हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च, 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2023-24 के लिए हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 2.14 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 की तुलना में 10% की वृद्धि है।

  • 2023-24 में व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) 47,926 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 7% की कमी है। इसके अलावा राज्य द्वारा 5,487 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया जाएगा।

  • 2023-24 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 38,026 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 2.6% की कमी है। 2022-23 में बजट अनुमानों की तुलना में प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 7.2% अधिक होने का अनुमान है।

  • 2023-24 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 2.2% (4,704 करोड़ रुपए) रहने का अनुमान है। 2022-23 में राजस्व घाटा 3.2% रहने की उम्मीद है जो बजट अनुमान (जीएसडीपी का 2%) से अधिक है।

  • 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4.6% (9,900 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.4% अनुमानित है जो बजट अनुमान (जीएसडीपी का 5%) से काफी अधिक है।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • विधायी प्रस्ताव: हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट, 1972 के तहत किसी परिवार की बेटी को जमीन का मालिकाना हक देने के लिए उसे अलग यूनिट बनाया जाएगा।

  • अक्षय ऊर्जा: राज्य के युवाओं को अपनी/पट्टे की भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए 40% अनुदान प्रदान किया जाएगा। राज्य सरकार जल विद्युत के लिए निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने के लिए नीति बनाएगी। सौर ऊर्जा परियोजनाओं, उप-स्टेशनों और वितरण लाइनों की स्थापना के लिए हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। निजी बस और ट्रक संचालकों को ई-बसों और ई-ट्रकों की खरीद पर सबसिडी दी जाएगी।

  • राजस्व सृजन: जीएसटी क्षतिपूर्ति के नुकसान को कम करने के लिए जीएसटी राजस्व वृद्धि परियोजना शुरू की जाएगी। दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए राज्य शराब की प्रति बोतल पर 10 रुपए का दुग्ध उपकर (सेस) लगाएगा। इसके अलावा जल विद्युत परियोजनाओं पर जल उपकर लगाया जाएगा।

  • शिक्षा: आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उच्च/व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शिक्षा ऋण प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) पिछले वर्ष की तुलना में 6.4% बढ़ने का अनुमान है। इसकी तुलना में 2022-23 में जीडीपी के 7% बढ़ने का अनुमान है।

  • क्षेत्र: 2022-23 में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में 14%, 43% और 43% योगदान का अनुमान है (मौजूदा मूल्यों पर)। 2022-23 में इन क्षेत्रों में पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 2%, 7.2% और 6.9% बढ़ने का अनुमान है (स्थिर कीमतों पर)।

  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2023-24 में हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 2,86,401 रुपए अनुमानित है जो पिछले वर्ष की तुलना में 9% अधिक है।

  • बेरोजगारी: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (जुलाई 2021-जून 2022) के अनुसार, हिमाचल की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत 4.1% की तुलना में 4% थी।

रेखाचित्र  1 हिमाचल प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

स्रोत: हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23; पीआरएस।

2023-24 के लिए बजट अनुमान

  • 2023-24 में 47,296 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण अदायगी को छोड़कर) का लक्ष्य रखा गया है। यह 2022-23 के संशोधित अनुमान से 7% की कमी है। इस व्यय को 38,026 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधार को छोड़कर) और 7,033 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2023-24 के लिए कुल प्राप्तियों (उधारियों के अलावा) में 2022-23 के संशोधित अनुमान की तुलना में 2.6% की कमी दर्ज होने की उम्मीद है।

संशोधित अनुमानों की विश्वसनीयता

बजट में प्रस्तुत संशोधित अनुमान 9-10 महीनों के आंकड़ों के आधार पर चालू वित्तीय वर्ष की अधिक यथार्थवादी तस्वीर प्रदान करते हैं। हालांकि राज्य में शुद्ध व्यय (उधारियों को छोड़कर) के 2022-23 के संशोधित अनुमान अवास्तविक हैं, जिसके कारण राजकोषीय घाटे का अनुमान अनुमत सीमा से काफी अधिक है। 2022-23 में संशोधित चरण में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 6.4% पर लक्षित है और शुद्ध व्यय बजट से 12% अधिक होने की उम्मीद है जबकि शुद्ध प्राप्तियां बजट से 7% अधिक होने की उम्मीद है। यह देखते हुए कि अनुमानित राजकोषीय घाटा अनुमत सीमा (जीएसडीपी का 4%) से काफी अधिक है, 2022-23 में वास्तविक व्यय संशोधित अनुमानों की तुलना में काफी कम होने की संभावना है।

