केंद्रीय बजट 2023-24 के साथ वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमन ने 1 फरवरी, 2023 को रेलवे बजट पेश किया गया। भारतीय रेलवे केंद्र सरकार का एक वाणिज्यिक उपक्रम है। [1]   रेल मंत्रालय, भारतीय रेलवे का एडमिनिस्ट्रेशन संभालता है और रेलवे बोर्ड के जरिए नीतियों का निर्माण करता है।

रेलवे के व्यय को निम्नलिखित के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है: (i) इसके आंतरिक संसाधन (मुख्य रूप से माल और यात्री राजस्व), (ii) केंद्र सरकार से बजटीय सहायताऔर (iii) अतिरिक्त-बजटीय संसाधन (मुख्य रूप से उधार लेकिन इसमें संस्थागत वित्तपोषण और सार्वजनिक- निजी भागीदारी शामिल हैं)। रेलवे के कामकाज के खर्चे (वेतनपेंशन और संपत्ति के रखरखाव) को उसके आंतरिक संसाधनों से पूरा किया जाता है। रेलवे कुछ अधिशेष उत्पन्न करता हैजो उसकी पूंजीगत व्यय योजनाओं (जैसे लाइनों का निर्माण और वैगनों की खरीद) को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। पूंजीगत व्यय केंद्र सरकार के अनुदान और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से किया जाता है। इस नोट में 2023-24 में रेल मंत्रालय के प्रस्तावित व्यय, पिछले वर्षों में उसकी वित्तीय स्थिति और विभिन्न मुद्दों का विश्लेषण किया गया है।

मुख्य बिंदु

  • राजस्व2023-24 के लिए रेलवे का आंतरिक राजस्व 2,65,000 करोड़ रुपए अनुमानित है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 9% अधिक है। 2022-23 में राजस्व, बजट अनुमान से 1% अधिक होने का अनुमान है (अगले पृष्ठ पर तालिका 1 देखें)।

  • यातायात राजस्व2023-24 में यातायात राजस्व 2,64,600 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो कुल राजस्व का 99.8% है। यातायात राजस्व का 68% माल ढुलाई सेवाओं (1,79,500 करोड़ रुपए) और अन्य 26% यात्री सेवाओं (70,000 करोड़ रुपए) से मिलने का अनुमान है। पिछले वर्ष की तुलना में यात्री और माल, दोनों के राजस्व में 9% की वृद्धि का अनुमान है।

  • राजस्व व्यय2023-24 में कुल राजस्व व्यय 2,62,790 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 9% अधिक है। वेतन और पेंशन पर व्यय कुल राजस्व व्यय का 64% होने का अनुमान है।

  • 2023-24 में पूंजीगत व्यय 2,60,200 करोड़ रुपए अनुमानित है जो पिछले वर्ष की तुलना में 6% अधिक है। पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण के पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। 2023-24 में पूंजीगत व्यय का 92% केंद्र सरकार से बजटीय सहायता के माध्यम से और 7% अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से वित्तपोषित होने का अनुमान है। इसकी तुलना में 2022-23 में इनका योगदान क्रमश: 65% और 33% रहने का अनुमान है।

  • परिचालन अनुपात (ऑपरेटिंग रेशो)कार्यशील व्यय की तुलना में यातायात से होने वाली प्राप्तियों का अनुपात, परिचालन अनुपात कहलाता है। अगर यह अनुपात कम होता है तो इसका मतलब है, बेहतर लाभपरकता और पूंजीगत व्यय के लिए संसाधनों की उपलब्धता। 2023-24 में रेलवे का परिचालन अनुपात 98.45% रहने का अनुमान है। यह संशोधित अनुमानों (98.22%) के अनुसार 2022-23 के परिचालन अनुपात से थोड़ा अधिक है। 2021-22 में परिचालन अनुपात 107.39% था।

घटता राजस्व अधिशेष

हाल के वर्षों में रेलवे की राजस्व आय बमुश्किल अपने राजस्व व्यय (रेखाचित्र 1) के बराबर रह पाई है। 2013-14 और 2023-24 के बीच रेलवे का राजस्व व्यय 7.2% की वार्षिक दर से बढ़ने का अनुमान है जो उसकी राजस्व प्राप्तियों (6.3% की वार्षिक वृद्धि) से अधिक है। राजस्व व्यय में वेतनपेंशनईंधन और संपत्ति के रखरखाव जैसी मदों पर खर्च शामिल है। 2023-24 में बजट अनुमानों के अनुसाररेलवे को 2,210 करोड़ रुपए का मामूली अधिशेष होने की उम्मीद है (जो इसके पूंजीगत व्यय के 1% से कम का वित्तपोषण करेगा)।

रेखाचित्र 1रेलवे का राजस्व अधिशेष (करोड़ रुपए में) 


 स्रोत: विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

2021-22 में रेलवे ने 15,025 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा दर्ज किया। 2019-20 और 2020-21 (कोविड वर्ष) में रेलवे ने पेंशन फंड के विनियोग को कम किया था जिससे उसे राजस्व अधिशेष हुआ था। इन वर्षों में पेंशन के लिए संसाधनों की कमी हुई तो उसे 2020-21 में केंद्र सरकार के 79,398 करोड़ रुपए के विशेष ऋण से पूरा किया गया। इन तीन वर्षों के दौरान कोविड से संबंधित प्रतिबंधों के कारण रेलवे की यात्री सेवाएं बाधित हुईं जिसके कारण सामान्य से कम राजस्व प्राप्त हुआ। रेलवे की लागत का एक बड़ा हिस्सा प्रकृति में प्रतिबद्ध हैजिसे अल्पावधि में रैशनलाइज नहीं किया जा सकता है। इसलिए पिछले तीन वर्षों में रेलवे को अपने आवर्ती खर्चों को पूरा करने के लिए सरकार से बजटीय सहायता और उधार पर निर्भर रहना पड़ा।

तालिका 12023-24 में रेलवे की प्राप्तियों और व्यय का विवरण (करोड़ रुपए में)

 

 

2021-22 वास्तविक

2022-23 बअ

2022-23 संअ

परिवर्तन का % (2022-23 बअ से 2022-23 संअ)

2023-24 बअ

परिवर्तन का %  (2022-23 संअ से 2023-24 बअ)

 

प्राप्तियां

         

 

