हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश किया।

बजट के मुख्य अंश

  • 2024-25 के लिए हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 2,27,136 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजिसमें 2023-24 की तुलना में 9.5% की वृद्धि है।

  • 2024-25 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 52,965 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 0.4% अधिक है। इसके अलावा राज्य को 5,479 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाना होगा।

  • 2024-25 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 42,181 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 4% की वृद्धि है।

  • 2024-25 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 2% (4,513 करोड़ रुपए) होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.6%) से कम है। 2023-24 में राजस्व घाटा बजट अनुमान से 16% ज्यादा रहने का अनुमान है।

  • 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4.7% (10,784 करोड़ रुपए) पर लक्षित है। 2023-24 मेंसंशोधित अनुमान के अनुसारराजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 5.9% होने की उम्मीद हैजबकि बजट अनुमान चरण में यह 4.6% अनुमानित था।

नीतिगत विशिष्टताएं

  • राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना: योजना के पहले चरण के तहतप्रत्येक पंचायत के 10 किसानों को रसायन मुक्त खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इन किसानों का अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा।

  • स्वास्थ्य और शिक्षा2026 तक प्रत्येक जिले में सभी टेस्ट सुविधाओं के साथ एक एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य लै स्थापित की जाएगी। राज्य सरकार उन क्षेत्रों में बच्चों के लिए परिवहन लागत वहन करेगी जहां पांच किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक विद्यालय नहीं है। 2024-25 में 6,000 नर्सरी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी

  • महिला एवं बाल विकास: महिला एवं बाल विकास और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए 2,457 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के तहत एक लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाली विधवाओं के बच्चों की शिक्षा का खर्च राज्य द्वारा वहन किया जाएगा।

  • ग्रामीण विकास: मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी में 60 रुपए की बढ़ोतरी की जाएगी। विधवाएकल और निराश्रित महिला मनरेगा श्रमिकों को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था

  • जीएसडीपी: 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) 6.4% बढ़ने का अनुमान हैजबकि 2021-22 में यह 7.6% थी। इसकी तुलना में2022-23 में राष्ट्रीय जीडीपी 7.2% बढ़ने का अनुमान है।

  • क्षेत्र: 2022-23 में कृषि क्षेत्र में 2% की वृद्धि हुई। इसकी तुलना में 2021-22 में इसमें 4.6% की वृद्धि देखी गई। 2022-23 में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 7.2% की वृद्धि हुई। 2022-23 में सेवाओं में 6.9% की वृद्धि हुई। इसकी तुलना में 2021-22 में इसमें 7.9% की वृद्धि हुई।

  • 2022-23 में कृषिमैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्रों का अर्थव्यवस्था में क्रमशः 14%43% और 44% योगदान देने का अनुमान है (मौजूदा कीमतों पर)।

  • प्रति व्यक्ति जीएसडीपी: 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 2,62,182 रुपए होने का अनुमान हैजिसमें 2021-22 की तुलना में 10% की वृद्धि है।

रेखाचित्र  1 हिमाचल प्रदेश में स्थिर मूल्यों पर (2011-12) जीएसडीपी और विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि

image

नोट: कृषि में खनन और उत्खनन भी शामिल है; मैन्यूफैक्चरिंग में निर्माणऔर बिजलीगैसपानी और अन्य उपयोगिता सेवाएं भी शामिल हैं। ये आंकड़े स्थिर कीमतों (2011-12) के अनुसार हैंजिसका अर्थ है कि विकास दर को मुद्रास्फीति के लिए समायोजित किया गया है।
स्रोत: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय; पीआरएस।

2024-25 के लिए बजट अनुमान

  • 2024-25 में 52,965 करोड़ रुपए के कुल व्यय (ऋण भुगतान को छोड़कर) का लक्ष्य है। यह लगभग 2023-24 के संशोधित अनुमान के समान है। इस व्यय को 42,181 करोड़ रुपए की प्राप्तियों (उधार को छोड़कर) और 7,430 करोड़ रुपए की शुद्ध उधारी के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है। 2024-25 के लिए कुल प्राप्तियां (उधारियों के अलावा) 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना मे 4% बढ़ने की उम्मीद है।