  • 2023-24 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 2.2% (4,704 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 3.2%) से कम है। 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी (9,900 करोड़ रुपए) के 4.6% पर लक्षित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों (जीएसडीपी का 6.5%) की तुलना में कम है।

  • 2022-23 में राजकोषीय घाटा संशोधित अनुमानों के अनुसार जीएसडीपी का 6.4% रहने की उम्मीद है, जो बजट अनुमान (जीएसडीपी का 5%) से अधिक है। 2023-24 में इसे जीएसडीपी के 4.6% पर लक्षित किया गया है। इन दोनों वर्षों में, राजकोषीय घाटा केंद्र सरकार द्वारा अनुमत सीमा से अधिक होने का अनुमान है। 2022-23 के लिए अनुमत सीमा जीएसडीपी की 4% है और 2023-24 के लिए जीएसडीपी की 3.5% है; जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% दोनों वर्षों में बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर ही उपलब्ध होगा।  

तालिका 1: बजट 2023-24 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

46,989

51,365

62,871

22.4%

53,413

-15.0%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

4,387

5,342

11,349

112.4%

5,487

-51.7%

शुद्ध व्यय (E)

42,602

46,023

51,523

12.0%

47,926

-7.0%

कुल प्राप्तियां

46,692

48,950

60,988

24.6%

50,546

-17.1%

(-) उधारियां 

9,335

12,530

21,949

75.2%

12,520

-43.0%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

37,357

36,420

39,039

7.2%

38,026

-2.6%

राजकोषीय घाटा (E-R)

5,245

9,602

12,483

30.0%

9,900

-20.7%

जीएसडीपी का %

3.0%

5.0%

6.4%

4.6%

राजस्व संतुलन*

1,115

-3,903

-6,170

58.1%

-4,704

-23.8%

जीएसडीपी का %

0.6%

-2.0%

-3.2%

-2.2%

प्राथमिक घाटा

604

4,498

7,699

71.2%

4,338

-43.7%

जीएसडीपी का %

0.3%

2.3%

3.9%

2.0%

नोट: *नेगेटिव चिन्ह घाटे को दर्शाता है; पॉजिटिव चिन्ह अधिशेष दर्शाता है, बअ- बजट अनुमान; संअ- संशोधित अनुमान।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस। 

2023-24 में व्यय

  • 2023-24 के लिए राजस्व व्यय 42,704 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 5% कम है। इसमें वेतन, पेंशन, ब्याज, अनुदान और सबसिडी पर खर्च शामिल है।

  • 2023-24 के लिए पूंजी परिव्यय 5,202 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 18% कम है। पूंजी परिव्यय परिसंपत्ति के निर्माण पर होने वाले व्यय को दर्शाता है।

पुरानी पेंशन योजना में वापसी

हिमाचल प्रदेश ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) पर आधारित निर्दिष्ट अंशदान से हटने और निर्दिष्ट लाभ प्रदान करने वाली पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को वापस लेने का फैसला किया है। यदि कोई राज्य ओपीएस में वापस आता है तो तत्काल वित्तीय तनाव की उम्मीद नहीं है। निकट अवधि में, कुल पेंशन व्यय में कमी आ सकती है क्योंकि एनपीएस के लिए सरकारी योगदान का अब भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, जब एनपीएस के लागू होने के बाद शामिल होने वाले कर्मचारी 2034-35 से सेवानिवृत्त होने लगते हैं, तो ओपीएस में वापस लौटने की लागत अधिक दिखाई दे सकती है। 2022-23 में हिमाचल प्रदेश में सभी राज्यों (21%) के बीच राजस्व प्राप्तियों के प्रतिशत के रूप में पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों पर सबसे अधिक खर्च किया गया था।