1

यात्री राजस्व

39,214

58,500

64,000

9%

70,000

9%

2

माल ढुलाई राजस्व

1,41,096

1,65,000

1,65,000

0%

1,79,500

9%

3

अन्य यातायात स्रोत

10,896

16,100

13,693

-15%

15,100

10%

4

सकल यातायात प्राप्तियां (1+2+3)

1,91,206

2,39,600

2,42,693

1%

2,64,600

9%

5

विविध

161

400

200

-50%

400

100%

6

कुल आंतरिक राजस्व (4+5)

1,91,367

2,40,000

2,42,893

1%

2,65,000

9%

7

सरकार से बजटीय सहयोग

1,17,276

1,37,300

1,59,300

16%

2,40,200

51%

8

अतिरिक्त बजटीय संसाधन

71,066

1,01,500

81,700

-20%

17,000

-79%

9

कुल प्राप्तियां (6+7+8)

3,79,709

4,78,800

4,83,893

1%

5,22,200

8%

 

व्यय

           
10 

सामान्य कार्यशील व्यय

1,56,506

1,70,000

1,81,000

6%

1,88,574

4%

11 

पेंशन फंड हेतु विनियोग

48,100

60,000

56,000

-7%

70,516

26%

12 

मूल्यह्रास आरक्षित निधि हेतु विनियोग

0

2,000

1,000

-50%

1,000

0%

13 

कुल कार्यशील व्यय (11+12+13)

2,04,606

2,32,000

2,38,000

3%

2,60,090

9%

14 

विविध

1,785

2,640

2,500

-5%

2,700

8%

15 

कुल राजस्व व्यय (14+15)

2,06,392

2,34,640

2,40,500

2%

2,62,790

9%

16 

कुल पूंजीगत व्यय

1,90,267

2,45,800

2,45,300

0%

2,60,200

6%

17 

कुल व्यय (15+16)

3,96,659

4,80,440

4,85,800

1%

5,22,990

8%

18 

शुद्ध राजस्व (6-15)

-15,025

5,360

2,393

-55%

2,210

-8%

19 

परिचालन अनुपात

107.39%

96.98%

98.22%

 

98.45%

 

स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइलकेंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस।

परिचालन अनुपात में गिरावट: परिचालन अनुपात यातायात आय और कार्यशील व्यय (जैसे ईंधन और वेतन) के अनुपात को दर्शाता है। उच्च अनुपात अधिशेष उत्पन्न करने की अकुशलता को दर्शाता है। बजट दस्तावेज में प्रस्तुत वास्तविक आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में परिचालन अनुपात 107.4% था। इसका तात्पर्य यह है कि 2021-22 में रेलवे ने यातायात संचालन से 100 रुपए कमाने के लिए 107 रुपए खर्च किए। अगर एकाउंटिंग के समायोजन को नजरअंदाज किया जाए तो 2018-19 और 2020-21 के बीच रेलवे का परिचालन अनुपात 100% से अधिक रहा है। कैग ने पाया कि अगर अगले वित्तीय वर्ष के एडवांस को प्राप्तियों के रूप में नहीं गिना जातातो 2018-19 में परिचालन अनुपात 97.3% के बजाय 101.8% होता। इसी तरह 2019-20 और 2020-21 में परिचालन अनुपात क्रमशः 114.2% और 131.6% होताअगर पेंशन फंड के लिए विभाजन आवश्यकता के अनुसार होता। प्रशासनिक उद्देश्यों के लिएरेलवे को ज़ोन में विभाजित किया गया है। कैग के अनुसारइन 17 में से नौ ज़ोन्स ने 2016-17 और 2020-21 के बीच सभी पांच वर्षों में 100% से अधिक का परिचालन अनुपात दर्ज किया है (अनुलग्नक में तालिका 12 देखें)।

रेखाचित्र 2परिचालन अनुपात

image  

नोट: *2018-19 में, 2019-20 के लिए कुछ एडवांस को प्राप्तियों में शामिल किया गया था। 2019-20 और 2020-21 में पेंशन फंड के लिए जरूरत से कम राशि बांटी गई।
स्रोत: कैग, विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

एक बड़ा अधिशेष उत्पन्न न कर पाने के कारण रेलवे को क्षमता वृद्धि और निवेश के लिए केंद्र सरकार से बजटीय सहायता और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके परिणाम के तौर पर उसे कर्ज चुकाने के लिए कमाई को अलग रखना पड़ता है जिसके चलते देनदारी बढ़ रही है। अधिशेष पर्याप्त न होने की वजह से पुरानी परिसंपतियों के बदलने और सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए अपेक्षा से कम प्रावधान किए जाते हैं। निम्नलिखित खंडों में हम इन चुनौतियों और प्रभावों पर और विस्तार से चर्चा करेंगे।

यातायात की मात्रा में मामूली वृद्धि

रेलवे की कमाई का प्राथमिक स्रोत माल ढुलाई और यात्री सेवाओं का संचालन है। 2023-24 में इनसे 94% राजस्व प्राप्तियों की उम्मीद है जिसमें माल ढुलाई का हिस्सा 68% है। जहां 2022-23 के लिए संशोधित अनुमानों की तुलना में माल ढुलाई 5% बढ़ने का अनुमान हैवहीं यात्री यातायात 11% बढ़ने का अनुमान है।

पिछले एक दशक में रेल-आधारित यात्री और माल यातायात दोनों में मामूली दर से वृद्धि हुई है। 2013-14 और 2023-24 के बीचमाल यातायात 3.5% की वार्षिक दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2023-24 में यात्री यातायात 2013-14 और 2016-17 के बीच के स्तर से कम रहने की उम्मीद है। यह मुख्य रूप से द्वितीय श्रेणी (साधारण) में अनुमानित कम यातायात के कारण है। इस श्रेणी को छोड़कर2013-14 और 2023-24 के बीच यात्री यातायात 2% की वार्षिक दर से बढ़ने का अनुमान है।

रेखाचित्र 3माल ढुलाई की मात्रा (बिलियन एनटीकेएम में)

image  

स्रोत: विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

2017-18 में माल परिवहन में रेलवे की औसत हिस्सेदारी 28% अनुमानित है जो 2011-12 में 30% थी। [2] , [3]  कम हिस्सेदारी के कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) अपर्याप्त क्षमता वृद्धि जिसके कारण मांग पूरी नहीं हुई और गति कम रही, (ii) उच्च टैरिफ, (iii) माल ढुलाई में विविधीकरण पर ध्यान न देनाऔर (iv) सड़क से प्रतिस्पर्धा जो बेहतर एंड-टू-एंड कनेक्टिविटी प्रदान करती है। [4]   

