% |
राजस्व व्यय |
29,429 |
36,089 |
36,337 |
0.7% |
39,123 |
7.7% |
कुल व्यय |
39,154 |
44,388 |
49,688 |
11.9% |
49,131 |
-1.1% |
क. ऋण पुनर्भुगतान |
4,673 |
3,262 |
6,701 |
105.4% |
3,394 |
-49.4% |
ख. ब्याज भुगतान |
4,022 |
4,550 |
4,550 |
0.0% |
4,932 |
8.4% |
ऋण चुकौती (क+ख) |
8,695 |
7,812 |
11,251 |
44.0% |
8,325 |
-26.0% |
Capital outlay denotes expenditure which leads to the creation of assets.
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS.
2020-21 में विभिन्न क्षेत्रों के लिए व्यय
2020-21 के दौरान हिमाचल प्रदेश के बजटीय व्यय का 65% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों द्वारा कितना व्यय किया जाता है, इसकी तुलना अनुलग्नक में प्रस्तुत है।
तालिका 3: हिमाचल प्रदेश बजट 2020-21 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)
क्षेत्र |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2020-21 के लिए बजटीय प्रावधान |
शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति |
6,198 |
7,859 |
7,581 |
8,304 |
10% |
वेतन पर 6,016 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सर्व शिक्षा अभियान के लिए 289 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। मिड डे मील योजना के लिए 101 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
परिवहन |
3,902 |
4,109 |
5,158 |
5,445 |
6% |
सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए 1,912 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय प्रस्तावित है। हवाई अड्डों के विस्तार, मंडी में हवाई अड्डे के निर्माण तथा 5 हेलीपोर्ट्स के निर्माण के लिए 1,013 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। |
जलापूर्ति, स्वच्छता, आवासन एवं शहरी विकास |
2,209 |
2,521 |
2,490 |
3,302 |
33% |
जल जीवन मिशन के लिए 343 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। ग्रेटर शिमला वॉटर सप्लाई स्कीम पर 108 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 100 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी मिशन के लिए आबंटित किए गए हैं। |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
2,238 |
2,752 |
2,791 |
2,976 |
7% |
वेतन पर 1,715 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 334 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां |
2,194 |
2,492 |
2,476 |
2,702 |
9% |
ओलों से बचाव करने वाले जाल लगाने के लिए 50 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के लिए 25 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
समाज कल्याण एवं पोषण |
1,641 |
1,592 |
2,233 |
1,965 |
-12% |
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत 670 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 230 करोड़ रुपए खाद्य सब्सिडी के तौर पर दिए गए हैं। |
ग्रामीण विकास |
1,193 |
1,722 |
1,464 |
1,739 |
19% |
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 394 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। 100 करोड़ रुपए स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के लिए आबंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 55 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। |
पुलिस |
1,158 |
1,425 |
1,446 |
1,541 |
7% |
वेतन पर 1,463 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 37 करोड़ रुपए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए आबंटित किए गए हैं। |
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण |
885 |
1,036 |
1,264 |
1,100 |
-13% |
विभिन्न सिंचाई परियोजनाओ पर 557 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय प्रस्तावित है। |
ऊर्जा |
834 |
760 |
818 |
645 |
-21% |
घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं हेतु 480 करोड़ रुपए सब्सिडी के तौर पर आबंटित किए गए हैं। |
कुल व्यय का % |
66% |
65% |
66% |
65% |
|
|
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS.