तालिका 2बजट 2023-24 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

36,195

40,279

45,115

12%

42,704

-5%

पूंजीगत परिव्यय

6,029

5,647

6,311

12%

5,202

-18%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

378

97

96

-2%

20

-79%

शुद्ध व्यय

42,602

46,023

51,523

12%

47,926

-7%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आबंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2023-24 में हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 30,400 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है, जो उसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 80% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 42%), पेंशन (23%), और ब्याज (15%) पर खर्च शामिल है। 2022-23 में, बजट अनुमानों की तुलना में प्रतिबद्ध व्यय में 7% की वृद्धि होने की उम्मीद है।

तालिका 3: 2023-24 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

वेतन

12,779

15,164

16,070

6%

16,144

0%

पेंशन

6,399

7,790

9,051

16%

8,694

-4%

ब्याज 

4,641

5,105

4,785

-6%

5,562

16%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

23,819

28,059

29,905

7%

30,400

2%

नोट: 2022-23 के संशोधित अनुमानों के लिए वेतन की गणना पहले से की गई है। 
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण; व्याख्यात्मक ज्ञापन, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2022-23 के दौरान हिमाचल प्रदेश के बजटीय व्यय का 56% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।

तालिका 4हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 23-24 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान (2023-24)

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

7,197

8,669

9,251

9,068

-2%

प्रारंभिक शिक्षा के लिए 4,147 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सड़क एवं पुल

3,733

3,958

4,149

3,548

-14%

सड़कों और पुलों पर पूंजी परिव्यय के लिए 1,691 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

2,871

3,032

3,796

3,116

-18%

शहरी स्वास्थ्य सेवाओं (एलोपैथी) और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं (एलोपैथी) को क्रमशः 407 करोड़ रुपए और 463 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

2,659

2,709

3,121

2,828

-9%

खाद्य सब्सिडी के लिए 152 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

1,971

2,300

2,825

2,764

-2%

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पेंशन के लिए 892 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

2,223

1,850

2,168

1,700

-22%

शहरी जल आपूर्ति कार्यक्रम के लिए 334 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

पुलिस

1,307

1,593

1,616

1,589

-2%

जिला पुलिस को 811 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

707

935

986

861

-13%

सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण पर पूंजी परिव्यय के लिए 390 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

बिजली

1,778

672

1,247

625

-50%

बिजली बोर्डों को सहायता के लिए 267 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

860

734

945

615

-35%

स्थानीय निकायों, निगमों को सहायता के लिए 255 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सभी क्षेत्रों में कुल व्यय का %

60%

58%

59%

56%

-5%

 

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस। 

2023-24 में प्राप्तियां

  • 2023-24 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 38,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 2% कम है। इसमें से 16,473 करोड़ रुपए (43%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे, और 21,527 करोड़ रुपए (57%) केंद्र से आएंगे। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 22%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 34%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।

  • 2023-24 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 8,478 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 8% अधिक है। 2023-24 में केंद्र से अनुदान 13,049 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 24% कम है। कम अनुदान के प्रमुख कारणों में से एक जून 2022 से जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान का बंद होना है।

  • राज्य का स्वयं राजस्व: हिमाचल प्रदेश का कुल कर राजस्व 2023-24 में 13,026 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान से 20% अधिक है। जीएसडीपी के % के रूप में उच्च स्वयं कर राजस्व (ओटीआर) राज्य में आर्थिक गतिविधियों से कर जुटाने की बेहतर क्षमता का संकेत होता है। कर संग्रह आय स्तर, अर्थव्यवस्था की संरचना, कर दरों और कर प्रशासन सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। 2022-23 में जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में हिमाचल प्रदेश का ओटीआर संशोधित चरण में 5.6% अनुमानित है, जो सभी राज्यों के औसत (6.7%) से कम है। 2023-24 में जीएसडीपी अनुपात के प्रतिशत के रूप में ओटीआर 6.1% अनुमानित है।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर

9,715

10,881

10,866

0%

13,026

20%

राज्य के स्वयं गैर कर

2,612

2,769

3,023

9%

3,447

14%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

7,349

6,778

7,884

16%

8,478

8%

केंद्र से सहायतानुदान

17,633

15,946

17,172

8%

13,049

-24%

राजस्व प्राप्तियां

37,309

36,375

38,945

7%

38,000

-2%

गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

48

45

94

108%

26

-72%

शुद्ध प्राप्तियां

37,357

36,420

39,039

7%

38,026

-3%

नोट: राज्य के स्वयं कर राजस्व और केंद्रीय करों में हिस्सेदारी को राज्य के अन्य करों और शुल्कों में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के लिए समायोजित किया गया है। 
स्रोत
वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24, पीआरएस।