कारों की ढुलाई में रेलवे का हिस्सा बढ़ रहा है

रेलवे की ढुलाई सेवा को कारों के परिवहन में इस्तेमाल किया जाता है। कारों को कारखानों से वितरण केंद्रों तक रेल से ले जाया जाता है। हाल के वर्षों में कारों की कुल घरेलू ढुलाई में रेलवे का हिस्सा बढ़ा है। [5]    यह 2013-14 में 1.5% से बढ़कर 2021-22 में 16% हो गया। 5

रेखाचित्र 4कारों की ढुलाई में रेलवे का हिस्सा

image

स्रोत: "भारतीय रेलवे ने ऑटोमोबाइल ट्रैफिक में वृद्धि दर्ज की"प्रेस सूचना ब्यूरोरेल मंत्रालय, 12 सितंबर, 2022; पीआरएस।

रेखाचित्र 5यात्री यातायात की मात्रा (बिलियन पीकेएम में)

image  

स्रोत: विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

ड्राफ्ट राष्ट्रीय रेल योजना में 2050 तक मॉडल शेयर को 45% तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है। 2  इस लक्ष्य के लिए उसने 2021-22 और 2050-51 के बीच की अवधि के लिए 38 लाख करोड़ रुपए की निवेश योजना का प्रस्ताव दिया है। 2

रेलवे का नेटवर्क निम्नलिखित में वर्गीकृत: (i) उच्च-घनत्व नेटवर्क मार्ग (एचडीएन) और (ii) अत्यधिक उपयोग किए जाने वाले नेटवर्क मार्ग (एचयूएन)। 2  एचडीएन मार्ग में कुल नेटवर्क का 16% शामिल हैं और यह कुल यातायात का 41% वहन करते हैं। 2  एचयूएन मार्गों में कुल नेटवर्क का 35% शामिल है और यह कुल यातायात का 40% वहन करता है। 2  राष्ट्रीय रेल योजना के ड्राफ्ट के अनुसारलगभग 80% एचडीएन मार्ग और 48% एचयूएन मार्ग का 100% से अधिक क्षमता उपयोग होता है जो नेटवर्क में भीड़ को दर्शाता है। 2  योजना के अनुसाररेलवे माल की वर्तमान औसत गति लगभग 25 किमी प्रति घंटा है। 2  इसे समर्पित फ्रेट कॉरिडोर के विकास और मौजूदा नेटवर्क में लेन की बढ़ती संख्या के साथ लगभग 50 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने का लक्ष्य है। 2

तालिका 2: 100% से अधिक क्षमता (2017-18) पर एचडीएन के 80% और एचयूएन के 48% रूट

नेटवर्क का प्रकार

क्षमता उपयोग

<70%

70%-100%

100%-150%

>150%

उच्च-घनत्व नेटवर्क (एचडीएन)

2%

18%

58%

22%

अत्यधिक उपयोग किया जाने वाला नेटवर्क (एचयूएन)

24%

36%

35%

13%

अन्य

69%

22%

9%

0%

स्रोत: राष्ट्रीय रेल योजना का ड्राफ्टरेल मंत्रालयपीआरएस।  

माल ढुलाई कुछ थोक सामान पर केंद्रित

रेलवे का अधिकांश माल यातायात कोयलालोहा और सीमेंट जैसे कुछ थोक सामानों से आता है। पिछले 15 वर्षों में फ्रेट बास्केट काफी हद तक बदली नहीं है (तालिका 3)। यातायात की मात्रा और राजस्व का 40% सिर्फ कोयले की ढुलाई से प्राप्त होता है। यह निर्भरता लंबे समय में रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती रही है क्योंकि भारत का लक्ष्य यह है कि सिर्फ कोयला बिजली उत्पादन का अकेला स्रोत न रहे। बल्कि दूसरे स्रोतों से भी बिजली उत्पादित की जाए। 

तालिका 3माल ढुलाई की मात्रा का संयोजन (शुद्ध एनटीकेएम में)

वस्तु

2010-15

औसत

2015-20

औसत

2022-23 संअ

2023-24 बअ

कोयला

43%

41%

43%

43%

लोहा और स्टील

13%

15%

14%

15%

सीमेंट

9%

9%

9%

9%

कंटेनर सेवा

7%

7%

7%

8%

खाद्यान्न

10%

8%

9%

7%

उर्वरक

6%

6%

5%

5%

पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट

4%

4%

3%

3%

अन्य वस्तुएं

8%

8%

10%

10%

स्रोत: विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

यात्री सेवाओं में लगातार नुकसान

रेलवे को 2023-24 में अपने राजस्व का लगभग 26% यात्री सेवाओं से अर्जित करने का अनुमान है। यात्री यातायात को उपनगरीय और गैर-उपनगरीय यातायात में वर्गीकृत किया गया है। उपनगरीय ट्रेनें यात्री ट्रेनें हैं जो यात्रियों को शहरों और उपनगरों के भीतर ले जाने में मदद करती हैं। अधिकांश यात्री राजस्व (2023-24 में 96%) गैर-उपनगरीय यातायात (या लंबी दूरी की ट्रेनों) से आता है।

जैसा कि रेखाचित्र 6 में देखा जा सकता हैहाल के वर्षों में यात्री सेवाओं के संचालन में घाटा बढ़ रहा है। 2016-17 के बाद माल ढुलाई से होने वाला लाभ यात्री सेवाओं से होने वाले व्यापक घाटे की भरपाई करने के लिए पर्याप्त नहीं रहा है। 2019-20 में यात्री और अन्य कोचिंग सेवाओं से एक रुपए की कमाई पर रेलवे ने करीब दो रुपए 10 पैसे खर्च किए। एसी 3 टियर और एसी चेयर कार को छोड़कर2017-18 और 2020-21 के बीच हर साल यात्री सेवाओं की अन्य सभी श्रेणियों में घाटा हुआ है (तालिका 4)।