प्रतिबद्ध देनदारियां: राज्य की प्रतिबद्ध देनदारियों में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं। अगर बजट में प्रतिबद्ध देनदारियों के लिए बड़ा हिस्सा आबंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम व्यय कर पाता है।
2020-21 में हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध देनदारियों, यानी वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज पर 27,036 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है। यह 2019-20 के संशोधित अनुमानों से 11.7% अधिक है। 2020-21 में हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध देनदारियों पर 70% राजस्व प्राप्तियां खर्च करने का अनुमान है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 39%), पेंशन (19%) और ब्याज भुगतान (13%) पर होने वाला व्यय शामिल है। पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2020-21 में वेतन पर व्यय 14% अधिक होने का अनुमान है।
तालिका 4: 2020-21 में राज्य में प्रतिबद्ध देनदारियों पर व्यय (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
वेतन |
11,014 |
13,889 |
12,988 |
-6.5% |
14,838 |
14.2% |
पेंशन |
4,975 |
6,660 |
6,660 |
0.0% |
7,266 |
9.1% |
ब्याज भुगतान |
4,022 |
4,550 |
4,550 |
0.0% |
4,932 |
8.4% |
प्रतिबद्ध देनदारियां |
20,010 |
25,099 |
24,198 |
-3.6% |
27,036 |
11.7% |
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS.
2020-21 में प्राप्तियां
- 2020-21 के लिए 38,439 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है, जोकि 2019-20 के संशोधित अनुमानों से 18.9% अधिक है। इनमें से 11,501 करोड़ रुपए (30%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे और 26,938 करोड़ रुपए (70%) केंद्रीय हस्तांतरण के रूप में होंगे, यानी केंद्र सरकार द्वारा सहायतानुदान (राजस्व प्राप्तियों का 54%) और केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा (राजस्व प्राप्तियों का 16%)।
- हस्तांतरण: 2020-21 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी से प्राप्त होने वाले राजस्व में पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में 34% की वृद्धि का अनुमान है। हालांकि 2019-20 में बजट अनुमानों की तुलना में हस्तांतरण में 36.8% की गिरावट का अनुमान है। इसका एक कारण केंद्रीय बजट में राज्यों के हस्तांतरण में 19% की कटौती हो सकती है। यह बजटीय स्तर पर 6,56,046 करोड़ से संशोधित चरण में 8,09,133 करोड़ रुपए हो सकता है। 15 वें वित्त आयोग के सुझावों के अनुसार, 2020-21 में केंद्र सरकार के कर राजस्व में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 2015-20 की अवधि के दौरान 0.30% से बढ़कर 0.33% हो जाएगी (अनुलग्नक 2)।
- कर राजस्व: 2020-21 में हिमाचल प्रदेश का कुल कर राजस्व 9,090 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान से 13.6% अधिक है। 2020-21 में स्वयं कर-जीएसडीपी अनुपात 5.0% पर लक्षित है, जो 2019-20 के संशोधित अनुमानों (4.8%) से अधिक है। इसका अर्थ यह है कि करों के एकत्रण में होने वाली वृद्धि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर से अधिक होने का अनुमान है।
तालिका 5 : राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
राज्य के अपने कर |
7,576 |
7,921 |
8,005 |
1.0% |
9,090 |
13.6% |
राज्य के अपने गैर कर |
2,830 |
2,443 |
2,372 |
-2.9% |
2,410 |
1.6% |
केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी |
5,427 |
7,398 |
4,678 |
-36.8% |
6,266 |
34.0% |
केंद्र से सहायतानुदान |
15,118 |
15,985 |
17,276 |
8.1% |
20,673 |
19.7% |
कुल राजस्व प्राप्तियां |
30,950 |
33,747 |
32,330 |
-4.2% |
38,439 |
18.9% |
उधारियां |
6,427 |
7,081 |
10,520 |
48.6% |
7,554 |
-28.2% |
अन्य प्राप्तियां |
31 |
27 |
31 |
14.8% |
26 |
-14.6% |
कुल पूंजीगत प्राप्तियां |
6,458 |
7,107 |
10,550 |
48.4% |
7,580 |
-28.2% |
कुल प्राप्तियां |
37,408 |
40,854 |
42,880 |
5.0% |
46,019 |
7.3% |
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS.