  • 2024-25 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 2% (4,513 करोड़ रुपए) होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2.6%) से कम है। 2022-23 में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 3.3% था। 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीएसडीपी का 4.7% (10,784 करोड़ रुपए) हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 5.9%) से कम है। 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 6.5% था।

तालिका 1: बजट 2024-25 के मुख्य आंकड़े (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

कुल व्यय

60,701

53,413

61,625

15.4%

58,444

-5.2%

(-) ऋण का पुनर्भुगतान

10,136

5,487

8,857

61.4%

5,479

-38.1%

शुद्ध व्यय (E)

50,565

47,926

52,768

10.1%

52,965

0.4%

कुल प्राप्तियां

60,557

50,546

59,147

17.0%

55,090

-6.9%

(-) उधारियां 

22,372

12,520

18,674

49.2%

12,909

-30.9%

शुद्ध प्राप्तियां (R)

38,185

38,026

40,474

6.4%

42,181

4.2%

राजकोषीय घाटा (E-R)

12,380

9,900

12,295

24.2%

10,784

-12.3%

जीएसडीपी का %

6.5%

4.6%

5.9%

 

4.8%

 

राजस्व घाटा

6,336

4,704

5,480

16.5%

4,513

-17.6%

जीएसडीपी का %

3.3%

2.2%

2.6%

 

1.9%

 

प्राथमिक घाटा

7,551

4,338

6,636

53.0%

4,528

-31.8%

जीएसडीपी का %

3.9%

2.0%

3.2%

 

2.0%

 

जीएसडीपी

1,91,728

2,14,944

2,07,430

-3.5%

2,27,136

9.5%

नोट: बअ- बजट अनुमानसंअ- संशोधित अनुमान। स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्यहिमाचल प्रदेश बजट 2024-25पीआरएस।

2024-25 में व्यय

  • 2024-25 के लिए राजस्व व्यय 46,667 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 2% अधिक है। इसमें वेतनपेंशनब्याजअनुदान और सबसिडी पर होने वाला खर्च शामिल है।

  • 2024-25 के लिए पूंजीगत परिव्यय 6,270 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 8% कम है। पूंजीगत परिव्यय परिसंपत्तियों के निर्माण पर होने वाले व्यय को दर्शाता है।

  • 2024-25 में राज्य द्वारा ऋण और अग्रिम राशि 28 करोड़ रुपए होने की उम्मीद हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 54% कम है।

सबसिडी व्यय

एफआरबीएम के वक्तव्यों के अनुसार हिमाचल में 2024-25 में सबसिडी पर 1,189 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह इसकी राजस्व प्राप्तियों का 3% है और 2026-27 में यह घटकर 2% होने का अनुमान है। 2021-22 मेंसभी राज्यों ने औसतन अपनी राजस्व प्राप्तियों का 9% सबसिडी पर खर्च किया। सबसिडी वाली वस्तुओं को मेरिट और नॉन-मेरिट वस्तुओं में वर्गीकृत किया जा सकता है। मेरिट वाली वस्तुओं से समाज को व्यापक लाभ हो सकते हैंजैसे स्वास्थ्य और शिक्षा।

आरबीआई (2022) ने कहा था कि नॉन-मेरिट सबसिडी पर बढ़ा हुआ खर्च पूंजीगत व्यय के लिए गुंजाइश कम कर सकता है। 2024-25 में हिमाचल ने ऊर्जाकृषिपरिवहन और खाद्य क्षेत्रों को सबसिडी देने की योजना बनाई है। 2022-23 में हिमाचल ने अपनी सबसिडी का 53% ऊर्जा क्षेत्र पर खर्च कियाइसके बाद 17% खाद्य आपूर्ति के लिए अनाज और तेल की खरीद पर खर्च किया। 2021-22 में उसने क्रमशः 35% और 26% खर्च किया।    

 

तालिका 2बजट 2024-25 में व्यय (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राजस्व व्यय