रेखाचित्र 6: माल ढुलाई सेवाओं की तुलना में यात्री और अन्य कोचिंग सेवाओं से लाभ (+)/हानि (-) (करोड़ रु.)

image
 स्रोत: कैगपीआरएस।

नीति आयोग (2016) ने कहा था कि माल ढुलाई सेवाओं द्वारा यात्री सेवाओं की क्रॉस-सब्सिडी के परिणामस्वरूप माल ढुलाई शुल्क में वृद्धि हुई है। [6]   2018 में नीति आयोग ने कहा था कि माल ढुलाई में रेलवे के अपेक्षा से कम हिस्से के तमाम कारणों में से एक माल ढुलाई का उच्च शुल्क है। [7]   यात्री सेवाओं में घाटा मुख्य रूप से निम्नलिखित के कारण होता है: (i) लागत से कम यात्री किरायाऔर (ii) यात्रियों की विभिन्न श्रेणियों (वरिष्ठ नागरिकराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता आदि) को रियायतें। 6   रेलवे इन प्रावधानों को सामाजिक सेवा बाध्यता के रूप में वर्गीकृत करता है। 6  रेलवे संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (2020) ने सुझाव दिया था कि माल ढुलाई और यात्री शुल्क में तर्कसंगत बढ़ोतरी की जानी चाहिए। [8]  उसने कहा था कि किराए में बढ़ोतरी करते समय अन्य परिवहन साधनों जैसे सड़क और हवाई क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा को भी ध्यान में रखने की जरूरत है। 8  कमिटी ने सुझाव था कि रेलवे की सामाजिक सेवा बाध्यताओं पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। 8   बजट समर्थन केवल रणनीतिक आधार पर होने वाले नुकसान के लिए प्रदान किया जाता है। 2023-24 में यह योगदान 2,216 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।

तालिका 4: यात्री सेवाओं की विभिन्न श्रेणियों से लाभ (+)/हानि (-) (करोड़ रुपए में) 

श्रेणी

2017-18

2018-19

2019-20

2020-21

एसी-प्रथम श्रेणी

-165

-249

-403

-719

एसी 2 टियर

-604

-908

-1,378

-2,995

एसी 3 टियर

739

318

65

-6,500

एसी चेयर कार

98

243

-182

-1,079

स्लीपर क्लास

-11,003

-13,012

-16,056

-20,134

द्रितीय श्रेणी

-11,524

-13,214

-14,457

-17,641

साधारण वर्ग

-16,568

-19,124

-20,450

-11,438

ईएमयू उपनगरीय सेवाएं

-6,184

-6,754

-6,938

-7,799

स्रोत: कैगपीआरएस।

गैर किराया राजस्व में गिरावट

यात्री और माल ढुलाई सेवाओं के संचालन से होने वाले राजस्व के अलावारेलवे के राजस्व में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) इमारतों को किराए पर देनेपट्टे पर देनेकेटरिंग सेवाओं और विज्ञापनों से होने वाली आय सहित विविध आयऔर (ii) विविध प्राप्तियां जिसमें टेंडर दस्तावेजों की बिक्रीलिक्विडेशन हर्जाना और रेलवे भर्ती बोर्ड की रसीदें शामिल हैं। 2016-17 तक रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मिलने वाला लाभांश रेलवे की विविध कमाई का हिस्सा हुआ करता था। 2017-18 से इसे केंद्र सरकार के सामान्य राजस्व में जमा किया जाता है।

2023-24 में रेलवे को 8,000 करोड़ रुपए की विविध आय होने का अनुमान है जो 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 13% अधिक है। 2023-24 में विविध आय में राजस्व प्राप्तियों का हिस्सा 3% होने का अनुमान हैजो 2017-18 और 2018-19 (क्रमशः 4.9% और 3.7%) से काफी कम है। कैग (2022) ने पाया कि रेलवे भूमि के विज्ञापनों और व्यावसायिक उपयोग से राजस्व सृजन में वृद्धि की काफी गुंजाइश है। [9]   सितंबर 2022 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लॉजिस्टिक्स संबंधी गतिविधियों के लिए लंबी अवधि की लीज़ को बढ़ावा देने के लिए रेलवे की भूमि नीति में संशोधन को मंजूरी दी। [10]   

रेखाचित्र 7: विभिन्न वर्षों में विविध आय

image  

स्रोत: विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

वेतन और पेंशन का उच्च दबाव

रेलवे के राजस्व व्यय में ईंधनपरिसंपत्ति के रखरखाववेतन और पेंशन पर खर्च शामिल है। रेलवे के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा वेतन और पेंशन के भुगतान पर खर्च किया जाता हैजिसे अल्पावधि में युक्तिसंगत बनाना मुश्किल है। 2023-24 में रेलवे द्वारा वेतन पर 1,05,235 करोड़ रुपए और पेंशन पर 62,000 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है। इन खर्चों में पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 5% और 11% की वृद्धि का अनुमान है। 7वें वेतन आयोग के संशोधनों के कारण 2016-17 में वेतन और पेंशन पर खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई (रेखाचित्र 8)। तब सेराजस्व प्राप्तियों के प्रतिशत के रूप में इन मदों पर खर्च 2020-21 (कोविड वर्ष) को छोड़कर 63%-75% के बीच रहा है। 

रेखाचित्र 8: राजस्व प्राप्तियों के % के रूप में वेतन और पेंशन पर व्यय

image  

स्रोत: विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

रेलवे रीस्ट्रक्चरिंग कमिटी (2015) ने गौर किया था कि कर्मचारियों पर रेलवे का व्यय बहुत ज्यादा है और उसे नियंत्रित करना मुश्किल है। [11]   मार्च 2021 तक रेलवे में कुल 15.14 लाख स्वीकृत पद हैं जिनमें से लगभग 2,94 लाख पद रिक्त हैं, यानी लगभग 19रिक्तियां हैं। [12]   अगर सभी पद भरे जाते हैं तो कर्मचारियों पर रेलवे की लागत मौजूदा स्तर से अधिक हो जाएगी।