|
जीएसटी मुआवजा जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 राज्यों को पांच वर्षों के लिए (2022 तक) जीएसटी के कारण होने वाले घाटे की भरपाई की गारंटी देता है। एक्ट राज्यों को उनके राजस्व में 14% वार्षिक वृद्धि की गारंटी देता है जोकि जीएसटी में समाहित हो गया था। अगर राज्य का जीएसटी राजस्व, वृद्धि से मेल नहीं खाता तो इस कमी को दूर करने के लिए मुआवजा दिया जाएगा। राज्य को 2018-19 से 2020-21 के बीच सभी तीन वर्षों के दौरान जीएसटी मुआवजा अनुदान मिलने का अनुमान है। 2020-21 में 3,338 करोड़ रुपए का अनुदान मिलने का अनुमान है (कुल राजस्व प्राप्तियों का 8.7%)। यह पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में 15% अधिक है। जीएसटी मुआवजा अनुदान पर निर्भरता इस बात का संकेत है कि एक्ट में परिकल्पित 14% की वार्षिक वृद्धि की तुलना में एसजीएसटी संग्रह की वृद्धि दर धीमी है। |
तालिका 6: राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)
मद |
2018-19 वास्तविक |
2019-20 बजटीय |
2019-20 संशोधित |
बअ 2019-20 से संअ 2019-20 में परिवर्तन का % |
2020-21 बजटीय |
संअ 2019-20 से बअ 2020-21 में परिवर्तन का % |
2020-21 में राजस्व प्राप्तियों का % |
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) |
3,343 |
3,238 |
3,542 |
9.4% |
3,855 |
8.9% |
10.0% |
राज्य एक्साइज ड्यूटी |
1,482 |
1,625 |
1,625 |
0.0% |
1,788 |
10.0% |
4.7% |
सेल्स टैक्स और वैट |
1,185 |
1,491 |
1,217 |
-18.4% |
1,685 |
38.4% |
4.4% |
वाहन टैक्स |
408 |
363 |
432 |
19.2% |
457 |
5.7% |
1.2% |
स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क |
251 |
289 |
289 |
0.0% |
328 |
13.3% |
0.9% |
बिजली पर टैक्स और ड्यूटी |
487 |
378 |
378 |
0.0% |
403 |
6.6% |
1.0% |
भूराजस्व |
8 |
23 |
16 |
-27.5% |
18 |
8.9% |
0.05% |
जीएसटी मुआवजा अनुदान |
2,037 |
2,900 |
2,900 |
0% |
3,338 |
15.1% |
8.7% |
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS.
2020-21 में घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य
हिमाचल प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।
राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा। एक बार राजस्व घाटे का हिसाब हो जाए तो उधारियों को पूंजीगत निवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। राजस्व अधिशेष का अर्थ यह है कि राज्य की राजस्व प्राप्तियां राजस्व व्यय की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।
2020-21 के बजट अनुमानों में 684 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है (या जीएसडीपी का 0.38%)। 14वें वित्त आयोग ने यह सुझाव दिया था कि राज्यों को अपने राजस्व घाटे को समाप्त करना चाहिए। हालांकि 2019-20 और 2023-24 के बीच राज्य ने राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है (रेखाचित्र 2)। 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 में हिमाचल प्रदेश के लिए 11,431 करोड़ रुपए के हस्तांतरण पश्चात राजस्व घाटा अनुदान का अनुमान लगाया है। यह अनुदान राजस्व घाटे के मुआवजे के लिए दिया गया है।
राजकोषीय घाटा: कुल प्राप्तियों से कुल व्यय अधिक होने को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। सरकार उधारियों के जरिए इस अंतर को कम करने का प्रयास करती है जिससे सरकार पर कुल देनदारियों में वृद्धि होती है। 2020-21 में 7,272 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है (जीएसडीपी का 4%)। यह अनुमान एफआरबीएम एक्ट की 3% की निर्धारित सीमा से अधिक है। अगर राज्य अपने ऋण और ब्याज भुगतानों को एक निर्दिष्ट सीमा तक बरकरार रखता है तो इस सीमा को 3.5% तक बढ़ाया जा सकता है। 2019-20 और 2023-24 के दौरान राज्य का राजकोषीय घाटा 3% से अधिक रहने का अनुमान है।
ऋण का पुनर्भुगतान 2020-21 में हिमाचल प्रदेश द्वारा ऋण चुकाने में 8,325 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है। यह 2019-20 की तुलना में 26% कम है। इसमें लोन चुकाने में 3,394 करोड़ रुपए (41%) और ब्याज भुगतान में 4,932 करोड़ रुपए (59%) खर्च किए जाएंगे। |
