नोट: यह बिल डीएनए टेक्नोलॉजी (प्रयोग और लागू होना) रेगुलेशन बिल, 2018 के समान है। इसलिए कृपया 2018 बिल पर हमारा विधायी संक्षिप्त विवरण देखें।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्ष वर्धन ने 8 जुलाई, 2019 को लोकसभा में डीएनए टेक्नोलॉजी (प्रयोग और लागू होना) रेगुलेशन बिल, 2019 पेश किया। इस बिल में कुछ लोगों की पहचान स्थापित करने हेतु डीएनए टेक्नोलॉजी के प्रयोग के रेगुलेशन का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि ऐसा ही एक बिल अगस्त, 2018 को लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन वह लैप्स हो गया था।
- डीएनए डेटा का प्रयोग: बिल के अंतर्गत डीएनए टेस्टिंग की अनुमति केवल बिल की अनुसूची में उल्लिखित मामलों के लिए दी जाएगी। इसमें भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत आने वाले अपराध और पेटरनिटी के मुकदमे जैसे दीवानी मामले आते हैं। इसके अतिरिक्त अनुसूची में व्यक्तिगत पहचान की स्थापना से संबंधित मामलों के लिए डीएनए टेस्टिंग भी शामिल है।
- डीएनए का कलेक्शन: डीएनए प्रोफाइल तैयार करते समय जांच अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति के शारीरिक पदार्थों को इकट्ठा किया जा सकता है। कुछ स्थितियों में इन पदार्थों को इकट्ठा करने के लिए अधिकारियों को उस व्यक्ति की सहमति लेनी होगी। सात साल तक की सजा पाने वाले गिरफ्तार व्यक्तियों की डीएनए टेस्टिंग के लिए अधिकारियों को उनकी सहमति हासिल करनी होगी। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को सात साल से ज्यादा की सजा दी गई है या फांसी की सजा दी गई है तो अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों की डीएनए टेस्टिंग के लिए उनकी सहमति लेने की जरूरत नहीं है। इसके अतिरिक्त किसी पीड़ित व्यक्ति, या लापता व्यक्ति के संबंधी, या नाबालिग या विकलांग व्यक्ति की डीएनए टेस्टिंग के लिए अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे उस पीड़ित व्यक्ति से, संबंधी से, या नाबालिग या विकलांग व्यक्ति के माता-पिता या अभिभावक से सहमति हासिल करें। अगर किसी भी मामले में सहमति नहीं मिलती तो अधिकारी मेजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं जो उन व्यक्तियों के शारीरिक पदार्थ लेने के आदेश दे सकता है।
- डीएनए डेटा बैंक: बिल में राष्ट्रीय डीएनए डेटा बैंक और हर राज्य में, या दो या दो से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय डीएनए डेटा बैंक की स्थापना का प्रावधान है। डीएनए लेबोरेट्रीज़ से अपेक्षा की जाती है कि वे राष्ट्रीय और क्षेत्रीय डेटा बैंक से अपने द्वारा तैयार डीएनए डेटा को साझा करेंगी। हर डेटा बैंक से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्नलिखित श्रेणियों के डेटा का रखरखाव करेंगे: (i) क्राइम सीन इंडेक्स, (ii) संदिग्ध व्यक्तियों (सस्पेक्ट) या विचाराधीन कैदियों (अंडरट्रायल्स) के इंडेक्स, (iii) अपराधियों के इंडेक्स, (iv) लापता व्यक्तियों के इंडेक्स, और (v) अज्ञात मृत व्यक्तियों के इंडेक्स।
- डीएनए प्रोफाइल्स को हटाना: बिल कहता है कि डीएनए प्रोफाइल की इंट्री, उसे रखने या हटाने के मानदंडों को रेगुलेशन द्वारा निर्दिष्ट किया जाएगा। फिर भी बिल में निम्नलिखित व्यक्तियों के डीएनए डेटा को हटाने के प्रावधान हैं: (i) संदिग्ध व्यक्ति, अगर पुलिस रिपोर्ट फाइल की गई है या अदालत के आदेश दिए गए हैं, (ii) विचाराधीन कैदी, अगर अदालती आदेश दिए गए हैं, (iii) आग्रह करने पर किसी ऐसे व्यक्ति का प्रोफाइल जो संदिग्ध, अपराधी या विचाराधीन नहीं लेकिन क्राइम सीन के इंडेक्स या लापता व्यक्तियों के इंडेक्स में उसका डीएनए प्रोफाइल इंटर हो गया है।
- डीएनए रेगुलेटरी बोर्ड: बिल में डीएनए रेगुलेटरी बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है जोकि डीएनए डेटा बैंक और डीएनए लेबोरेट्रीज़ को सुपरवाइज करेगा। बायोटेक्नोलॉजी विभाग का सेक्रेटरी बोर्ड का एक्स ऑफिशियो चेयरपर्सन होगा। बोर्ड के अतिरिक्त सदस्यों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) बायोलॉजिकल साइंसेज़ के क्षेत्र के विशेषज्ञ और (ii) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डायरेक्टर जनरल और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (सीबीआई) के डायरेक्टर।
- बोर्ड के कार्य: बोर्ड के कार्यों में निम्नलिखित शामिल है: (i) डीएनए लेबोरेट्रीज़ या डेटा बैंक्स की स्थापना से संबंधित सभी विषयों पर सरकारों को सलाह देना और (ii) डीएनए लेबोरेट्रीज़ को एक्रेडेशन देना। इसके अतिरिक्त बोर्ड को यह सुनिश्चित करना होगा कि डेटा बैंक, लेबोरेट्रीज़ और अन्य व्यक्तियों के डीएनए प्रोफाइल्स से संबंधित सभी सूचनाओं को गोपनीय रखा जाता है।
- डीएनए लेबोरेट्रीज़: डीएनए टेस्टिंग करने वाली किसी भी लेबोरेट्री को बोर्ड से एक्रेडेशन हासिल करना होगा। बोर्ड इस एक्रेडेशन को रद्द कर सकता है। जिस कारणों से एक्रेडेशन रद्द किया जा सकता है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं : (i) अगर लेबोरेट्री डीएनए टेस्टिंग करने में असफल होती है, या (ii) एक्रेडेशन से जुड़ी शर्तों को पूरा करने में असफल होती है। एक्रेडेशन रद्द होने पर केंद्र सरकार या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य अथॉरिटी के समक्ष अपील की जा सकती है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक डीएनए लेबोरेट्री से अपेक्षा की जाती है कि वह डीएनए सैंपल्स के कलेक्शन, स्टोरिंग और विश्लेषण में गुणवत्ता आश्वासन के मानदंडों का पालन करेगी। आपराधिक मामलों के लिए सैंपल जमा करने के बाद लेबोरेट्री से यह अपेक्षा की जाती है कि वह बायोलॉजिकल सैंपल को जांच अधिकारी को लौटा दे। दूसरे सभी मामलों में सैंपल को नष्ट कर दिया जाना चाहिए।
- अपराध: बिल जिन विभिन्न अपराधों के लिए दंड विनिर्दिष्ट करता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) डीएनए सूचना का खुलासा करना, या (ii) अनुमति के बिना डीएनए सैंपल का इस्तेमाल करना। उदाहरण के लिए डीएनए सूचना का खुलासा करने पर तीन वर्ष तक की कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है और एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
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