मार्च 2021 तक रेलवे के 15.54 लाख पेंशनभोगी हैं। [13]  पेंशनभोगियों की संख्या वर्तमान कर्मचारियों की संख्या से अधिक है। रेलवे संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (2017) ने कहा था कि अगले कुछ वर्षों में पेंशन में और वृद्धि हो सकती हैक्योंकि 2016-17 में लगभग 40% रेलवे कर्मचारी 50 वर्ष से अधिक आयु के थे। [14]   रेलवे संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (2020) ने कहा है कि पेंशन बिल को कम करने के लिए 2004 में लागू की गई नई पेंशन योजना के परिणाम 2034-35 के आसपास ही दिखाई देंगे। 8   स्टैंडिंग कमिटी (2022) ने सुझाव दिया था कि केंद्र सरकार को 2034-35 तक सामान्य राजस्व से पेंशन व्यय के लिए सहायता प्रदान करने पर विचार करना चाहिए। [15]  

इंफ्रास्ट्रक्टर प्रॉजेक्ट्स में काफी देरी और लागत का बढ़ना

रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्टर प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने में अक्सर देरी होती है और लागत में वृद्धि होती है। यह परियोजना को लागू करने की अक्षमता को दर्शाता है जिसका बजटीय आवश्यकताओं के साथ-साथ संचालन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दिसंबर 2022 तक 150 करोड़ रुपए या उससे अधिक की चालू 173 परियोजनाओं में से 76% की लागत में वृद्धि देखी गई है। [16]   इन 131 परियोजनाओं की कुल स्वीकृत लागत 1.94 लाख करोड़ रुपए थीजो बढ़कर 4.52 लाख करोड़ रुपए (लगभग 2.3 गुना) हो गई। 16   इसमें दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजनाएं (पूर्वी और पश्चिमी) भी शामिल हैंजिनकी संशोधित लागत एक साथ 1.02 लाख करोड़ रुपए है और इनमें स्वीकृत लागत (28,181 करोड़ रुपए) से 263% की वृद्धि हुई है। 16  

रेखाचित्र 9: 150 करोड़ रुपए या उससे अधिक की चालू परियोजनाओं में लागत वृद्धि (दिसंबर 2022 तक)

image  

नोट: डेटा 173 चालू परियोजनाओं से संबंधित हैं।
स्रोत: केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं, अवसंरचना और परियोजना निगरानी प्रभाग पर 445वीं फ्लैश रिपोर्टएमओएसपीआईपीआरएस।

लागत वृद्धि का एक कारण प्रॉजेक्ट के पूरा होने में देरी है। 122 चालू परियोजनाओं, जिनकी समय अवधि से जुड़े आंकड़े उपलब्ध हैं, में से 96% में देरी हुई है। 16   74% परियोजनाओं में 24 महीने से ज्यादा की देरी हुई है। 16  इन परियोजनाओं में औसत 64 महीने के करीब की देरी हुई है। 16

रेखाचित्र 10: 150 करोड़ रुपए या उससे अधिक की चालू परियोजनाओं में समय की वृद्धि (दिसंबर 2022 तक) 

image  

नोट: डेटा 122 चालू परियोजनाओं से संबंधित हैं।
स्रोत: केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं, अवसंरचना और परियोजना निगरानी प्रभाग पर 445वीं फ्लैश रिपोर्टएमओएसपीआईपीआरएस।

बजटीय सहयोग और बजटीय संसाधनों से निवेश को जारी रखने में मदद

रेलवे के पूंजीगत व्यय में नई लाइनों के निर्माणवैगनों की खरीदलाइनों की डबलिंग और पटरियों के नवीनीकरण के लिए निवेश शामिल है। 2023-24 में रेलवे का पूंजीगत व्यय 2.6 लाख करोड़ रुपए लक्षित है जो पिछले वर्ष की तुलना में 6% अधिक है (तालिका 5)। कम राजस्व अधिशेष के बावजूद हाल के वर्षों में रेलवे के कुल व्यय में पूंजीगत व्यय का हिस्सा लगातार बढ़ा है (रेखाचित्र 11)। यह वृद्धि केंद्र सरकार के बजटीय समर्थन और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों के माध्यम से वित्त पोषित की गई है।

तालिका 5: 2023-24 के लिए पूंजीगत व्यय (करोड़ रुपए)

 

2021-22

वास्तविक

2022-23

संशोधित

2023-24

बजटीय

परिवर्तन का 

(22-23 संअ से 23-24 बअ)

सकल बजटीय सहायता

1,17,276

1,59,300

2,40,200

51%

अतिरिक्त बजटीय संसाधन

71,066

81,700

17,000

-79%

आंतरिक संसाधन

1,925

4,300

3,000

-30%

कुल

1,90,267

2,45,300

2,60,200

6%

स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइलकेंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस।

रेखाचित्र 11: विभिन्न वर्षों में पूंजीगत व्यय

image  

स्रोत: कैग, विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

अतिरिक्त बजटीय संसाधनों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) के माध्यम से उधारऔर (ii) बैंकों से उधारसंस्थागत वित्त और बाहरी निवेश। निवेश सार्वजनिक-निजी भागीदारीसंयुक्त उद्यम और निजी क्षेत्र द्वारा इक्विटी और बांड की खरीद के रूप में हैं। अतिरिक्त बजटीय संसाधनों ने 2017-18 और 2020-21 के बीच 50% से अधिक पूंजीगत व्यय को वित्त पोषित किया। इस निर्भरता ने रेलवे के ऋण चुकौती के दायित्व को बढ़ा दिया है (अगले खंड में विस्तार से चर्चा की गई है)।

रेखाचित्र 12: पूंजीगत व्यय का वित्तपोषण

image  

स्रोत: कैग, विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

2021-22 से बजटीय समर्थन में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। केंद्र सरकार द्वारा सामान्य (जीडीपी के 6% से अधिक) की तुलना में बहुत अधिक राजकोषीय घाटे के कारण ऐसा संभव हुआ है। [17]  2023-24 में पूंजीगत व्यय का 92% बजटीय समर्थन (2,40,200 करोड़ रुपए) के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा जो 2022-23 में 65% (1,59,300 करोड़ रुपए) था। परिणामस्वरूप अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को कम कर दिया गया है। अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से 2023-24 में 17,000 करोड़ रुपए की धनराशि अनुमानित है जो पिछले वर्ष की तुलना में 79% कम है।