बकाया देनदारियां: पिछले कई वर्षों की राज्य की उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। 2020-21 में राज्य की बकाया देनदारियों के जीएसडीपी के 33.62% के बराबर होने का अनुमान है। यह 2019-20 के संशोधित अनुमान से 0.06% कम है। यह 2019-20 में 29 राज्यों की बकाया देनदारियों के औसत स्तर से अधिक है (उनके जीएसडीपी का 24.6%)।
बकाया सरकारी गारंटियां: राज्य की बकाया देनदारियों में कुछ ऐसी देनदारियां शामिल नहीं होतीं जिनकी प्रकृति आकस्मिक होती है और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को चुकाना नहीं होता। राज्य सरकारें अक्सर सार्वजनिक क्षेत्र के राज्य स्तरीय उपक्रमों (एसपीएसईज़) की वित्तीय संस्थानों की उधारियों की गारंटी देती हैं। 2020-21 के अंत तक कुल बकाया सरकारी गारंटियां 2,422 करोड़ रुपए अनुमानित हैं (जीडीपी का 1.3%)।
तालिका 7: 2020-21 में हिमाचल प्रदेश के बजट में विभिन्न घाटों के लक्ष्य (जीएसडीपी के % के रूप में)
वर्ष |
राजस्व |
राजकोषीय |
बकाया देनदारियां |
घाटा (-)/अधिशेष (+) |
घाटा (-)/अधिशेष (+) |
||
2018-19 |
0.99% |
-2.27% |
- |
2019-20 |
-2.42% |
-6.42% |
33.68% |
2020-21 |
-0.38% |
-4.00% |
33.62% |
2021-22 |
-0.41% |
-3.96% |
33.56% |
2022-23 |
-2.34% |
-5.82% |
33.51% |
2023-24 |
-2.66% |
-6.07% |
33.47% |
Note: Numbers for 2019-20 and 2020-21 are revised estimates and budget estimates respectively. Numbers for 2021-22, 2022-23, and 2023-24 are targets as per the Medium Term Fiscal Policy Statement. As per the statement, deficits are estimated to rise post 2021-22 due to discontinuation of GST compensation grants.
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents 2020-21; PRS.
रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)
Note: (-) indicates deficit and (+) indicates a surplus. Sources: Himachal Pradesh Budget Documents; PRS. |
रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)
Sources: Himachal Pradesh Budget Documents; PRS. |
अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना
निम्नलिखित तालिकाओं में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हिमाचल प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 29 राज्यों द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2019-20 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।[1]
- शिक्षा: 2020-21 में हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के लिए बजट का 18.3% हिस्सा आबंटित किया है। अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा पर जितनी औसत राशि का आबंटन किया गया (15.9%), उसकी तुलना में हिमाचल प्रदेश का आबंटन अधिक है (2019-20 के बजट अनुमानों का इस्तेमाल करते हुए)।
- स्वास्थ्य: हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल 6.6% का आबंटन किया है। अन्य राज्यों के औसत आबंटन (5.3%) से यह ज्यादा है।
- कृषि: राज्य ने 2020-21 में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के लिए अपने बजट का 6.0% हिस्सा आबंटित किया है। यह अन्य राज्यों के आबंटनों (7.1%) से कम है।
- ग्रामीण विकास: 2020-21 में हिमाचल प्रदेश ने ग्रामीण विकास के लिए 3.8% का आबंटन किया है। यह 2019-20 में अन्य राज्यों के औसत (6.2%) से काफी कम है।
- सड़क और पुल: 2020-21 में हिमाचल प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए 8.8% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आबंटन (4.2%) से काफी ज्यादा है।
- पुलिस: 2020-21 में हिमाचल प्रदेश ने पुलिस के लिए 3.4% का आबंटन किया है। यह अन्य राज्यों के औसत आबंटन (4.1%) से ज्यादा है।
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|
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||
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Note: 2018-19, 2019-20 (BE), 2019-20 (RE), and 2020-21 (BE) figures are for Himachal Pradesh.