  • 2023-24 में स्वयं कर राजस्व में राज्य जीएसटी का हिस्सा सबसे अधिक होने का अनुमान है (48%)। 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में राज्य जीएसटी राजस्व में 16% की वृद्धि का अनुमान है।

  • 2023-24 में सेल्स टैक्स/वैट से राजस्व में 2022-23 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 29% की वृद्धि अनुमानित है। हालांकि 2022-23 में इस मद में प्राप्तियां बजट अनुमान से 21% कम होने का अनुमान है।

तालिका 6राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 वास्तविक

2022-23 बजटीय

2022-23 संशोधित

बअ 2022-23 से संअ 2022-23 में परिवर्तन का %

2023-24 बजटीय

संअ 2022-23 से बअ 2023-24 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

4,482

5,130

5,400

5%

6,264

16%

सेल्स टैक्स/वैट 

1,592

1,810

1,430

-21%

1,840

29%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

319

399

399

0%

439

10%

वाहन कर

510

512

680

33%

775

14%

राज्य एक्साइज 

1,981

2,131

2,197

3%

2,351

7%

भू राजस्व 

5

23

15

-35%

17

14%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

394

403

326

-19%

403

24%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

1,168

1,700

1,700

0%

-

-

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

2,695

-

-

-

-

-

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, राजस्व बजट और बजट- एक नजर में वक्तव्य हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस। 

2023-24 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश के राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) एक्ट, 2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है। 

राजस्व घाटा: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों का सृजन नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2023-24 में 4,704 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 2.2%) के राजस्व घाटे का अनुमान लगाया गया है। 2022-23 में राजस्व घाटा 6,170 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 3.2%) होने का अनुमान है जो बजट अनुमान (3,903 करोड़ रुपए या जीएसडीपी का 2%) से अधिक है।

राजकोषीय घाटा: यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2023-24 में हिमाचल प्रदेश का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.6% रहने का अनुमान है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान (5%) से अधिक, जीएसडीपी का 6.4% रहने का अनुमान है। 2022-23 में केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 4.0% (बिजली क्षेत्र में सुधार करने के लिए 0.5% सहित) के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी है। इन दोनों वर्षों में राजकोषीय घाटा केंद्र सरकार द्वारा अनुमत सीमा से अधिक होने का अनुमान है। 2022-23 के लिए अनुमत सीमा जीएसडीपी की 4% है और 2023-24 के लिए जीएसडीपी की 3.5% है, जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% दोनों वर्षों में बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर ही उपलब्ध होगा।

बकाया देनदारियां: वित्तीय वर्ष के अंत में राज्य की कुल उधारियां जमा होकर बकाया देनदारियां बन जाती हैं। इसमें लोक लेखा की देनदारियां भी शामिल हैं। 2023-24 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 39% होने का अनुमान है। बकाया देनदारियां 2019-20 के स्तर (जीएसडीपी का 35.3%) की तुलना में बढ़ी हैं। हालांकि अगले कुछ वर्षों में उनके घटने का अनुमान है।

बकाया सरकारी गारंटियां: राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं होती हैं जो प्रकृति में आकस्मिक होती हैं और जिन्हें राज्यों को कुछ मामलों में पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के उधार की गारंटी देती हैं। 31 मार्च, 2023 तक कुल बकाया सरकारी गारंटी 1,885 करोड़ रुपए (जीएसडीपी का 1.1%) होने का अनुमान था, जिसमें से 190 करोड़ रुपए हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के लिए थे।

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय संतुलन (जीएसडीपी का %)

नोट: *अनुमान, BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: बजट एक नज़र में, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियों के लक्ष्य (जीएसडीपी का %)

नोट: *अनुमान, BE बजट अनुमान और RE संशोधित अनुमान हैं।
स्रोत: बजट एक नज़र में, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24पीआरएस।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हिमाचल प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसत, उस क्षेत्र में 31 राज्यों (हिमाचल प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2022-23 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है।  [1]  