44,425

42,704

45,926

8%

46,667

2%

पूंजीगत परिव्यय

6,029

5,202

6,781

30%

6,270

-8%

राज्यों द्वारा दिए गए ऋण

111

20

61

209%

28

-54%

शुद्ध व्यय

50,565

47,926

52,768

10%

52,965

0.4%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस।

प्रतिबद्ध व्यय: राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतनपेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है। बजट के एक बड़े हिस्से को प्रतिबद्ध व्यय की मदों के लिए आवंटित करने से पूंजीगत परिव्यय जैसी अन्य व्यय प्राथमिकताओं पर फैसला लेने का राज्य का लचीलापन सीमित हो जाता है। 2024-25 में हिमाचल प्रदेश में प्रतिबद्ध व्यय पर 33,463 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है जो इसकी अनुमानित राजस्व प्राप्तियों का 79% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 41%)पेंशन (24%) और ब्याज भुगतान (15%) पर खर्च शामिल है। 2023-24 में पेंशन पर व्यय बजट अनुमान से 4% अधिक होने का अनुमान है। 2022-23 में वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, राजस्व प्राप्तियों का 79% प्रतिबद्ध व्यय के लिए खर्च किया गया था।

तालिका 3: 2024-25 में प्रतिबद्ध व्यय (करोड़ रुपए में)

प्रतिबद्ध व्यय

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

वेतन

16,161

16,144

16,090

0%

17,247

7%

पेंशन

9,284

8,694

9,062

4%

9,961

10%

ब्याज भुगतान

4,829

5,562

5,658

2%

6,255

11%

कुल प्रतिबद्ध व्यय

30,274

30,400

30,811

1%

33,463

9%

स्रोत: वार्षिक वित्तीय वक्तव्य, हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस।

क्षेत्रवार व्यय: 2024-25 के दौरान हिमाचल प्रदेश के बजटीय व्यय का 61% हिस्सा निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए खर्च किया जाएगा। अनुलग्नक 1 में प्रमुख क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना, अन्य राज्यों से की गई है।

तालिका हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25 में क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

बजटीय प्रावधान 
 2024-25

शिक्षाखेलकला एवं संस्कृति

9,057

9,068

9,132

9,812

7%

समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रारंभिक शिक्षा के लिए 893 करोड़ रुपए और माध्यमिक शिक्षा के लिए 236 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

परिवहन

5,005

4,621

5,589

5,289

-5%

जिला एवं अन्य सड़कों के लिए 3,809 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

3,713

3,116

3,494

3,390

-3%

शहरी क्षेत्रों में अस्पतालों और औषधालयों के लिए 333 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों और औषधालयों को 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

समाज कल्याण एवं पोषण

2,625

2,764

3,603

3,051

-15%

विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत पेंशन के लिए 1,031 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

3,039

2,828

3,019

2,755

-9%

बागवानी और सब्जी फसलों के लिए 307 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

ग्रामीण विकास

2,041

1,892

1,844

2,145

16%

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 399 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

ग्राम पंचायतों को सहायता के लिए 403 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 

जलापूर्ति एवं स्वच्छता

2,137

1,700

2,296

1,998

-13%

शहरी जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 355 करोड़ रुपए और ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 1123 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

पुलिस

1,619

1,589

1,654

1,701

3%

जिला पुलिस के लिए 890 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

801

861

947

1,382

46%

लघु सिंचाई के लिए 996 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

शहरी विकास

1,045

615

946

645

-32%

स्थानीय निकायोंनिगमोंशहरी विकास प्राधिकरणों और नगर सुधार बोर्डों को सहायता के लिए 259 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सभी क्षेत्रों पर कुल व्यय का %

62%

61%

62%

61%

-2%

 

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस। 

2024-25 में प्राप्तियां

  • 2024-25 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 42,153 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 4% की वृद्धि है। इसमें से 18,741 करोड़ रुपए (44%) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएगा और 23,412 करोड़ रुपए (56%) केंद्र से आएगा। केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी (राजस्व प्राप्तियों का 24%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 32%) के रूप में होंगे।

  • हस्तांतरण2024-25 में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 10,124 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 15% अधिक है।

  • 2024-25 में केंद्र से अनुदान 13,287 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 12% कम है।

  • राज्य का स्वयं कर राजस्व: हिमाचल प्रदेश का कुल स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 15,101 करोड़ रुपए होने का अनुमान हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान से 18% अधिक है। जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 2024-25 में 6.6% अनुमानित हैजो 2023-24 के संशोधित अनुमान (6.2%) से अधिक है। 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों के अनुसारजीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वयं कर राजस्व 5.5% था।