लीज़ के शुल्क के लिए लायबिलिटी का बढ़ना

अतिरिक्त बजटीय संसाधनों में आईआरएफसी के माध्यम से जुटाई गई धनराशि शामिल है। आईआरएफसी बाजार से उधार लेता है और रोलिंग स्टॉक संपत्तियों को वित्तपोषित करने के लिए एक लीजिंग मॉडल का इस्तेमाल करता है।2015-16 से आईआरएफसी का उपयोग परियोजना वित्तपोषण के लिए भी किया गया है। 9  लीज़ शुल्क में ब्याज और मूलधन दोनों घटक होते हैं। लीज़ शुल्क भुगतान दायित्व में वृद्धि से उत्पादक व्यय के लिए गुंजाइश कम हो रही है।

2015-16 और 2023-24 के बीच ब्याज भुगतान दायित्व 15% की वार्षिक दर और मूल पुनर्भुगतान दायित्व 17% बढ़ने की उम्मीद है। इसी अवधि के दौरानराजस्व प्राप्तियों के दर के कम होने की उम्मीद है, यानी सिर्फ 6% की वृद्धि। 2023-24 में रेलवे द्वारा ब्याज घटक पर 23,782 करोड़ रुपए और मूल घटक पर 22,229 करोड़ रुपए खर्च करने का अनुमान है। कुल मिलाकर, राजस्व प्राप्तियों में इन भुगतानों का हिस्सा 17% अनुमानित है जिसमें 2015-16 की तुलना में तेज वृद्धि है (तब यह 9% था)।

रेखाचित्र 13: राजस्व प्राप्तियों के % के रूप में लीज़ शुल्क का भुगतान 

image  

स्रोत: विभिन्न वर्षों के केंद्रीय बजट दस्तावेजपीआरएस।

तालिका 6: लीज़ शुल्क का भुगतान (करोड़ रुपए में)

 

2021-22

वास्तविक

2022-23

संशोधित

2023-24

बजटीय

परिवर्तन का 

(22-23 संअ से 23-24 बअ)

पूंजी घटक

14,581

18,898

22,229

18%

ब्याज घटक

13,896

19,855

23,782

20%

कुल

28,477

38,753

46,011

19%

स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइलकेंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस।

अनिवार्य प्रावधानों के लिए धनराशि की कमी

रेलवे के पास कई फंड्स हैं जिनके अधिशेष संसाधनों का इस्तेमाल वह कुछ खास उद्देश्यों के लिए करता है। उदाहरण के लिए मूल्यह्रास आरक्षित निधि परिसंपत्तियों को बदलने और उनके नवीकरण के लिए इस्तेमाल किया जाता है और पूंजीगत निधि से पूंजीगत कार्यों को वित्त पोषित और लीज़ शुल्क के प्रमुख घटक का पुनर्भुगतान किया जाता है। अगर राजस्व अधिशेष कम होगा तो इन फंड्स के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं होंगे (अनुलग्नक में तालिका 11)। इन उद्देश्यों को या तो केंद्र सरकार के सामान्य राजस्व या अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से पूरा किया जाता है। इससे महत्वपूर्ण कार्यों को भी स्थगित करना पड़ा है।

पुरानी परिसंपत्तियों को बदलने में विलंब

2020-21 के अंत में उन पुरानी परिसंपत्तियों का मूल्य 94,873 करोड़ रुपए है जिन्हें मूल्यह्रास आरक्षित निधि का इस्तेमाल करके बदलना है। 9  इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: (i) ट्रैक नवीनीकरण पर 58,459 करोड़ रुपए और (ii) रोलिंग स्टॉक पर 26,493 करोड़ रुपए। 9  कैग (2022) ने कहा है कि इस बैकलॉग और घटते अधिशेष को देखते हुएपरिसंपत्ति को बदलने और उनके नवीकरण का काम केंद्र सरकार के लिए बोझ बन सकता है। 9

सामान्य राजस्व से लीज़ शुल्क को चुकाना 

पूंजीगत निधि में पर्याप्त धनराशि न होने की वजह से लीज़ शुल्क के मुख्य घटक का भुगतान बजटीय सहायता से किया जा रहा है। कैग (2022) ने कहा है कि आदर्श रूप सेइस खर्च को रेलवे के आंतरिक संसाधनों से पूरा किया जाना चाहिए। 9   कैग (2019) ने गौर किया था कि अगर आईआरएफसी के प्रति दायित्वों को बजटीय समर्थन से पूरा किया जाना हैतो सरकार सीधे बाजार से उधार ले सकती हैक्योंकि उधारी की लागत कम होगी। [18]   2023-24 में आईआरएफसी के माध्यम से कोई अतिरिक्त बजटीय संसाधन जुटाए जाने का अनुमान नहीं लगाया गया है।

प्रतिबद्ध फंड्स से सुरक्षा संबंधी कार्यों को पूरा करने में असमर्थता 

सुरक्षा संबंधी कार्यों के वित्तपोषण के लिए 2017-18 से पांच वर्षों के लिए राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष की स्थापना की गई थी। 8  इस कोष में एक लाख करोड़ रुपए की धनराशि जमा होनी थी। 8  रेलवे को इन पांच वर्षों में से प्रत्येक वर्ष में 5,000 करोड़ रुपए का आबंटन करना थाहालांकि उसने किसी भी वर्ष इस दायित्व को पूरा नही किया।

अनुलग्नक

तालिका 7माल ढुलाई का विवरण (यातायात की मात्रा मिलियन एटीकेएम मेंआय करोड़ रुपए में)