  • शिक्षा: हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के लिए अपने कुल व्यय का 18.9% आवंटित किया है जो अन्य राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.8%) से अधिक है।

  • सड़कें और पुल: हिमाचल प्रदेश ने सड़कों और पुलों के लिए अपने व्यय का 7.4% आवंटित किया है। यह अन्य राज्यों द्वारा सड़कों और पुलों के लिए औसत आवंटन (4.5%) से अधिक है।

  • स्वास्थ्य: हिमाचल प्रदेश ने 2023-24 में स्वास्थ्य पर अपने व्यय का 6.5% आवंटित किया है। यह 2022-23 में अन्य राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.3%) से थोड़ा अधिक है।

  • कृषि: राज्य ने कृषि के लिए अपने कुल व्यय का 5.9% आवंटित किया है जो अन्य राज्यों द्वारा औसत आवंटन (5.8%) से थोड़ा अधिक है।

  • जलापूर्ति एवं सैनिटेशन: हिमाचल प्रदेश ने अपने व्यय का 3.5% जलापूर्ति एवं सैनिटेशन के लिए आवंटित किया है जो अन्य राज्यों द्वारा औसत आवंटन (3.0%) से अधिक है।

  • पुलिस: राज्य ने अपने खर्च का 3.3% पुलिस के लिए आवंटित किया है जो अन्य राज्यों द्वारा औसत आवंटन (4.3%) से कम है।

नोट: 2021-22, 2022-23 (बअ), 2022-23 (संअ), और 2023-24 (बअ) के आंकड़े हिमाचल प्रदेश के हैं। 
स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हिमाचल प्रदेश बजट 2023-24; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

  [1]  31 राज्यों में केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और पुद्दूचेरी शामिल हैं।

अनुलग्नक 2: 2021-22 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2021-22 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

मद

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

37,069

37,357

1%

1.  राजस्व प्राप्तियां (क+ख+ग+घ)

37,028

37,309

1%

क.     स्वयं कर राजस्व

9,282

9,715

5%

ख.     स्वयं गैर कर राजस्व

2,754

2,612

-5%

ग.     केंद्रीय करों में हिस्सा

5,524

7,349

33%

घ.     केंद्र से सहायतानुदान

19,468

17,633

-9%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति

3,834

1,168

-70%

2.  गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

41

48

16%

3.  उधारियां

11,731

9,335

-20%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

2,695

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

44,858

42,602

-5%

4.  राजस्व व्यय

38,491

36,195

-6%

5.  पूंजीगत परिव्यय

6,013

6,029

0%

6.  ऋण और अग्रिम

354

378

7%

7.  ऋण पुनर्भुगतान

5,334

4,387

-18%

राजस्व संतुलन

-1,463

1,115

-176%

राजस्व संतुलन (जीएसडीपी का %)

-0.9%

0.6%

-

राजकोषीय घाटा

7,789

5,245

-33%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

4.5%

3.0%

-

स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 8राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

भूराजस्व

23

5

-79%

बिजली पर टैक्स और ड्यूटी

431

394

-9%

सेल्स टैक्स/वैट

1,643

1,592

-3%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

311

319

3%

वाहन कर

488

510

5%

राज्य एक्साइज

1,868

1,981

6%

राज्य जीएसटी

4,142

4,482

8%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्स; पीआरएस।

तालिका 9मुख्य क्षेत्रों के लिए आबंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2021-22 बअ

2021-22 वास्तविक

बअ से वास्तविक में परिवर्तन का %

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

900

707

-21%

पुलिस

1,527

1,307

-14%

शिक्षा, खेल, कला एवं संस्कृति

8,272

7,197

-13%

सड़कें एवं पुल

4,046

3,733

-8%

समाज कल्याण एवं पोषण

2,128

1,971

-7%

ग्रामीण विकास

1,377

1,325

-4%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

2,976

2,871

-4%

जलापूर्ति एवं सैनिटेशन

2,243

2,223

-1%

कृषि एवं संबंधित गतिविधियां

2,672

2,659

-1%

आवास

156

171

10%

शहरी विकास

728

860

18%

एससी, एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक कल्याण

96

168

75%

बिजली

559

1,778

218%

स्रोतविभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट डॉक्यूमेंट्सपीआरएस। ।

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