Sources: Annual Financial Statement (2019-20 and 2020-21), various state budgets; PRS.
अनुलग्नक 2: 2020-21 में 15वें वित्त आयोग के सुझाव
15वें वित्त आयोग ने 1 फरवरी, 2020 को 2020-21 के वित्तीय वर्ष के लिए अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की। आयोग ने सुझाव दिया है कि 2020-21 में केंद्र सरकार के कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी 41% की जाए, जोकि 14वें वित्त आयोग द्वारा सुझाए 42% हिस्से से 1% कम है। नव निर्मित केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख को केंद्र सरकार द्वारा धनराशि देने के लिए 1% की गिरावट की गई है। 15वें वित्त आयोग ने सभी राज्यों की हिस्सेदारी को निर्धारित करने के लिए संशोधित मानदंड भी प्रस्तावित किया है।
तालिका 8 में केंद्र सरकार के कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी प्रदर्शित की गई है[2] जोकि 2015-20 के लिए 14वें वित्त आयोग और 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग के सुझावों पर आधारित है। 15वें वित्त आयोग ने सुझाव दिया है कि 2020-21 के लिए केंद्र के कर राजस्व में हिमाचल प्रदेश का हिस्सा 0.33% होगा (2015-20 के लिए 14वें वित्त आयोग दवारा सुझाए 10% हिस्से से अधिक)। इसका अर्थ यह है कि 2020-21 में केंद्र के कर राजस्व में प्रति 100 रुपए पर हिमाचल प्रदेश को 0.33 रुपए मिलेंगे। तालिका 8 में 2019-20 और 2020-21 के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को अनुमानित हस्तांतरण को प्रदर्शित किया गया है (करोड़ रुपए में)।
तालिका 8: 14वें और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत केंद्रीय कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी (2020-21)
राज्य |
केंद्र के कर राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी |
केंद्र द्वारा राज्यों को हस्तांतरण |
||||
14वां विआ (2015-20) |
15वां विआ (2020-21) |
% परिवर्तन |
2019-20 संअ |
2020-21 बअ |
% परिवर्तन |
|
आंध्र प्रदेश |
1.81 |
1.69 |
-7% |
28,242 |
32,238 |
14% |
अरुणाचल प्रदेश |
0.58 |
0.72 |
24% |
8,988 |
13,802 |
54% |
असम |
1.39 |
1.28 |
-8% |
21,721 |
24,553 |
13% |
बिहार |
4.06 |
4.13 |
2% |
63,406 |
78,896 |
24% |
छत्तीसगढ़ |
1.29 |
1.4 |
9% |
20,206 |
26,803 |
33% |
गोवा |
0.16 |
0.16 |
0% |
2,480 |
3,027 |
22% |
गुजरात |
1.3 |
1.39 |
7% |
20,232 |
26,646 |
32% |
हरियाणा |
0.46 |
0.44 |
-4% |
7,112 |
8,485 |
19% |
हिमाचल प्रदेश |
0.3 |
0.33 |
10% |
4,678 |
6,266 |
34% |
जम्मू एवं कश्मीर |
0.78 |
- |
- |
12,171 |
- |
- |
झारखंड |
1.32 |
1.36 |
3% |
20,593 |
25,980 |
26% |
कर्नाटक |
1.98 |
1.49 |
-25% |
30,919 |
28,591 |
-8% |
केरल |
1.05 |
0.8 |
-24% |
16,401 |
15,237 |
-7% |
मध्य प्रदेश |
3.17 |
3.23 |
2% |
49,518 |
61,841 |
25% |
महाराष्ट्र |
2.32 |
2.52 |
9% |
36,220 |
48,109 |