तालिका 5राज्य सरकार की प्राप्तियों का ब्रेकअप (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य के स्वयं कर

10,595

13,026

12,769

-2%

15,101

18%

राज्य के स्वयं गैर कर

2,876

3,447

3,325

-4%

3,641

9%

केंद्रीय करों में हिस्सेदारी

7,884

8,478

9,167

8%

10,124

15%

केंद्र से सहायता अनुदान

16,734

13,049

15,185

16%

13,287

-12%

राजस्व प्राप्तियां

38,090

38,000

40,446

6%

42,153

4%

गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां

95

26

27

4%

28

2%

शुद्ध प्राप्तियां

38,185

38,026

40,474

6.4%

42,181

4%

नोट: बअ बजट अनुमान और संअ संशोधित अनुमान हैं। 
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस।

  • 2024-25 में राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व (43% हिस्सेदारी) का सबसे बड़ा स्रोत होने का अनुमान है। राज्य जीएसटी राजस्व 2023-24 के संशोधित अनुमान से 17% बढ़ने का अनुमान है।

  • 2024-25 में बिक्री कर/वैट से राजस्व में 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 14% की वृद्धि की उम्मीद है।

पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना

2023-24 में हिमाचल प्रदेश द्वारा अपनी राजस्व प्राप्तियों का 21% पेंशन भुगतान पर खर्च करने का अनुमान है जो सभी राज्यों में सबसे अधिक है। 2024-25 में इसके बढ़कर 24% होने का अनुमान है। 2023 में हिमाचल प्रदेश परिभाषित योगदान आधारित राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से हट गया और परिभाषित-लाभ आधारित पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में लौट आया है। इससे अल्पावधि में उनका पेंशन व्यय कम हो सकता है। हालांकि 2034 से जब एनपीएस के तहत 2004-05 के बाद शामिल हुए कर्मचारी सेवानिवृत्त होने लगेंगेतो लागत दिख सकती है।

तालिका राज्य के स्वयं कर राजस्व के मुख्य स्रोत (करोड़ रुपए में)

मद

2022-23 वास्तविक

2023-24 बजटीय

2023-24 संशोधित

बअ 2023-24 से संअ 2023-24 में परिवर्तन का %

2024-25 बजटीय

संअ 2023-24 से बअ 2024-25 में परिवर्तन का %

राज्य जीएसटी

5259

6264

5600

-11%

6552

17%

राज्य एक्साइज

2216

2351

2575

10%

2884

12%

सेल्स टैक्स/वैट

1370

1840

1825

-1%

2080

14%

वाहन कर

675

775

800

3%

902

13%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

399

439

594

35%

626

5%

बिजली पर कर और ड्यूटी

252

403

404

0%

551

36%

भूराजस्व

8

17

18

4%

18

0%

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

1,293

-

-

-

-

-

जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

-

0

0

 

0

 

स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, राजस्व बजटऔर हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस। 

2024-25 के लिए घाटे, ऋण और एफआरबीएम के लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश राजकोषीय दायित्व (एफआरबी) एक्ट2005 में राज्य सरकार की बकाया देनदारियोंराजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को प्रगतिशील तरीके से कम करने के लक्ष्यों का प्रावधान है।

राजस्व संतुलन: यह सरकार की राजस्व प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर होता है। राजस्व घाटे का यह अर्थ होता है कि सरकार को अपना व्यय पूरा करने के लिए उधार लेने की जरूरत है जोकि भविष्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों में वृद्धि नहीं करेगा और न ही देनदारियों को कम करेगा। बजट में 2024-25 में 4,513 करोड़ रुपए (या जीएसडीपी का 2%) के राजस्व घाटे का अनुमान है।

राजकोषीय घाटायह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता होता है। यह अंतर सरकार द्वारा उधारियों के जरिए पूरा किया जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि करता है। 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.7% रहने का अनुमान है। 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को जीएसडीपी के 3% तक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी हैअतिरिक्त 0.5% के साथ, जो केवल बिजली क्षेत्र के कुछ सुधार करने पर उपलब्ध है।

संशोधित अनुमान के अनुसार, 2023-24 में राज्य का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 5.9% रहने का अनुमान है। यह बजट अनुमान से अधिक है। 2026-27 तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 2.8% तक कम होने का अनुमान है।