मद

2021-22

2022-23

संशोधित

2023-24

बजटीय

(2022-23 संअ से
 2023-24 बअ) परिवर्तन का 

2023-24 बअ में परिवर्तन का %

आय

मात्रा

आय

मात्रा

आय

मात्रा

आय

मात्रा

आय

मात्रा

कोयला

65,856

3,27,754

82,752

3,88,536

89,875

4,08,474

9%

5%

50%

43%

अन्य वस्तुएं 

10,018

78,877

11,996

88,565

13,227

94,530

10%

7%

7%

10%

सीमेंट

10,605

81,476

12,397

80,080

14,073

88,000

14%

10%

8%

9%

कंटेनर सेवा

6,275

66,622

7,263

63,520

8,514

71,918

17%

13%

5%

8%

खाद्यान्न

10,661

97,076

10,592

79,850

8,479

61,880

-20%

-23%

5%

7%

लौह अयस्क

13,093

66,123

11,923

53,851

14,101

61,717

18%

15%

8%

7%

पिग आयरन और फिनिश्ड स्टील

9,125

60,238

9,911

52,756

11,865

61,140

20%

16%

7%

6%

उर्वरक

5,428

44,530

6,447

44,787

6,755

45,430

5%

1%

4%

5%

पेट्रोलियम, तेल और ल्यूब्रिकेंट्स

5,822

31,359

6,337

31,131

6,739

32,050

6%

3%

4%

3%

स्टील प्लांट के लिए कच्चा माल

2,406

17,761

2,632

15,431

2,902

16,470

10%

7%

2%

2%

विविध आय

1,809

-

2,750

-

2,967

-

8%

-

2%

-

कुल

1,41,096

8,71,816

1,65,000

8,98,507

1,79,500

9,41,609

9%

5%

100%

100%

नोट: एनटीकेएम- नेट टन किलोमीटर (एक एनटीकेएम एक किलोमीटर के लिए माल ढुलाई का शुद्ध वजन होता है), संअ – संशोधित अनुमानबअ– बजट अनुमान। 
स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइलकेंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस।

तालिका 8यात्री यातायात का विवरण (यातायात की मात्रा मिलियन पीकेएम में, आय करोड़ रुपए में)

 

 

2021-22

2022-23

संशोधित

2023-24

बजटीय

(2022-23 संअ से
2023-24 बअ) परिवर्तन का

2023-24 बअ में परिवर्तन का %

आय

मात्रा

आय

मात्रा

आय

मात्रा

आय

मात्रा

आय

मात्रा

कुल उपशहरी

1,370

69,798

2,265

1,13,425

2,619

1,31,893

16%

16%

4%

12%

कुल गैर उपशहरी

37,844

5,20,418

61,735

8,89,083

67,381

9,80,440

9%

10%

96%

88%

द्वितीय श्रेणी (एम ई)

7,170

1,58,819

17,174

3,80,434

19,027

4,24,847

11%

12%

27%

38%

स्लीपर क्लास (एम ई)

12,849

2,25,637

15,753

2,76,630

17,028

3,01,415

8%

9%

24%

27%

एसी 3 टियर

12,225

90,488

19,310

1,42,725

21,156

1,57,619

10%

10%

30%

14%

द्वितीय श्रेणी (साधारण)

400

18,355

983

45,129

1,058

48,970

8%

9%

2%

4%

एसी 2 टियर

3,385

18,536

5,446

29,779

5,855

32,272

8%

8%

8%

3%

एसी चेयर कार

1,163

6,602

1,912

10,834

1,999

11,421

5%

5%

3%

1%

एसी प्रथम श्रेणी

496

1,537

880

2,726

962

3,006

9%

10%

1%

0%

कार्यकारी वर्ग

140

368

241

634

257

680

6%

7%

0%

0%

स्लीपर क्लास (साधारण)

3

39

6

90

6

97

7%

8%

0%

0%

प्रथम श्रेणी (साधारण)

4

27

11

84

12

95

12%

13%

0%

0%

प्रथम श्रेणी (एम ई)

11

10

20

18

19

18

-1%

0%

0%

0%

कुल

39,214

5,90,216

64,000

10,02,508

70,000

11,12,333

9%

11%

100%

100%

नोट: पीकेएम- पैसेंजर किलोमीटर (एक पीकेएम, यानी एक किलोमीटर पर जाने वाला यात्री), संअ – संशोधित अनुमानबअ– बजट अनुमान।  
स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइल; केंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस।

तालिका 9 पूंजी व्यय के विवरण (करोड़ रुपए में) 

मद

2021-22
 
वास्तविक

2022-23
 
बअ

2022-23
 
संअ

2023-24
 
बअ

22-23 संअ से 23-24 बअ में परिवर्तन का %

नई लाइनें (निर्माण)

21,245

26,324

26,000

31,850

22%

गेज परिवर्तन

2,837

3,475

3,829

4,600

20%

डबलिंग

32,219

37,150

42,492

30,749

-28%

यातायात सुविधाएं-यार्ड रीमॉडलिंग और अन्य

2,675

3,045

4,739

6,715

42%

पटरी पर चलने वाली छोटी गाड़ी

41,406

38,887

59,994

47,510

-21%

लीज्ड एसेट्स- कैपिटल कंपोनेंट का भुगतान

14,581

22,188

18,898

22,229

18%

सड़क सुरक्षा कार्य-सड़क के ऊपर/नीचे पुल

4,222

6,500

5,999

7,400

23%

ट्रैक नवीनीकरण

14,082

12,077

13,620

17,297

27%

बिजलीकरण परियोजनाएं

6,961

7,695

8,022

8,070

1%

अन्य इलेक्ट्रिकल वर्क्स सहित टीआरडी

627

650

676

1,650

144%

उत्पादन इकाइयों सहित वर्कशॉप्स

2,668

2,045

2,671

4,601

72%

कर्मचारी कल्याण

473

495

463

629

36%

ग्राहक सुविधाएं

1,995

2,700

3,824

13,355

249%

सरकारी वाणिज्यिक उपक्रम- सार्वजनिक उपक्रम/जेवी/एसपीवी में निवेश

25,751

38,687

28,981

34,354

19%

मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट्स

2,515

1,998

3,533

5,000

42%

अन्य

5,621

6,884

6,858

7,192

5%

ईबीआर- साझेदारी

10,388

35,000

14,700

17,000

16%

कुल

1,90,267

2,45,800

2,45,300

2,60,200

6%

नोट: संअ – संशोधित अनुमानबअ– बजट अनुमान।  
स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइल; केंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस। 

तालिका 10भौतिक लक्ष्य और पूंजी व्यय की उपलब्धियां

मद

2021-22

2022-23

2023-24

22-23 संअ से 23-24 बअ में परिवर्तन का %

संशोधित लक्ष्य

उपलब्धि

% में

बजटीय लक्ष्य

संशोधित लक्ष्य

परिवर्तन का 

बजटीय लक्ष्य

नई लाइनों का निर्माण (किलोमीटर मार्ग) 

300

289

96%

300

200

-33%

600

200%

गेज परिवर्तन (किलोमीटर मार्ग)

500

636

127%

500

100

-80%

150

50%

लाइनों की डबलिंग (किलोमीटर मार्ग)