33% |
मणिपुर |
0.26 |
0.29 |
12% |
4,048 |
5,630 |
39% |
मेघालय |
0.27 |
0.31 |
15% |
4,212 |
5,999 |
42% |
मिजोरम |
0.19 |
0.21 |
11% |
3,018 |
3,968 |
31% |
नागालैंड |
0.21 |
0.23 |
10% |
3,267 |
4,493 |
38% |
ओड़िशा |
1.95 |
1.9 |
-3% |
30,453 |
36,300 |
19% |
पंजाब |
0.66 |
0.73 |
11% |
10,346 |
14,021 |
36% |
राजस्थान |
2.31 |
2.45 |
6% |
36,049 |
46,886 |
30% |
सिक्किम |
0.15 |
0.16 |
7% |
2,408 |
3,043 |
26% |
तमिलनाडु |
1.69 |
1.72 |
2% |
26,392 |
32,849 |
24% |
तेलंगाना |
1.02 |
0.87 |
-15% |
15,988 |
16,727 |
5% |
त्रिपुरा |
0.27 |
0.29 |
7% |
4,212 |
5,560 |
32% |
उत्तर प्रदेश |
7.54 |
7.35 |
-3% |
1,17,818 |
1,40,611 |
19% |
उत्तराखंड |
0.44 |
0.45 |
2% |
6,902 |
8,657 |
25% |
पश्चिम बंगाल |
3.08 |
3.08 |
0% |
48,048 |
58,963 |
23% |
कुल |
42 |
41 |
-2% |
6,56,046 |
7,84,181 |
20% |
Sources: Reports of 14th and 15th Finance Commissions (2020-21); Union Budget Documents 2020-21; PRS.
इसके अतिरिक्त 15वें वित्त आयोग ने 2020-21 के लिए विशेष लक्ष्यों के लिए कुछ सहायतानुदान दिए जाने का सुझाव दिया है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राजस्व घाटा समाप्त करने के लिए राज्यों को 74,341 करोड़ रुपए का अनुदान, जिसमें हिमाचल प्रदेश को 11,431 करोड़ रुपए दिए जाएंगे, (ii) स्थानीय निकायों को 90,000 करोड़ रुपए का अनुदान, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश को 636 करोड़ रुपए मिलेंगे (इसमें ग्रामीण स्थानीय निकायों को 429 करोड़ रुपए और शहरी स्थानीय निकायों को 207 करोड़ रुपए दिए जाएंगे), और (ii) 22,184 करोड़ रुपए का अनुदान प्राकृतिक आपदा के राहत के लिए, जिसमें से हिमाचल प्रदेश को 409 करोड़ रुपए मिलेंगे।
अनुलग्नक 3: मुख्य बजट घोषणाएं
- आंगनवाड़ी सेविकाओं/सहायिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं, जल वाहकों, जल रक्षकों, मिड डे मील कर्मचारियों और सिलाई अध्यापिकाओं जैसे कुछ श्रेणियों के कामगारों को बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा।
- भूमिहीन/बेघर लोगों को जमीन देने के लिए आय मानदंड को सालाना 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1,00,000 रुपए कर दिया गया है।
- न्यूनतम वेतन दर को 250 रुपए प्रति दिन से संशोधित करके 275 रुपए प्रति दिन किया जाएगा।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों, जोकि सितंबर 2017 से पहले रिटायर हुए हैं, को मृत्यु एवं रिटायरमेंट ग्रैच्युटी दी जाएगी।
- कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों का मानदेय ग्रेड पे के 125% से बढ़ाकर 150% करना प्रस्तावित है।
- 2020-21 में विभिन्न विभागों के 20,000 रिक्त पदों को भरा जाएगा। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) राज्य बिजली बोर्ड के 3,000 पद, (ii) कॉन्स्टेबल्स के 1,000 पद, (iii) शिक्षा विभाग के 5,000 से अधिक पद, और (iv) सड़क परिवहन आयोग के 1,300 पद।