अनुदानों में कमी के बीच राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि

हिमाचल प्रदेश ने 2024-25 के लिए जीएसडीपी के 2% राजस्व घाटे का अनुमान लगाया है। इस घाटे को 2026-27 तक ख़त्म करने का प्रस्ताव है। इसे खत्म करने के लिए केंद्रीय अनुदान मिलने के बावजूद हिमाचल प्रदेश राजस्व घाटे में है। 2021-22 में राज्य को अपने राजस्व घाटे को कम करने के लिए 10,249 करोड़ रुपए मिलेजो 2025-26 तक कम होकर 3,257 करोड़ रुपए हो जाएगा। राजस्व घाटा अनुदान के अभाव मेंराज्य को घाटे का प्रबंधन करने के लिए अपनी प्राप्तियां बढ़ानी होंगी या व्यय में कटौती करनी होगी। 2024-25 में स्वयं-कर जीएसडीपी अनुपात 6.6% होने का अनुमान हैऔर 2026-27 में बढ़कर 7.1% होने का अनुमान है। 2023-24 में हिमाचल ने बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी पर सेस लगाने की घोषणा की। इस सेस से 4,000 करोड़ रुपए का राजस्व उत्पन्न होने का अनुमान है। 2024-25 में दूध सेस से 116 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है और बिजली पर कर और शुल्क से राजस्व 36% बढ़ने का अनुमान है।

बकाया देनदारियां: बकाया देनदारियां एक वित्तीय वर्ष के अंत में कुल उधार का संचय है। इसमें सार्वजनिक खाते की देनदारियां भी शामिल हैं। 2024-25 के अंत में बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 42.5% होने का अनुमान है जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 42.3%) से अधिक है। बकाया देनदारियां 2019-20 से 2020-21 में काफी बढ़ गईं (जीएसडीपी का 40.2%)। 

रेखाचित्र 2: राजस्व एवं राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी का %)

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नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं2020-21 और 2021-22 के लिएजीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को अनुदान के रूप में माने बिना घाटा दर्ज किया गया है। RE संशोधित अनुमान हैBE बजट अनुमान है पॉजिटिव (+) आंकड़े अधिशेष को दर्शाते हैं, नेगेटिव (-) आंकड़े घाटे को दर्शाते हैं।
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25
; पीआरएस।

रेखाचित्र 3: बकाया देनदारियां (जीएसडीपी का %)   image

नोट: *2025-26 और 2026-27 के आंकड़े अनुमान हैं2020-21 और 2021-22 के लिएजीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण को अनुदान के रूप में माने बिना घाटा दर्ज किया गया है। RE संशोधित अनुमान हैBE बजट अनुमान है। 
स्रोत: मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति, हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25; पीआरएस।

बकाया सरकारी गारंटीराज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो प्रकृति में आकस्मिक हैं और जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को पूरा करना पड़ सकता है। राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 31 मार्च, 2023 तक राज्य की बकाया गारंटी 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों का 4.8% होने का अनुमान है।

अनुलग्नक 1: मुख्य क्षेत्रों में राज्य के व्यय की तुलना

निम्नलिखित रेखाचित्रों में 2024-25 में छह मुख्य क्षेत्रों में अन्य राज्यों के औसत व्यय के अनुपात में हिमाचल प्रदेश के कुल व्यय की तुलना की गई है। क्षेत्र के लिए औसतउस क्षेत्र में 31 राज्यों (हिमाचल प्रदेश सहित) द्वारा किए जाने वाले औसत व्यय (2023-24 के बजटीय अनुमानों के आधार पर) को इंगित करता है। [1]

  • शिक्षा: हिमाचल प्रदेश ने 2024-25 में शिक्षा पर अपने व्यय का 18.5% आवंटित किया है। यह 2023-24 में राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (14.7%) से अधिक है।

  • स्वास्थ्य: हिमाचल प्रदेश ने स्वास्थ्य के लिए अपने कुल व्यय का 6.4% आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6.2%) से थोड़ा अधिक है।

  • ग्रामीण विकास: हिमाचल प्रदेश ने ग्रामीण विकास पर अपने व्यय का 4.1% आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आवंटन (5%) से कम है।