1,600

1,984

124%

1,700

2,200

29%

2,800

27%

रोलिंग स्टॉक

(i) डीजल लोकोमोटिव्स

0

100

-

100

100

0%

100

0%

(ii) इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स

1,091

1,110

102%

1,290

1,290

0%

1,290

0%

कोच

8,115

7,151

88%

7,551

7,520

0%

6,978

-7%

वैगन (वाहन संख्या) 

9,600

8,386

87%

13,000

21,000

62%

26,000

24%

ट्रैक रीन्यूअल (किलोमीटर मार्ग)

3,600

4,275

119%

3,700

4,200

14%

4,800

14%

बिजलीकरण परियोजनाएं (किलोमीटर मार्ग))

6,000

6,366

106%

6,500

6,500

0%

6,500

0%

स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइलकेंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस।

तालिका 11: विभिन्न निधियों का विभाजन (करोड़ रुपये में)

वर्ष

पूंजी कोष

ऋण चुकौती कोष

मूल्य ह्रास कोष 

विकास कोष

राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष

2013-14

500

165

7,900

3,075

-

2014-15

6,233

57

7,775

1,375

-

2015-16

5,798

3,488

5,600

1,220

-

2016-17

2,398

0

5,200

2,515

-

2017-18

0

0

1,540

1,506

0

2018-19

0

0

300

750

3,024

2019-20

0

0

400

1,389

201

2020-21

0

0

200

1,547

1,000

2021-22

0

0

0

0

0

2022-23 संअ

1,300

0

1,000

1,093

0

2023-24 बअ

0

0

1,000

1,210

1,000

नोट: संअ – संशोधित अनुमानबअ– बजट अनुमान। 
स्रोत: व्यय प्रोफ़ाइल; केंद्रीय बजट 2023-24; पीआरएस।

तालिका 12: जोन के अनुसार परिचालन अनुपात (% में)

जोन

2016-17

2017-18

2018-19

2019-20

2020-21

केंद्रीय

105

111

105

105

126

पूर्व मध्य

102

98

98

102

89

पूर्वी तट

54

52

52

51

47

पूर्व 

165

181

186

170

175

मेट्रो रेल/कोलकाता

260

278

248

216

678

उत्तर मध्य

71

67

68

74

79

उत्तर पूर्वी

197

202

205

188

203

उत्तर पश्चिमी

95

108

106

113

107

पूर्वोत्तर सीमांत

130

169

161

152

139

उत्तरी

119

117

132

155

154

दक्षिण मध्य

86

83

80

88

101

दक्षिण पूर्व मध्य

56

56

56

54

46

दक्षिण पूर्वी

73

76

73

65

57

दक्षिण पश्चिमी

120

129

133

124

138

दक्षिण

148

161

153

146

219

पश्चिम मध्य

74

75

68

71

68

पश्चिम

103

108

102

115

128

कुल

96.5

98.4

97.3

98.4

97.5

नोट: आंकड़ों को राउंड ऑफ किया गया है।
स्रोत: सीएजी; पीआरएस

 

[1]  “Evolution – About Indian Railways”, Website of Ministry of Railways, last accessed on February 10, 2023, http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/view_section.jsp?lang=0&id=0,1,261.  

[2]  The Draft National Rail Plan, Ministry of Railways, December 2020, http://indianrailways.gov.in/NRP-%20Draft%20Final%20Report%20with%20annexures.pdf

[3]  “India Transport Report: Moving India to 2032: Volume II, National Transport Development Policy Committee, June 2014, http://logistics.gov.in/media/42bjzvcx/india-transport-report-moving-india-to-2032-national-transport-development-policy-committee.pdf

[4]  “Reform, Perform, and Transform”, Indian Railways, July 2017, https://indianrailways.gov.in/Reform-Perform-Transform%202022_v10%20(2).pdf

[5]  “Indian Railways registers growth in automobile traffic”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, September 12, 2022, https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1858765

[6]  “Reviewing the Impact of “Social Service Obligations” by Indian Railways”, NITI Aayog, http://niti.gov.in/writereaddata/files/document_publication/Social-Costs.pdf

[7]  “Strategy for New India @75”, NITI Aayog, November 2018, https://www.niti.gov.in/sites/default/files/2019-01/Strategy_for_New_India_2.pdf.

[8]  “3rd Report: Demand for Grants (2020-21) - Ministry of Railways”, Standing Committee on Railways, March 2020, https://loksabhadocs.nic.in/lsscommittee/Railways/17_Railways_3.pdf.

[10]  “Cabinet approves policy on long term leasing of Railways Land for implementing PM Gati Shakti framework (Cargo related activities, Public utilities & Railway’s exclusive use)”, Press Information Bureau, Ministry of Railways, September 7, 2022, https://pib.gov.in/Pressreleaseshare.aspx?PRID=1857411

[11]  Report of the Committee for Mobilization of Resources for Major Railway Projects and Restructuring of Railway Ministry and Railway Board, Ministry of Railways, June 2015, http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/uploads/directorate/HLSRC/FINAL_FILE_Final.pdf.

[12]  Annual Report on Pay and Allowances of Central Government Civilian Employees 2020-21, Department of Expenditure, Ministry of Finance, https://doe.gov.in/sites/default/files/Annual%20Report%202020-21.pdf.  

[13]  Pensioner Portal, Ministry of Personnel, Public Grievances, & Pensions, as accessed on February 10, 2023, https://pensionersportal.gov.in/dashboard/CGP/RPT_CGP.aspx

[14]  “13th Report: Demands for Grants (2017-18) - Ministry of Railways”, Standing Committee on Railways, March 10, 2017, https://loksabhadocs.nic.in/lsscommittee/Railways/16_Railways_13.pdf.   

[15]  “11th Report: Demand for Grants (2022-23) - Ministry of Railways”, Standing Committee on Railways, March 2022, https://loksabhadocs.nic.in/lsscommittee/Railways/17_Railways_11.pdf.

[16]  445th Flash Report on Central Sector Projects, Infrastructure and Project Monitoring Division, Ministry of Statistics and Programme Implementation, http://www.cspm.gov.in/english/flr/FR_Dec_2022.pdf

[18]  “Railways Finances”, Report No 10 of 2019, CAG, December 2, 2019, https://cag.gov.in/uploads/download_audit_report/2019/Report_No_10_of_2019_Union_Government_(Railways)_Railways_Finances.pdf

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