मंत्रालय: 
स्वास्थ्य
  • संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 6 मई, 2015 को राज्यसभा में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) बिल, 2015 पेश किया। यह बिल होम्योपैथी केंद्रीय परिषद एक्ट, 1973 को संशोधित करता है।
     
  • एक्ट होम्योपैथी कॉलेजों और होम्योपैथी प्रैक्टीशनरों के संबंध में मानदंडों को रेगुलेट और लागू करने के लिए होम्योपैथी केंद्रीय परिषद की स्थापना करता है। बिल होम्योपैथी कॉलेजों में उन दाखिलों को अस्वीकार करने का प्रयास करता है जो निर्धारित शैक्षणिक मानदंडों के अनुरूप न हों।
     
  • एक्ट के तहत होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों को केंद्र सरकार से निम्नलिखित के लिए अनुमति लेनी होगीः (i) होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की स्थापना करना, या (ii) अध्ययन और प्रशिक्षण के नए पाठ्यक्रमों को शुरू करना, और (iii) अध्ययन या प्रशिक्षण के किसी पाठ्यक्रम की दाखिला क्षमता बढ़ाना। बिल इसमें एक प्रावधान जोड़ता है जोकि कहता है कि किसी पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों के नए बैच को दाखिला देने के लिए भी केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति की जरूरत होगी। अगर कॉलेज ऐसी अनुमति लेने में विफल रहते हैं तो उन कॉलेजों द्वारा दी जाने वाली मेडिकल योग्यता (क्वालीफिकेशन) मान्य नहीं होगी।
     
  • विद्यार्थियों के नए बैच के दाखिले की पूर्व अनुमति पांच वर्ष की अवधि के लिए वैध होगी।

 

यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।