- 2020-21 के दौरान 394 मेगावॉट क्षमता के हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रॉजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे।
- रुकी हुई परियोजनाओं को गति देने के लिए बिजली उत्पादकों को वन टाइम रिलीफ दिया जाएगा।
- 250 से 500 किलोवॉट की क्षमता वाले सोलर प्रॉजेक्ट्स को शुरू करने लिए 2,000 रुपए प्रति किलोवॉट की सब्सिडी दी जाएगी।
- सूचना प्रौद्योगिकी में दक्षता विकास, प्रशिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 155 करोड़ रुपए की लागत से एक उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना की जाएगी।
- धर्मशाला में होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और सुंदरनगर में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी।
- राज्य खेल नीति 2020 को अधिसूचित किया जाएगा।
- राजमार्गों के साथ वे साइड एमिनिटीज़ देने के लिए नीति बनाई जाएगी।
- दुग्ध खरीद मूल्य को 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया जाएगा।
- कुछ श्रेणियों के कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि प्रस्तावित है (तालिका 9)।
तालिका 9: मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव
पद |
मासिक मानदेय में वृद्धि (रुपए में) |
पंचायत सिलाई अध्यापिका और चौकीदार |
500 |
मिड डे मील कर्मचारी और जल वाहक |
300 |
आशा कार्यकर्ता |
500 |
राजस्व विभाग में अल्पकालिक कर्मचारी |
300 |
नंबरदार |
500 |
जल रक्षक, पैरा फिटर्स और पंप ऑपरेटर्स |
300 |
Sources: Budget Speech 2020-21; PRS.
- मौजूदा योजनाओं के अंतर्गत लाभों में कुछ परिवर्तन प्रस्तावित हैं (तालिका 10)।
तालिका 10: मौजूदा योजनाओं के अंतर्गत प्रस्ताव
योजना |
प्रस्ताव |
मुख्यमंत्री निरोग योजना |
10 नए एकीकृत निरोग क्लिनिक खोले जाएंगे, सभी को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी |
सहारा |
गंभीर रूप से बीमार मरीजों को 2,000 रुपए प्रति माह की सहायता को बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रति माह किया जाएगा |
दक्षता विकास भत्ता |
100 करोड़ रुपए के परिव्यय से 80,000 युवाओं को दक्षता विकास भत्ता दिया जाएगा |
पेंशन योजनाएं |
2020-21 में 50 हजार अतिरिक्त लाभार्थियों को कवर किया जाएगा, दिव्यांगजन और विधवाओं की पेंशन को 850 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रति माह किया जाएगा |
युद्ध जागीर सहायता |
पूर्व सैनिकों को 5,000 प्रति वर्ष की सहायता को बढ़ाकर 7,000 रुपए प्रति माह किया जाएगा |
विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना |
आबंटन को 1.5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1.75 करोड़ रुपए किया जाएगा, और विधायकों का विवेकाधीन अनुदान आठ लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया जाएगा |
Sources: Budget Speech 2020-21; PRS.