  • शहरी विकास: हिमाचल प्रदेश ने शहरी विकास के लिए अपने व्यय का 1.2% आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा शहरी विकास के लिए औसत आवंटन (3.4%) से कम है।

  • सड़कें और पुल: हिमाचल प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 7.5% सड़कों और पुलों के लिए आवंटित किया हैजो राज्यों के औसत व्यय (4.6%) से अधिक है।

  • ऊर्जा: हिमाचल प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 1.1% ऊर्जा के लिए आवंटित किया हैजो राज्यों द्वारा औसत आवंटन (4.7%) से कम है।

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नोट: 2022-23, 2023-24 (BE), 2023-24 (RE)और 2024-25 (BE) आंकड़े हिमाचल प्रदेश के लिए हैं।
स्रोत: वार्षिक वित्तीय विवरण, हिमाचल प्रदेश बजट 2024-25; विभिन्न राज्य बजट; पीआरएस।

[1] 31 राज्यों में दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुद्दूचेरी केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

अनुलग्नक 2: 2022-23 के बजटीय अनुमानों और वास्तविक के बीच तुलना

यहां तालिकाओं में 2022-23 के वास्तविक के साथ उस वर्ष के बजटीय अनुमानों के बीच तुलना की गई है।

तालिका 7प्राप्तियों और व्यय की झलक (करोड़ रुपए में)

कर स्रोत/मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तन

शुद्ध प्राप्तियां (1+2)

36,420

38,185

5%

1.  राजस्व प्राप्तियां (+++)

36,375

38,090

5%

.     स्वयं कर राजस्व

10,881

10,595

-3%

.     स्वयं गैर कर राजस्व

2,769

2,876

4%

.     केंद्रीय करों में हिस्सा

6,778

7,884

16%

.     केंद्र से सहायतानुदान

15,946

16,734

5%

     इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान

1,700

1,293

-24%

2.  गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियां 

45

95

112%

3.  उधारियां

12,530

22,372

79%

      इसमें जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण

0

0

-

शुद्ध व्यय (4+5+6)

46,023

50,565

10%

4. राजस्व व्यय

40,279

44,425

10%

5. पूंजीगत परिव्यय

5,647

6,029

7%

6. लोन और एडवांस

97

111

14%

7. ऋण पुनर्भुगतान

5,342

10,136

90%

राजस्व घाटा

3,903

6,336

62%

राजस्व घाटा (जीएसडीपी के % के रूप में)

2.0%

3.3%

62%

राजकोषीय घाटा

9,602

12,380

29%

राजकोषीय घाटा (जीएसडीपी के % के रूप में)

5.0%

6.5%

29%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट दस्तावेज़; पीआरएस।

तालिका राज्य के स्वयं कर राजस्व के घटक (करोड़ रुपए में)

कर स्रोत/मद

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तन

भू राजस्व

23

8

-64%

बिजली पर कर और ड्यूटी

403

252

-37%

वाहन कर

512

675

32%

सेल्स टैक्स/वैट

1,810

1,370

-24%

राज्य एक्साइज

2,131

2,216

4%

राज्य जीएसटी

5,130

5,259

3%

स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क

399

399

0%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

तालिका 9 मुख्य क्षेत्रों के लिए आवंटन (करोड़ रुपए में)

क्षेत्र

2022-23 बअ

2022-23 वास्तविक

बअ से वास्तविक में % परिवर्तन

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण

935

801

-14%

परिवहन

5,384

5,005

-7%

जिनमें से सड़कें और पुल

3,958

3,946

0%

एससीएसटीओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण

146

143

-2%

पुलिस

1,593

1,619

2%

शिक्षाखेलकला एवं संस्कृति

8,669

9,057

4%

आवास

144

152

5%

कृषि एवं संबद्ध गतिविधियां

2,709

3,039

12%

समाज कल्याण एवं पोषण

2,300

2,625

14%

जलापूर्ति एवं स्वच्छता

1,850

2,137

16%

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

3,032

3,713

22%

ग्रामीण विकास

1,627

2,041

25%

शहरी विकास

734

1,045

42%

ऊर्जा

672

1,206

79%

 स्रोत: विभिन्न वर्षों के हिमाचल प्रदेश बजट दस्तावेज़; पीआरएस। 

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