तालिका 11: बजट 2020-21 में नई योजनाओं की घोषणा
योजना |
क्षेत्र |
विवरण |
2020-21 के लिए आबंटन (रुपए में) |
कृषि कोष |
कृषि |
किसान उत्पादक संगठनों को सीड मनी, ब्याज सब्सिडी और ऋण गारंटी देने के लिए 20 करोड़ रुपए का कोष |
|
कृषि से संपन्नता योजना |
कृषि |
चुनींदा क्षेत्रों में हींग और केसर उत्पादन को बढ़ावा |
- |
कृषि उत्पाद संरक्षण योजना |
कृषि |
ओलों से बचाव करने वाले जाल लगाने के लिए स्थायी संरचना हेतु सब्सिडी |
50 करोड़ (कुछ मौजूदा सब्सिडी को मिलाकर) |
मधु उत्पादन एवं प्रसंस्करण योजना |
कृषि |
मधुमक्खी पालन संबंधित गतिविधियों में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा |
7 करोड़ |
महक |
कृषि |
सुगंधि वाले पौधों को लगाने, उनके प्रसंस्करण और मार्केटिंग हेतु सहायता |
- |
हिम कुक्कुट पालन योजना |
कृषि |
मुर्गी पालन को बढ़ावा, प्रत्येक वर्ष 100 किसानों को 5,000 ब्रॉयलर्स तक प्रदान किए जाएंगे |
- |
मोबाइल वेटिनेरी सेवा (मूव्स) |
कृषि |
वेटिनरी सेवाओं की डोरस्टेप डिलिवरी |
- |
पर्वत धारा |
ग्रामीण विकास |
मनरेगा के अंतर्गत विलुप्त और घटते जल स्रोतों का कायाकल्प और प्रबंधन |
20 करोड़ |
उन्नति |
ग्रामीण विकास |
मनरेगा के लाभार्थी परिवारों के कम से कम एक सदस्य का दक्षता विकास |
- |
पंचवटी |
ग्रामीण विकास |
ग्रामीण क्षेत्रों में पार्क और बगीचों को बढ़ावा देना |
- |
ठोस कचरा प्रबंधन |
ग्रामीण विकास |
2020-21 के दौरान पहले चरण में 500 पंचायतों को ठोस कचरा मुक्त बनाया जाएगा |
- |
स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना |
शिक्षा |
100 क्लस्टर में स्मार्ट क्लासरूम जैसी आधुनिक सुविधाएं, विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात में सुधार |
15 करोड़ |
स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय योजना |
शिक्षा |
पहले चरण में 68 स्कूलों में फर्नीचर, स्पोर्ट्स फेसिलिटीज़, लैब जैसी सुविधाएं |
30 करोड़ |
स्वर्ण जयंती सुपर 100 |
शिक्षा |
प्रोफेशनल कोर्सेज़ में दाखिले के लिए मेधावी युवाओं को बढ़ावा देना |
- |
स्वस्थ और सशक्त किशोरित्व एवं मातृत्व (एसकेएम) |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
जिले के सभी अस्पतालों में स्तन कैंसर की जांच हेतु मेमोग्राफी की सुविधा, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और उससे संबंधित जागरूकता |
- |
हिमरोग्य |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
सभी नागरिकों को यूनीक हेल्थ आईडी देने के लिए आईटी सिस्टम |
- |
मोबाइल हेल्थ सेंटर्स |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 10 नए मोबाइल स्वास्थ्य केंद्र |
- |
सम्मान |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण |
अस्पतालों में पहचान और परिचारक के बिना छोड़ दिए गए निराश्रित व्यक्तियों के लिए डायग्नॉस्टिक सहित निशुल्क उपचार का प्रावधान |
- |
पारंपरिक हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्लस्टर प्रोत्साहन परियोजना |
उद्योग |
प्रत्येक जिले में क्लस्टर के आधार पर कारीगरों और शिल्पकारों और उनके उत्पादों को बढ़ावा देना |
- |
स्वर्ण जयंती पोषाहार योजना |
समाज कल्याण एवं पोषण |
निम्नलिखित के लिए अंब्रैला योजना: |
- |
वह दिन |
समाज कल्याण एवं पोषण |
मासिक धर्म संबंधी साफ-सफाई पर जागरूकता अभियान |
3.24 करोड़ |
Sources: Budget Speech 2020-21; PRS.
[1] The 28 other states include all states except Manipur. It includes the Union Territory of Delhi and erstwhile state of Jammu and Kashmir.
[2] This excludes the cess and surcharge revenue of the central government as it is outside the divisible pool and not shared with states. As per the 2019-20 union budget, cess and surcharge revenue accounted for 15% of the estimated gross tax revenue of the central government.
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